Cumin Seeds In Hindi: जीरा एक प्रमुख खाद्य मसाला है जिसके लाभ औषधीय जड़ी बूटी के रूप में भी होते हैं। केवल जीरा का नाम सुनते ही मन में किसी चटपटे और स्वादिष्ट खाद्य पदार्थ की याद आना स्वाभाविक है। क्योंकि जीरा का उपयोग व्यंजनों का स्वाद बढ़ाने के लिए किया जाता है। लेकिन क्या आप जीरा खाने के फायदे और नुकसान से वाकिफ हैं। जीरा के औषधीय गुणों के कारण इसे आयुर्वेद में औषधी के रूप में उपयोग किया जाता है। जीरा के फायदे हमें कई स्वास्थ्य लाभ दिलाने में मदद करते हैं।
नियमित रूप से जीरा का इस्तेमाल पाचन को स्वस्थ रखने, सूजन से बचाने, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने, नींद को बेहतर करने, मधुमेह को रोकने और कोलेस्ट्रॉल संबंधी समस्याओं को कम करने में मदद करता है। इस लेख में आप जीरा का उपयोग करने के फायदे और इससे होने वाले नुकसान संबंधी जानकारी प्राप्त करेंगें।
क्यूमिंग या जीरा एक औषधीय पौधा है जो एपियासी (Apiaceae) फैमिली से संबंधित है। जीरा का वनस्पतिक नाम कम्यूनिकम सिम्यूनम (Cuminucum cyminum) यह एक बहुत ही लोकप्रिय मसाला है जिसका आकार बहुत ही छोटा होता है।
इन छोटे बीजों में बहुत से पोषक तत्व और खनिज पदार्थ उच्च मात्रा में होते हैं। जीरा के बीजों से आवश्यक तेल भी प्राप्त किया जाता है जिसका उपयोग कई स्वास्थ्य समस्याओं के उपचार में होता है। आइए जाने जीरा में पाए जाने वाले पोषक तत्व कौन-कौन से हैं।
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हम सभी जानते हैं कि जीरा का मसाले के साथ ही विभिन्न प्रकार की औषधियों के निमार्ण में भी उपयोग किया जाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि जीरा में पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्व और खनिज पदार्थों की मौजूदगी होती है। इसमें आयरन, कैल्शियम, मैगनीज, मैग्नीशियम और फास्फोरस आदि की अच्छी मात्रा होती है।
जीरे के फायदे इसमें उपलब्ध विटामिन के कारण भी होते हैं जिनमें थायमिन, राइबोफ्लेविन, नियासिन, विटामिन ए, विटामिन सी, विटामिन ई, विटामिन K और विटामिन बी6 भी होते हैं। इसके अलावा जीरा में कॉपर, जिंक, और पोटैशियम जैसे खनिज भी अल्प मात्रा में होते हैं। इन सभी खजिन पदार्थों और पोषक तत्वों के कारण जीरा हमारे स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है।
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औषधीय गुणों से भरपूर जीरा की तासीर गर्म होती है। नियमित रूप से जीरा का सेवन करने से इसकी गर्म तासीर वात और कफ दोषों को नियंत्रित करने में सहायक होती है। यही कारण है कि पाचन संबंधी और सामान्य सर्दी जुखाम का उपचार के लिए सदियों से गर्म तासीर वाले जीरा का उपयोग किया जा रहा है।
अपने दैनिक उपयोग के लिए आप जीरा पाउडर को बाजार से खरीद सकते हैं। हालांकि बाजार में मिलने वाले जीरा पाउडर की शुद्धता पर संदेह हो सकता है। क्योंकि बाजार में मिलने वाला जीरा पाउडर रसायनों से दूषित हो सकता है। जो आपके स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए बेहतर है कि आप अपने घर पर ही जीरा का पाउडर तैयार कर सकते हैं। आइए जाने घर पर जीरा पाउडर तैयार करने की विधि क्या है।
सामग्री – जीरा पाउडर बनाने के लिए आपको ½ कप जारा के बीज चाहिए।
जीरा पाउडर बनाने का तरीका
अक्सर हम घर में जीरा का उपयोग केवल व्यंजनों को बनाने के दौरान ही करते हैं। लेकिन आपने कभी स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करने की दृष्टि से जीरा का इस्तेमाल किया है। यदि नहीं किया है तो अब करने लगेगें। क्योंकि हम यहां जीरा से प्राप्त होने वाले फायदों की बात कर रहे हैं। जिन्हें जानकर आप हैरान हो जाएगें कि आकार छोटा दिखने वाला जीरा हमारे लिए कितना उपयोगी है। आइए जाने जीरा के हेल्थ बेनिफिट्स क्या हैं।
पेट से संबंधित समस्याओं को दूर करने के लिए भुना हुआ जीरा एक अच्छा और प्रभावी घरेलू उपचार माना जाता है। जानकारों के अनुसार जीरा का सेवन करने से अम्लता और पेट की सूजन को कम करने में मदद मिल सकती है। साथ ही यह अपच से भी छुटकारा दिला सकता है। पेट का दर्द होने के दौरान जीरा का उपयोग दर्द नाशक के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
इसके लिए आप जीरा के पानी का भी सेवन कर सकते हैं। जीरा पानी आमतौर पर पाचन एंजाइमों के स्राव को उत्तेजित करने और पाचन प्रक्रिया को तेज करने में मदद करता है। इस तरह से आप अपने पेट को स्वस्थ्य रखने के लिए जीरा के लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
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जीरा में मौजूद पोषक तत्वों में आयरन, विटामिन सी, और विटामिन ए की भरपूर मात्रा होती है। इसलिए जीरा का इस्तेमाल करना आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है। विटामिन सी एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट होता है जो सफेद रक्त कोशिकाओं के कार्य और गतिविधि को उत्तेजित करता है।
इसके अलावा जीरा के एंटीऑक्सीडेंट उन फ्री रेडिकल्स को भी बेअसर करते हैं जो सफेद रक्त कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा सकते हैं। यदि आप भी अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना चाहते हैं तो जीरा का सेवन करना एक प्राकृतिक उपाय हो सकता है।
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जीरा में मौजूद पोषक तत्व और खनिज पदार्थ अस्थमा और ब्रोंकाइटिस जैसी श्वसन संबंधी समस्याओं को दूर करने में लाभ दिला सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि जीरा में एंटी-कंजेस्टिव गुण होते हैं। यह एक एक्सफोलिएट के रूप में कार्य करता है जिसका मतलब यह है कि यह श्वसन पथ में जमा बलगम और कफ को ढीला करके बाहर निकालने में मदद करता है।
नियमित रूप से जीरा का सेवन करना श्वसन पथ में कफ के गठन को रोकने में सहायक होता है। यदि आप भी श्वसन संबंधी संक्रमण का इलाज करना चाहते हैं तो अपने दैनिक आहार में जीरा की कुछ मात्रा को शामिल कर सकते हैं।
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डायबिटिक रोगियों के लिए जीरा एक आयुर्वेदिक औषधि हो सकती है। क्योंकि जीरा का सेवन करने से यह हाइपोग्लाइसीमिया (hypoglycemia) की संभावना को कम करके मधुमेह के लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती है। एक पशू अध्ययन से भी यह पता चलता है कि जीरा में ऐसे औषधीय गुण होते हैं जो मधुमेह के प्रभाव को कम करने में प्रभावी होते हैं।
अध्ययनों से यह स्पष्ट होता है कि मौखिक रूप से जीरा का सेवन करने से रक्त शर्करा में और ग्लूकोसुरिया में उल्लेखनीय कमी आई, जो एक ऐसी स्थिति है जिसमें मूत्र में बहुत अधिक ग्लूकोज होता है। जिसके परिणामस्वरूप हाइपोग्लाइसीमिया और मधुमेह भी होता है। यदि आप भी मधुमेह रोगी हैं तो जीरा के औषधीय गुणों का लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
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आयुर्वेद में जीरा का उपयोग विभिन्न प्रकार के संक्रमण को रोकने के लिए प्रमुख रूप से किया जाता है। आप भी भोजन आधारित होने वाले संक्रमण या अन्य समस्याओं को रोकने के लिए भुने हुए जीरे का इस्तेमाल कर सकते हैं। भुना जीरा खाने के फायदे इसमें मौजूद एंटी-बैक्टीरियल, एंटीवायरल और जीवाणुरोधी गुणों के कारण होते हैं। इसलिए जीरा का इस्तेमाल संक्रमण और खाद्य जनित बीमारियों से लड़ने में मदद करता है। जीरे का प्रयोग आप कीटाणुनाशक के रूप में भी कर सकते हैं।
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जिन लोगों को उच्च कोलेस्ट्रॉल संबंधी समस्याएं होती हैं उनके लिए जीरा बहुत ही लाभकारी होता है। जीरे में हाइपोलिपिडेमिक गुण होते हैं। इस गुण के कारण जीरा शरीर में कोलेस्ट्रॉल के उच्च स्तर को को नियंत्रित करने में मदद करता है। आप अपने नियमित आहार में जीरा को शामिल करने के साथ ही खाली पेट भी जीरा का सेवन कर सकते हैं।
खाली पेट जीरा खाने के फायदे आपके शरीर में खराब कोलस्ट्रॉल को कम करने और मोटेपा संबंधी समस्याओं को दूर करने में भी प्रभावी होता है।
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चुटकी भर जीरा के फायदे आपको कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से बचा सकते हैं। एनीमिया भी एक गंभीर बीमारी है जो शरीर में रक्त की कमी से संबंधित है। अपने दैनिक आहार में नियमित रूप से जीरे को शामिल करना आपको एनीमिया के प्रभाव से बचा सकता है।
जीरा में आयरन की भरपूर मात्रा होती है जो हमारे दैनिक आहार के लिए सबसे महत्वपूर्ण है। जीरा खाने के फायदे आपको न केवल एनीमिया बल्कि थकान, चिंता और संज्ञानात्मक खराबी जैसे लक्षणों से बचा सकता है।
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जो लोग अपनी हड्डियों को स्वस्थ रखने के लिए कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थों की तलाश कर रहे हैं। उनके लिए जीरा एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है। क्योंकि जीरा में कैल्शियम की पर्याप्त मात्रा होती है। नियमित रूप से जीरा का सेवन करने पर यह बढ़ती उम्र के दौरान ऑस्टियोपोरोसिस की शुरुआती लक्षणों को रोकने में सहायक हो सकता है। आप भी अपनी हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए जीरा का इस्तेमाल खाद्य औषधीय जड़ी बूटी के रूप में कर सकते हैं।
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दैनिक आहार में जीरा का नियमित उपयोग करना आपको विभिन्न प्रकार के त्वचा संक्रमणों से बचा सकता है। जीरा के औषधीय गुण फोड़े, चकत्ते, फुंसियों और अन्य प्रकार के संक्रमणों की रोकथाम में मदद करते हैं। जीरा में क्यूमिनाल्डिहाइड (cuminaldehyde), थाइमोल (thymol) और फास्फोरस जैसे डिटॉक्सिफाइंग एजेंट होते हैं। जो हमारे शरीर में मौजूद विषाक्त पदार्थों को आसानी से दूर करने और शरीर को संक्रमण से बचाने में मदद करते हैं।
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कैंसर रोगियों के लिए जीरा एक आयुर्वेदिक औषधि साबित हो सकती है। क्योंकि जीरा में एंटीऑक्सीडेंट, केमोप्रेंटिव और एंटी-कार्सिनोजेनिक गुण होते हैं। इन गुणों के कारण जीरा का इस्तेमाल विभिन्न प्रकार के कैंसर और विशेष रूप से बृहदान्त्र और स्तन कैंसर के बचाव में मदद कर सकता है। एक अध्ययन से पता चलता है कि जीरे के बीजों में मौजूद थाइमोक्विनोन एंटीट्यूमर, एंटीकैंसर और एंटी-इंफ्लामेटरी गुण होते हैं। इस तरह से जीरा कैंसर रोगियों को फायदा दिला सकता है।
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बवासीर के लक्षणों को कम करने और इसका उपचार करने के लिए जीरा बहुत ही लोकप्रिय औषधी के रूप में उपयोग किया जाता है। जीरा में फाइबर की पर्याप्त मात्रा होती है इसके अलावा इसमें कर्मिनिटिव, उत्तेजक, एंटीफंगल और रोगाणुरोधी गुण भी होते हैं। इसलिए जीरा पाउडर के फायदे एक प्रभावी और प्राकृतिक लैक्सेटिव (laxative) के रूप में भी होते हैं।
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शरीर के विभिन्न हिस्सों में होने वाली सूजन का उपचार करने के लिए जीरा का उपयोग कई प्रकार से किया जा सकता है। जीरा का पानी भी सूजन और इससे होने वाले दर्द संबंधी लक्षणों को कम करने में प्रभावी होता है। जीरे के पानी में एंटी-इंफ्लामेटरी और एंटीसेप्टिक गुण होते हैं। जिसके कारण यह गठिया के कारण होने वाली सूजन और दर्द से राहत दिलाने में सहायक हो सकता है।
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हम सभी जान चुके हैं कि जीरा में आयरन की उच्च मात्रा होती है। इस कारण ही जीरा स्तनपान कराने वाली महिलाओं के साथ ही गर्भवती और मासिक धर्म से गुजर रही महिलाओं के लिए फायदेमंद होता है। जीरा में थाइमोल (thymol) की मौजूदगी के कारण यह स्तनपान कराने वाली महिलाओं में दूध के उत्पादन को बढ़ाने में मदद करता है।
जीरा की 1 चम्मच (लगभग 60 ग्राम) मात्रा में इतना कैल्शियम होता है जो महिलाओं की दैनिक आवश्यकता का लगभग 20 प्रतिशत होता है। इसलिए स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए जीरे का सेवन करना अतिरिक्त लाभ दिला सकता है।
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जीरे में आयरन की उच्च मात्रा होती है, जिसके कारण दैनिक आहार में इसे शामिल करना स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है। आयरन की पर्याप्त मात्रा के कारण शरीर के सभी हिस्सों सहित मस्तिष्क में भी रक्त का उचित संचार होता है, जिससे संज्ञानात्मक प्रदर्शन में वृद्धि हो सकती है।
एक अध्ययन के अनुसार जीरा में एंटी-स्ट्रेस, एंटीऑक्सीडेंट ओर मेमोरी बढ़ाने वाले गुण भी होते हैं। जिसके कारण यह न केवल तनाव को कम करने बल्कि मस्तिष्क को स्वस्थ रखने में भी सहायक होते हैं।
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जीरा पाउडर एक सबसे अच्छा विकल्प है जो शरीर के स्वस्थ वजन को बनाए रखने में मदद करता है। जीरा शरीर में मौजूद अतिरिक्त वसा को जलाने में सक्षम होता है। अध्ययनों से पता चलता है कि जो लोग अपने दैनिक आहार में जीरा पाउडर का उपयोग करते हैं, उनके मोटापे में लगभग 15 प्रतिशत तक की कमी हो सकती है।
मोटापा घटाने के लिए जीरा पाउडर एक प्राकृतिक उपाय हो सकता है। आप जीरा पाउडर का उपयोग जीरा पानी बनाने के लिए भी कर सकते हैं।
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पुरुषों के यौन स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए भी जीरा का इस्तेमाल किया जा सकता है। जीरा खाने के फायदे पुरुषों की प्रजनन क्षमता को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं। जीरा के बीजों में जस्ता होता है जो शुक्राणुओं के उत्पादन को बढ़ाता है। साथ ही जस्ता की मदद से न्यूक्लिक एसिड को संश्लेषित किया जाता है।
यह पुरुषों के मूड में भी सुधार करने और अनिद्रा का इलाज करने में प्रभावी योगदान दे सकता है। आप अपने दैनिक आहार में प्रतिदिन 2 चम्मच जीरा पाउडर को शामिल कर सकते हैं, यह आपके शरीर में शुक्राणुओं की गुणवत्ता और संख्या में सुधार कर सकता है। जिससे पुरुष अपनी प्रजनन क्षमता में वृद्धि कर सकते हैं।
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डिटॉक्सिफिकेशन गुण होने के कारण प्राचीन समय से ही जीरा का उपयोग शरीर की विषाक्तता दूर करने के लिए किया जा रहा है। इसके अलावा जीरा में पाचन एंजाइमों के उत्पादन को बढ़ाने की क्षमता भी होती है। अध्ययनों से पता चलता है कि नियमित रूप से जीरा पानी का सेवन करना शरीर की विषाक्तता को बाहर निकालने में सहायक होता है। इसके अलावा जीरा के औषधीय गुण शरीर में पित्त के स्तर को संतुलित करने में भी सहायक होते हैं इसलिए जीरा का सेवन करना लिवर के लिए अच्छा माना जाता है।
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सर्दियों में नाक बंद होने की समस्या तो बहुत ही आम है। लेकिन ये समस्या लंबे समय तक लोगों परेशान कर सकती है। यदि आप इससे राहत पाना चाहते हैं तो जीरे का इस्तेमाल करना ना भूलें। जीरे को अच्छी तरह से भून ले और इसकी एक पोटली बना ले। फिर समय समय पर इसे संघूते रहें। ऐसा करने से छींक आना बंद हो जाएगी।
इसके साथ ही जीरा कब्ज (Constipation) को दूर करने में भी सहायक है। कब्ज को दूर करने के लिए एक गिलास छाछ में काला नमक (Black salt) व भूना जीरा मिलाकर पी ले। ऐसा करने से आपको जल्दी राहत मिलेगी।
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पेट में दर्द कभी भी हो सकता है। लेकिन जब पेट दर्द असहनीय हो जाए तो एक बार घरेलू नुस्खे भी आजमाकर जरूर देखने चाहिए। पेट दर्द में जीरा और चीनी (Jeera aur sugar) को समान मात्रा में मिलाकर इस मिश्रण का सेवन किया जा सकता है। इस मिश्रण को खूब चबा-चबा कर खाना चाहिए जिससे जीरे से निकलने वाला रस आपको तुरंत फायदा पहुंचाता है।
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बुखार में बदन टूट सा जाता है। साथ ही कई बार शारीरिक कमजोरी का भी अनुभव होता है। ऐसे में जीरे के साथ गुड़ (Jeera aur gud) को मिलाकर इसकी गोलियां बना कर दिन में कम से कम दो से तीन बार खाने से शरीर का तापमान नियंत्रित हो जाता है। आप भी बुखार के लक्षणों को कम करने के लिए जीरा का इस्तेमाल प्राकृतिक घरेलू उपाय के रूप में कर सकते हैं।
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यदि किसी का जी मिचला रहा हो तो जीरे को चबा चबा कर खाने से राहत मिल सकती है। जीरा के रस (Jeera juice) चूसने से जी मिचलाना काफी हद तक कम हो जाता है इसके अलावा पानी में इलाइची को उबालकर पीने से भी जी मचलाना बंद हो जाता है।
जिन महिलाओं को मॉर्निग सिकनेंस जैसी समस्याएं होती हैं उनके लिए जीरा और जीरा पानी का सेवन करना एक अच्छा घरेलू उपाय हो सकता है।
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जीरे में पाए जाने वाले पोषक तत्व (Nutrients in cumin) और एंटी-ऑक्सीडेंट पाचन तंत्र को मजबूत बनाते हैं | जीरा इम्यूनि सिस्टम को बढ़ाता है साथ ही पेट से संबंधित रोगों को भी दूर कर सकता है | जीरा का सेवन करने से भोजन जल्दी और अच्छी तरह से पच (Digest) जाता है। इसके अलावा जीरा के साथ आंवला, अजवाइन, और काला नमक मिलाकर खाने से भूख बढ़ती है। यह मिश्रण दस्त में भी राहत दिला सकता है।
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जीरा में कई प्रकार के मिनिरल्स और विटामिन पाए जाते है। त्वचा को खूबसूरत बनाए रखने के लिए विटामिन ई की जरूरत होती है। जीरा में पाया जाना वाला विटामिन ई त्वचा को स्वस्थ्य रखने में मदद करता है। इसके साथ ही यह मुंहासे व फुंसियों को त्वचा पर आने से रोकता है। जीरा में एंटी फंगल गुण भी होते है जिससे आपकी त्वचा इंफेक्शन (Skin infections) से बच सकती है।
इन सब के अलावा जीरा का उपयोग एक्जिमा और सोराइसिस (Eczema and psoriasis) को ठीक करने में भी किया जाता है। आप चाहे तो जीरा पाउडर को अपने फेसपैक के साथ मिलाकर भी इस्तेमाल कर सकते है।
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त्वचा को खूबसूरत बनाने के साथ साथ जीरा हमारे बालों के लिए भी काफी फायदेमंद होता है। बालों के लिए मार्केट में एक अलग प्रकार का काला जीरा आता है। काले जीरा का तेल सिर में लगाने से बालों का झड़ना काफी कम हो सकता है। इसके साथ ही प्रति दिन काले जीरे का सेवन करने से बाल घने , काले और मजबूत बनाने में मदद मिल सकती है।
इन सब के अलावा जो व्यक्ति रूसी (dandruff) से परेशान है उसके लिए भी काला जीरा काफी फायदेमंद हो सकता है। रूसी को भगाने के लिए तेल के साथ जीरा को भी गर्म कर ले और गुनगुने तेल से सिर की मसाज करे। दिन में 2 से 3 बार ऐसा करने से सिर की रूसी को कम करने में मदद मिल सकती है।
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हर चीज का फायदा तब ही होता है जब उसे संतुलित तरीके से सेवन किया जाए। ऊपर आपने जीरा के फायदे के बारे में जाना आईए अब जानते है अत्याधिक जीरा के सेवन से शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है। और जीरा खाने के नुकसान क्या है (Cumin seeds side effects in hindi )
जीरा खाने के फायदे, उपयोग और नुकसान (Jeera (Cumin) Ke Fayde Aur Nuksan in Hindi) का यह लेख आपको कैसा लगा हमें कमेंट्स कर जरूर बताएं।
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