Jal Neti in Hindi जल नेति एक ऐसी तकनीक है जिसका उपयोग योगियों द्वारा रोग मुक्त रहने के लिए किया जाता था। जल नेति की सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इसे करने के बाद आप बिना किसी रुकावट के किसी भी योग अभ्यास के दौरान अच्छी तरह से साँस ले सकते हैं। जिस प्रकार दांतों को साफ करना दंत स्वच्छता है उसी प्रकार जल नेति का अभ्यास नाक स्वच्छता है। इस क्रिया को करने से नासिका मार्ग और नथुने से गले तक का मार्ग शुद्ध होता है। जल नेति तकनीक का उपयोग श्वसन तंत्र को साफ करने और नाक मार्ग से विषाक्त पदार्थों को निकालने के लिए उपयोग किया जाता है। आइये जल नेति क्या है, लाभ, नुकसान, तरीका और सावधानी को विस्तार से जानते हैं।
विषय सूची
1. जल नेति क्या है – What is Jal Neti in Hindi
2. जल नेति की तैयारी – Jal neti preparations in Hindi
3. जल नेति करने का तरीका – Steps to do Jal Neti in Hindi
4. जल नेति करने की अवधि – Jal Neti Duration in Hindi
5. जल नेति करने के फायदे – Benefits Of The Jal Neti in Hindi
6. जल नेति के नुकसान – Jal neti ke nuksan in Hindi
7.जल नेति करने में सावधानी बरतें – Jal neti karne me savdhani barte in Hindi
जल नेति क्या है – What is Jal Neti in Hindi
जल नेति एक प्राचीन भारतीय योग तकनीक है जिसका शाब्दिक अर्थ “पानी से सफाई” है। यह क्रिया आमतौर पर अन्य सफाई प्रथाओं के साथ सुबह दैनिक रूप से किया जाता है। जल नेति एक प्राकृतिक तकनीक है जिसका उपयोग योगी सांस की बीमारियों को रोकने के लिए करते हैं। योग और आयुर्वेद आपके शरीर को शुद्ध करने के विभिन्न तरीके सुझाते हैं ताकि यह बेहतर कार्य कर सके। इस क्रिया को विशेष रूप से ’नोज क्लीनर’ (Nose cleaner) के लिए डिजाइन किया गया हैं। नाक की सफाई प्रक्रिया के दौरान नाक से मलबे और बलगम को बाहर निकालने के लिए नाक गुहा को पानी से धोया जाता है। यह गले की समस्याओं से लड़ने और साइनस (sinuses) से छुटकारा पाने में भी मदद करता है। आइये जल नेति करने की क्रिया को विस्तार से जानते है।
जल नेति की तैयारी – Jal neti preparations in Hindi
जल नेति को करने के लिए आपको कुछ सामग्री और उपकरण की आवश्यकता होती है। यदि आप जल नेति करना चाहते है तो आप निम्न सामग्री को लें।
- एक नेति पॉट
- एक चुटकी नमक
- गुनगुना पानी
नेति पॉट – नेति पॉट आमतौर पर छोटा उपकरण या बर्तन होता है और जिसमें एक तरफ एक लंबी टोंटी होती है, जो प्रक्रिया के दौरान धीरे से एक नथुने में पानी डालने के लिए पर्याप्त होती है।
जल नेति करने का तरीका – Steps to do Jal Neti in Hindi
जल नेति क्रिया एक प्रकार का योग है जो कि सामान्य योग आसन से थोड़ा अलग है। जल नेति क्रिया हमारी नाक के मार्ग की सफाई करने की एक तकनीक है। आप जल नेति क्रिया को करने के लिए निम्न स्टेप्स को करें-
- जल नेति योग करने के लिए आप सबसे एक नेति पॉट ले, जो आपकी नाक में अच्छे से सेट हो जाएं।
- अब इस नेति पॉट में थोड़ा गर्म यानि गुनगुना पानी (तापमान 38-40 डिग्री सेल्सियस) लें और इसमें एक एक चुटकी नमक मिला लें अर्थात 1 लीटर पानी प्रति 1 चम्मच नमक मिलाएं। ध्यान रखने अधिक नमक को पानी में ना मिलाएं।
- जल नेति को करने के लिए आप बैठ जाएं और अपने दोनों पैरों के बीच में थोड़ी सी दूरी रखें।
- अपने मुँह से साँस लेना शुरू करे और अपने सिर को थोड़ा नीचे की ओर झुका लें।
- आप जल नेति योग को खड़े होकर और कमर से थोड़ा झुक कर भी कर सकते है।
- अब आप पानी से भरे हुए नेति पॉट ले और उसे अपनी दायीं नाक में लगा कर धीरे-धीरे पानी डालें।
- बायीं नाक से इस पानी को बाहर निकालते जाएं।
- अब फिर से बायीं नाक में नेति पॉट लगा कर पानी डालें और दायीं नाक से अपनी को बाहर निकाले।
- ध्यान रखें की पानी धीरे-धीरे और कम मात्रा में डालना हैं।
- इस क्रिया आप दोनों नाक से करें आप जल नेति योग को खड़े होकर और कमर से थोड़ा झुक कर भी कर सकते है।
जल नेति करने की अवधि – Jal Neti Duration in Hindi
जल नेति करने की संख्या के बारे में तो नहीं कहा जा सकता कि इसे कितनी बार करना चाहिए, परन्तु यह कहा जा सकता है कि आपको प्रत्येक नाक से एक बार में आमतौर पर आधा लीटर तक पानी को डाल सकते है। चूँकि यह एक शुद्धि क्रिया है, इसलिए इसे दैनिक जीवन शैली में शामिल नहीं करना चाहिए। जब भी नाक के मार्ग को सफाई की आवश्यकता होती है, तो जल नेति तकनीक का उपयोग किया जा सकता है। हालाँकि, जब तक यह प्रक्रिया पूरी तरह से सीख नहीं ली जाती है, तब तक इसका प्रतिदिन अभ्यास किया जा सकता है। एक बार सीख लेने के बाद, इसे आवश्यकतानुसार इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
जल नेति करने के फायदे – Benefits Of The Jal Neti in Hindi
जल नेति को करने से निम्न लाभ होते हैं।
- जल नेति करने के फायदे सिर दर्द में – Jal Neti Benefits for Headache in Hindi
- जल नेति के लाभ खांसी और जुकाम में – Jal Neti Benefits for Cough and Cold in Hindi
- जल नेति क्रिया के फायदे साइनसाइटिस में – Jal neti kriya ke fayde Sinusitis me in Hindi
- आँखों के लिए फायदेमंद जल नेति तकनीक – Aankhon ke liye faydemand jal neti Technique in Hindi
- जल नेति के फायदे बालों के लिए – jal neti benefits for hair in Hindi
- अनिद्रा में लाभदायक जल नेति योग – jal neti benefits for Insomnia in Hindi
- स्मरण शक्ति बढ़ाए जल नेति योग – jal neti for Memory power in Hindi
- जल नेति की लाभ कान दर्द में – Jel neti ke laabh kaan dard me in Hindi
जल नेति करने के फायदे सिर दर्द में – Jal Neti Benefits for Headache in Hindi
सिर में दर्द होना आज कल एक आम बात है, अधिकांस लोग सिर दर्द की समस्या से परेशान रहते हैं। सिर दर्द को ठीक करने के लिए आप जल नेति तकनीक का सहारा ले सकते हैं। इस क्रिया के नियमित अभ्यास से पुराने सिरदर्द और माइग्रेन को कम करने में मदद मिलती है।
(और पढ़ें – सिर दर्द के लिए योग)
जल नेति के लाभ खांसी और जुकाम में – Jal Neti Benefits for Cough and Cold in Hindi
यह तकनीक आपकी श्वसन नली को साफ करती है। सर्दी और खांसी की रोकथाम में जल नेति बेहद सहायक है। यह एलर्जी की छींक को भी रोकता है।
(और पढ़ें – सर्दी जुकाम और खांसी के घरेलू उपाय)
जल नेति क्रिया के फायदे साइनसाइटिस में – Jal neti kriya ke fayde Sinusitis me in Hindi
जल नेति योग क्रिया साइनसाइटिस, आंखों, नाक और गले, टॉन्सिलिटिस, कैटरस की बीमारियों के साथ-साथ एडेनोइड्स और म्यूकस मेम्ब्रेन की सूजन को ठीक करने में मदद करती है।
आँखों के लिए फायदेमंद जल नेति तकनीक – Aankhon ke liye faydemand jal neti Technique in Hindi
जल नेति तकनीक आँखों के लिए बहुत ही फायदेमंद होती हैं। यह आंखों से संबंधित कई समस्याओं और रोगों जैसे कि खराश, रतौंधी, मंदता, आदि का इलाज करता है। जल नेति क्रिया आपकी आंखों को चमकदार और सुंदर बनाती है।
(और पढ़ें – आँखों की रोशनी बढ़ाने के लिए योग)
जल नेति के फायदे बालों के लिए – jal neti benefits for hair in Hindi
कम उम्र के बावजूद इन दिनों बालों की समस्याएं काफी आम हैं। जल नेति बालों के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है और बालों के असमय गिरने, बालों के भूरे होने और अन्य बालों की स्थिति को रोकती है।
(और पढ़ें – बालों को झड़ने से रोकने के लिए योग)
अनिद्रा में लाभदायक जल नेति योग – jal neti benefits for Insomnia in Hindi
ऐसे कई लोग हैं जो अनिद्रा से पीड़ित हैं या सो नहीं सकते हैं। अनिद्रा को ठीक करने के लिए, जल नेति प्रभावी योग प्रक्रियाओं में से एक है। यह योग उनींदापन के लक्षणों को कम करने में मदद करता है और इसके नियमित अभ्यास से छुटकारा मिलता है।
(और पढ़ें – अनिद्रा के कारण, लक्षण और उपचार)
स्मरण शक्ति बढ़ाए जल नेति योग – jal neti for Memory power in Hindi
जेल नेति योग आपकी मेमोरी को तेज करने में मदद करता है और भूलने की समस्या को खत्म करता है। यह तंत्रिका तंत्र और मन को शांत करता है। यह तनाव को दूर करने में मदद करता है और मन में स्पष्टता लाता है। जेल नेति क्रिया आपके ध्यान की गुणवत्ता में सुधार करने में मदद करता है।
(और पढ़ें – दिमाग तेज करने के लिए योग)
जल नेति की लाभ कान दर्द में – Jel neti ke laabh kaan dard me in Hindi
कान से संबंधित बीमारियों में जल नेति योग के अभ्यास करने से आपको मदद मिल सकती है। यह कह सकते है कि जल नेति का अभ्यास शरीर के ईएनटी (ENT) क्षेत्र के लिए एक रामबाण है।
जल नेति के नुकसान – Jal neti ke nuksan in Hindi
जल नेति को यदि सही तरीके से ना किया जा जाएं तो इससे आपके शरीर को नुकसान भी हो सकते है। जेल नेति की कुछ नुकसान निम्न हैं।
- अधिक गर्म पानी का प्रयोग करने से आपके नीक में जलन और दर्द की समस्या उत्त्पन्न हो सकती है।
- जल नेति क्रिया का दौरान अधिक नमक का प्रयोग करने से आपकी नाक में जलन हो सकती है जिससे आपकी नाक से खून भी निकल सकता है।
- जल नेति तकनीक में ख़राब पानी या संक्रमण वाला पानी प्रयोग करने से आपकी नाक में भी संक्रमण का खतरा बढ़ जाता हैं।
- अधिक नमक के प्रयोग से या अधिक अवधि तक जल नेति क्रिया को करने से आपकी आँखों और कानों में भी दर्द हो सकता हैं।
जल नेति करने में सावधानी बरतें – Jal neti karne me savdhani barte in Hindi
जल नेति क्रिया को करते समय आप निम्न सावधानी रखें-
- जल नेति क्रिया करने के लिए साफ पानी का प्रयोग करें।
- इस क्रिया का उपयोग करने के लिए पानी में अधिक नमक का प्रयोग ना करें।
- जल नेति क्रिया को करने के बाद आप नाक क्षेत्र को सुखाने के लिए या तो कपालभाति या भस्त्रिका प्राणायाम करें।
- जल नेति क्रिया के दौरान केवल मुंह से सांस लें।
- इस क्रिया के दौरान उच्च रक्तचाप वाले लोगों को सावधान रहना चाहिए।
- अगर नाक सूखने के दौरान किसी को चक्कर आता है, तो इसे सीधे खड़े होकर किया जाना चाहिए।
- इस क्रिया को एक योग विशेषज्ञ के मार्गदर्शन में अभ्यास किया जाना चाहिए।
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