Isabgol in Hindi इस लेख में आप जानेंगे इसबगोल के फायदे, नुकसान और इसबगोल का सेवन करने के तरीके के बारे में, इसबगोल एक घुलनशील फाइबर है जो प्लांटैगो ओवाटा (Plantago ovata) के बीजों से प्राप्त होता है। यह पानी को अवशोषित करता है और एक चिपचिपा यौगिक बन जाता है जो कब्ज, दस्त, रक्त शर्करा, रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल और वजन घटाने में फायदा करता है। प्लांटैगो ओवाटा एक जड़ी-बूटी (herb) है जो भारत में उगाया जाता है। इसबगोल आमतौर पर भूसी (husk) के रूप में पाया जाता है और इसका उपयोग पूरक आहार के रूप में किया जाता है। यह कैप्सूल और पाउडर के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है।
ज्यादातर घरों में पेट के कब्ज को दूर करने के लिए इसबगोल अधिक प्रचलित है। यह अधिक पानी अवशोषित करता है और इसमें एक मोटा और चिपचिपा यौगिक मौजूद होता है जो पाचन क्रिया को बेहतर बनाता है। इसके अलावा यह कोलेस्ट्राल, और ब्लड शुगर लेवल को भी नियंत्रित करता है।
विषय सूची
1. इसबगोल की खुराक – Isabgol Dosage in Hindi
2. इसबगोल के फायदे – Benefits of Isabgol (Psyllium Husk) in Hindi
3. इसबगोल के नुकसान – Isabgol Side Effects in Hindi
इसबगोल एक घुलनशील फाइबर है जो प्लांटैगो ओवेटा के बीज से प्राप्त होता है, मुख्य रूप से भारत में उगाई जाने वाली एक जड़ी बूटी (1) है। इसका उपयोग आहार पूरक के रूप में किया जाता है और आमतौर पर भूसी, दानों, कैप्सूल या पाउडर के रूप में पाया जाता है। इसबगोल भूसी Metamucil में मुख्य सक्रिय संघटक है, एक फाइबर पूरक है जो अक्सर कब्ज को कम करने के लिए उपयोग किया जाता है। इसकी उत्कृष्ट पानी की घुलनशीलता के कारण, इसबगोल (Psyllium) पानी को अवशोषित कर सकता है और एक मोटा, चिपचिपा यौगिक बन सकता है जो छोटी आंत में पाचन को रोकता है।
पाचन के लिए इसका प्रतिरोध उच्च कोलेस्ट्रॉल, ट्राइग्लिसराइड्स और रक्त शर्करा के स्तर को विनियमित करने में मदद करता है। यह वजन कम करने में सहायता कर सकता है और दस्त और कब्ज ( 3, 4) से छुटकारा दिला सकता है। इसके अलावा, फाइबर के कुछ अन्य शक्तिशाली स्रोतों के विपरीत, इसबगोल का अच्छी तरह से पाचन किया जाता है। (5)
इसका प्रयोग मुख्यरूप से औषधि के रूप में किया जाता है। 5 से 10 ग्राम इसबगोल का सेवन प्रतिदिन भोजन करने के बाद कम से कम एक बार जरूर करना चाहिए। यदि इसमें मौजूद फाइबर की बात करें तो यह हमेशा स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं होता है। इसलिए अधिक फाइबर प्राप्त करने के लिए इसका अधिक सेवन नुकसानदायक हो सकता है। इसबगोल का सेवन पानी के साथ करना चाहिए और इसका सेवन करने से पहले इसे पानी में भिगो लेना चाहिए। शुरू में एक गिलास पानी के साथ 5 ग्राम इसबगोल लेने की सलाह दी जाती है लेकिन बाद में इसका डोज बढ़ाया जा सकता है।
(और पढ़े – सेहत के लिए फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ)
1. कब्ज दूर करने में इसबगोल के फायदे – Isabgol benefits for Constipation in Hindi
2. डायरिया में इसबगोल के फायदे – Isabgol for Diarrhea in Hindi
3. इसबगोल के गुण पाचन बेहतर करने में – Isabgol for Improve Digestion in Hindi
4. वजन घटाने में इसबगोल के फायदे – Isabgol for Weight Loss in Hindi
5. इसबगोल के लाभ एसिडिटी में – Isabgol for Acidity in Hindi
6. इसबगोल के फायदे हृदय रोगों को दूर करने में – Isabgol Reduces Heart Conditions in Hindi
7. मधुमेह के लिए इसबगोल है फायदेमंद – Isabgol Control Diabetes in Hindi
घुलनशील और अघुलनशील फाइबर की मात्रा इसबगोल में पर्याप्त मात्रा में पायी जाती है जो पेट के कब्ज को ठीक करने में बहुत फायदेमंद होती है। इसबगोल पाचन तंत्र से पानी को अवशोषित कर लेता है और मल त्यागने की क्रिया को आसान बनाता है। (5, 6)
(और पढ़े – कब्ज के कारण और इलाज)
इसलिए यदि आप पेट के कब्ज से परेशान हैं तो रात को सोने से पहले दो चम्मच इसबगोल का गर्म पानी (lukemarm water) के साथ सेवन कीजिए, कब्ज की समस्या समाप्त हो जाएगी। दो हफ्तों तक लगातार दिन में दो बार इसबगोल का सेवन करने से पेट साफ रहता है। (2, 11, 12, 13)
इसके अलावा कब्ज से राहत पाने के लिए, एक गिलास गर्म दूध में दो चम्मच ईसबगोल मिलाकर बिस्तर पर जाने से ठीक पहले इसे पीया जा सकता है।
(और पढ़े – दूध के फायदे, गुण, लाभ और नुकसान)
पानी-अवशोषक एजेंट का गुण मौजूद होने के कारण इसबगोल डायरिया से राहत दिलाने में भी बहुत फायदेमंद होता है। यह मल की मोटाई को बढ़ाता है कोलन के माध्यम से होने वाली डायरिया को रोकता है। इसके अलावा यह मल के आकार का बढ़ता है और डायरिया के कारण आंत में उत्पन्न हलचल को खत्म कर देता है। दो चम्मच इसबगोल को तीन चम्मच दही (yogurt) में मिलाएं और दिन में दो बार इसका सेवन करने से डायरिया की समस्या दूर हो जाती है।
(और पढ़े – दस्त ठीक करने के घरेलू उपाय)
हम आपको ऊपर बता चुके हैं कि इसबगोल में अधिक मात्रा में फाइबर मौजूद होता है जिसका सेवन करने से पाचन ठीक रहता है। यह पेट की दीवारों से विषाक्त पदार्थों (toxins) को बाहर निकालकर पेट की सफाई करता है और इसके साथ ही भोजन को आंत (intestine) में पहुंचाने में भी सहायता करता है। प्रतिदिन भोजन करने के तुरंत बाद बटरमिल्क के साथ इसबगोल का सेवन करने से पाचन तंत्र मजबूत होता है। लेकिन इसबगोल का सेवन शुरू करने से पहले एकबार डॉक्टर से सलाह जरूर ले लेनी चाहिए।
इसमें एक चिपचिपा यौगिक पाया जाता है जो भूख को नियंत्रित रखने में मदद करता है और वजन घटाता है। एक स्टडी में पाया गया है कि प्रतिदिन भोजन करने से तुरंत पहले 10 ग्राम इसबगोल (Isabgol) का सेवन करने से वजन नहीं बढ़ता है। इसबगोल एक बार भोजन करने के कई घंटों बाद तक भी भूख नहीं लगने देता है जिससे कि व्यक्ति अधिक भोजन करने से बच जाता है और इस कारण वजन भी नियंत्रित रहता है। एक चम्मच इसबगोल में एक चम्मच नींबू का रस मिलाकर प्रतिदिन सुबह खाली पेट इसका सेवन करने से वजन नियंत्रित रहता है। (14, 16, 17, 18).
टिप: इसबगोल को गर्म पानी में नींबू के साथ मिलाएं और मिश्रण को अपने भोजन से ठीक पहले पियें। वजन घटाने के लिए आप इसका सेवन सुबह भी कर सकते हैं।
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चूंकि इसबगोल में मौजूद फाइबर प्रकृति में अघुलनशील और घुलनशील दोनों होते हैं, इसलिए इसबगोल गुदा दर्द और बवासीर जैसी दर्दनाक स्थितियों से पीड़ित लोगों के लिए बहुत अच्छा है। न केवल यह अपने आंत्र को प्रभावी ढंग से साफ करने में मदद करता है, यह आंत के आस-पास के हिस्सों से पानी को अवशोषित करके उनके मल को भी नरम करता है – मल के मार्ग को चिकना और दर्द मुक्त बनाता है। इसके अलावा, सहज शौच में मदद करने के लिए अपनी जन्मजात प्रकृति के कारण, इसबगोल भी बवासीर को ठीक करने में मदद करता है, क्योंकि यह मॉल त्याग करते समय गुदा को बहुत अधिक खींचने से बचाता है और घावों के टूटने से बचाता है।
इसबगोल को हर रात या सोने से पहले गर्म पानी में मिलाकर पिएं। यह बवासीर को ठीक करने के लिए यह मल को ढीला करने में मदद करेगा और आपके मल को नरम करेगा।
पेट में जलन होना एसिडिटी का लक्षण माना जाता है और आमतौर पर ज्यादातर लोग इस समस्या से ग्रसित रहते हैं। यदि आपको भी एसिडिटी की समस्या है तो इसबगोल इस समस्या का एक प्राकृतिक उपचार है। इसबगोल का सेवन गर्म पानी के साथ करने से पेट के अंदर यह एक सुरक्षा कवच बनाता हैै और जलन से पेट की रक्षा करता है। यह पाचन क्रिया को बेहतर बनाता है और असामान्य रूप से स्रावित हो रही एसिड को कम करता है और पेट की एसिडिटी से राहत प्रदान करता है।
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एक स्टडी में पाया गया है कि वसा में घुलनशील फाइबर (water-soluble fiber) युक्त आहार लेने से शरीर में ट्राईग्लिसराइड का स्तर कम होता है जिससे कि हृदय रोगों का खतरा भी कम रहता है। इसबगोल में पर्याप्त फाइबर पाया जाता है जिसे स्वस्थ आहार में शामिल करने से व्यक्ति में हृदय रोगों की संभावना घटती है। इसबगोल लिपिड के स्तर को बढ़ाता है, हृदय की मांसपेशियों को मजबूत रखता है और ब्लड प्रेशर को भी कम करता है जिससे हृदय रोगों का खतरा समाप्त हो जाता है। (और पढ़े – हार्ट अटेक कारण और बचाव)
इस बीमारी को नियंत्रित करने में इसबगोल प्राकृतिक उपचार (natural treatment) का कार्य करता है। इसबगोल में जिलेटिन नामक एक प्राकृतिक पदार्थ पाया जाता है जो मानव शरीर के टूटने की प्रक्रिया एवं शरीर में ग्लूकोज के अवशोषण को धीमा करता है। डायबिटीज से पीड़ित कम ही मरीजों को यह पता होता है कि इसबगोल से भी उनकी बीमारी दूर हो सकती है। प्रतिदिन भोजन के बाद दिन में दो बार गर्म पानी से इसबगोल का सेवन करने से डायबिटीज के लक्षण नियंत्रित हो जाते हैं। हालांकि डायबिटीज के मरीजों को इसका सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह ले लेनी चाहिए।
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Isabgol ke nuksan in Hindi हर चीज में फायदे और नुकसान दोनों समाहित होते हैं। इसबगोल शरीर के कई विकारों को दूर करने के लिए फायदेमंद होता है लेकिन यदि अधिक मात्रा में इसका सेवन किया जाए तो इसका नुकसान भी झेलना पड़ सकता है। आइये जानते हैं कि इसबगोल के नुकसान क्या हैं।
आमतौर पर किसी भी सुपरमार्केट या जनरल स्टोर में इसबगोल बहुत आसानी से मिल जाता है। इसे खरीदने का सबसे अच्छा तरीका प्री-पैकेज्ड है। ख़राब या खुले इसबगोल को खोने से बचें क्योंकि इसमें अशुद्धियाँ और मिलावट हो सकती हैं जो आपको सर्वोत्तम परिणाम नहीं दे सकती हैं। इसके अलावा, खरीदते समय इसबगोल के सादे गैर-स्वाद वाले रूपों के विकल्प चुने। ये अधिक प्राकृतिक हैं और आपके पेट पर बेहतर काम करते हैं। सामान्य रूप से बेचे जाने वाले डाइटर्स इसबगोल, कृत्रिम स्वाद और रंग के साथ मिश्रित इसबगोल से ज्यादा कुछ नहीं है – ये दोनों ही स्वास्थ्य के लिए बेहद खराब हैं।
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