ज्यादा भूख लगने की समस्या एक बीमारी भी हो सकती है, जो अनेक स्थितयों को प्रगट करती है। अधिकांश स्थितियों में भूख का बढ़ना, मधुमेह का संकेत हो सकती है। ज्यादा भूख लगना को अग्रेज़ी में पॉलीफेगिया कहा जाता है। इस समस्या से ग्रस्त व्यक्ति अधिक भोजन करने के बाद भी कम वजन का अनुभव करते हैं, क्योंकि अतिरिक्त कैलोरी मूत्र में शर्करा या ग्लूकोज के रूप में शरीर से बहार कर दी जाती है। इसके अतिरिक्त हाइपरथायरायडिज्म और ग्रेव्स रोग (Graves’ disease) सहित कुछ स्थितियों के कारण भी भूख में वृद्धि हो सकती है।
अतः यदि किसी व्यक्ति को बढ़ी हुई भूख के साथ साथ अन्य लक्षण प्रगट होते हैं, तो उसे डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। यह लेख ज्यादा भूख लगना की बीमारी के बारे में है। इसमें आप ज्यादा भूख लगने के कारण, लक्षण, जांच, इलाज, और बचाव के उपाय के बारे में जानेगें।
पॉलीफेगिया (polyphagia), जिसे हाइपरफैगिया (hyperphagia) भी कहा जाता है, अधिक भूख या भूख में वृद्धि (Increased appetite) की स्थिति का वर्णन करने के लिए एक चिकित्सकीय शब्द है। इसका संबंध व्यायाम या अन्य शारीरिक गतिविधियों के बाद भूख में वृद्धि से नहीं है। चूँकि अन्य मामलों में खाना खाने के बाद भूख का स्तर सामान्य हो जाता है, जबकि अधिक भोजन करने के बाद भी पॉलीफेगिया (ज्यादा भूख लगने) की समस्या दूर नहीं होती है, और लंबे समय तक बनी रहती है।
पॉलीफेगिया की स्थिति में अधिक भूख लगने के साथ पॉलीडिप्सिया (Polydipsia) (प्यास में वृद्धि) और पॉल्यूरिया (Polyuria) (अत्यधिक पेशाब जाना) की समस्याएं भी उत्पन्न हो सकती हैं। पॉलीफेगिया का इलाज करने के लिए अंतर्निहित कारणों को नियंत्रित करने की आवश्यकता होती है।
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अनेक प्रकार की स्थितियां ज्यादा भूख लगने (पॉलीफेगिया) की बीमारी का कारण बन सकती हैं, जिनमें शामिल हैं:
हाइपोग्लाइसीमिया (Hypoglycemia), एक निम्न रक्त शर्करा की स्थिति है। यह समस्या, अधिकतर मधुमेह वाले व्यक्तियों को परेशान करने के साथ-साथ किसी भी व्यक्ति को प्रभावित कर सकती है। हाइपोग्लाइसीमिया की स्थिति ज्यादा भूख लगाने (polyphagia) के साथ-साथ निम्न लक्षणों के उत्पन्न होने का कारण बन सकती है, जिनमें शामिल हैं:
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हाइपरथायरायडिज्म एक ऐसी स्थिति है, जिसमें थायरॉयड तेजी से कार्य करता है। थायरॉयड ग्रंथि, शरीर के कई कार्यों को नियंत्रित करने के लिए कुछ हार्मोन रिलीज करती है। थायराइड हार्मोन चयापचय में भी मुख्य भूमिका निभाते हैं। अतः जब बहुत अधिक मात्रा में थायराइड हार्मोन का उत्पादन होता है, तो चयापचय की क्रिया तीव्र हो जाती है, और ज्यादा भूख की समस्या (polyphagia) उत्पन्न होती है। अधिक भूख लगने के अलावा इस स्थिति में निम्न लक्षण भी प्रगट हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:
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पॉलीफेगिया (बहुत अधिक भूख लगना), मधुमेह की बीमारी की ओर इशारा हो सकता है। शरीर द्वारा भोजन को ग्लूकोज में बदला जाता है। यदि किसी व्यक्ति को मधुमेह है, तो उसका शरीर या तो इंसुलिन का पर्याप्त उत्पादन नहीं करता है (टाइप 1 डायबिटीज की स्थिति) या फिर शरीर ठीक तरह से इंसुलिन का उपयोग नहीं करता है (टाइप 2 डायबिटीज की स्थिति)। जिसके फलस्वरूप, रक्तप्रवाह में ग्लूकोज का स्तर बढ़ता है और कोशिकाएं ग्लूकोज को ऊर्जा के रूप में उपयोग नहीं कर पाती हैं। ऊर्जा की कमी की स्थिति में कोशिकाएं, मस्तिष्क को खाना खाने का संकेत देती हैं। अतः मधुमेह की स्थिति में ज्यादा भूख लगने के साथ अन्य लक्षण भी उत्पन्न होते हैं, जिनमें शामिल हैं:
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एक महिला के मासिक चक्र (monthly cycle) से जुड़े हार्मोन परिवर्तन के कारण पीरियड शुरू होने से पहले ही बहुत अधिक भूख का अहसास हो सकता है। एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरोन में स्पाइक्स (Spikes) और सेरोटोनिन (serotonin) के कम स्तर के परिणामस्वरूप कार्ब्स और वसा को प्राप्त करने की तीव्र इच्क्षा हो सकती है। प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम के अन्य लक्षणों में निम्न को शामिल किया जा सकता है, जैसे:
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तनावग्रस्त होने की स्थिति में व्यक्ति का शरीर अधिक मात्रा में कोर्टिसोल (Cortisol) हार्मोन जारी करता है। कोर्टिसोल हार्मोन के कारण अधिक भूख लगने की समस्या उत्पन्न हो सकती है। तनाव की स्थिति में पॉलीफेगिया (polyphagia) के अलावा निम्न शारीरिक लक्षण भी प्रगट हो सकते हैं, जैसे:
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पर्याप्त नींद नहीं लेने से व्यक्ति का शरीर भूख को नियंत्रित करने वाले हार्मोन के स्तर को कंट्रोल नहीं कर पाता है। जिससे बहुत अधिक भूख लगने की स्थिति में व्यक्ति आमतौर पर अधिक कैलोरी वाले आहार का सेवन कर सकता है। इसके अलावा स्लीप एपनिया (Sleep apnea) और अन्य नींद विकार भी ज्यादा भूख लगने (polyphagia) की भावना को पैदा कर सकते हैं।
पर्याप्त नींद न लेने की स्थिति में व्यक्ति निम्न लक्षणों को महसूस कर सकता है:
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यदि कोई व्यक्ति अस्वास्थ्यकर कार्ब्स और वसा युक्त आहार, जैसे- सफेद ब्रेड या फास्ट फूड, का अधिक सेवन करता है, तो उस व्यक्ति को भोजन करने के तुरंत बाद फिर से भूख का अहसास हो सकता है। इस स्थती में ज्यादा भूख इस बजह से लगती हैं, क्योंकि इन खाद्य पदार्थों में पोषक तत्वों की कमी होती है। अस्वास्थ्यकर आहार के अन्य लक्षण निम्न को शामिल हैं:
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यदि किसी व्यक्ति को अत्यधिक भूख के साथ-साथ अत्यधिक प्यास या पेशाब की समस्या परेशान करती है, तो व्यक्ति को समस्या का निदान करने के लिए डॉक्टर की सहायता लेनी चाहिए। यह लक्षण मधुमेह की ओर इशारा कर सकते हैं। यदि किसी व्यक्ति को पॉलीफेगिया (polyphagia) के किसी संभावित कारण से सम्बंधित लक्षणों का अनुभव होता है, तो उसे तुरंत डॉक्टर से दिखाना चाहिए।
ज्यादा भूख लगने की बीमारी का निदान करने के लिए डॉक्टर मरीज के चिकित्सकीय इतिहास के बारे में विस्तार से जानकारी लेगा और लक्षणों से सम्बंधित कुछ प्रश्न पूंछ सकता है।
लक्षणों और आहार के आधार पर डॉक्टर बढ़ी हुई भूख या पॉलीफेगिया के कारण का पता लगाने में सक्षम हो सकते हैं। इसके अतिरिक्त असमंजस की स्थिति में बड़ी हुई भूख के कारणों की जाँच करने के लिए डॉक्टर रक्त परीक्षण की सिफारिश कर सकता है। रक्त परीक्षण के तहत निम्न की जाँच की जा सकती है:
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पॉलीफेगिया (अधिक भूख लगने की बीमारी) के अंतर्निहित कारणों के आधार पर उपचार प्रक्रिया को अपनाया जाता है। पॉलीफेगिया का कारण बनने वाली अनेक स्थितियां जैसे- मधुमेह, हाइपरथायरायडिज्म, और प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम इत्यादि का इलाज करने के लिए दवा की सिफारिश की जा सकता है।
डॉक्टर द्वारा ज्यादा भूख लगने की स्थिति में एक स्वस्थ आहार के सेवन और नियमित व्यायाम करने की भी सिफारिश की जा सकती है। उचित व्यायाम और आहार, भूख को नियंत्रित करने के साथ-साथ अंतर्निहित स्थितियों का इलाज करने के लिए भी फायदेमंद हो सकते हैं।
यदि पॉलीफेगिया (बढ़ी हुई भूख की समस्या), एक मानसिक स्वास्थ्य समस्या (जैसे कि चिंता या अवसाद) के कारण उत्पन्न होता है, तो डॉक्टर सही इलाज का चुनाव करने के लिए एक मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ की मदद ले सकता है। इन समस्याओं के इलाज में निम्न को शामिल किया जा सकता है:
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पॉलीफेगिया (बढ़ी हुई भूख की समस्या) से बचने के लिए एक स्वास्थ्य जीवनशैली को अपना तथा आंतरिक स्वास्थ्य समस्याओं को नियंत्रित रखने के लिए उचित उपाय अपनाना आवश्यक होता है। पॉलीफेगिया की रोकथाम के लिए निम्न उपाय अपनाए जा सकते हैं, जैसे:
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अधिक भूख लगने की बीमारी या पॉलीफेगिया की स्थिति से छुटकारा पाने के लिए फाइबर और प्रोटीन से परिपूर्ण आहार के सेवन की सलाह दी जाती है। क्योंकि फाइबर युक्त आहार भूख को नियंत्रित करने के लिए भरे हुए पेट की भावना को उत्पन्न करने में मदद करता है। पॉलीफेगिया की स्थिति में निम्न आहार के सेवन की सिफारिश की जाती है, जैसे:
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