Raw Banana in Hindi: केला खाने के फायदे सभी जानते हैं लेकिन आप कच्चा केला खाने के फायदे जानतें हैं। केला एक ऐसा लोकप्रिय फल है जो लगभग हर जगह आसानी से प्राप्त होता है। केला को सबसे पौष्टिक फलों में से एक माना जाता है। कच्चा केला खाने के फायदे जानकर आप हैरान रह जायेगें। क्योंकि कच्चा केला खाने के लाभ अल्सर, संक्रमण, पाचन और रक्तचाप संबंधी बीमारियों को रोकने में होते हैं। आप कच्चे केले का उपयोग विभिन्न प्रकार के व्यंजनों के रूप में कर सकते हैं। लोगो के बीच कच्चे केले की सब्जी भी काफी प्रचलित है। कच्चे केला का इस्तेमाल करना आपको कई गंभीर और आम स्वास्थ्य समस्याओं से बचा सकता है। इस लेख में आज आप कच्चा केला खाने के फायदे और नुकसान संबंधी जानकारी प्राप्त करेगें।
विषय सूची
1. हरे या कच्चे केले और पीले केले में क्या अंतर है? – Green vs Yellow Bananas: What’s the Difference in Hindi
2. कच्चे केला के पोषक तत्व – Raw Banana Nutritional Profile in Hindi
3. कच्चा केला कैसे खाएं – How To Eat Raw Banana in Hindi
4. कच्चे केले के नुकसान – Raw Banana side effects in Hindi
केले आमतौर पर तब काटे जाते हैं जब वे हरे रंग के होते हैं। यह सुनिश्चित करने में मदद करता है कि आप उन्हें खरीदने से पहले बहुत अधिक पके न हों।
इसलिए, आप उन्हें बाजार या सुपरमार्केट में इस रंग में देख सकते हैं।
हरे और पीले रंग के केले, कई तरीकों से अलग-अलग होते हैं:
स्वाद (Taste): हरे केले कम मीठे होते हैं। वे वास्तव में स्वाद में काफी कड़वे हैं।
बनावट (Texture): हरे केले पीले केले की तुलना में मजबूत होते हैं। उनकी बनावट कभी-कभी मोमी बताई जाती है।
रचना(Composition): हरे केले स्टार्च में अधिक होते हैं। जैसे ही केले पकते हैं और पीले होते हैं, स्टार्च शर्करा में बदल जाते हैं।
इसके अतिरिक्त, हरे केले छीलने के लिए कठिन होते हैं, जबकि पके केले छीलने में आसान होते हैं।
केले अविश्वसनीय रूप से स्वादिष्ट और खाने में आसान होते हैं। वे कई आवश्यक विटामिन और खनिजों में समृद्ध हैं।
ज्यादातर लोग केला खाते हैं जब वे पीले और पके होते हैं, लेकिन हरे और बिना पके केले भी खाने के लिए सुरक्षित होते हैं। हालांकि, कुछ लोग उनके स्वाद और बनावट को नापसंद करते हैं।
(और पढ़ें – केले के छिलके के फायदे और उपयोग)
केला एक विशेष खाद्य फल है जिसका उपयोग कई प्रकार से किया जाता है। सभी जानते हैं कि पके हुए केले विभिन्न प्रकार के पोषक तत्वों और खनिज पदार्थ से भरपूर होता है। लेकिन कच्चा केला भी औषधीय गुणों से भरपूर होता है। कच्चे केला में प्रतिरोधी स्टार्च और शॉर्ट-चेन फैटी एसिड (short-chain fatty acids) की अच्छी मात्रा होती है। इसके अलावा कच्चे केला में विभिन्न प्रकार के विटामिन और खनिज पदार्थ भी होते हैं। इन पोषक तत्वों में पोटेशियम, फाइबर और प्रोटीन भी शामिल हैं। एक मध्यम आकार के कच्चे केला में लगभग 81- 105 कैलोरी होती है जो आपके शरीर को ऊर्जा दिलाने में अहम योगदान दे सकता है।
हरे और पीले केले दोनों कई महत्वपूर्ण पोषक तत्वों के अच्छे स्रोत हैं।
हालांकि हरे केले की सटीक पोषक तत्व प्रोफ़ाइल उपलब्ध नहीं है, वे परिपक्व होने के साथ ही सूक्ष्म पोषक तत्वों को शामिल करते हैं।
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एक हरे या पीले मध्यम आकार के केले (118 ग्राम) में शामिल हैं:
यह लगभग 105 कैलोरी का होता है, जिनमें से 90% से अधिक कार्ब्स से आते हैं। इसके अतिरिक्त, केले में वसा और प्रोटीन बहुत कम होते हैं। आइए जाने कच्चा केला खाने का फायदा क्या है।
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अध्ययनों से पता चलता है कि कच्चा केला फाइबर के सबसे अच्छे स्रोतों में से एक है। हम सभी जानते हैं कि फाइबर पाचन तंत्र और आंत्र संबंधी समस्याओं को दूर करने में प्रभावी होता है। नियमित रूप से कच्चे केला को अपने आहार में शामिल करना आपकी बहुत सी पाचन संबंधी समस्याओं को दूर कर सकता है। 1 कप उबले हुए कच्चे केला में लगभग 3.6 ग्राम फाइबर होता है। उचित मात्रा में फाइबर का सेवन करने का एक और मतलब यह है कि आपको डायबिटीज संभावना कम है। आप भी स्वस्थ रहने के लिए कच्चे केला का उपयोग अपने पौष्टिक आहार के रूप में कर सकते हैं।
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पके केले की तरह ही कच्चा केला भी हृदय संबंधी समस्याओं को रोकने में प्रभावी होता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि कच्चे केला में पोटेशियम की अच्छी मात्रा होती है। 1 उबले हुए कच्चे केला में लगभग 531 मिली ग्राम पोटेशियम होता है। पोटेशियम की यह उच्च मात्रा गुर्दे के कार्य में अहम योगदान देता है। सामान्य रूप से पोटेशियम को एक वैसोडिलेटर (vasodilator) के रूप में जाना जाता है जो रक्तचाप को नियंत्रित करने में सहायक होता है। यदि आप भी हृदय को स्वस्थ रखना चाहते हैं तो कच्चे केला को अपने आहार का हिस्सा बना सकते हैं।
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हरे केला या कच्चे केला में फाइबर की अच्छी मात्रा होती है। फाइबर की पर्याप्त मात्रा आपके पाचन में लगने वाले समय को बढ़ाता है। जिससे आपका भोजन पूरी तरह से पचाया जाता है साथ ही आपको लंबे समय तक भूख का एहसास भी नहीं होता है।
फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ थोक प्रदान करते हैं और तृप्ति को बढ़ावा देते हैं इस तरह से कच्चे केला का सेवन करने से आपको बार-बार भूख लगने की समस्या नहीं होती है। बार-बार और अधिक मात्रा में भोजन करना भी मोटापे का प्रमुख कारण माना जाता है। लेकिन आप कच्चे केला को अपने आहार में शामिल कर इस प्रकार की परेशानी से बच सकते हैं।
हरे केले में फाइबर और प्रतिरोधी स्टार्च की उच्च सामग्री के कारण भूख कम करने वाला प्रभाव हो सकता है।
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डायबिटीज रोगी के लिए कच्चा केला बहुत ही फायदेमंद होता है। क्योंकि कच्चे केला में चीनी की बहुत ही कम मात्रा होती है। हरे केले में पेक्टिन और प्रतिरोधी स्टार्च आपके रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं, खासकर भोजन के बाद। इसके अलावा यह पाचन तंत्र को भी स्वस्थ रखने में सहायक होता है जो इसके कम ग्लाइसेमिक (लगभग 55) के कारण है। इसलिए मधुमेह संबंधी लक्षणों को कम करने के लिए कच्चा केला सबसे अच्छे विकल्पों में से एक है।
उच्च रक्त शर्करा का स्तर होना एक प्रमुख स्वास्थ्य चिंता है। यदि समय के साथ अनुपचारित छोड़ दिया जाता है, तो इससे टाइप 2 मधुमेह हो सकता है और अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बढ़ सकता है। हरे केले में मौजूद पेक्टिन और प्रतिरोधी स्टार्च दोनों भोजन के बाद रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं।
छिलके सहित (अनरिप), हरे केले भी ग्लाइसेमिक इंडेक्स पर कम रैंक करते हैं, 30 के मूल्य के साथ। अच्छी तरह से पकने वाले केले का स्कोर लगभग 60 है।
ग्लाइसेमिक इंडेक्स यह मापता है कि खाद्य पदार्थ खाने के बाद रक्त शर्करा के स्तर को कितनी जल्दी बढ़ाते हैं (20Trusted Source)।
पैमाने 0 से 100 तक चलता है, और निम्न मान रक्त शर्करा नियंत्रण के लिए अच्छे हैं।
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यदि आप रक्तचाप संबंधी समस्या से परेशान हैं तो कच्चे केला का सेवन करें। कच्चे केला में मौजूद पोटेशियम रक्त परिसंचरण को बेहतर बनाने में सहायक होता है। मांसपेशियों की आवाजाही, तंत्रिकाओं के समुचित कार्य और किडनी द्वारा रक्त को शुद्ध करने के लिए पोटेशियम बहुत ही आवश्यक खनिज है। अपने वैसोडिलेटर गुणों के कारण पोटेशियम धमनियों और रक्त वाहिकाओं पर खिंचाव या तनाव को कम करने में सहायक होता है। इसके अलावा कच्चा केला हृदय संबंधी परेशानियों जैसे स्ट्रोक, दिल के दौरे आदि को रोकने में भी प्रभावी होता है।
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प्रोबायोटिक बैक्टीरिया हमारे शरीर में अच्छे बैक्टीरिया के रूप में मौजूद रहते हैं। विभिन्न प्रकार की पेट संबंधी समस्याओं का प्रमुख कारण अच्छे और बुरे बैक्टीरिया के बीच असंतुलन होता है। लेकिन कच्चे केला का नियमित सेवन करना दोनों प्रकार के बैक्टीरिया के मध्य संतुलन बनाता है। विशेष रूप से उस दौरान जब शरीर में खराब बैक्टीरिया का स्तर अधिक हो जाता है। यही कारण है कि पाचन संबंधी समस्याओं के होने पर अक्सर कच्चे केला खाने की सलाह दी जाती है।
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हरे केला में दस्त के लक्षणों को कम करने की क्षमता होती है। अक्सर दस्त और अपच जैसी समस्याएं वायरस, बैक्टीरिया या परजीवी संक्रमण के कारण होती है। लेकिन ऐसी स्थिति में कच्चे केला का सेवन करना संक्रमण पैदा करने वाले कीटाणुओं को नष्ट करने में सहायक होता है। नियमित रूप से कच्चा केला खाने से दस्त, अपच, उल्टी और मतली जैसी समस्याओं को रोकने में भी मदद मिलती है। आप अपने विभिन्न प्रकार के व्यंजनों में भी कच्चे केला को शामिल कर लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
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आप अपनी चयापचय प्रणाली को बेहतर बनाने के लिए भी हरे केला का इस्तेमाल कर सकते हैं। कच्चे केला में मौजूद आवश्यक पोषक तत्व और खनिज पदार्थ शरीर को जटिल कार्बोहाइड्रेट प्रदान करते हैं। जो बदले में चयापचय को अनुकूलित करता है। इसके अलावा कच्चा केला शरीर में कैलोरी जलाने की प्रक्रिया को भी गति देने में सहायक होते हैं जो आपके चयापचय को बढ़ाते हैं।
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किडनी हमारे शरीर के उन विशेष अंगों में से एक है जो शरीर के लिए अतिआवश्यक हैं। किडनी के कामकाज को बेहतर बनाए रखने और किडनी को स्वस्थ रखने के लिए कच्चे केला का उपयोग किया जा सकता है। कच्चे केला शरीर के इलेक्ट्रोलाइटिक संतुलन को बनाए रखने में मदद करते हैं। नियमित रूप से कच्चे केला का सेवन करना गुर्दे की समस्याओं और यहां तक की गुर्दे के कैंसर को रोकने में प्रभावी होता है। आप भी अपनी किडनी की कार्यक्षमता और स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए कच्चे केला को अपने नियमित आहार में शामिल कर सकते हैं।
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कच्चा केला पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थ है जो विभिन्न प्रकार के विटामिन और प्रोटीन से भरपूर है। हरे केला में बालों को स्वस्थ रखने वाले घटक जैसे प्रोटीन और विटामिन सी की अच्छी मात्रा होती है। विटामिन सी बालों की वृद्धि और स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में सहायक होता है।
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हरे केला में विटामिन सी की उच्च मात्रा होती है। जिसके कारण यह हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में सहायक होता है। इसके अलावा कच्चे केला में विटामिन सी की मौजूदगी हमारे शरीर के लिए शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट का काम करती है। ये एंटीऑक्सीडेंट हमारी त्वचा को नुकसान पहुंचाने वाले फ्री रेडिकल्स के प्रभाव को कम करते हैं। इस तरह से आप अपनी त्वचा की रक्षा करने और त्वचा को स्वस्थ बनाए रखने के लिए कच्चे केला को अपने नियमित आहार में शामिल कर लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
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हम ऊपर जान चुके हैं कि कच्चे केला का उपभोग करना स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है। लेकिन कच्चा केला कैसे खाएं। कच्चे केला का उभोग करने के लिए सबसे पहले इसके हरे छिलकों को निकाल दें हालांकि इन छिलकों को निकालना आसान नहीं होता है। क्योंकि इनकी पकड़ मजबूत होती है। इसके बाद आप छिले हुए केले को पतला-पतला काटकर चिप्स की तरह से फ्राई कर सकते हैं। आप इन चिप्स को यात्रा के दौरान भी अपने साथ ले जा सकते हैं। इसके अलावा आप कच्चे केला की सब्जी भी बना कर अपने आहार में शामिल कर सकते हैं। इसके अलावा कच्चे केला के पकौडे़ भी बना सकते हैं।
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हरे केले आमतौर पर स्वस्थ माने जाते हैं। जब कम मात्रा में कच्चा केला खाया जाता है, तो इसे खाने से जुड़े कोई महत्वपूर्ण दुष्प्रभाव नहीं हैं। हालांकि, अधिक मात्रा में कच्चा केला खाने से सिरदर्द और नींद आने में परेशानी आती है। इस तरह का सिरदर्द केले में “अमीनो एसिड” के कारण होता हैं जो रक्त वाहिकाओं को पतला करते हैं।
हालांकि, खाने के बाद असुविधा का अनुभव करने वाले लोगों की कुछ ऑनलाइन रिपोर्टें आई हैं।
इसमें पाचन संबंधी लक्षण जैसे सूजन, गैस और कब्ज शामिल हैं।
इसके अतिरिक्त, आपको लेटेक्स से एलर्जी होने पर हरे केले का सेवन करते समय सावधान रहना चाहिये।
इनमें वे प्रोटीन होते हैं जो लेटेक्स में एलर्जी पैदा करने वाले प्रोटीन के समान होते हैं, जिससे लेटेक्स एलर्जी वाले लोगों के लिए प्रतिक्रिया हो सकती है।
इस स्थिति को लेटेक्स-फ्रूट सिंड्रोम (21Trusted Source) के रूप में जाना जाता है।
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