Kala Chana Benefits In Hindi भारत जैसे देश में काले चने लगभग हर घर में आसानी से मिल जाते हैं। आप भी चने का उपयोग मुख्य खाद्य आनाज के रूप में करते होगें। कुछ लोग इसकी सब्जी बनाकर खाना पसंद करते हैं, कुछ भिगोकर, कुछ अंकुरित तो कुछ भुने चने खाना पसंद करते हैं। लेकिन क्या आपको काले चने खाने के फायदे और नुकसान की जानकारी है। काले चने का सेवन हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभकारी होता है। इसमें मौजूद पोषक तत्व और खनिज पदार्थ हमारी बहुत सी स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने में मदद करते हैं। काले चने की तासीर ठंडी होती हैं इसलिए गर्मी के दिनों में इसे खाना काफी फायदेमंद होता है।
काले चने का सेवन करने के फायदे वजन कम करने, मधुमेह को नियंत्रित करने, हृदय को स्वस्थ्य रखने, पाचन समस्याओं को दूर करने, कैंसर की रोकथाम करने और त्वचा की समस्याओं को दूर करने में होते हैं। इस लेख में आप चने खाने के फायदे, काला चना नुट्रिशन उपयोग और इनसे होने वाले नुकसानों की जानकारी प्राप्त करेगें। आइए जाने चने से संबंधित कुछ जानकारीयां।
विषय सूची
1. काले चने के बारे में जानकारी – kala chana kya hota hai in Hindi
2. काला चना कैसा होता है – kala chana kaisa hota hai
3. काले चने के पोषक तत्व – Black Chana Nutrients in Hindi
4. काले चने के स्वास्थ्य लाभ – Health Benefits Of Kala Chana In Hindi
5. काले चने खाने के तरीके – Kale Chane Khane Ke Tarike in Hindi
6. काले चने खाने के नुकसान – Kale Chane Khane Ke Nuksan in Hindi
जैसा कि हम जानते हैं चना एशिया महाद्वीप में विशेष आहार के रूप में उपयोग किया जाता है। चने का वैज्ञानिक नाम सिसर एरीटिनम (Cicer arietinum) है। जिसे सामान्य रूप से काबुली चने के रूप में भी जाना जाता है। काबुली चना एक प्रकार की फलियां (legume) हैं जो फैबेसी परिवार (Fabaceae family) से संबंधित है। अलग अलग जगहों में चने को कई नामों से जाना जाता है जैसे कि चना, बंगाली चना, गरबानो या गार्बना बीन्स और मिस्र मटर आदि। काबुली चने में प्रोटीन बहुत ही उच्च मात्रा में होता है।
चने को मुख्य रूप से दो भागों में बांटा जाता है। पहला देशी चना और दूसरा काबुली चना। देशी चने या काले चने आकार में छोटे और गहरे रंग के होते हैं साथ ही इनके उपर का आवरण कड़ा और मोटा होता है। जबकि काबुली चने का आकार बड़ा होता है। हम इन्हें छोले चने के नाम से भी जानते हैं। आइए जाने काले चने में पाए जाने वाले पोषक तत्वों के बारे में।
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पौष्टिकता से भरपूर चने को गरिष्ठ आहार के रूप में उपयोग किया जाता है। यह हमें अधिक मात्रा में ऊर्जा उपलब्ध कराता है। एक कप काले चने (लगभग 164 ग्राम) में 269 कैलोरी होती है। इसके अलावा इसमें 4 ग्राम फैट और 11 मिलीग्राम सोडियम होता है। अच्छी बात यह है कि चने में किसी प्रकार का कोलेस्ट्रॉल नहीं होता है। इसमें लगभग 12 ग्राम फाइबर भी होता है।
चने के अन्य पोषक तत्वों में प्रोटीन, मैंगनीज, फोलेट, कॉपर, फॉस्फोरस, आयरन, मैग्नीशियम, जिंक आदि की उच्च मात्रा होती है। इन्हीं पोषक तत्वों की उपलब्धता के कारण चने को मुख्य और पौष्टिक आहार के रूप में उपयोग किया जाता है। आइए जाने काले चने खाने के स्वास्थ्य लाभ क्या हैं।
गर्बानो बीन्स या चने का सेवन स्वास्थ्य की द्रष्टि से बहुत ही फायदेमंद माना जाता है। चने में मौजूद कैल्शियम की उच्च मात्रा हड्डियों के लिए फायदेमंद होती है। इसमें मौजूद फाइबर पाचन संबंधी समस्याओं को दूर करने में सहायक होते हैं। पोटेशियम हृदय स्वास्थ्य को बढ़ाता है। इसी तरह से चने में उपस्थित एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन कैंसर संबंधी समस्याओं को रोकने में मदद करते हैं। इस तरह से चने खाने के फायदे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही प्रभावी माने जाते हैं। आइए विस्तार से जाने चने का उपयोग स्वास्थ्य को किस प्रकार लाभ दिलाता है।
मानव स्वास्थ्य समस्याएं उनके खान-पान से ही होती हैं और उनका समाधान भी खान-पान द्वारा ही किया जा सकता है। जो लोग मोटापे से परेशान हैं उनके लिए काले चने का नियमित सेवन फायदेमंद हो सकता है। क्योंकि काले चने का सेवन वजन कम करने में मदद कर सकता है। काले चने में फाइबर में उच्च होता है जो लंबे समय तक पूर्ण महसूस कराता है और आपकी भूख को नियंत्रित कर सकता है। काले चने खाने से शरीर में मौजूद वसा को भी दूर किया जा सकता है। काले चने में प्रोटीन भी उच्च होता है जो वजन को प्रबंधित और विनियमित करने में सहायक होता है।
इसके अलावा चने में मौजूद अन्य पोषक तत्व भी शरीर को पर्याप्त उर्जा दिलाने और शरीर को स्वस्थ्य रखने में मदद करते हैं।
यदि आप अपने वजन को कम करना चाहते हैं तो काले चने को अपने आहार में शामिल कर सकते हैं।
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काले चने खाने के फायदे मधुमेह के लक्षणों को कम करने के लिए जाने जाते हैं। काले चने का ग्लाइसेमिक इंडेक्स 28 है जो निम्न माना जाता है। जिसके कारण चने के फायदे मधुमेह को रोकने में मदद करते हैं। कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि नियमित रूप से काले चने का सेवन करने वाले लोगों को मधुमेह का खतरा कम होता है। इसके अलावा छाले में फाइबर की उच्च मात्रा भी होती है जो रक्त शर्करा के अवशोषण को धीमा कर देता है।
इस तरह से चने खाने के लाभ मधुमेह प्रकार 2 के खतरे को कम कर देते हैं। फाइबर आपकी भूख को भी नियंत्रित करने में सहायक होते हैं जिसके कारण आप वजन को भी नियंत्रित कर सकते हैं। अधिक वजन मधुमेह का एक विशेष कारण हो सकता है।
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पौष्टिक और स्वास्थ्य वर्धक गुणों से भरपूर काले चने हड्डियों के लिए लाभकारी माने जाते हैं। क्योंकि इन चनों में आयरन, फॉस्फेट, कैल्शियम, मैग्नीशियम, जिंक और विटामिन K की उच्च मात्रा होती है। ये सभी पोषक तत्व मिलकर हड्डियों को मजबूत बनाने में सहायक होते हैं। यह सभी को पता है कि हड्डियों के निर्माण में फॉस्फेट और कैल्शियम विशेष घटक होते हैं।
शरीर में कैल्शियम की कमी से हड्डियों को नुकसान हो सकता है। इसके अलाव हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए विटामिन K भी बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। क्योंकि यह शरीर में कैल्शियम के अवशोषण में मदद करता है। इन सभी लाभों को देखते हुए काले चने के फायदे हड्डियों के विकास में मदद कर सकते हैं।
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आपके दिल को स्वस्थ्य रखने में काले चने का अहम योगदान होता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि इन चनों में फाइबर, पोटेशियम, विटामिन सी और विटामिन बी6 की उच्च मात्रा होती हैं। इन्हीं की उपस्थिति के कारण काले चने हृदय स्वास्थ्य के लिए लाभकारी माने जाते हैं।
चने में मौजूद फाइबर रक्त में कोलेस्ट्रॉल की कुल मात्रा को कम करने में मदद करते हैं जिससे हृदय रोगों की संभावना कम हो सकती है। एक अध्ययन से पता चलता है कि नियमित रूप से काले चने का सेवन शरीर में पोटेशियम के उचित स्तर को बनाए रखता है। इस तरह से आप भी अपने दिल को स्वस्थ्य रखने के लिए काले चने को अपने नियमित आहार में शामिल कर लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
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यदि आप उच्च रक्तचाप रोगी हैं तो काले चने का सेवन कर सकते हैं। काले चने के फायदे रक्तचाप को नियंत्रित करने में सहायक होते हैं। इसके अलावा उच्च रक्तचाप रोगी को नमक का बहुत ही कम सेवन करना चाहिए। एक अध्ययन के अनुसार काले चने का उपभोग शरीर में सोडियम की मात्रा को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। जो कि सीधे तौर पर उच्च रक्तचाप से संबंधित है। इस तरह से यदि आप उच्च रक्तचाप के प्रभाव को कम करना चाहते हैं तो काले चने का उपभोग कर सकते हैं।
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सेलेनियम ऐसा घटक है जो सामान्य रूप से सभी प्रकार के फलों और सब्जियों में नहीं पाया जाता है। लेकिन काले में इसकी अच्छी मात्रा होती है। यह घटक जिगर में मौजूद एंजाइमों के कामकाज को सुधारने और कैंसर पैदा करने वाले कारकों को दूर करने में सहायक होता है। इसके अलावा सेलेनियम सूजन को कम करने और ट्यूमर की वृद्धि दर को कम करने में मदद करता है।
काले चने में फोलेट भी होता है जो हमारे डीएनए संश्लेषण और इसकी मरम्मत करने में सहायक होता है। इस तरह से आप कैंसर के प्रभाव से बचने और कैंसर की रोकथाम करने के लिए काले चने का इस्तेमाल कर सकते हैं।
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जैसा कि हम सभी जानते हैं कि काले चने का उत्पदान कई जलवायु में किया जाता है। जिसके कारण यह आसानी से सभी को उपलब्ध हो सकता है। नियमित रूप से काले चने का सेवन त्वचा संबंधी समस्याओं को दूर करने में मदद कर सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि चने एक प्राकृतिक सनब्लॉक की तरह काम करते हैं।
काले चने का इस्तेमाल करने से मैंगनीज की उच्च मात्रा प्राप्त हो सकती है। काले चने की 1 कप मात्रा में दैनिक आधार पर 85 प्रतिशत खनिज होते हैं। ये सारे खनिज पदार्थ त्वचा के लिए एंटीऑक्सीडेंट का काम करते हैं। जिनकी वजह से त्वचा में होने वाले फ्री रेडिकल्स के प्रभाव को कम करने में मदद मिलती है। इसके अलावा ये पोषक तत्व यूवी किरणों से भी त्वचा की रक्षा करते हैं।
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आप अपनी पाचन संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए काले चने का इस्तेमाल कर सकते हैं। इन चनों मे मौजूद फाइबर आपके पाचन तंत्र को स्वस्थ्य रखने में मदद करता है। इसलिए ही अधिकांश डॉक्टर पाचन संबंधी समस्याओं के दौरान फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करने की सलाह देते हैं। आप भी अपने आहार में काले चनों को शामिल कर सकते हैं क्योंकि शरीर के लिए आवश्यक फाइबर की लगभग 40 प्रतिशत मात्रा खाद्य पदार्थों से ही प्राप्त होती है।
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वे महिलाएं जो गर्भवती होने का विचार कर रही हैं, उनके लिए काले चने का सेवन बहुत ही फायदेमंद हो सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि ब्लेक चने में फोलेट की अच्छी मात्रा होती है। इसके अलावा चने में आयरन, फाइबर, प्रोटीन, और कैल्शियम भी पर्याप्त मात्रा में होते हैं। ये पोषक तत्व गर्भावसथा के दौरान आवश्यक होते हैं।
फोलेट गर्भावस्था के दौरान सबसे महत्वपूर्ण तत्व है। क्योंकि यह मां और भ्रूण के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है। यह न्यरल ट्यूब दोष और कम वजन जन्म के खतरे को भी कम करने में सहायक होता है। गर्भावस्था के दौरान काले चने का सेवन बच्चे को कई प्रकार के संक्रमण से बचाने में मदद कर सकता है। लेकिन ध्यान रखें गर्भावस्था के दौरान कच्चे या अधपके चने का सेवन ना करें।
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हम सभी जानते हैं कि काले चने हमारे लिए पूरे साल उपलब्ध रहते हैं।
आप इन्हें बाजार से खरीद सकते हैं जो आपको खुले और डिब्बा बंद रूप में मिल सकते हैं।
इनकी पौष्टिकता के आधार पर आप इसे अपने आहार में शामिल कर सकते हैं।
काले चने का उपयोग आप कई प्रकार से कर सकते हैं-
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सामान्य रूप से काले चने का सेवन मानव स्वास्थ्य के लिए बहुत ही महात्वपूर्ण होते हैं।
लेकिन काले चने का उपभोग करते समय कुछ सावधानियां रखना चाहिए।
क्योंकि अधिक मात्रा में काले चने का सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक भी हो सकता है।
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