घरेलू उपाय

कान का संक्रमण दूर करने के घरेलू उपाय और नुस्‍खे – Home Remedies To Treat Ear Infection In Hindi

Treat Ear Infection In Hindi: इयर इंफेक्‍शन या कान में संक्रमण होना एक दुर्लभ समस्‍या है। कान में इन्‍फेक्‍शन जैसी समस्‍या बहुत ही कष्‍टदायक होती है लेकिन यह बहुत ही कम लोगों को होती है। कान के अंदर इन्‍फेक्‍शन होने का प्रमुख कारण बैक्‍टीरिया और वायरस होते हैं। संक्रमित कान होने के कारण कान का दर्द गंभीर हो सकता है। इसलिए कान के दर्द व इन्‍फेक्‍शन का समय पर इलाज किया जाना चाहिए। बहुत से लोग कान का संक्रमण दूर करने के घरेलू उपाय और नुस्‍खे आजमाने की सलाह देते हैं। लेकिन कान में फंगल इन्‍फेक्‍शन होने के दौरान आपको प्रभावी और विश्वसनीय घरेलू उपचार ही उपयोग करने चाहिए। कान के संक्रमण के दौरान लोगों को कान में दर्द, कान में खुजली, कान में भारीपन महसूस होना जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। आज इस लेख में आप कान में इन्‍फेक्‍शन का घरेलू इलाज की जानकारी प्राप्‍त करेगें।

विषय सूची

  1. कान में संक्रमण होने के कारण – Kaan me sankraman hone ke karan in Hindi
  2. कान के संक्रमण के लक्षण – kaan ke sankrman ke lakshan in Hindi
  3. कान में इन्‍फेक्‍शन का घरेलू इलाज – Kaan me infection ka gharelu ilaj in Hindi

कान में संक्रमण होने के कारण – Kaan me sankraman hone ke karan in Hindi

कान में दर्द होना या कान से पानी आना जैसी बातों को अक्‍सर हम सामान्‍य समझते हैं। लेकिन इस प्रकार की समस्‍या आना कान का संक्रमण हो सकता है। कान में संक्रमण होने के कई संभावित कारण होते हैं। कान में फंगल इन्‍फेक्‍शन होने के कुछ सामान्‍य कारणों में शामिल हैं :

कान में होने वाले सबसे आम संक्रमण तीव्र ओटिटिस मीडिया (acute otitis media (AOM) ) या एक मध्‍य कान संक्रमण (middle ear infection) है।

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कान के संक्रमण के लक्षण – Kaan ke sankrman ke lakshan in Hindi

कान में संक्रमण होना या मध्‍य कान संक्रमण की प्रमुख विशेषता यह है कि इस दौरान कान के मध्‍यय हिस्‍से में सूजन आ जाती है। इस दौरान कान में होने वाला तीव्र दर्द कान के पिछले हिस्‍से में कान के द्रव या मैल के जमने कारण होता है। कान के संक्रमण के लक्षणों में शामिल हैं :

  • बुखार आना (fever)
  • कान के अंदर गंभीर दर्द होना (pain inside the ear)
  • आंशिक रूप से सुनने में परेशानी होना या कम सुनाई देना (slight hearing loss)
  • सामान्‍य रूप बीमार लगना या सुस्‍ती का अनुभव करना (feeling sick in general)
  • छोटे बच्‍चों और शिशुओं को बैचेनी होना

(और पढ़े – टिनिटस (कान बजना) क्या होता है लक्षण, कारण, जांच, इलाज और बचाव…)

कान में इन्‍फेक्‍शन का घरेलू इलाज – Kaan me infection ka gharelu ilaj in Hindi

कान हमारे शरीर के विशेष संवेदनशील और आवश्‍यक अंगों में से एक है। लिहाजा हमें कान की सुरक्षा और स्‍वास्‍थ्‍य पर विशेष ध्‍यान देना चाहिए। यदि आप कान के संक्रमण से ग्रसित हैं तो सबसे पहले इसकी गंभीरता देखें। यदि आधिक गंभीर है तो आपको सीधे ही डॉक्‍टरी उपचार की आवश्‍यकता है। लेकिन यदि कान का संक्रमण सामान्‍य है तो आप घरेलू उपचार भी कर सकते हैं। कान में होने वाले संक्रमण के लिए घरेलू इलाज भी प्रभावी होते हैं। आइये जाने कान संक्रमण दूर करने के घरेलू नुस्‍खे और उपचार क्‍या हैं।

कान में इंफेक्‍शन का इलाज नमक – kaan me infection ka ilaj namak in Hindi

नमक आसानी से उपलब्‍ध होने वाला पदार्थ है जो कान के संक्रमण और दर्द से छुटकारा दिला सकता है। यदि आप भी कान के संक्रमण से प्रभावित हैं तो नमक के पानी का उपयोग करें। आप 1 कप नमक लें और किसी बर्तन में रखकर 5 मिनिट तक गैस में रखकर गर्म करें। इसके बाद एक मोटा कपड़ा लें और कपड़े में इस गर्म नमक को रखें। जब यह सहने योग्‍य ठंडा हो जाये तो दर्द वाले कान पर इसे 4 से 5 मिनिट के लिए रखें। आप आवश्‍यकता पड़ने पर इस विधि को 2 से 3 बार दोहराएं। इसी तरह उपयोग करने के लिए आप नमक के स्‍थान पर चावल का भी उपयोग कर सकते हैं।

(और पढ़े – नमक के पानी के फायदे और नुकसान…)

कान के संक्रमण का घरेलू इलाज प्‍याज – Kaan ke sankraman ka gharelu ilaj pyaj in Hindi

भारतीय आहार में प्‍याज का उपयोग विशेष रूप से किया जाता है। लेकिन प्याज में औषधीय गुण भी होते हैं जिनका उपयोग आप कान के संक्रमण का इलाज करने में कर सकते हैं। कान का इन्‍फेक्‍शन होने के दौरान घरेलू उपचार के लिए प्‍याज सबसे अच्‍छा विकल्‍प है। आप एक प्‍याज को लें और इसे बीच से काट लें। फिर एक हिस्‍से को गैस में गर्म करें। इसके बाद इसे ठंडा होने दें और फिर इसका रस निकालें। लेटने के बाद इस रस की 2 से 3 बूंदें संक्रमित कान में डालें और इसे कुछ देर तक कान में ही रहने दें। इसके बाद कान में मौजूद प्‍याज के रस

और अन्‍य तरल पदार्थ को निकालने के लिए विपरीत दिशा में लेटें। ऐसा करने पर आपको कान के दर्द और संक्रमण आदि से छुटकारा मिल सकता है।

(और पढ़े – प्याज के फायदे और नुकसान…)

कान के अंदर इन्‍फेक्‍शन का उपाय लहसुन – Kaan ke andar infection ka upay lahsun in Hindi

लहसुन में रोगाणुरोधी और दर्दनिवारक गुण होते हैं। यदि आप कान के संक्रमण से ग्रसित हैं तो लहसुन का उपयोग करें। लहसुन कान का संक्रमण दूर करने का आयुर्वेदिक उपाय है। कान में खुजली और फंगल इन्‍फेक्‍शन का इलाज करने के लिए आप लहसुन की 2 कली लें और इसे तिल के तेल में गर्म करें। लहसुन को 2 छोटे चम्‍मच तिल के त‍ेल में तब तक पकाएं जब तक की यह काला न हो जाए। इसके बाद आप इस तेल को ठंडा करें और गुनगुना होने पर संक्रमित कान में इसकी 2 से 3 बूंदें डालें। कुछ देर के बाद आपको कान की खुजली और दर्द आदि से छुटकारा मिल सकता है। यदि आपके पास तिल का तेल नहीं है तो विकल्‍प के रूप में आप सरसों के तेल का प्रयोग कर सकते हैं।

(और पढ़े – लहसुन के फायदे और नुकसान…)

कान के संक्रमण का घरेलू नुस्‍खा गुनगुना पानी – kaan ke gharelu nuskha Lukewarm water in Hindi

कान में संक्रमण होने की स्थिति में आप गर्म पानी का उपयोग कर सकते हैं। गुनगुना पानी कान के दर्द से जल्‍दी राहत दिलाता है। संक्रमित कान में गुनगुने पानी का उपयोग करने से कान के अंदर मौजूद संक्रामक बैक्‍टीरिया और वायरस को नष्‍ट करने में मदद मिलती है। कान के संक्रमण का इलाज करने के लिए आप एक कांच की बोतल में गुनगुने पानी को भरें और इससे कान की सिकाई करें। इसके अलावा आप सूती के कपड़े का भी इस्‍तेमाल कर सकते हैं। आप गर्म पानी में कपड़े को भिगोएं और फिर इस कपड़े से कान की सिकाई करें। ऐसा करने से आपको कान दर्द में आराम मिलता है।

(और पढ़े – गर्म पानी पीने के फायदे और नुकसान…)

कान के संक्रमण का आयुर्वेदिक उपाय तुलसी – kaan ke sankraman ka ayurvedic upay Tulsi in Hindi

तुलसी एक औषधीय पौधा है जिसका उपयोग सदियों से आयुर्वेदिक उपचार में किया जा रहा है। तुलसी में कई प्रकार के जीवाणुरोधी, एंटीबैक्‍टीरियल और एंटीऑक्‍सीडेंट होते हैं। जिसके कारण तुलसी का उपयोग कान के संक्रमण का इलाज करने के लिए किया जाता है।

तुलसी का उपयोग मामूली कान दर्द और कान के संक्रमण के इलाज के लिए किया जा सकता है। रस निकालने के लिए तुलसी के पांच ताजे पत्तों को धीरे से कुचल दें। अब इस रस को कान पर या कान के चारों डालें ओर ध्यान रखें यह रस कान की नलिका में ना जाने दें।

तुलसी के रस में मौजूद जीवाणुरोधी गुण कान में मौजूद संक्रमण को रोकने और उपचार करने में मदद करते हैं।

(और पढ़े – तुलसी के फायदे और नुकसान…)

संक्रमित कान का घरेलू उपचार जैतून तेल – Sankramit kaan ka gharelu Upchar jaitun tel in Hindi

कान के अंदर अधिक मात्रा में मैल या मोम का उत्‍पादन होता है तब फंगल या बैक्‍टीरियल विकास तेजी से होता है। लेकिन इस दौरान संक्रमण से बचने के लिए आप जैतून के तेल का उपयोग कर सकते हैं। जैतून के तेल की मदद से आप कान में जमा अपशिष्‍ट पदार्थ को आसानी से साफ कर सकते हैं। कान में जमा मैल या मोम को निकालने के लिए आप थोड़ा सा जैतून तेल लें और इसे गर्म करें। इस गुनगुने तेल की कुछ बूंदें संक्रमित कान में डालें। गर्म तेल मोम को नरम कर देगा जो कि तरल के रूप में तेल के साथ कान से बाहर आ जाता है। इस तरह से आप अपने कान में मौजूद संक्रमित मोम को आसानी से हटा सकते हैं।

(और पढ़े – जैतून के तेल के फायदे, उपयोग और नुकसान…)

कान में फंगल इन्‍फेक्‍शन का इलाज सिरका – Kan me Fungal infection ka ilaj Vinegar in Hindi

कान में इन्‍फेक्‍शन का इलाज करने के लिए आप सेब के सिरका का भी प्रयोग कर सकते हैं। सेब का सिरका विशेष रूप से संक्रमण के दौरान कान में दर्द होना, कान की खुजली या कान में भारीपन का इलाज करने में प्रभावी होता है। यदि आप भी ऐसे ही किसी लक्षण से परेशान हैं तो सेब के सिरका का इस्‍तेमाल करें। इसके लिए आप पानी और सेब के सिरका की बराबर मात्रा लें और इसे अच्‍छी तरह से मिलाएं। एक कॉटन बॉल को घोल में भिगोकर अपने कान में डालें और पांच मिनट तक ऐसे ही रहने दें। कपास की गेंद को हटाने के बाद, विपरीत दिशा में लेट जाओ ताकि कान से तरल बाहर निकल जाए। कान को ठीक से सुखाने के लिए आप हेयर ड्रायर का भी उपयोग कर सकते हैं। यह उपाय भी आपको कान के संक्रमण से राहत दिलाने में प्रभावी है।

(और पढ़े – सेब के सिरके के फायदे, लाभ, गुण और नुकसान…)

कान दर्द के लिए हाइड्रोजन पेरोक्‍साइज – Kaan dard ke liye hydrogen Peroxide in Hindi

हाइड्रोजन पेरोक्‍साइड का उपयोग लंबे समय से कान संबंधी समस्‍याओं के उपचार में किया जा रहा है। आप भी अपने संक्रमित कान का उपचार करने के लिए 3 प्रतिशत वाले हाइड्रोजन पेरोक्‍साइड का इस्‍तेमाल कर सकते हैं। आप पहले लेट जाएं और अपने कान इस पेरोक्‍साइड की कुछ बूंदें डालें। लगभग 1 से 2 मिनिट के बाद आप अपनी करवट बदलें ताकि कान में डाला गया पैरोक्‍साइड आसानी से बाहर आ जाये। यह पेरोक्‍साइड अपने साथ कान में जमा मोम और संक्रामक बैक्‍टीरिया को भी बाहर ले आता है।

(और पढ़े – कान में तेल डालना चाहिए या नहीं, फायदे और नुकसान…)

कान दर्द का उपाय गर्दन का व्‍यायाम – kaan dard ka upay Neck exercises in Hindi

कान की नलिका में दबाव के कारण कान में कुछ दर्द हो सकता है। इस दबाव को दूर करने के लिए आपको गर्दन संबंधी कुछ व्‍यायाम करने चाहिए। ऐसी स्थिति में गर्दन घुमाने वाले व्‍यायाम अधिक प्रभावी होते हैं।

गर्दन घुमाने वाले व्यायाम के लिए आप इन चरणों का पालन करें :

  • फर्श पर सीधे बैठ जाएं और धीरे-धीरे अपनी गर्दन और सिर को दाईं ओर घुमाएं जब तक कि आपका सिर कंधे के समानांतर न हो। इसके बाद धीरे-धीरे आप अपनी पूर्वत अवस्‍था में आएं और सिर को बाईं ओर घुमाएं।
  • आप अपने कंधों को ऊपर उठाएं जैसे आप अपने कंधों से कानों को छिपाने का प्रयास कर रहे हों। इस तरह के कुछ सामान्‍य व्‍यायामों को कर आप कान के दर्द को दूर कर सकते हैं।

(और पढ़े – फिट रहने के लिए सिर्फ दस मिनट में किए जाने वाले वर्कआउट और एक्सरसाइज…)

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