Fungal Infection Among Thighs In Hindi जांघों के बीच खुजली एक फंगल संक्रमण है। फंगल संक्रमण होने का कारण यह है कि यह कवक के कारण होता है। लेकिन जांघों के बीच फंगल संक्रमण के घरेलू उपाय भी होते हैं। जिनका उपयोग कर आप इस तरह की समस्याओं से छुटकारा पा सकते हैं। यह एक खुजली है जो उस स्थान पर होती है जिसे आप सभी के सामने नहीं खुजला सकते हैं। इस लेख में आप जानेगें जांघों के बीच फंगल संक्रमण को रोकने के घरेलू उपाय। जिन्हें जानकर आप दूसरों के सामने शर्मिंदा होने से बच सकते हैं। आइये जांघों के बीच फंगल संक्रमण के लिए घरेलू उपचार को विस्तार से जानते हैं।
विषय सूची
1. जांघों के बीच खुजली क्या है – What Is Fungal Infection Among Thighs in Hindi
2. जांघों के बीच खुजली के उपाय – Jangho Ke Bich Khujli Ke Upay in Hindi
यह दाद की तरह दिखने वाली एक खुजली है जिसे चिकित्सकीय रूप से टिनिया क्रूरिस के नाम से जाना जाता है। यह अक्सर प्रजनन अंगों के आसपास होती है। अगर समय पर इसका इलाज नहीं किया जाता है तो यह आपके कूल्हों और आंतरिक जांघों में फैल सकता है। इस प्रकार की खुजली के लक्षणों में परतदार त्वचा, गोलाकार सूजन भरा क्षेत्र आदि होते हैं। हालांकि इस फंगल संक्रमण के इलाज के लिए कई दवाएं उपलब्ध हैं। लेकिन इसके कई प्राकृतिक उपचार भी होते हैं जो बहुत ही प्रभावी माने जाते हैं। आइए जाने जांघों के बीच फंगल संक्रमण के लिए घरेलू उपचार क्या हैं।
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कुछ खाद्य पदार्थों और औषधीय जड़ी बूटीयों का उपयोग कर इस समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। यह प्राकृतिक और प्रभावी तरीका हो सकता है। क्योंकि दवाओं का उपयोग करने पर कुछ दुष्प्रभाव हो सकते हैं। लेकिन प्राकृतिक उत्पादों का उपयोग करने पर यह सामान्य रूप से किसी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचाते हैं। आइए इन्हें विस्तार से जाने।
जननांग क्षेत्रों के आसपास होने वाली खुजली का प्राकृतिक इलाज लहसुन से किया जा सकता है। यह त्वचा और विशेष रूप से फंगल संक्रमण में बहुत ही प्रभावी माना जाता है। खुजली पर लहसुन का उपयोग करने पर इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट कैंडिडा, टोरुलोपसिस (Torulopsis), ट्राइकोफीटन और क्रिप्टोक्कोस (Trichophyton, and Cryptococcus) सहित अन्य प्रकार के कवक के प्रभाव को कम करने में मदद करते हैं।
उपचार के लिए जैतून तेल के साथ लहुसुन को कुचलक पेस्ट तैयार करें। इस पेस्ट को प्रभावित क्षेत्र में लगाएं और इसे किसी पतले सूती कपड़े से बांध लें। 2 घंटे के बाद आप इसे धो लें। जब तक आपको आराम न मिले इसे दिन में दो बार दोहराएं। लेकिन यदि आपको इस पेस्ट को लगाने पर सूजन या जलन होती है तो इस पेस्ट का उपयोग न करें।
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जांघों के बीच फंगल संक्रमण पुरुषों में अधिक होता है। लेकिन इस संक्रमण से महिलाएं भी प्रभावित हो सकती हैं। पुरुष जननांग में जलन और खुजली दूर करने के लिए सेब के सिरका का उपयोग किया जा सकता है। सेब का सिरका में एंटी-फंगल गुण होते हैं। इस कारण यह कैंडिडा फंगल संक्रमण को रोकने में मदद करता है। जांघ पर फंगल संक्रमण और खुजली का इलाज करने के लिए सेब का सिरका बहुत ही प्रभावी होता है। इसके लिए आप सेब के सिरका में किसी सूती कपड़े को भिगों कर प्रभावित क्षेत्र में लगाएं। ऐसा आपको नियमित रूप से दिन में तीन बार करना चाहिए। यह आपको खुजली से जल्द ही राहत दिला सकता है।
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प्राचीन समय से ही नारियल तेल को कई त्वचा समस्याओं के लिए उपयोग किया जा रहा है। नारियल के तेल में कुछ फैटी एसिड होते हैं। यह कोशिका झिल्ली को नुकसान पहुंचाने वाली फंगल कोशिकाओं को नष्ट करता है। कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि सामान्य त्वचा संक्रमण वाले लोगों के लिए नारियल का तेल एक प्रभावी उपाय हो सकता है। नारियल के तेल को प्रभावित क्षेत्र में प्रतिदिन 3-4 बार लगाना चाहिए। यह आपको जांघों के बीच की खुजली से आराम दिला सकता है। इसके अलावा लोग नारियल तेल को मॉइस्चराइजिंग लोशन के रूप में भी उपयोग कर सकते हैं। जो भविष्य में फंगल संक्रमण की संभावना को कम करने में सहायक होता है।
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एंटी-इंफ्लामेटरी गुणों के लिए हल्दी पहचानी जाती है। यह हमारे द्वारा उपयोग किया जाने वाले विशेष मसालों में से एक है। हल्दी हमारे अच्छे स्वास्थ्य के लिए जड़ी बूटीयों के रूप में भी उपयोग की जाती है। जांघ पर फंगल संक्रमण का इलाज करने के लिए हल्दी में एंटीमिक्राबियल गुण भी होते हैं।
फंगल संक्रमण को दूर करने के लिए आप हल्दी की चाय का सेवन कर सकते हैं। आप पानी या नारियल तेल के साथ हल्दी का मिश्रण तैयार करें। इस पेस्ट को प्रभावित क्षेत्र में लगाएं। लेकिन इसे साफ करने से पहले यह देख लें कि यह मिश्रण पूरी तरह से सूख जाए। हल्दी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और अन्य उपचार गुण संक्रमण को प्रभावी रूप से ठीक करने में मदद कर सकते हैं। यदि आप इस तरह की समस्या से परेशान हैं तो हल्दी का उपयोग आपके लिए फायदेमंद हो सकता है।
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प्राचीन समय से कई बैक्टीरिया और फंगल संक्रमण के इलाज के लिए टी ट्री ऑयल का उपयोग किया जा रहा है। आज टी ट्री आयल फंगल संक्रमण के इलाज में बहुत ही लोकप्रिय और प्रभावी माना जाता है। लेकिन टी ट्री आयल का उपयोग हमेशा किसी अन्य तेल के साथ मिलाकर उपयोग करना चाहिए। क्योंकि टी ट्री ऑयल बहुत ही शक्तिशाली होता है। इसलिए आप इसे नारियल तेल के साथ कम मात्रा में मिलाकर उपयोग कर सकते हैं। जांघ पर दाद का इलाज करने के लिए इस तेल को दिन में तीन बार उपयोग किया जाना चाहिए। यह फंगल संक्रमण को रोकने का प्रभावी इलाज हो सकता है।
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रसोई घर में आसानी से उपलब्ध होने वाला एक आम घटक बेकिंग सोडा है। जिसका उपयोग कर आप इस असहज समस्या का इलाज कर सकते हैं। प्रभावित क्षेत्र में इसका उपयोग करने पर यह पीएच स्तर को बनाए रखता है और इसके एंटी-फंगल गुण प्रभावी रूप से संक्रमण का इलाज करने में मदद करते हैं। आप पानी के साथ बेकिंग सोड़ा को मिलाकर एक मोटा पेस्ट तैयार करें। इस पेस्ट को खुजली वाली जगह पर लगाएं और 15 मिनिट के बाद इसे धो लें। जांघों के बीच खुजली से जल्दी राहत पाने के लिए आप इस विधि का उपयोग दिन में दो बार करें। यह खुजली से राहत पाने का सबसे अच्छा उपाय हो सकता है।
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जांघों के किनारे होने वाली खुजली का सबसे अच्छा इलाज एलोवेरा से किया जा सकता है। एलोवेरा में कई प्रकार के एंटीसेप्टिक ऐजेंट होते हैं। अध्ययनों के अनुसार एंटीफंगल, जीवाणुरोधी और एंटीवायरल गतिविधियों के कारण एलोवेरा त्वचा सहित अन्य संक्रमणों को प्रभावी रूप से ठीक कर सकता है। आप प्रभावित क्षेत्र में एलोवेरा जेल को दिन में 3-4 बार लगाएं। एलोवेरा जेल में शीतलन गुण भी होते हैं। इसलिए यह खुजली, जलन और सूजन जैसी स्थितियों को शांत करने में मदद करती है। अगर आप इस तरह के संक्रमण से ग्रसित हैं तो एलोवेरा जेल का उपयोग कर लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
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भारत में नीम का सबसे ज्यादा उपयोग औषधीय उद्देश्यों के लिए किया जाता है। प्राचीन समय से भारत में प्रमुख एंटीफंगल और डिटॉक्सिफायर के रूप में इसका उपयोग किया जा रहा है। नीम की पत्तियों से निकाले गए रस का उपयोग त्वचा में करने पर यह रोगजनकों को दूर करने में मदद करता है। जांघों के बीच खुजली की समस्या को दूर करने के लिए आप नीम की पत्तियों को पानी में कुछ देर उबालें। इस पानी से संक्रमति क्षेत्र को अच्छी तरह से धोएं। इसके अलावा आप नीम की पत्तियों का पेस्ट बना कर भी प्रभावित क्षेत्र में लगा सकते हैं। यह त्वचा संक्रमण को ठीक करने का प्रभावी तरीका है। ऐसा इसलिए है क्योंकि नीम में बहुत से उपचार गुण और एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में होते हैं।
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अध्ययनों से पता चलता है कि नींबू और इस तरह के अन्य खट्टे फलों में प्राकृतिक एंटीमाइक्राबायल गुण होते हैं। ये आपकी जांघों के बीच होने वाले फंगल संक्रमण को का इलाज करने में मदद करते हैं। नींबू का रस प्रभावित क्षेत्र की सूजन को कम करता है और संक्रमण को फैलने से रोकता है। जांघ पर चकत्ते का उपचार करने के लिए
लगभग 1 चम्मच नींबू का रस लें और इसे 1 चम्मच पानी के साथ मिलाकर पतला कर लें। इस मिश्रण में कपास को भिगोएं और संक्रमित क्षेत्र मे लगाएं। 4-5 मिनिट के बाद इसे पानी से धो लें। प्रभावी परिणाम प्राप्त करने के लिए नियमित रूप से प्रतिदिन नींबू के रस को लगाएं। हालांकि अम्लीय प्रकृति होने के कारण यह थोड़ा जलन पैदा कर सकता है। इसलिए घबराने की जरूरत नहीं है। लेकिन यदि आप इस जलन को सहन नहीं कर सकते हैं तो आप इस उपाय को छोड़ सकते हैं।
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फंगल संक्रमण से बचने के लिए कुछ सावधानियों को अपनाया जाना चाहिए। जो इस प्रकार हैं :
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