Jamun Seeds Benefits and side effects in Hindi जामुन की गुठली का चूर्ण के फायदे यदि आपको पता नहीं हैं तो इसकी जानकारी जरूर प्राप्त करें। आपको जानकर हैरानी होगी कि जितने फायदे जामुन के हैं उतने ही इसकी गुठली के भी होते हैं। आप जानते हैं कि जामुन मधुमेह (diabetes) के उपचार के लिए बहुत ही फायदेमंद होती है। लेकिन क्या आप जानते हैं जामुन की गुठली आपके स्वास्थ्य के लिए भी उतनी ही फायदेमंद होती है। इसे आयुर्वेद में दवा के रूप में उपयोग किया जाता है। जामुन की गुठली हमारे शरीर से हानिकारक रसायनों (Harmful chemicals) को बाहर करने में मदद करती है। यह मधुमेह प्रबंधन का सबसे आसान और प्राकृतिक तरीका (Natural way) है। इसलिए अब जब भी आप जामुन खाएं तो इसके बीजों को न फेकें यह आपके लिए बहुत ही उपयोगी हो सकते हैं। आइए जाने जामुन की गुठली के फायदे और नुकसान के बारे में।
विषय सूची
1. जामुन की गुठली के फायदे – Jamun Ki Guthli Ke Fayde in Hindi
2. जामुन की गुठली का पाउडर कैसे बनाएं – How To Make Jamun Seed Powder in Hindi
3. जामुन की गुठली के नुकसान – Jamun Ki Guthli Ke Nuksan in Hindi
जैसा की आप जानते हैं कि जामुन में बहुत से पोषक तत्व (Nutrients) मौजूद रहते हैं जो हमे बहुत से स्वास्थ्य लाभ दिलाने में मदद करते हैं। जामुन की गुठली में भी इसी तरह के पोषक तत्व होते हैं जो कुछ विशेष प्रकार की और गंभीर समस्याओं का निदान कर सकते हैं। आइए जाने जामुन के उपयोग जो हमारे स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं।
मधुमेह के प्रभाव को कम करने के लिए पारंपरिक दवा के रूप में उपयोग करने के अलावा जामुन की गुठली रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए भी उपयोग की जाती है। कुछ अध्ययन बताते हैं कि जामुन के बीज के पाउडर का नियमित सेवन करने से लोगों उच्च रक्तचाप के स्तर को 34.6 प्रतिशत तक कम कर सकता है। जामुन के बीजों के कम रक्तचाप वाले प्रभाव का कारण इसमें उपस्थित एलाजिक एसिड (Ellagic Acid) की उपस्थिति के कारण होता है जो कि एक फिनोल एंटीऑक्सीडेंट (Phenol Antioxidant) है।
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आप अपनी त्वचा की समस्याओं (Skin problems) को दूर करने के लिए जामुन की गुठलीयों का उपयोग कर सकते हैं। यह आपके चेहरे और शरीर के अन्य भागों में आने वाले चकते का प्रभावी रूप से इलाज कर सकते हैं। आप अपने चेहरे की समस्याओं और हल्के निशानों से छुटकारा पाने के लिए जामुन की गुठली के पाउडर और हल्दी का उपयोग करें। यह आपकी त्वचा के लिए बहुत ही फायदेमंद (Beneficial to skin) हो सकता है।( और पढ़ें –झुर्रियां कम करने के घरेलू उपाय)
इस चमत्कारिक फल में अन्य स्वास्थ्य लाभों के साथ-साथ मधुमेह को नियंत्रित करने की अद्भुद क्षमता होती है। जामुन के बीजों में अल्कोलोइड होते हैं जिसकी उपस्थिति के कारण स्टार्च (Starch) को चीनी में बदलने से रोका जा सकता है। इसलिए मधुमेह रोगी द्वारा जामुन की गुठलीयों का सेवन करने पर यह उनके रक्त ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। इसके लिए आप जामुन के बीजों को छांव में सुखाएं और फिर इनका पाउडर बना लें। मधुमेह रोगी (Diabetic patients) द्वारा इस पाउडर को नियमित रूप से दिन में तीन बार दूध या पानी के साथ सेवन किया जाना चाहिए। आप इसे सुबह खाली पेट भी इस्तेमाल कर सकते हैं। यदि नियमित रूप से जामुन की गुठलीयों के पाउडर का सेवन किया जाता है तो यह धीरे-धीरे शरीर पर मधुमेह के प्रभाव को कम करता है। यदि आप मधुमेह से पीड़ित हैं या आपको इसकी शंका है तो आप फायदेमंद जामुन की गुठलीयों का सेवन कर सकते हैं।
प्रतिरक्षा प्रणाली (Immune System) को बढ़ावा देने के साथ-साथ जामुन के बीज पाचन तंत्र को मजबूत करने और पेट की समस्याओं को दूर करने के लिए बहुत ही फायदेमंद होते हैं। जामुन के बीजों के पाउडर का उपयोग करने से आंतों और जननमूत्रीय पथ (genitourinary tract) ( जो कैंडिडा अल्बिकांस नामक बैक्टीरिया से संक्रमित होते हैं ) इनके घावों और अल्सर के इलाज में मदद मिलती है। इस प्रकार की समस्या से बचने के लिए जामुन की गुठली के पाउडर को शक्कर के साथ प्रतिदिन 2-3 बार सेवन करना चाहिए।
शारीरिक रूप से स्वस्थ्य रहने के लिए मानसिक रूप से स्वस्थ्य (Mentally healthy) रहना बहुत ही आवश्यक है। जब आप मानसिक परेशानियों से बचने के लिए आप जामुन की गुठलियों का उपयोग कर सकते हैं। तनाव
(stress) आपके लिए एक गंभीर समस्या हो सकती है। इसका उपचार करने के लिए आप जामुन की गुठली से बने काढ़े का उपयोग करें, जिसमें अन्य जड़ी बूटियों को भी मिलाया जा सकता है। यह काढ़ा आपको थकान और तनाव (Fatigue and stress) दोनों से राहत दिलाने का सबसे अच्छा घरेलू उपाय है।( और पढ़ें –चिंता दूर करने के उपाय, तरीके और घरेलू नुस्खे)जिन लोगों को पाचन की समस्या होती है उनके लिए जामुन की गुठली बहुत ही प्रभाकारी दवा होती है। जामुन की गुठली का उपयोग कर पाचन संबंधी समस्याएं जैसे कब्ज, दस्त, पेट की गैस आदि से छुटकारा पाया जा सकता है। जामुन की गुठली का उपयोग सूजन (swelling) को ठीक करने के लिए भी फायदेमंद होता है। जामुन की गुठली का पाउडर या काढ़ा का सेवन कर प्रतिरक्षा प्रणाली (Immune System) को मजबूत किया जा सकता है।( और पढ़ें –बच्चों के दस्त (डायरिया) दूर करने के घरेलू उपाय)
आप अपने शरीर की अशुद्धियों को दूर (Detoxification) करने के लिए जामुन की गुठलीयों का उपयोग कर सकते हैं। जामुन के बीजों में फ्लैवोनोइड्स (flavonoids) अच्छी मात्रा में होते हैं जो एंटीऑक्सीडेंट का एक प्रकार भी है। जामुन की गुठलीयों में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट कैंसर पैदा करने वाले फ्री रेडिकल्स से हमारे शरीर की रक्षा करते हैं। जामुन की गुठलीयों में उपस्थित फ्लैवोनोइड्स एंजाइमों (enzymes) पर सुरक्षात्मक प्रभाव डालते हैं। इन्ही कारणों से जामुन के बीज हमारे शरीर को डिटॉक्सिफाई करने के लिए जाने जाते हैं और हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली के काम काज में सुधार करते हैं। जामुन के बीजों में दूसरा एंटीऑक्सीडेंट फेनोलिक (phenolic) के रूप में भी मौजूद रहता है।
जामुन की गुठली का उपयोग कर आप बहुत से स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर सकते हैं जिनमें कुछ सामान्य स्वास्थ्य लाभ इस प्रकार हैं। जिनका हम और आप अक्सर सामना करते हैं। आइए इन्हें जाने:
यदि आप औषधीय गुणों से भरपूर जामुन की गुठलीयों का उपयोग करना चाहते हैं तो यह आपके लिए बहुत ही फायदेमंद हो सकती हैं। आप यह जानते हैं कि जामुन एक मौसमी फल (seasonal fruit) है जो कि हर समय उपलब्ध नहीं होता है। इसलिए आप इसके बीजों को इकहट्ठा करके इसका पाउडर बना सकते हैं। जामुन की गुठलीयों का पाउडर बनाना बहुत ही आसान हैं। आइए जाने जामुन की गुठलीयों का पाउडर कैसे बनाया जा सकता है।
आप पहले जामुन के पके हुए फलों को अच्छी तरह से साफ करके इसके बीज को अलग कर लें और बीजों को अच्छी तरह से धो लें। आप इन बीजों को कच्चे ही खा सकते हैं या फिर इसका रस निकालकर भी उपयोग कर सकते हैं। लेकिन पाउडर बनाने के लिए इन बीजों को 2-3 दिनों तक छांव में सुखा लें। अच्छी तरह से गुठलीयों के सूख जाने पर इनके ऊपर का आवरण ढ़ीला हो जाता है जिन्हें आप निकाल दें जिससे आपको हरे बीज प्राप्त होगें।
आप इन हरे बीजों को कुछ दिनों के लिए फिर से सूखने के लिए छोड़ दें जिससे वे पूरी तरह से सूख जाते हैं। अच्छी तरह से सूख जाने के बाद आप इन बीजों को मिक्सी की सहायता से पीस लें। जो बीज पिस नहीं पाते हैं उन्हें अलग न करें बल्कि उन्हें कुचलकर फिर से पीसने की कोशिश करें। अच्छी तरह से पीसने के बाद आप पाउडर को छानकर किसी हवा रोधी बर्तन में बंद करके रख लें और जब आपको आवश्यक हो आप इसका सेवन करें।
आयुर्वेदिक गुणों से भरपूर जामुन की गुठली हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही फायदेमंद होती है, लेकिन अच्छे प्रभाव होने के साथ-साथ यह आपके लिए हानिकारक भी हो सकती है यदि इसका अधिक मात्रा में उपयोग किया जाता है तो। आइए जाने जामुन की गुठली के पाउडर से किस प्रकार के नुकसान हो सकते हैं।
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