Kam Sone Ke Nuksan आज लगभग आधी से ज्यादा आबादी नींद की कमी से परेशान है। जबकि कम सोने के नुकसान उनके व्यक्तिगत जीवन के साथ ही स्वास्थ्य को भी प्रभावित करते हैं। आज की हमारी व्यस्त और खराब जीवनशैली इस समस्या का प्रमुख कारण है। देर रात तक काम करना या जागना आपके अगले दिन के कार्यक्रम को प्रभावित कर सकता है। यदि ऐसा लगातार किया जाता है तो यह आपके लिए गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं को बढ़ा सकता है। शोधकार्ताओं के अनुसार सभी लोगों को पर्याप्त रूप से 7-9 घंटों की नींद लेनी चाहिए। इस समय से कम सोने के नुकसान आपके लिए घातक हो सकते हैं। इस आर्टिकल में आप पूरी नींद न लेने के नुकसान के बारे में जानेगें। जिससे आप कम सोने के गंभीर परिणामों से बच सकें।
विषय सूची
1. कम नींद लेने के नुकसान – kam neend ke nuksan in hindi
2. आपको कितनी नींद की आवश्यकता है – How Much Sleep Do You Need in Hindi
यदि आप भी कम नींद लेते है तो यह आपके लिए नुकसानदायक होता सकता हैं। आइये जानते है कि कम सोना हमारे स्वास्थ्य को किस प्रकार से प्रभवित करता हैं।
अध्ययनों से यह स्पष्ट हो चुका है कि कम नींद लेने वाले लोगों में बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। ऐसा माना जाता है कि जो लोग 6 घंटे या इससे कम सोते हैं। उनमें हृदय रोग या मधुमेह होने की संभावना बढ़ जाती है। ऐसे लोगों को स्ट्रोक का सामना भी करना पड़ सकता है। इसके अलावा ऐसे लोगों में मोटापा बढ़ने की संभावना अधिक होती है। यदि आप ऐसी किसी भी समस्या से बचना चाहते हैं तो पर्याप्त नींद लें। क्योंकि कम सोने के नुकसान आपको गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से परेशान कर सकते हैं।
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यदि आप कम सोने के नुकसान नहीं जानते हैं तो यह समझ लें कि यह आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर कर सकता है। आपके शरीर को बाहरी संक्रमण से बचाने के लिए एंटीबॉडी का निर्माण किया जाता है। लेकिन अध्ययनों से पता चलता है कि कम सोने से आपके शरीर में थकावट आ सकती है जिसके परिणाम स्वरूप यह प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर कर सकता है। इस स्थिति में आपका शरीर एंटीबॉडी का पर्याप्त उत्पादन नहीं करता है। जो लोग रात में 6 घंटों से कम सोते हैं उनमें कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली का होना आम बात है। यदि आप अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना या बनाए रखना चाहते हैं तो 7-9 घंटों की पूरी नींद लें।
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चाहे शारीरिक थकावट हो या मानसिक दोनों ही आपके लिए हानिकारक हैं। कम सोने के नुकसानों में दोनो प्रकार की थकावट शामिल हैं। कुछ लोगों में किये गए अध्ययनों से पता चलता है कि थकान होने के कारण लोगों में नकारात्मक भावनाएं तेजी से आती हैं। नींद की कमी वास्तव में आपके मोटर और संज्ञानात्मक प्रदर्शन के साथ ही आपकी मनोदशा को प्रभावित करती है। इसका मतलब यह है कि कम सोने के नुकसान सीधे ही आपकी मानसिक स्थिति और मनोदशा पर पड़ता है।
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ऐसा माना जाता है कि कम सोने के नुकसान प्रजनन क्षमता में कमी से संबंधित हैं। हालांकि इसके कोई सत्यापित प्रमाण नहीं हैं कि नींद की कमी सीधे बांझपन का कारण हो सकती है। लेकिन अध्ययनों के अनुसार नींद की कमी के कारण तनाव हो सकता है। यह तनाव आपके शरीर के सर्कडियन लय (circadian rhythm) में व्यवधान उत्पन्न कर सकता है। जिसके परिणामस्वरूप यह आपके प्रजनन हार्मोन के प्रभाव को कम कर सकता है और गर्भावस्था को बनाए रखने की आपकी क्षमता को कम कर सकता है।
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अध्ययनों से पता चलता है कि जो लोग कम नींद लेते हैं उनमें वजन बढ़ने की अधिक संभावना होती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि नींद की कमी आपके शरीर में हार्मोन को प्रभावित कर सकती है। ये ऐसे हार्मोन हैं जो आपकी भूख को नियंत्रित करने में मदद करते हैं और आपके मस्तिष्क को यह बताते हैं कि आपका पेट भरा हुआ है। इस तरह से कम सोने के नुकसान में आप आवश्यकता से अधिक भोजन करने का प्रयास कर सकते हैं। जो सीधे तौर पर आपके वजन को बढ़ा सकता है।
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जो लोग पर्याप्त मात्रा में नींद नहीं लेते हैं उनके लिए तनाव के साथ ही अवसाद का खतरा बढ़ जाता है। अध्ययनों से पता चलता है कि अनिद्रा से ग्रसित लोगों की अपेक्षा पूरी नींद लेने वाले लोगों में अवसाद का प्रभाव बहुत ही कम होता है। इस तरह से अवसाद कम सोने के नुकसान के साथ जुड़ा हुआ है।
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जब आपको पर्याप्त नींद नहीं मिलती है तो आपका शरीर तनाव हार्मोन कोर्टिसोल का उत्पादन करने लगता है। यदि आपके शरीर में कोर्टिसोल का स्तर बढ़ जाता है तो यह कोलेजन को तोड़ने लगता है। कोलेजन एक प्रोटीन है जो त्वचा की लोच बढ़ाने में मदद करता है। उचित नींद की कमी से आपके शरीर में ऐस हार्मोन के उत्पादन में भी कमी आ सकती है जो त्वचा को स्वस्थ्य रखते हैं और झुर्रियों को आने से रोकते हैं। इसलिए अपनी त्वचा को स्वस्थ्य बनाए रखने के लिए हर महिला और पुरुषों को उचित मात्रा में नींद लेना आवश्यक है।
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नींद की कमी आपके लिए उच्च रक्तचाप का खतरा बढ़ा सकती है। उच्च रक्तचाप कम सोने के नुकसानों में से एक है। इस दौरान आपके शरीर और दिमाग में दवाब पड़ता है जिससे रक्तचाप बढ़ने लगता है। धीरे-धीरे यह आपके दिल, धमनियों और गुर्दे को नुकसान पहुंचा सकती है। कम सोने के नुकसानों में स्ट्रोक, दृष्टि हानि और अन्य कई स्वास्थ्य समस्याएं भी शामिल हैं।
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आपकी नींद का सीधा संबंध श्वसन प्रणाली से होता है। नींद की कमी होने से आपको श्वसन संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। नींद की कमी होने से आपको सामान्य सर्दी, जुकाम और खांसी आदि की समस्याएं हो सकती हैं। इसके अलावा यदि आपको कोई श्वसन समस्या है तो नींद की कमी इस समस्या की स्थिति को और भी गंभीर बना सकता है।
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नींद की कमी भोजन के बाद इंसुलिन के उच्च स्तर को मुक्त कर सकती है। जैसा की आप जान चुके हैं कि कम सोने के नुकसान आपकी भूख नियंत्रित करने वाले हार्मोन को प्रभावित कर सकते हैं। इस दौरान आप बहुत अधिक भोजन करने की इच्छा रखते हैं। जिसके परिणामस्वरूप आपका वजन बढ़ सकता है।
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अच्छे स्वास्थ्य के लिए पर्याप्त नींद लेना आवश्यक है। लेकिन कम सोने के नुकसान झेलने वालों को शायद यह पता नही है कि उन्हें उम्र के अनुसार कितना समय सोने के लिए देना चाहिए। वैसे तो सामान्य रूप से 7-9 घंटे सोने की सलाह दी जाती है। लेकिन उम्र के अनुसार यह समय अलग-अलग होता है। आइए जाने हमें कितने घंटे सोना चाहिए।
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