जड़ीबूटी

जटामांसी के फायदे और नुकसान – Jatamansi Benefits and side effects in Hindi

Jatamansi Benefits in Hindi जटामांसी जिसे नारडोस्टेयस जटामांसी भी कहते है यह हिमालयी क्षेत्र में पायी जाने वाली जड़ी बूटी है जो तनाव को कम करने, संज्ञानात्‍मक कार्य (cognitive function) और नींद में सुधार करने की क्षमता के लिए जानी जाती है बाजार में, यह जड़, तेल और पाउडर के रूप में उपलब्ध है। इस पर किये गए शोध बताते हैं कि जटामांसी का उपयोग स्मृति में सुधार, सूजन और अनिद्रा का इलाज करने में किया जा सकता है। जटामांसी के फायदे बहुत अधिक है। जटामांसी एक लुप्‍तप्राय आयुर्वेदिक चिकित्सा जड़ी बूटी है जिसका उपयोग कई औषधीय उद्देश्यों के लिए प्राचीन समय से किया जा रहा है। आयुर्वेद में इसका उपयोग मिर्गी (epilepsy), आवेग और हिस्‍टीरिया (hysteria) के लिए किया जाता है।

इस लेख में आप जानेंगे जटामांसी के फायदे और नुकसान jatamansi ke fayde Aur Nuksan in Hindi के बारे में।

विषय सूची

1. जटामांसी के फायदे – Jatamansi ke Fayde in Hindi

2. जटामांसी के नुकसान – Jatamansi Ke Nuksan in Hindi

जटामांसी के फायदे – Jatamansi ke Fayde in Hindi

आयुर्वेदिक जड़ी बूटी जटामांसी हमारे स्‍वास्‍थ्‍य के लिए बहुत ही लाभकारी है। यह हमारे कई सामान्‍य और गंभीर (normal and serious) रोगों से रक्षा करने के लिए जानी जाती है। यह पाचन, प्रतिरक्षा और मादा प्रजनन प्रणाली को सुधारने में बहुत ही महात्‍वपूर्ण है। आइए जाने जटामांसी क्‍यों आपके लिए महत्वपूर्ण है।

जटामांसी के फायदे महिलाओं के लिए – Jatamansi For Woman’s Herb in Hindi

 

आयुर्वेदिक परंपरा में सदियों से जटामांसी महिलाओं के लिए बहुत ही उपयोगी जड़ी बूटी का काम कर र‍ही है। यह महिला प्रजनन और हार्मोनल स्‍वास्‍थ्‍य का समर्थन करता है। यह मासिक धर्म चक्र (menstrual cycle) के समय ऐंठन और दर्द से राहत दिला कर आपके मासिक धर्म चक्र को नियमित बनाता है। इसका उपयोग गर्भाशय की सफाई और सूजन के इलाज में किया जाता है।

जटामांसी स्‍वस्‍थ अंडाशय के लिए प्रकृति का उपहार है क्‍योंकि यह अंडाशय (Ovary) से स्रावित दो मुख्‍य हार्मोन एस्‍ट्रोजन और प्रोजेस्‍टेरोन के उत्‍पादन को सं‍तुलित करता है। यह नपुंसकता का इलाज करने के लिए एक कामोद्दीपक (aphrodisiac) के रूप में भी प्रयोग किया जाता है।

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जटामांसी का पौधा स्मृति बढ़ाने के लिए – jatamansi for Enhance Memory in Hindi

एसिट्लोचिनिनेस्‍टेस पेशियों, तंत्रिका कोशिकाओं में स्थित एक एन्जाइम है जो एसिटाइल कोलीन (acetylcholine) की क्रिया को रोक देता है जो सीखने और स्मृति के लिए आवश्यक एक न्‍यूरोट्रांसमीटर होता है । एसिट्लोचिनिनेस्‍टेस अवरोधक संज्ञानात्‍मक कार्य में सुधार लाता है।

एक अध्ययन में पाया गया है कि जटामांसी चूहों के दिमाग में 50 प्रतिशत तक एसिट्लोचिनिनेस्‍टेस गतिविधि को कम किया। घटते एसिट्लोकोलीनस्‍टेस (acetylcholinesterase) गतिविधि चूहों में सीखने और स्मृति में सुधार की ओर इशारा करती है।
औषधीय पौधे मस्तिष्क के संकायों को बढ़ाने में सहायक होते है और मानसिक समस्याओं को ख़त्म करते है जिससे मन को शांति मिलती है। यह तीन वात, पित्त और कफ की कमी के लिए प्रभावी औषधीय जड़ों में से एक है और शरीर के दोषों को ख़त्म करती है।

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जटामांसी का उपयोग ब्‍लडप्रेशर कम करने में – Jatamansi For lower Blood pressure in Hindi

हाई बीपी का इलाज करने का प्राकृतिक तरीका जटामांसी का उपयोग है। आप अपने रक्‍तचाप को नियंत्रित करने और अपने शरीर को स्‍वस्‍थ्‍य रखने के लिए जटामांसी का उपयोग कर सकते है। आपका रक्‍तचाप जितना अधिक होगा, आपको दिल की बीमारी (heart disease), मधुमेह और गुर्दे की विफलता होने की संभावना अधिक होगी। जटामांसी धमनीयों को फैलाने का काम कर स्वाभाविक रूप से उच्‍च रक्‍तचाप को कम करता है। जटामांसी में एंटीआक्‍सीडेंट अच्‍छी मात्रा में होते है, जो आक्‍सीडेटिव तनाव (oxidative stress) को कम करता है और आपके समग्र तनाव स्‍तर को नीचे लाता है।

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जटामांसी चूर्ण के फायदे पाचन के लिए – Jatamansi For Digestive in Hindi

 

आपके आंतों के स्‍वास्‍थ्‍य के लिए जटामांसी बहुत ही फायदेमंद है। आयुर्वेदिकलैक्सेटिव (laxative) होने के नाते, जटामांसी पूरे पाचन तंत्र को सहायता प्रदान करता है। यदि आपको गैस या पेट की सूजन (gas or bloating) है तो इसके उपचार में भी जटामांसी आपकी सहायता कर सकती है।

(और पढ़े – पेट की गैस के कारण और आसान घरेलू इलाज)

जटामांसी के फायदे तनाव दूर करने में – Jatamansi ke Fayde for Stress buster in Hindi

इस पौधे में शरीर की जैव रासायनिक प्रतिक्रियाओं को संतुलित करके चिंता और तनाव को कम करने की शक्ति होती है। दिमाग शांत और स्वस्थ होना अच्छा माना जाता है और यह बेहतरीन दिमाग की टॉनिक में से एक के रूप में कार्य करता है। यह उन लोगों के लिए अच्छी नींद लेन में सहायता करता है जिनके पास तनाव पूर्ण जीवन है।

नॉर्डोस्टैचिस जटामांसी पारंपरिक रूप से मत्स्यदी क्वाथा (Mamsyadi Kwatha) (80% जटामांसी) नामक जड़ी बूटी के मिश्रण में शामिल किया गया था जिसका उपयोग अवसाद और चिंता का इलाज करने के लिए किया जाता था।

(और पढ़े – मानसिक तनाव के कारण, लक्षण एवं बचने के उपाय)

जटामांसी का प्रयोग अनिंद्रा दूर करने में  – Jatamansi For Insomnia Remedy in Hindi

चिंता और तनाव (anxiety and stress) अनिद्रा के सबसे बड़े कारण होते है। यदि आपको सोते समय या सोने में लगातार कठिनाई हो रही है, और आप इसका इलाज नहीं करा रहे हैं तो यह अनिद्रा को बढ़ा सकता है। अनिद्रा होने के कई कारण हैं जैसे ज्यादा मीठा खाना, शराब, खराब पाचन तंत्र और व्यायाम की कमी आदि, ये सभी कारण अनिद्रा को बढ़ा सकते हैं।

अगर आपको नींद नहीं आ रही है तो इसके लिए नींद की गोलियां लेने के बजाय आप जटामांसी का सेवन करें, क्‍योंकि नींद की गोलियों के दुष्‍प्रभाव हो सकते हैं।

जटामांसी की जड़ों के फायदे इम्युनिटी बढ़ाने के लिए – Jatamansi For Immunity in Hindi

आयुर्वेदिक जड़ी बूटी जटामांसी आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली (Immune system) को बढ़ावा दे सकती है। जटामांसी के स्‍वास्‍थ्‍य लाभ कुछ बीमारीयों के इलाज के लिए बहुत उपयोगी हैं। यह आयुर्वेदिक जड़ी बूटी आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देकर निवारक देखभाल प्रदान करती है जो बीमारी को दूर रखती है।

(और पढ़े – रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के उपाय)

जटामांसी का तेल बालों के लिए – Jatamansi For Hair growth in Hindi

बालों के विकास के लिए जटामांसी तेल बहुत ही लाभकारी होता है। यह बालों को चिकना, रेशमी और स्‍वस्‍थ (silky and healthy) बनाने के लिए भी फायदेमंद है। इसका उपयोग रंग सुधारने के लिए किया जाता है और शरीर को चमकदार बनाता है। जटामांसी के पाउडर को पानी में घोलकर अपने बालों में लगाए यह आपके बालों को सुंदर और स्‍वस्‍थ्‍य बनाएगा।

(और पढ़े – बाल झड़ने से रोकने का आयुर्वेदिक उपाय)

बालछड़ के फायदे त्वचा के लिए  – Balchad Ke Fayde for skin in Hindi

 

आपकी त्वचा का रंग सुधारने और उसे चमकाने के लिए जटामांसी का उपयोग किया जा सकता है। यह पूरी त्वचा टॉनिक होने के कारण, यह फटी एड़ियों, घाव, खुजली वाली त्वचा, चकते के कारण जलन, जीवाणु संक्रमण (bacterial infection) और दाद को ठीक करती है।

यदि आप जटामांसी के साथ अपनी त्वचा को साफ करना चाहते हैं, तो आप जटामांसी तेल के साथ शारीरिक स्‍क्रब (Desert Sage Body scrub) कर सकते हैं।

(और पढ़े – दाद ठीक करने के असरदार घरेलू उपाय)

जटामांसी के फायदे कैंसर को रोके – Jatamansi Has Anticancer Effects in Hindi

कैंसर के प्रभावों को कम करने के लिए जटामांसी का उपयोग आयुर्वेदिक विज्ञान में किया जाता है। जटामांसी ने स्तन कैंसर कोशिकाओं की कोशिका मृत्यु (apoptosis) को जन्म दिया और उनकी वृद्धि को रोक दिया।

जटामांसी तंत्रिका ऊतक कैंसर (nerve tissue cancer) की वृद्धि को रोकता है और पी 53 की गतिविधि को बढ़ाता है। यह एक प्रोटीन होता है जो कैंसर को बनने से रोकने में मदद करता है।

(और पढ़े – स्तन कैंसर कारण, लक्षण और बचाव के तरीके)

जटामांसी का उपयोग संक्रमण रोकने में – Jatamansi For Antimicrobial Activity in Hindi

संक्रमण (infection) के इलाज में जटामांसी पारंपरिक रूप से भारत में उपयोग किया जाता है। जटामांसी के आवश्‍यक तेल, कवक एस्पर्जिलस फ्लैवस, एस्पर्जिलस और फूसियम आक्‍सीस्‍पोरम के विकास को धीमा करता है। यह महात्‍वपूर्ण जीवाणुरोधी (antibacterial) गुण रखता है।

जटामांसी पाउडर के फायदे दिल के लिए – Jatamansi Powder Protect the Heart in Hindi

डाक्‍सोर्यूबिसिन एक दवा है जो दिल की क्षति का कारण बनती है। जटामांसी, एंटीआक्‍सीडेंट एंजाइमों (Antioxidant enzymes) को बहाल करते हैं और डाक्‍सोर्यूबिसिन के संपर्क में आकर आक्‍सीडेटिव क्षति को कम करने में मदद करते हैं।

जटामांसी के नुकसान – Jatamansi Ke Nuksan in Hindi

इस जड़ी बूटी के सेवन से किसी प्रकार के दुष्‍प्रभाव नहीं होते हैं। मरीजों को अतिसंवेदनशील प्रतिक्रियाएं होती हैं, गर्भवती या स्‍तनपान करा रहीं महिलाओं को चिकित्‍सकीय दवाओं का उपयोग करना चाहिए क्‍योंकि इन विषयों पर जटामांसी के अध्‍ययनों की कमी है।

जटामांसी के नुकसान निम्न है-

  • अति संवेदनशील व्यक्तियों को इसके उपयोग से बचना चाहिए।
  • जटामांसी की अधिक खपत से उल्‍टी, दस्‍त, और पेट दर्द हो सकता है।
  • जटामांसी आवश्यक तेल आंख की जलन पैदा कर सकता है।
  • यदि इसे अतिरिक्त मात्रा में लिया जाए तो इससे मूत्र संबंधी (urinary problems) समस्याएं भी हो सकती हैं।
  • अधिक मात्रा में इसका सेवन करने से मतली की शिकायत हो सकती है।
  • गर्भवती और स्‍तनपान कराने वाली माताओं को भी इसके सेवन से बचना चाहिए।

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