गर्भावस्था

आईवीएफ (IVF) क्या है? इसकी प्रक्रिया और कीमत – What Is IVF, Process And Risks In Hindi

IVF kaise hota hai in Hindi आईवीएफ टेक्नीक का पूरा नाम इन-विट्रो फर्टिलाइजेशन है जो एक फर्टिलिटी उपचार है जिसमें महिला के अंडों को पुरुष के शुक्राणु (sperm) से अप्राकृतिक (artificially) तरीके से मिलाया जाता है। आईवीएफ की यह प्रक्रिया (IVF process in Hindi) मेडिकल लैब में डॉक्टर की देखरेख पर नियंत्रित परिस्थितियों में की जाती है। आज के समय में आईवीएफ (IVF) की प्रक्रिया काफी प्रचलित है। इससे न जाने कितने निसंतान दंपतियों को संतान सुख की प्राप्ति हुई है। कुछ ऐसी परिस्थितियाँ होती है जिसमें महिला को गर्भवती होने के लिए आईवीएफ की ज़रुरत पड़ सकती है।

आखिर आईवीएफ की प्रक्रिया है क्या, यह कैसे होती है, आज इस लेख में हम इसी बारे में विस्तार से जानेंगे। लेकिन आईवीएफ (IVF kaise hota hai in Hindi) को जानने से पहले यह समझना आवश्यक है की आपको इसकी ज़रुरत हैं या नहीं। इसके साथ ही जानें आईवीएफ की संपूर्ण जानकारी।

महिलाओं के प्रेग्नेंट न हो पाने की कई वजहें होती हैं, तो इनके हल भी मौजूद हैं। इन्हीं हल में से एक है आईवीएफ (IVF) यानि इन विट्रो फर्टिलाइजेशन। यह ट्रीटमेंट आसानी से गर्भधारण न कर पाने वाली महिलाओं के लिए एक वरदान है और यह उन्हें गर्भवती करने में मददगार होता है।

फैमिली ग्रोथ के राष्ट्रीय सर्वेक्षण के अनुसार, करीब 6.7 प्रतिशत शादीशुदा महिलाएं इंफर्टिलिटी की शिकार होती हैं। यह समस्या शरीर में कमजोरी या फिर महिला या पुरूष में विशेष मेडिकल कंडीशन के कारण होती है।

“याद रखें, एक स्वस्थ कपल को भी गर्भधारण करने में एक साल तक का समय लग सकता है। इसलिए IVF को अपनाने पर तभी विचार-विमर्श करें जब आपके डॉक्टर ने आपको इसकी सलाह दी हो।” न कि अपने पड़ोसियों से बात करके।

आज के हमारे इस आर्टिकल में हम आईवीएफ की पूरी प्रक्रिया के बारे में विस्तार से बात करेंगे। इसके साथ ही इसमें हम बताएंगे, कि आईवीएफ की स्टेप बाय स्टेप प्रोसेस क्या है। इसके अलावा आप यहां जान सकेंगी, आईवीएफ के फायदे और नुकसान के बारे में भी। लेकिन इससे पहले जानिए कि आखिर “आईवीएफ क्या होती है”।

विषय सूची

इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) क्या होता है – IVF kya hota hai in Hindi

आईवीएफ का पूरा नाम इन विट्रो फर्टिलाइजेशन है। पहले इसे टेस्ट ट्यूब बेबी के रूप में जाना जाता था। आईवीएफ उन महिलाओं के लिए वरदान है, जो मां नहीं बन सकतीं या जिन्हें प्रजनन संबंधी समस्याएं हैं। इन विट्रो फर्टिलाइजेशन गर्भधारण करवाने की एक कृत्रिम प्रक्रिया है। इस ट्रीटमेंट में शरीर के बाहर प्रयोगशाला में महिला के अंडे और पुरूष साथी के स्पर्म को मिलाया जाता है। एक बार जब भ्रूण बन जाता है, तो उस भ्रूण को महिला के गर्भाशय में रखा जाता है।

  • इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) महिला के अंडे और पुरुष के शुक्राणु को एक प्रयोगशाला डिश में मिलाने की प्रक्रिया है। इन विट्रो का मतलब शरीर के बाहर से है। फर्टिलाइजेशन यानी निषेचन का मतलब है कि शुक्राणु का अंडे से जुड़ना और उसमे प्रवेश करना।
  • आम तौर पर, एक अंडे और शुक्राणु को एक महिला के शरीर के अंदर ही निषेचित किया जाता है। यदि निषेचित अंडा गर्भ के अस्तर से जुड़ता है और आंगें बढ़ना जारी रखता है, तो लगभग 9 महीने बाद एक बच्चा पैदा होता है। इस प्रक्रिया को प्राकृतिक गर्भधारण या असंक्रमित गर्भाधान कहा जाता है।
  • कहने को आईवीएफ एक महंगी अैर जटिल प्रक्रिया है। इंफर्टिलिटी कपल्स में से केवल 5 प्रतिशत ही इसे करवा पाते हैं। वैसे तो आईवीएफ के परिणाम ज्यादातर अच्छे ही होते हैं, लेकिन कई बार टेस्ट ट्यूब से फर्टिलाइजेशन एक से अधिक गर्भावस्था की तरफ चला जाता है और एक की जगह जुड़वा या तीन गर्भधारण हो जाता है।
  • हालांकि, ऐसी स्थिति में महिला के कहने पर अनावश्यक भ्रूण को खत्म किया जा सकता है, लेकिन इसमें भी शेष की मृत्यु और गर्भपात होने का खतरा बढ़ जाता है।

आईवीएफ का उपयोग क्यों किया जाता है – What Causes of Infertility Can IVF Treat in Hindi?

यदि आप 1 साल (या 6 महीने अगर आप 35 से अधिक हैं) से गर्भधारण करने की कोशिश करने के बाद गर्भवती नहीं हो पाई हैं, तो आपको प्रजनन सहायता के बारे में अपने डॉक्टर से बात करनी चाहिए।

इन विट्रो फर्टिलाइजेशन या आईवीएफ बांझपन या अनुवांशिक समस्याओं का इलाज है। अक्सर 40 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं में बांझपन के लिए प्राथमिक उपचार के रूप में आईवीएफ की सलाह दी जाती है। आईवीएफ का उपयोग नीचे दी गयी स्थितियों के इलाज के लिए किया जाता है। (2)

महिलाओं के लिए

पुरुषों के लिए

जेनेटिक डिसऑर्डर वाली महिलाओं को भी आईवीएफ की जरूरत पड़ती है। यदि आप या आपके साथी को बच्चे के अनुवांशिक विकार से गुजरने का खतरा है, तो आप प्रीइंप्लाटेंशन जेनेटिक परीक्षण करा सकती हैं।
ऐसी महिलाएं जिन्हें ओव्यूलेशन डिसऑर्डर, प्रीमेच्योर ओवेरियन फैलर और गर्भाशय फाइब्रॉएड की समस्या हो, या फिर जिन महिलाओं ने अपनी फैलोपियन ट्यूब को हटवा दिया हो उनमें गर्भधारण के लिए आईवीएफ का उपयोग किया जाता है।

आइए, अब विस्तार से जान लेते हैं कि आईवीएफ कैसे काम करती है।

(और पढ़े – ओव्यूलेशन न होने के कारण, लक्षण और घरेलू उपाय…)

आईवीएफ कैसे काम करती है – How does IVF works in Hindi

आईवीएफ को इन विट्रो फर्टिलाइजेशन के नाम से जाना जाता है। इस प्रक्रिया में महिला की ओवरी से एग निकाले जाते हैं और इन्हें लैब में फर्टिलाइज यानि निषेचित किया जाता है।

  • इस दौरान महिला की मेंस्ट्रुअल साइकिल को रोक दिया जाता है और उन्हें फर्टिलिटी के इंजेक्शन दिए जाते हैं, जिससे ओवरी एक या उससे अधिक अंडों का उत्पादन करती है।
  • विशेषज्ञों के अनुसार, यह शुक्राणु को एक अंडे को निषेचित या फर्टिलाइज करने में मदद करने के लिए दवाओं और सर्जिकल प्रक्रियाओं के संयोजन का उपयोग करने में काम आता है और गर्भाशय में निषेचित अंडे के प्रत्यारोपण में मदद करता है।
  • इसके लिए सबसे पहले महिला के अंडों को परिपक्व बनाने के लिए दवा दी जाती है। फिर डॉक्टर महिला के शरीर से उन अंडों को निकालते हैं और फिर लैब में ले जाकर उन्हें पुरूष साथी के शुक्राणु के साथ मिलाते हैं।
  • फिर सीधे महिला के गर्भाशय में एक या अधिक निषेचित अंडे या भ्रूण डालते हैं। यदि अंडा गर्भाशय की परत से जुड़ जाए, तो गर्भावस्था होती है। आईवीएफ के कई चरण हैं और पूरी प्रक्रिया को होने में कई महीने लग सकते हैं।
  • कई महिलाओं में पहली बार में ही यह प्रक्रिया सफल हो जाती है, लेकिन कई महिलाओं को गर्भवती होने के लिए एक राउंड से ज्यादा की जरूरत पड़ती है।

यदि आपको भी प्रजनन संबंधी समस्या है, तो आईवीएफ निश्चित रूप से आपकी गर्भावस्था की संभावनाओं को बढ़ाता है, लेकिन फिर भी 100 प्रतिशत इसकी कोई गारंटी नहीं है। अगर आप भी आईवीएफ के जरिए गर्भधारण करने की सोच रही हैं, तो आगे आप इसकी पूरी प्रोसेस जान सकती हैं।

आईवीएफ की प्रक्रिया स्टेप बाय स्टेप – What’s the IVF process step by step in Hindi

आईवीएफ प्रक्रिया क्या है? इससे पहले की आप आईवीएफ की प्रक्रिया से गुजरें, आपको पता होना चाहिए आईवीएफ ट्रीटमेंट कैसे किया जाता है, इसकी प्रोसेस क्या है। आपको बता दें, कि IVF ट्रीटमेंट और भ्रूण स्थानांतरण प्रक्रिया में कुल पांच स्टेप होते हैं, जिनके बारे में हम आपको एक-एक कर सरल शब्दों में बता रहे हैं। (1) आईवीएफ के लिए पांच बुनियादी चरण हैं:

आईवीएफ प्रक्रिया स्टेप – 1 प्रोत्साहन, जिसे सुपर ओव्यूलेशन भी कहा जाता है

  • आईवीएफ की प्रक्रिया शुरू करने के लिए सबसे पहले चरण में महिला में अंडे के उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए उसे फर्टिलिटी मेडिसिन दी जाती हैं।
  • आम तौर पर, एक महिला प्रति माह एक अंडे का उत्पादन करती है। फर्टिलिटी ड्रग्स अंडाशय को कई अंडे देने के लिए कहती हैं।
  • इस प्रक्रिया में कई अंडों का उत्पादन हो सकता है, क्योंकि हो सकता है कि कुछ अंडे फर्टिलाइजेशन के काबिल न हों। इसे ओव्यूलेशन इंडक्शन कहते हैं।
  • आईवीएफ प्रक्रिया के इस स्टेप में ओवरी की जांच के लिए एक ट्रांसवेजिनल अल्ट्रासाउंड किया जाता है और हार्मोन लेवल की जांच के लिए ब्लड टेस्ट किया जाता है।
  • एक बार जब आपका अंडाशय परिपक्व अंडे का उत्पादन कर लेगा, तो डॉक्टर आईवीएफ प्रक्रिया के दूसरे स्टेप में शरीर से अंडे को निकालेगा।

(और पढ़े – क्या होती है ओवुलेशन टेस्ट किट और कैसे करें इसका इस्तेमाल…)

आईवीएफ प्रक्रिया स्टेप – 2 एग रिट्रीवल

इस प्रक्रिया को एग रिट्रीवल कहते हैं। यह एक छोटी सी प्रोसेस है, जो डॉक्टर के क्लीनिक या फर्टिलिटी क्लीनिक पर की जाती है। यह प्रोसेस अंतिम इंजेक्शन के 34 से 36 घंटे के बाद और ओव्यूलेशन से पहले की जाती है।

अब दूसरे चरण में अंडे के बन जाने पर सर्जरी की मदद से और अल्ट्रासाउंड के जरिए उन एग्स को पेल्विक कैविटी या श्रोणि गुहा से बाहर निकाला जाता है। इस दौरान होने वाले दर्द और असुविधा को कम करने के लिए कुछ दवाएं भी डॉक्टर्स द्वारा लिखी जाती हैं। आईवीएफ की इस प्रक्रिया में 15 से 20 मिनट का समय लग सकता है।

आईवीएफ प्रक्रिया स्टेप – 3 शुक्राणु एकत्रित करना

इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) की प्रक्रिया का तीसरा चरण होता है पुरूष साथी के शुक्राणु एकत्रित करने का। इस स्टेप में पुरूष को अपना स्पर्म देने के लिए कहा जाएगा, ताकि उससे एग को निषेचित यानि फर्टिलाइज किया जा सके। विशेष मामलों में, शुक्राणु को एक सर्जिकल प्रोसीजर जैसे टेसा, पोसा के माध्यम से पुनः प्राप्त करना पड़ सकता है।

आईवीएफ प्रक्रिया स्टेप – 4 गर्भाधान और निषेचन

  • अब बारी आती है आर्टिफिशियल फर्टिलाइजेशन की। इस प्रक्रिया में शुक्राणु और सबसे अच्छी गुणवत्ता वाले अंडे को एक साथ मिलाया जाता है और निषेचन को प्रोत्साहित करने के लिए एक लैबोरेटरी में रखा जाता है। शुक्राणु और अंडे के मिश्रण को गर्भाधान कहा जाता है।
  • डॉक्टर के अनुसार जरूरत और परिस्थितियों के हिसाब से इस स्टेप में बदलाव किए जाते हैं। उदाहरण के लिए, बहुत खराब शुक्राणु की गुणवत्ता के मामलों में शुक्राणु को अंडों में इंजेक्ट किया जाता है और फिर इंक्यूबेट किया जाता है।
  • फिर 16 से 20 घंटों के बाद यह जांचा जाता है कि निषेचन की प्रक्रिया सफल हुई है या नहीं। निषेचन यानि फर्टिलाइजेशन की स्थिति इन्क्यूकेशन के एक या दो दिन के भीतर स्पष्ट हो जाती है।
  • जब निषेचित अंडा विभाजित होता है, तो यह एक भ्रूण बन जाता है। प्रयोगशाला कर्मचारी नियमित रूप से भ्रूण की जांच करेंगे ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि यह ठीक से बढ़ रहा है। लगभग 5 दिनों के भीतर, एक सामान्य भ्रूण में कई कोशिकाएं होती हैं जो सक्रिय रूप से विभाजित होती हैं।

आईवीएफ प्रक्रिया स्टेप – 5 भ्रूण हस्तांतरण

  • भ्रूण को महिला के गर्भाशय में 3 से 5 दिनों के बीच स्थानांतरित कर दिया जाता है, जो एक साधारण सी प्रोसेस में होता है। एक पतली ट्यूब की मदद से भ्रूण को गर्भ में स्थानांतरित किया जाता है, जिसे कैथटर कहा जाता है। हालांकि, इसमें थोड़ा समय लगता है।
  • आईवीएफ का परिणाम पूरी तरह इस बात पर निर्भर करता है, कि अब यह अंडे गर्भाशय की परत से जुड़ पाते हैं या नहीं।
  • एक से अधिक भ्रूण को एक ही समय में गर्भ में रखा जा सकता है, जिससे जुड़वाँ, तीन या अधिक बच्चे हो सकते हैं। हस्तांतरित भ्रूण की सही संख्या एक जटिल मुद्दा है जो कई कारकों पर निर्भर करता है, विशेष रूप से महिला की उम्र।
  • अब एक्स्ट्रा फर्टिलाइज्ड हुए अंडों को फ्रीज करना है या नहीं, यह निर्णय दंपत्ति का ही होता है।
  • आईवीएफ की इस प्रक्रिया के बाद आप सामान्य दैनिक गतिविधियों को फिर से शुरू कर सकती हैं। लेकिन ध्यान रखें, कि अभी भी आपका अंडाशय बढ़ा हुआ है, इसलिए कोई भी हैवी एक्टिविटी करने से बचें।
  • एग रिट्रीवल के 12 दिनों से दो सप्ताह के बाद, आपकी डॉक्टर यह पता लगाने के लिए आपका ब्लड सैंपल लेगी कि आप प्रेग्नेंट हैं या नहीं।

यदि आप गर्भवती हैं, तो डॉक्टर आपको प्रसव से पहले की देखभाल करने के लिए किसी गायनेकोलॉजिस्ट के पास भेजेगा और यदि आप गर्भवती नहीं हैं, तो आपको प्रोजेस्टेरोन लेना बंद करना पड़ेगा और संभवत: एक सप्ताह के भीतर आपके पीरियड्स शुरू हो जाएंगे। यदि पीरियड्स नहीं आते, या फिर ब्लीडिंग ज्यादा या कम हो रही है, तो डॉक्टर से संपर्क करना होगा।

(और पढ़े – आई यू आई क्या है प्रक्रिया, प्रेगनेंसी के लक्षण और सफलता दर…)

आईवीएफ उपचार कितना लंबा चलता है? – How long does IVF treatment last in Hindi

इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) की एक प्रक्रिया को पूरे होने में चार से छह सप्ताह का समय लग सकता है। वहीं, अंडे निकलवाने में आधा दिन लग सकता है। इसके करीब दो या तीन दिन बाद आपको फिर से भ्रूण स्थानांतरित करवाने के लिए अस्पताल जाना होगा।

आईवीएफ के फायदे – Benefits of IVF in Hindi

आईवीएफ का सबसे बड़ा फायदा तो यही है, कि यह उन दंपत्ति के लिए वरदान हैं, जो किन्हीं कारणों से माता-पिता नहीं बन पाते।

इसके आलावा जिन महिलाओं की फैलोपियन ट्यूब में किसी तरह की रूकावट या अवरोध आ जाता है या उनके पति के शरीर में स्वस्थ शुक्राणु नहीं बन पाते हैं, ऐसी स्थति में महिलाएं प्राकिर्तिक तरीके से गर्भधारण नहीं कर पाती हैं। उनके लिए आईवीएफ की यह प्रक्रिया मां बनने का नया अवसर प्रदान करती है।

भले ही आईवीएफ एक महिला को मां बनने का मौका देती है, बावजूद इसके कुछ जोखिम और नुकसान हैं, जिनके बारे में हम आपको यहां बताने जा रहे हैं।

(और पढ़े – एक महीने के अंदर प्रेग्नेंट होने के तरीके…)

आईवीएफ के नुकसान साइड इफेक्ट्स – Side effects of IVF in Hindi

  • आईवीएफ में कई बार गर्भ में दो भ्रूण डाल दिए जाते हैं, जिससे एक के बजाए दो या तीन गर्भावस्था हो सकती हैं। इससे माँ और शिशु को कई तरह से खतरा हो सकता है। (2)
  • इस दौरान इस्तेमाल की जाने वाली प्रजनन दवाएं के दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं।
  • आईवीएफ से एक्टोपिक प्रेग्नेंसी यानी अस्थानिक गर्भावस्था या गर्भपात का खतरा बना रहता है।
  • आईवीएफ के जरिए गर्भधारण करने के बाद भी बच्चे में स्पाइना बिफिडा रीढ़ की हड्डी की समस्या का जोखिम बना रहता है।
  • इसके अलावा सूजन, कब्ज, ऐंठन, स्तन कोमलता, मूड स्विंग, सिर दर्द, दवाओं से एलर्जिक रिएक्शन, ब्लीडिंग, पेडू में दर्द, मूत्र में रक्त, 100.5 डिग्री से ज्यादा बुखार, योनि से खून बहना और इंफेक्शन का खतरा भी बना रहता है।
  • आईवीएफ प्रक्रिया वाले व्यक्ति और उसके परिवार या साथी के लिए यह भावनात्मक रूप से बहुत कठिन हो सकता है।
  • भावनात्मक रूप से खुद को तैयार करने के लिए आप सहायता समूहों पर इस संबंध में अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। आईवीएफ के नुकसान के साथ इससे जुड़े कुछ जोखिमों की जानकारी भी आपको आगे दी जा रही है।

(और पढ़े – प्रेगनेंसी में महिलाओं को ब्लीडिंग होने के कारण…)

आईवीएफ से जुड़े जोखिम – IVF Risks in Hindi

आईवीएफ बेशक गर्भधारण करने की एक सफल प्रक्रिया हो, लेकिन इससे कई संभावित जोखिम भी जुड़े हुए हैं, जिनके बारे में आप यहां जान सकते हैं।

यदि आप नीचे दिए जा रहे लक्षणों में से किसी एक का भी अनुभव करते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

आईवीएफ से गर्भधारण करने की संभावना क्या है – What are the Chances of Getting Pregnant with IVF in Hindi

डॉक्टर्स के अनुसार, आईवीएफ प्रोसेस से प्रेग्नेंट होने की संभावना 30 से 45 प्रतिशत होती है। अन्य फर्टिलिटी उपचारों के मुकाबले आईवीएफ से गर्भवती होने की संभावना ज्यादा होती है। डॉक्टर्स कहते हैं, कि आईवीएफ से गर्भधारण करने की संभावना बहुत चीजों पर निर्भर करती हैं। आईवीएफ की सफलता पर असर डालने वाले कुछ फैक्टर्स के बारे में आप नीचे जान सकते हैं।

उम्र- आईवीएफ में कपल की उम्र बहुत बड़ा फैक्टर है। कपल जितना ज्यादा यंग और कम उम्र वाला होगा (जैसे महिला की उम्र 35 वर्ष से कम) आईवीएफ से गर्भधारण करने की संभावना उतनी ज्यादा बढ़ जाएगी।

पास्ट प्रेग्नेंसी- अगर आप अपने पार्टनर के साथ पहले गर्भधारण करने का सफल प्रयास कर चुकी हैं, तो आईवीएफ से प्रेग्नेंट होने की संभावना कई गुना बढ़ सकती  है।

फर्टिलिटी समस्या- आपकी फर्टिलिटी की समस्या पर भी आईवीएफ का रिजल्ट निर्भर करता है। जैसे समस्या किस तरह की है, कितनी पुरानी है, आपमें से किसी एक को है या दोनों को। ये सभी चीजें आईवीएफ के परिणाम पर असर डाल सकती हैं।

लाइफस्टाइल- आपकी लाइफस्टाइल भी काफी हद तक आईवीएफ को प्रभावित कर सकती है। मान लीजिए, आपके जीवन में बहुत तनाव है, तो आईवीएफ के सफल होने की संभावना कम होगी। वहीं अगर आप एक अनुशासित जीवन जी रही हैं और श्रोणि को स्वस्थ रखती हैं, तो आईवीएफ से गर्भधारण करने का प्रतिशत बढ़ जाएगा। आइए नीचे जानते हैं, कि नीचे जानते हैं आईवीएफ कितना सफल है।

(और पढ़े – प्रेग्नेंट होने की सही उम्र क्या है 20, 30 या 40…)

आईवीएफ की सफलता दर – How successful is in vitro fertilization in Hindi

आईवीएफ क्लीनिक की सफलता दर प्रजनन इतिहास, मातृ आयु आदि कारकों पर निर्भर करती है। संयुक्त राज्य अमेरिका में प्रत्येक आईवीएफ चक्र के लिए जन्म दर अनुमानित है।

  • 35 साल से कम उम्र की महिलाओं के लिए 41-43 प्रतिशत
  • 35 से 37 साल की उम्र के बीच की महिलाओं के लिए 33-36 प्रतिशत
  • 38 से 40 साल की उम्र की महिलाओं के लिए सिर्फ 23-27 प्रतिशत
  • 41 सक से अधिक उम्र की महिलाओं के लिए आईवीएफ के मात्र 13-18 प्रतिशत तक सफल होने की संभावना होती है।

अगर आप आईवीएफ की प्लानिंग कर चुकी हैं, तो इसके लिए सबसे जरूरी है विश्वसनीय आईवीएफ सेंटर चुनना। कैसे आप एक आईवीएफ सेंटर का चुनाव कर सकती हैं, ये आपको हमारे लेख में आगे जानने को मिलेगा।

आईवीएफ सेंटर कैसे चुनें – How do I choose an infertility clinic in Hindi

  • एक अच्छा आईवीएफ सेंटर चुनना महत्वपूर्ण है। इसे चुनते समय कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है।
  • आईवीएफ सेंटर चुनते समय ऐसी टीम का चुनाव करें, जो आपके हर सवाल का सही और धैर्यपूर्वक जवाब दे।
  • सेंटर चुनते वक्त स्पेशलिस्ट के साथ एक सलाह के बाद ही कोई निर्णय लें, क्योंकि आईवीएफ के दौरान आप दोनों के बीच का तालमेल अनिवार्य है।
  • जहां भी आप आईवीएफ के बारे में सोच रहे हैं, ध्यान रहे, वहां के डॉक्टर्स आपको स्टेप बाय स्टेप पूरी प्रक्रिया समझाने में सक्षम हों।
  • ऐसी टीम का चुनाव करे, जो आईवीएफ से लेकर डिलीवरी तक आपको सही गाइडेंस दे सके।

आईवीएफ की कीमत कितनी है – How much does IVF cost in Hindi

भारत सहित अन्य देशों में आईवीएफ अन्य फर्टिलिटी उपचारों की तुलना में काफी महंगा होता है। आप नेशनल इनफर्टिलिटी एसोसिएशन में आईवीएफ के बीमा कवरेज और अन्य प्रजनन उपचार के बारे में अधिक जानकारी हासिल कर सकते हैं।

आईवीएफ के एक चक्र की फीस में दवाएं, प्रक्रियाएं, एनेस्थिशिया, अल्ट्रासाउंड, ब्लड टेस्ट और एम्ब्रयो स्टोरेज शामिल हैं। एक एकल आईवीएफ चक्र की सटीक लागत भिन्न-भिन्न स्थानों में अलग-अलग हो सकती है, लेकिन आमतौर पर भारत में इसकी कीमत 65 हजार से 3 लाख रूपए है। यदि एक क्लीनिक 50 हजार से कम रूपए का उपचार करने को कहे, तो ध्यान रखें, कि इसके पीछे अतिरिक्त लागत छिपी हो सकती है, जिसे बाद में उनके के बिल में जोड़ा जाता है। मरीजों को हमेशा आईवीएफ की पूरी कीमत जानने के लिए ये बात पूछनी चाहिए।

आईवीएफ के बाद बरतें सावधानियां – Precautions after IVF in Hindi

इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) की सफल तकनीक के बाद एक दंपत्ति को भले ही माता-पिता बनने का सुख प्राप्त हो जाता हो, लेकिन यहीं पर काम खत्म नहीं होता, बल्कि इसके बाद उन्हें ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत होती है। ताकि आगे चलकर प्रक्रिया में कोई परेशानी न आए।

  • आईवीएफ के बाद दंपत्ति को शारीरिक संबंध बनाने से बचना चाहिए। इससे महिला के प्राइवेट पार्ट में इंफेक्शन का खतरा बना रहता है।
  • इस प्रक्रिया के बाद महिला को भारी वजन नहीं उठाना चाहिए।
  • आईवीएफ सफल हो भी जाए, तो महिला को दो से तीन सप्ताह तक बाथ टब में नहाने से परहेज करना चाहिए। इससे प्रत्यारोपित अंडा अपनी जगह से हट सकता है।
  • इस प्रक्रिया के बाद महिलाओं को व्यायाम, एरोबिक्स या हैवी वर्कआउट न करने की सलाह दी जाती है।
  • आईवीएफ के बाद महिलाओं को स्मोकिंग, ड्रिंकिंग से दूर रहना चाहिए। ऐसा न करने पर गर्भधारण करने में परेशानी हो सकती है।

(और पढ़े – गर्भावस्था में शारीरिक संबंध बनाना…)

आईवीएफ से जुड़े लोगों के सवाल और जवाब – Question and answer related to IVF in Hindi

क्या फर्क होता है आईवीएफ प्रेग्नेंसी में – What is the difference between IVF pregnancy in Hindi

आईवीएफ से गर्भधारण होने पर आपको गर्भावस्था के 12 हफ्तों तक डॉक्टर्स द्वारा लिखी गई कुछ खास दवाएं खानी होती हैं। इसके अलावा आईवीएफ प्रेग्नेंसी और सामान्य प्रेग्नेंसी में कोई खास फर्क नहीं होता। किसी भी अन्य गर्भवती महिला की तरह आईवीएफ से प्रेग्नेंट हुई महिला को भी वही टेस्ट और स्कैन कराने के साथ सावधानियां बरतनी होती हैं।

क्या होगा अगर मैं एक स्वस्थ अंडे का उत्पादन नहीं करती या मेरे पति बांझ हैं – What if I don’t produce healthy eggs or my husband is sterile in Hindi

इस स्थिति में आप डोनर एग्स, स्पर्म और एम्ब्रयोज का उपयोग करना चुन सकती हैं। इसके लिए आप डोनर इशूज की जानकारी रखने वाले डॉक्टर्स से बात कर सकती हैं।

आईवीएफ में कितने भ्रूण स्थानांतरित किए जाने चाहिए – How many embryos should be created or transferred in Hindi

स्थानांतरित किए जाने वाले भ्रूण की संख्या आमतौर पर एकत्रित किए गए अंडों की संख्या और मातृ आयु पर निर्भर करती है। जैसे की महिलाओं की उम्र के रूप में आरोपण की दर कम हो जाती है। इसकी संभावना को बढ़ाने के लिए उम्र के आधार पर अधिक अंडे ट्रांसफर किए जा सकते हैं। हालांकि, ट्रांसफर किए गए अंडों की एक बड़ी संख्या में गर्भधारण करने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है। हो सके, तो प्रक्रिया से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें और सहमत हों, कि कितने भ्रूण इंप्लांट करना है।

आईवीएफ के दौरान मल्टीपल प्रेग्नेंसी को कैसे संभालेंगी – How to handle multiple pregnancy during IVF Hindi

यदि आईवीएफ के दौरान आपके गर्भाशय में एक से ज्यादा भ्रूण स्थानांतरित हो जाते हैं, जो मल्टीपल प्रेग्नेंसी के चांसेज बढ़ सकते हैं, जो आपके और बच्चे दोनों के लिए जोखिम पैदा कर सकती है। इसके लिए आप अपनी डॉक्टर से पहले ही बात कर सकती हैं।

(और पढ़े – जुड़वा बच्चे कैसे पैदा करें…)

आईवीएफ के दौरान अतिरिक्त भ्रूण के साथ क्या किया जा सकता है – What can be done with extra embryos during IVF in Hindi

अतिरिक्त भ्रूण को जमाकर कई सालों तक स्टोर करके रखा जा सकता है। इसमें क्रायोप्रिजर्वेशन आईवीएफ के आगे की साइकल को कम खर्चीला बना सकता है। हालांकि, आप चाहें, तो उपयोग में न आने वाले भ्रूण को छोड़ भी सकती हैं।

आईवीएफ के बाद प्रेग्नेंसी में कितना समय लगता है – How long does pregnancy take after IVF in Hindi

इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) के बाद प्रेग्नेंसी की पुष्टि के लिए महिला को 12 से 14 दिन का इंतजार करना पड़ता है। इसके बाद ही आप जान पाएंगी कि आप गर्भवती हैं या नहीं। आप घर में ही यूरीन टेस्ट की मदद से प्रेग्नेंसी टेस्ट कर सकती हैं। परीक्षण के बाद जो भी परिणाम आए, अपने डॉक्टर को बताएं।

आईवीएफ उपचार में कितने दिन लग सकते हैं – IVF treatment may take how many days in Hindi

इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) में कई चक्र होते हैं। एक चक्र में एक से चार सप्ताह का समय लग सकता है।

आईवीएफ के लिए सही मौसम कौन सा है – Which is the right season for IVF in Hindi

आईवीएफ कराने में मौसम का बड़ा रोल रहता है। सूरज की किरणों से मिलने वाला विटामिन डी से आईवीएफ के सफल होने की संभावना बढ़ जाती है।

एक शोध में यह बात सामने आई है कि विटामिन डी शिशु के विकास के लिए बहुत जरूरी है। जो महिलाएं इनफर्टिलिटी की समस्या से जूझ रही हैं, उनके लिए आईवीएफ कराने का सही समय जून, जुलाई और अगस्त है।

आईवीएफ ट्रीटमेंट नि:संतान दंपत्ति के लिए भले ही वरदान समान हो, लेकिन इसका फैसला लेना आसान नहीं है। वैसे तो इसकी सफलता दर अच्छी है, लेकिन इसके नुकसान और जोखिम भी हैं। इसलिए कोई भी निणर्य लेने से पहले खुद को मानसिक और भावनात्मक रूप से तैयार करें। अपने परिवार से और डॉक्टर से इस बारे में चर्चा कर ही कोई अंतिम फैसला लें।

हम उम्मीद करते हैं कि हमारे इस लेख में आपको आईवीएफ और इसकी प्रक्रिया से जुड़े सभी सवालों के जवाब मिल गए होंगे। अगर इसके बाद भी आपको इससे संबंधित किसी भी अन्य सवाल का जवाब चाहिए, तो हमसे नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में कमेंट्स कर जरूर पूछें। इसके अलावा, यह लेख उन महिलाओं के साथ शेयर करना न भूलें, जिन्हें गर्भधारण करने में किसी तरह की समस्या का सामना करना पड़ रहा हो या गर्भवती होने में दिक्कत आ रही हो।

इसी तरह की अन्य जानकारी हिन्दी में पढ़ने के लिए हमारे एंड्रॉएड ऐप को डाउनलोड करने के लिए आप यहां क्लिक करें। और आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर भी फ़ॉलो कर सकते हैं।

आपको ये भी जानना चाहिये –

Deepti

Share
Published by
Deepti

Recent Posts

गर्मी में फेस पर लगाने के लिए होममेड फेस पैक – Homemade face pack for summer in Hindi

Homemade face pack for summer गर्मी आपकी स्किन को ख़राब कर सकती है, जिससे पसीना,…

2 वर्ष ago

कोलेस्ट्रॉल कम कर खून को साफ और नसों को मजबूत बनाती हैं ये 5 सब्जियां – What vegetable reduces cholesterol quickly in Hindi

वर्तमान में अनहेल्दी डाइट और उच्च कोलेस्ट्रॉल युक्त भोजन का सेवन लोगों में बीमारी की…

3 वर्ष ago

पिगमेंटेशन से छुटकारा दिलाएंगे ये 10 होममेड फेस पैक – Pigmentation Face Pack in Hindi

Skin Pigmentation Face Pack in Hindi हर कोई बेदाग त्वचा पाना चाहता है। पिगमेंटेशन, जिसे…

3 वर्ष ago

फेस पैक फॉर ब्लैक स्किन – Homemade face pack for black skin in Hindi

चेहरे का कालापन या सांवलापन सबसे ज्यादा लोगों की पर्सनालिटी को प्रभावित करता है। ब्लैक…

3 वर्ष ago

कैसे जाने कि आप प्रेग्नेंट है? – How To Know That You Are Pregnant In Hindi

प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं, जिन्हें पहचान कर आप…

3 वर्ष ago

इंस्टेंट ग्लो पाने के लिए बेस्ट होममेड फेस पैक – Instant glow face pack at home in Hindi

त्वचा पर निखार होना, स्वस्थ त्वचा की पहचान है। हालांकि कई तरह की चीजें हैं,…

3 वर्ष ago