Kakora ke fayde aur Nuksan in Hindi ककोरा के फायदे आपके स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव ड़ालते हैं। लेकिन क्या आप ककोरा खाने के फायदे जानते हैं। ककोरा एक ऐसा औषधीय फल है जिसका उपयोग हम सब्जी के रूप में करते हैं। हां यह अलग बात है कि अन्य सब्जियों के मुकाबले ककोरा आसानी से नहीं मिलते हैं। इसमें मौजूद पोषक तत्वों की अच्छी मात्रा हमें कई प्रकार की बीमारियों से छुटकारा दिलाने में मदद करते हैं। ककोरा का नियमित सेवन करने से रक्तचाप, आंखों की समस्या, महिला स्वास्थ्य और कैंसर जैसी समस्याओं के प्रभाव को कम करने में सहायता मिलती है। आज इस लेख में आप जानेगें ककोरा क्या है। इसके पोषक तत्व क्या हैं और साथ ही ककोरा के स्वास्थ्य लाभ क्या हैं। आइए इन्हें जाने!
विषय सूची
1. ककोरा क्या है – Kakora Kya Hai in Hindi
2. ककोरा के पोषक तत्व – Kakora Ke Poshak Tatva in Hindi
3. ककोरा के फायदे – Kakora ke fayde in Hindi
4. ककोरा के नुकसान – Kakora Ke Nuksan in Hindi
इस औषधीय सब्जी के फायदे स्वास्थ्य के लिए बहुत अधिक होते हैं। ककोरा कुकुर्बिटेसियस (Cucurbitaceous) परिवार से संबंधित है, जिसका वनस्पतिक नाम मोमोर्डिका डाइओका (Momordica dioica) है। यह एक बेल में फलने वाला फल है जिसका व्यास लगभग 2-3 सेमी होता है और इसकी बनावट पानी की बूंद (water droplet) की तरह होती है। इन फलों का रंग गहरा हरा होता है और जब यह फल पकता है तो यह हल्का पीला हो जाता है। इनका स्वाद अतिरंजित और हल्का कड़वा होता है। आप ककोरा की बाहरी सतह को छीलकर इनसे कई प्रकार के व्यंजन बना सकते हैं जो कि स्वादिष्ट और स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं। आइए जानते हैं ककोरा में पाए जाने वाले पोषक तत्वों के बारे में।
आपके द्वारा उपयोग किये जाने वाले ककोरा को स्थानीय भाषा में कंटोला के नाम से भी जाना जाता है। इसमें पाए जाने वाले पोषक तत्वों में आपकी स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने की क्षमता होती है। कंटोला में कार्बोहाइड्रेट (Carbohydrate), प्रोटीन, वसा, फाइबर, और बहुत से खनिज पाए जाते हैं। इसके अलावा ककोरा में एस्कॉर्बिक एसिड, कैरोटीन, थियामिन, रिबोफ्लेविन और नियासिन जैसे आवश्यक विटामिनों की कम मात्रा उपस्थित रहती है। इन सभी पोषक तत्वों की मौजूदगी के कारण यह हमारे अच्छे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही फायदेमंद होते हैं।
(और पढ़े – शाकाहारियों के लिए प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ…)
अपने विशेष स्वाद और पोषक तत्वों (Taste and nutrients) की उपलब्धता के कारण ककोरा को विशेष खाद्य सब्जी के रूप में उपयोग किया जाता है। ककोरा का पर्याप्त मात्रा में सेवन करने से हमारे रक्त प्रवाह (blood flow) में आने वाली समस्याओं को दूर किया जा सकता है। रक्त प्रवाह में आने वाली समस्याएं दिल की बीमारी से जुड़ी होती है। दिल से संबंधित समस्याओं को दूर करने के लिए ककोरा फायदेमंद होता है। ककोरा (Spiny Gourd) के और भी अन्य स्वास्थ्य लाभ हैं। आइए इन्हें जाने कि वे हमें किस प्रकार फायदा पहुंचाते हैं।
यह एक बरसाती मौसम में मिलने वाली सब्जी है जो कि मधुमेह रोगियों के लिए बहुत ही फायदेमंद होती है। ककोरा का नियमित सेवन करने से यह मधुमेह रोगियों में रक्त शर्करा के स्तर को कम करने में मदद करता है। ककोरा में मौजूद फाइटो-पोषक तत्व, पॉलीपेप्टाइड-पी (polypeptide-P) शरीर में मौजूद अतिरिक्त शर्करा के स्तर को कम करने में मदद करते हैं। इन पोषक त्तवों के साथ-साथ ककोरा में केरेंटिन (charantin) भी अच्छी मात्रा में होता है जो कि यकृत मांसपेशी और वसा ऊतकों (adipose tissue) की कोशिकाओं में ग्लाइकोजन संश्लेषण (glycogen synthesis) को बढ़ावा देता है। इन सभी यौगिकों का संयुक्त प्रभाव टाइप-2 मधुमेह के इलाज के लिए रक्त शर्करा के स्तर को कम करने में मदद करते हैं।
(और पढ़े – शुगर ,मधुमेह लक्षण, कारण, निदान और बचाव के उपाय…)
आप अपनी आंखों को स्वस्थ्य रखने के लिए ककोरा का उपयोग कर सकते हैं। यह आपकी आंखों के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है क्योंकि ककोरा में विटामिन ए अच्छी मात्रा में होता है। विटामिन ए (Vitamin A) आपकी आंखों के स्वास्थ्य के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण घटक है। ककोरा को आप अपने आहार में शामिल करके अपनी द्रष्टि में सुधार कर सकते हैं साथ ही यह आंखों से संबंधित अन्य समस्याओं (Eye problems) को दूर करने में भी आपकी मदद कर सकता है।
(और पढ़े – क्या आँखों की इन बीमारियों को जानते हैं आप…)
गर्भावस्था के दौरान (during pregnancy) कई महिलाओं के लिए कई प्रतिकूल परिस्थितियां उत्पन्न हो सकती हैं। इस दौरान होने वाली समस्याओं में तंत्रिका ट्यूब दोष भी शामिल है। ककोरा के ताजे फलों में विटामिन बीसी की अच्छी मात्रा होती है जो कोशिका विकास और प्रजनन के लिए महत्वपूर्ण होते हैं। यदि गर्भावस्था के दौरान
महिलाओं के द्वारा ककोरा का नियमित सेवन किया जाता है तो यह तंत्रिका दोष के प्रभाव को कम करने में मदद करते हैं क्योंकि 100 ग्राम ककोरा में 72 मिलीग्राम फोलेट मौजूद होता है। इसलिए ककोरा का सेवन गर्भवती महिलाओं के लिए लाभकारी होता है।(और पढ़े – गर्भावस्था में आहार जो देगा माँ और बच्चे को पूरा पोषण…)
हमारे शरीर में मौजूद हानिकारक फ्री रेडिकल्स की मौजूदगी के कारण कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है। स्पाइनी गोरड के ताजा गहरे हरे रंग वाले फलों में विटामिन सी की अच्छी मात्रा होती है जो हमारे शरीर के लिए एंटीऑक्सीडेंट (Antioxidant) का काम करते हैं। विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट की अच्छी मात्रा होने के कारण यह फ्री रेडिकल्स को नष्ट करने में मदद करता है और कैंसर की संभावनाओं (Cancer prospects) को रोकता है।
(और पढ़े – कैंसर क्या है कारण लक्षण और बचाव के उपाय…)
यदि आप बुखार (fever) से पीड़ित हैं तो आपके लिए ककोरा का उपयोग बहुत ही फायदेमंद हो सकता है। बुखार के लिए ककोरा का सेवन तो फायदेमंद है ही साथ ही आप इसकी पत्तियों का भी उपयोग कर सकते हैं। बुखार को दूर करने के लिए आप ककोरा की पत्तियों को पानी में उबालें और इस मिश्रण को ठंडा करने के बाद इसमें 1 बड़ा चम्मच शहद (Honey) मिलाकर इसका सेवन करें। यह आपकी बुखार की समस्या को दूर करने में मदद करता है।
(और पढ़े – टाइफाइड बुखार कारण लक्षण और इलाज…)
यदि आप अधिक पसीने की समस्या से परेशान हैं तो आप हाइपरहिड्रोसिस (Hyperhidrosis) से राहत पाने के लिए ककोरा के फलों का उपयोग कर सकते हैं। आप इस समस्या से बचने के लिए ककोरा के फलों को सुखाकर इनका पाउडर बना लें। इस पाउडर को आप अपने नहाने वाले पानी में डालें और इस पानी से स्नान करें। यह प्राकृतिक रूप से आपके शरीर की सफाई करने के लिए जाना जाता है। इसका उपयोग आपके शरीर में अतिरिक्त पसीने और इसकी खराब गंध को कम करने के लिए किया जा सकता है।
(और पढ़े – पसीने की बदबू को दूर करने के घरेलू उपाय…)
गुर्दे के पत्थरों की समस्या अधिकांश लोगों को होती है। लेकिन यदि कंटोला के बीज या कंटोला का नियमित सेवन किया जाता है तो पथरी की समस्या से छुटकारा मिल सकता है। पथरी की समस्या को दूर करने के लिए कंटोला के पाउडर का उपयोग बहुत ही फायदेमंद होता है। 1 गिलास दूध में 10 ग्राम कंटोला पाउडर का नियमित सेवन करने से आपको लाभ हो सकता है। कंटोला के औषधीय गुण मूत्राशय के पत्थरों (Bladder stones) को हटाने में मदद करते हैं।
(और पढ़े – पथरी होना क्या है? (किडनी स्टोन) पथरी के लक्षण, कारण और रोकथाम…)
जो लोग बवासीर (Hemorrhoids) की समस्या से परेशान हैं उनके लिए कंटोला का सेवन बहुत ही फायदेमंद होता है। बवासीर या ढेर की बीमारी के लिए आप कंटोला पाउडर का उपयोग कर सकते हैं। आप इसके लिए 5 ग्राम कंटोला पाउडर और शक्कर के मिश्रण का नियमित रूप से दिन में दो बार सेवन करें। यह आपकी समस्या का उपचार करने के लिए दवा का काम करता है।
(और पढ़े – बवासीर (हेमोरॉहाइड्स) क्या है: कारण, लक्षण, निदान, इलाज, रोकथाम और घरेलू उपचार…)
बच्चों और वयस्कों को खांसी आने (cough) की समस्या आम है जो कि जलवायु में तत्काल परिवर्तन या वायरस और बैक्टीरिया के कारण होती है। यदि आप खांसी से पीड़ित हैं तो आपके लिए ककोड़ा बहुत ही उपयोगी हो सकता है। इसके लिए आपको प्रतिदिन 3 ग्राम ककोड़ा पाउडर को पानी के साथ सुबह-शाम लेने की आवश्यकता है। इसका उपयोग लगातार आने वाली खांसी को रोकने में मदद करती है।
(और पढ़े – सर्दी जुकाम और खांसी के घरेलू उपाय…)
आप इस मौसमी सब्जी का उपयोग कर ऊपर बताइ गई समस्याओं को दूर कर सकते हैं। लेकिन ध्यान रखें कि किसी भी खाद्य पदार्थ का अधिक मात्रा में सेवन आपके लिए नुकसानप्रद हो सकता है। इसलिए ककोरा का उपयोग भी सीमित मात्रा में करना चाहिए।
(और पढ़े – ब्रेस्ट मिल्क (मां का दूध) बढ़ाने के लिए क्या खाएं…)
स्वास्थ्य और सेहत से जुड़े अन्य लेख पढ़ने के लिए नीचे दिए गए टॉपिक पर क्लिक करें
हेल्थ टिप्स | घरेलू उपाय | फैशन और ब्यूटी टिप्स | रिलेशनशिप टिप्स | जड़ीबूटी | बीमारी | महिला स्वास्थ्य | सवस्थ आहार |
इसी तरह की अन्य जानकारी हिन्दी में पढ़ने के लिए हमारे एंड्रॉएड ऐप को डाउनलोड करने के लिए आप यहां क्लिक करें। और आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर भी फ़ॉलो कर सकते हैं।
Homemade face pack for summer गर्मी आपकी स्किन को ख़राब कर सकती है, जिससे पसीना,…
वर्तमान में अनहेल्दी डाइट और उच्च कोलेस्ट्रॉल युक्त भोजन का सेवन लोगों में बीमारी की…
Skin Pigmentation Face Pack in Hindi हर कोई बेदाग त्वचा पाना चाहता है। पिगमेंटेशन, जिसे…
चेहरे का कालापन या सांवलापन सबसे ज्यादा लोगों की पर्सनालिटी को प्रभावित करता है। ब्लैक…
प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं, जिन्हें पहचान कर आप…
त्वचा पर निखार होना, स्वस्थ त्वचा की पहचान है। हालांकि कई तरह की चीजें हैं,…