Kaitha Ke Fayde Aur Nuksan in Hindi आयुर्वेद में कैथा या कबीट को पेट रोगों का विशेषज्ञ माना गया है कैथा खाने के फायदे इसलिए होते हैं क्योंकि इसे जड़ी-बूटीयों की श्रेणी में रखा जाता है। यह एक ऐसा फल है जो विभिन्न प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने के लिए औषधी के रूप में उपयोग किया जा सकता है। कैथा को वुड एप्पल (wood apple) के नाम से भी जाना जाता है। कैथा का उपयोग फल, शरबत, तथा चटनी के रूप में किया जाता है, यह अपचन, कब्ज, श्वसन संबंधी समस्याएं, बवासीर, दस्त और पेचिश जैसी समस्याओं से राहत दिलाता है।
यह प्रतिरक्षा प्रणाली को भी मजबूत कर बैक्टीरिया और वायरल संक्रमण आदि से हमारे शरीर की रक्षा करता है। इसका एक और फायदा स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए होता है जो दूध उत्पादन की क्षमता को बढ़ाने में सहायक होता है। इस लेख में आप जानेंगे कैथा के फायदे और नुकसान के बारे में।
विषय सूची
1. कैथा क्या है – What Is Kaitha in Hindi
2. कैथा का पेड़ के पोषक तत्व – Nutritional value of Limonia in Hindi
3. कैथा के फायदे – Kaitha Ke Fayde in Hindi
4. कैथा खाने के नुकसान – Kaitha Khane Ke Nuksan in Hindi
इस आयुर्वेदिक औषधी को अलग-अलग स्थानों में कई नाम से जाना जाता है। इसे लकड़ी सेब, हाथी सेब आदि नाम से जाना जाता है। भारत में यह कैथा के नाम से प्रचलित है जिसका वानस्पतिक नाम लीमोन्या आकीदीस्सीमा (Limonia acidissima) है। इसके ऊपर के कठोर आवरण के कारण इसका नाम लकड़ी सेब पड़ा। कैथा भारत का मूल निवासी माना जाता है। इस पेड़ की ऊंचाई लगभग 30 फिट और फल का व्यास लगभग 5-9 सेमी होता है। यह एक गोलाकार फल है जो अपने कठोर आवरण के अंदर सुरक्षित रहता है। कठोर आवरण के अंदर भूरे रंग की लुग्दी और बीज सफेद होते हैं। इसे कच्चे ही खाया जा सकता है। लेकिन इसका उपयोग विभन्न प्रकार के व्यंजनों विशेष रूप से चटनी बनाने के लिए उपयोग किया जाता है। आइए जाने कैथा में पाए जाने वाले पोषक तत्वों के बारे में।
औषधीय फल के फायदे इसमें मौजूद पोषक तत्वों और खनिज पदार्थों के कारण होते हैं। इसमे विटामिन और कार्बनिक यौगिकों की अच्छी मात्रा होती है। जिनमें टैनिन, कैल्शियम, फॉस्फोरस, फाइबर, प्रोटीन और आयरन शामिल है। कैथा फल की 100 ग्राम मात्रा के अनुसार पोषक तत्व इस प्रकार हैं :
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ऊपर बताए गए पोषण मूल्यों के आधार पर कैथा हमें कई प्रकार के स्वास्थ्य लाभ दिलाने में मदद करता है। इस फल में असाधारण औषधीय गुण होते हैं जो हमारे लिए फायदेमंद होते हैं। इसलिए प्राचीन समय से ही आयुर्वेद में कैथा को विभिन्न प्रकार की औषधीयों के निर्माण में उपयोग किया जा रहा है। यह विशेष रूप से पेट की समस्याओं, मधुमेह आदि के लिए फायदेमंद होता है। आइए विस्तार से जाने कैथा के स्वास्थ्य लाभ क्या हैं।
2008 में किये गए एक अध्ययन के अनुसार कैथा के फायदे मधुमेह के लिए बताए जाते हैं। कैथा के पेड़ की टहनीयों और तने से निकाले गए फेरोनिया गम (Feronia gum) मधुमेह को रोकने में मदद करते हैं। यह रक्त प्रवाह में चीनी के प्रवाह, स्राव और संतुलन के प्रबंधन में विशेष योगदान करता है। इसका नियमित रूप से सेवन करने पर यह रक्त में ग्लूकोज के स्तर को कम करने में सहायक होता है। फेरोनिया गम शरीर में इंसुलिन के उत्पादन में वृद्धि करता है। जिससे रक्त शर्करा के स्तर में भारी स्पाइक्स को रोका जा सकता है।
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कोलेस्ट्रॉल और उच्च रक्तचाप को कम करने के लिए कैथा के फायदे जाने जाते हैं। ये दोनो ही स्थितियां हृदय के लिए हानिकारक होती है। इसके लिए आप कैथा के फलों के अलावा इसके पेड़ की जड़ों का भी उपयोग कर सकते हैं। आप इसकी जड़ से बने काढ़े का सेवन कर दिल की समस्याओं से छुटकारा पा सकते हैं।
इसके अलावा आप कैथा की पत्तियों का भी उपयोग कर सकते हैं। कैथा की पत्तियों से बने काढ़े का सेवन करने से यह कोलेस्ट्रोल के स्तर को कम करने में मदद करता है। इस काढ़े का प्रभाव कोलेस्ट्रोल कम करने वाली दवाओं के बाराबर होता है। यह काढ़ा टिशू लिपिड प्रोफाइल और ट्राइग्लिसराइड्स के स्तर को भी प्रबंधित करने मे मदद करता है। आप अपने दिल को स्वस्थ्य बनाने के लिए कैथा की जड़ों और पत्तियों से बने अर्क का उपभोग कर सकते हैं।
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वुड एप्पल पाचन के लिए बहुत अच्छा होता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि यह आंत में होने वाले हानिकारक कीड़ों को नष्ट कर सकता है और पाचन विकारों के लिए एक अच्छा उपाय है। जानकारों का मानना है कि यह पुराने पेचिश का इलाज भी कर सकता है। कैथा पेड़ के तने और शाखाओं में फेरोनिया गम नामक एक गोंद जैसी पदार्थ होती है। यह आमतौर पर दस्त और पेंचिश को ठीक करने में उपयोगी होता है। पेट के अल्सर या बवासीर वाले लोगों के लिए भी कैथा की सलाह दी जाती है क्योंकि इसकी पत्तियों में टैनिन होता है जो सूजन को कम करने के लिए जाना जाता है।
कैथा में पेट को साफ करने वाले गुण भी होते हैं जो कब्ज से राहत दिलाने में मदद करते हैं। कैथा में एंटीफंगल और विरोधी परजीवी (anti-parasitic) गतिविधियां भी होती हैं जो पाचन स्वास्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद करते हैं।
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अध्ययनों से पता चलता है कैथा पेड़ की पत्तियों में कुछ विशेष गुण होते हैं। ये गुण पुरुषों की प्रजनन प्रणाली (reproductive system) को लाभ पहुंचाने में मदद करते हैं। प्राचीन समय से ही इस प्रकार की समस्याओं के लिए आयुर्वेद द्वारा कैथा और इसके पेड़ के अन्य हिस्सों का उपयोग दवा के रूप में किया जा रहा है। पुरुष प्रजनन संबंधी कमजोरी को दूर करने के लिए कैथा की पत्तियों को सुखा कर इसका पाउडर बनाएं। इस पाउडर में बराबर मात्रा में चीनी मिलाकर इसका सेवन करें। यह समय से पहले स्खलन और नपुंसकता की स्थिति का इलाज करने में मदद करता है।
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महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए कैथा को बहुत ही फायदेमंद माना जाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि यह गर्भाशय कैंसर और स्तन कैंसर को रोकने में मदद करता है। यह प्रसव के बाद होने वाली परेशानियों को भी कम करने में सहायक होता है। कैथा महिलाओं में प्रोजेस्टेरोन हार्मोन का स्तर बढ़ाता है, जो बांझपन की समस्याओं को रोकने में मददगार होता है। इस पेड़ की छाल से बने पारंपरिक रूप काढ़े का उपयोग मेनोरैगिया (menorrhagia) के लिए उपाय के रूप में किया जाता है।
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बीटा कैरोटीन एक वर्णक जो कि कैथा के पौधों में स्वाभाविक रूप से पाया जाता है। नियमित रूप से इसका सेवन करने पर यह शरीर मे विटामिन ए में परिवर्तित कर दिया जाता है। यह यौगिक आपकी आंखों को स्वस्थ्य रखने में मदद करता है। कैथा में बीटा कैरोटीन अच्छी मात्रा में होता है जिसका नियमित सेवन करने से यह मोतियाबिंद, मैकुलर अपघटन जैसी आंखों की गंभीर समस्याओं की संभावनाओं को कम करने में मदद करता है। कैथा पेड़ की पत्तियों को लाल आंख वाली बीमारियों के उपाय के रूप में उपयोग किया जा सकता है।
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किडनी की बीमारियों को रोकने के लिए कैथा का नियमित सेवन किया जाना चाहिए। यह विशेष रूप से गुर्दे के पत्थरों से छुटकारा पाने के लिए एक प्राकृतिक उपाय माना जाता है। गुर्दे की समस्या वाले लोगों को अपने गुर्दे के स्वास्थ्य के लिए कैथा फल की 100 ग्राम लुग्दी नियमित रूप से प्रतिदिन खाना चाहिए। कुछ विशेष अध्ययनों से पता चलता है कि कैथा में मूत्र वर्धक गुण होते हैं जो गुर्दे में मौजूद विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करते हैं।
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अपने औषधीय गुणों और पोषक तत्वों की अधिकता के कारण यह आपकी ऊर्जा वढ़ा सकता है। नियमित रूप से इसका सेवन करने से यह आपके चयापचय में सुधार कर सकता है और आपको अतिरिक्त ऊर्जा प्रदान करता है। अतिरिक्त ऊर्जा पाने के लिए आप गर्मीयों के दौरान कैथा फल की लुग्दी से बने जूस का सेवन किया जा सकता है। यह आपको शीतलता प्रदान करने के साथ ही ऊर्जा भी दिलाता है।
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50 मिली ग्राम कैथा से बनाए गए जूस को गर्म पानी और चीनी के साथ मिलाकर सेवन करें। यह इस लिए फायदेमंद है क्योंकि यह आपके शरीर के रक्त को शुद्ध कर सकता है। नियमित रूप से कैथा और कैथा से बनाए गए जूस का सेवन करने से यह रक्त में मौजूद विषाक्त पदार्थों को बाहर करने में मदद करता है। ये हानिकारक विषाक्त पदार्थ आपके यकृत और गुर्दे दोनो को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसलिए आप अपने शरीर के संपूर्ण स्वास्थ्य और रक्त को शुद्ध करने के लिए कैथा का नियमित सेवन कर सकते हैं।
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म्यामार सीमा क्षेत्र में महिलाओं द्वारा कैथा का उपयोग कॉस्मेटिक घटक के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस क्षेत्र में डेंगू और मलेरिया का प्रभाव अधिक होता है। कुछ अध्ययनों में पाया गया है कि गर्भवती महिलाओं की त्वचा में कैथा की लुग्दी का लेप लगाने से यह उन्हें मलेरिया के प्रभाव से बचा सकता है। इस फल से बने लेप का उपयोग त्वचा की जलन (warm sensation) से छुटकारा पाने के लिए भी उपयोग किया जा सकता है।
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वे लोग जिन्हें उच्च रक्तचाप की समस्या होती है उनके लिए कैथा बहुत ही फायदेमंद होता है। इसके लिए आप 1 कप पानी उबालें और इसमें कैथा की 1 चम्मच सूखी पत्तियों को मिलाएं। अच्छी तरह से उबलने के बाद आप इसे ठंड़ा करें और नियमित रूप से दिन में 3 बार इसका सेवन करें। यह उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करता है।
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जिन लोगों को कम भूख की समस्या होती है उनके लिए कैथा का पेड़ एक औषधी के रूप में काम करता है। भूख बढ़ाने के लिए कैथा की 1 चम्मच सूखी पत्तियों के पाउडर का सेवन किया जा सकता है। भूख बढ़ाने के लिए इस पाउडर को 3 दिनों सेवन करना चाहिए।
यदि आप दस्त से परेशान हैं तो इससे बचने के लिए कैथा का उपयोग कर सकते हैं। इसके लिए आप कैथा के सूखे फलों का पाउडर तैयार करें। दस्त से राहत पाने के लिए दिन में 2 बार गर्म पानी के साथ इस पाउडर की 1 चम्मच मात्रा का सेवन करें।
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नारियल तेल के साथ कैंथा फल के छिलके को गर्म करें। अच्छी तरह से तेल गर्म होने के बाद आप इससे कैथा के छिलके निकाल दें और ठंडा होने के बाद आप इस तेल को अपने बालों में लगाएं। यह आपके सिर से डैंड्रफ को बाहर करने में मदद करता है।
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अन्य सभी खाद्य पदार्थ की तरह ही कैथा का सेवन हमारे लिए फायदेमंद होता है। लेकिन अधिक मात्रा में इसका सेवन हानिकारक हो सकता है। इसलिए अधिक मात्रा में इसका सेवन करने से बचना चाहिए।
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