कमर दर्द एक सामान्य समस्या है, जो किसी भी व्यक्ति के काम-काज और निजी जीवन में हस्तक्षेप कर सकती है। यह व्यक्तियों को किसी भी उम्र में ज्ञात और अज्ञात कारणों के परिणामस्वरूप उत्पन्न हो सकती है। सामान्य कमर दर्द की समस्या अत्यधिक काम करने के दौरान, कमर में मोच आने के दौरान या चोट लगने के दौरान उत्पन्न हो सकती है, तथा इसे घरेलू उपचार के तहत ठीक किया जा सकता है। लेकिन अज्ञात कारण से उत्पन्न कमर दर्द की समस्या अनेक स्वास्थ्य समस्याओं की ओर संकेत कर सकती है, जिसमें रीढ़ की हड्डी का कैंसर, हर्नियेटेड डिस्क, गठिया, गुर्दे में संक्रमण या रीढ़ की हड्डी का संक्रमण आदि समस्याएँ शामिल हैं। कमर दर्द से पीड़ित व्यक्ति कुछ घरेलु उपचार अपनाकर तथा उचित इलाज प्राप्त कर इस समस्या से छुटकारा पा सकता है।
अतः आज इस लेख में आप जानेंगे कि कमर दर्द क्या है, इसके लक्षण, कारण और उपचार क्या हैं तथा कमरदर्द के घरेलू उपचार के बारे में।
- कमर दर्द क्या है – What is lower back pain in Hindi
- कमर दर्द के लक्षण – lower back pain symptoms in Hindi
- कमर दर्द का कारण – lower back pain causes in Hindi
- कमर दर्द के अन्य कारण – lower Back pain other causes in hindi
- कमर दर्द के लिए डॉक्टर को कब दिखाना है – When to see a doctor for lower back pain in Hindi
- कमर दर्द के जोखिम कारक – Risk factors for lower back pain in Hindi
- कमर दर्द का निदान – lower back pain diagnosis in Hindi
- महिला में कमर दर्द का कारण – causes of lower back pain in female in hindi
- कमर दर्द का इलाज – lower back pain treatment in hindi
- कमर दर्द की दवा – lower back pain Medications in hindi
- कमर दर्द के लिए सर्जरी – lower back pain Surgery in hindi
- कमर दर्द की रोकथाम – lower back pain prevention in hindi
- कमर दर्द का घरेलू इलाज – lower back pain treatment at home in Hindi
कमर दर्द क्या है – What is lower back pain in Hindi
कमर दर्द या पीठ के निचले हिस्से में दर्द बहुत आम समस्या है, जो किसी भी उम्र में महिलाओं और पुरुषों को सामान रूप से प्रभावित कर सकती है। अत्यधिक काम करने के दौरान या मामूली चोट के कारण कमर दर्द की समस्या उत्पन्न हो सकती है, लेकिन कभी-कभी इस समस्या के अनेक अस्पष्ट कारण भी हो सकते हैं। अतः कमर दर्द एक अंतर्निहित स्वास्थ्य समस्या का भी संकेत या लक्षण हो सकती है।
कमर में दर्द की शुरुआत अचानक या हल्के दर्द के साथ धीरे-धीरे हो सकती है और दर्द की आवृति मामूली या अत्यधिक गंभीर हो सकती है। कुछ व्यक्तियों में कमर दर्द, क्रोनिक समस्या के परिणामस्वरुप भी उत्पन्न हो सकता है।
आमतौर पर कमर दर्द की समस्या उम्र बढ़ने के साथ शरीर में होने वाले परिवर्तनों के परिणामस्वरूप उत्पन्न होती है। इसका कारण यह है, कि उम्र बढ़ने के साथ-साथ रीढ़ की हड्डी में कशेरुक (vertebrae) के बीच स्थित तरल पदार्थ कम हो जाता है, जिससे रीढ़ की हड्डी में घर्षण अधिक होता है, और नुकसान पहुँचता है।
(और पढ़े – कमर के दर्द को दूर करने के उपाय…)
कमर दर्द के लक्षण – lower back pain symptoms in Hindi
कमर का दर्द एक स्वास्थ्य समस्या के संकेत या लक्षण के रूप में प्रगट हो सकता है, जिसे विशेष रूप से महसूस किया जा सकता है। कमर दर्द से पीड़ित व्यक्ति निम्न लक्षणों को भी महसूस कर सकते हैं, जैसे:
- सुन्नता या कमजोरी आना
- एक या दोनों पैरों में झुनझुनी आना या सुन्न हो जाना
- चलने और झुकने में कठिनाई होना
- गंभीर रूप से पीठ में दर्द उत्पन्न होना
- वजन घटाना
- कमर में सूजन आना
- मांसपेशियों में ऐंठन उत्पन्न होना
- पैरों की संवेदनशीलता में कमी आना
- बुखार आना और ठंड लगना, इत्यादि।
(और पढ़े – मांसपेशियों में खिंचाव (दर्द) के कारण और उपचार…)
कमर दर्द का कारण – lower back pain causes in Hindi
कमर दर्द के अनेक कारण हो सकते हैं, कुछ सामान्य होते है तो कुछ गंभीर। कमर दर्द के कारणों में निम्न को शामिल किया जा सकता है:
मोच और तनाव (Sprains and strains) – अचानक कमर मुड़ने या किसी भी गतिविधि के दौरान कमर में तनाव या दबाव पड़ने से कमर दर्द की समस्या उत्पन्न हो सकती है। अतः पीठ के निचले हिस्से में दर्द का एक सामान्य कारण मोच और खिंचाव हैं। अत्यधिक काम के दौरान, खेलते समय, या कुछ भारी सामान उठाते समय कमर में मोच आ सकती है।
चोट (Injuries) – कमर में जोड़दार चोट लगने से कशेरुक फ्रैक्चर और टूटी हुई डिस्क (ruptured discs) के रूप में कमर दर्द की समस्या उत्पन्न हो सकती है। कमर में चोट के संभावित कारणों में गिरना, वाहन दुर्घटना और खेल के दौरान चोट लगना, इत्यादि को शामिल किया जा सकता है। कमर में चोट लगने के तुरंत बाद दर्द को महसूस किया जा सकता है।
कॉडा इक्विना सिंड्रोम (Cauda equina syndrome) – काउडा एक्विना सिंड्रोम एक दुर्लभ स्थिति है, जो काउडा एक्विना को नुकसान पहुंचने के दौरान उत्पन्न होती है। काउडा एक्विना रीढ़ की हड्डी के निचले हिस्से में नसों का एक समूह होता है। यह स्थिति आम तौर पर एक हर्नियेटेड डिस्क (herniated disc) के परिणामस्वरूप उत्पन्न होती है, लेकिन काउडा एक्विना सिंड्रोम के अन्य कारणों में निम्न को भी शामिल किया जा सकता है, जैसे:
- रीढ़ की हड्डी में फ्रैक्चर
- रीढ़ की हड्डी में संक्रमण
- रीढ़ की हड्डी में ट्यूमर
- स्पाइनल सर्जरी, इत्यादि।
संक्रमण (Infections) – रीढ़ की हड्डी और आसपास के ऊतक कभी-कभी हानिकारक बैक्टीरिया, वायरस या कवक (fungi) से संक्रमित हो सकते हैं। शरीर के अन्य हिस्सों से संक्रमण रीढ़ की हड्डी तक पहुँच सकता है। रीढ़ की हड्डी की सर्जरी, मधुमेह, कैंसर और एचआईवी जैसी स्थितियों की जटिलताओं के रूप में भी रीढ़ की हड्डी में संक्रमण की स्थिति विकसित हो सकती है। रीढ़ की हड्डी के संक्रमण में वर्टिब्रल ऑस्टियोमाइलाइटिस (vertebral osteomyelitis) और रीढ़ की हड्डी में फोड़ा (spinal epidural abscess) इत्यादि शामिल हैं।
साइटिका (Sciatica) – साइटिका, पीड़ित व्यक्ति में नितंब की तंत्रिका संकुचित हो जाने के कारण तेज कमर दर्द का कारण बनता है, तथा यह दर्द नितंबों से होता हुआ पैरों तक प्रगति करता है। साइटिका के कारणों में स्पाइनल स्टेनोसिस (spinal stenosis) और टूटी हुई डिस्क (ruptured disc) आदि शामिल हो सकते हैं। कमर दर्द के अतिरिक्त साइटिका के लक्षणों में पीठ में अकड़न, प्रदाह और पैर के नीचे झुनझुनी इत्यादि शामिल हैं।
असामान्य रीढ़ की वक्रता (Abnormal Spine Curvatures) – स्कोलियोसिस (Scoliosis), कुबड़ापन (kyphosis) और लॉर्डोसिस (lordosis) सभी स्थितियां रीढ़ की हड्डी में असामान्य वक्रता का कारण बनती हैं। असामान्य वक्रता की स्थिति में मांसपेशियों, टेंडन (tendons), स्नायुबंधन और कशेरुकाओं पर दबाव पड़ता है, जिसके कारण कमर दर्द और रीढ़ की हड्डी में विकृति उत्पन्न होती है।
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कमर दर्द के अन्य कारण – lower Back pain other causes in hindi
अन्य स्वास्थ्य स्थितियां भी व्यक्ति में कमर दर्द के लक्षण उत्पन्न होने का कारण बन सकती हैं। इन स्थितियों में शामिल हैं:
- गठिया (arthritis)
- फाइब्रोमायल्गिया (fibromyalgia)
- स्पॉन्डिलाइटिस (spondylitis) – रीढ़ की हड्डियों के बीच जोड़ों में सूजन की स्थिति
- स्पोंडिलोसिस (spondylosis)
- किडनी और मूत्राशय की समस्याएं
- रीढ़ की हड्डी का कैंसर, इत्यादि।
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कमर दर्द के लिए डॉक्टर को कब दिखाना है – When to see a doctor for lower back pain in Hindi
कमर दर्द का कोई एक स्पष्ट कारण नहीं होता है, और यह दर्द कुछ स्थितियों में अपने आप ठीक हो जाता है। हालांकि, यदि किसी व्यक्ति की कमर में दर्द अत्यधिक गंभीर है और दर्द के अलावा अन्य लक्षणों को भी महसूस किया जाता है, तो इस स्थिति में पीड़ित व्यक्ति को तुरंत डॉक्टर की सिफारिश लेनी चाहिए। अतः कमर दर्द से सम्बंधित निम्न स्थितियों में व्यक्ति को डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए, जैसे कि:
- पैरों के नीचे झुनझुनी या सुन्नता उत्पन्न होने पर
- चलने या पैर हिलाने में कठिनाई महसूस होने पर
- आंत्र या मूत्राशय सम्बन्धी कार्यों में कमी आने पर
- बहुत तेज दर्द उत्पन्न होने पर, इत्यादि।
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कमर दर्द के जोखिम कारक – Risk factors for lower back pain in Hindi
कुछ प्रमुख कारण कमर दर्द के विकास को बढ़ाने में सहायक होते हैं जिनमें शामिल हैं:
उम्र – कमर दर्द की समस्या सर्वाधिक 30 या 40 वर्ष की उम्र के व्यक्तियों में को अधिक प्रभावित करती है।
व्यायाम की कमी – व्यायाम की कमी रीढ़ की हड्डी के कमजोर होने का कारण बनती है, जिससे कमर दर्द का जोखिम बढ़ जाता है।
अधिक वज़न – शरीर का अतिरिक्त वजन रीढ़ की हड्डी और कमर पर दबाव डालता है, जिससे कमर में मोच की संभावना बढ़ जाती है।
रोग – व्यक्ति में आंतरिक रोग या समस्याएँ भी कमर दर्द के जोखिम को बढाती हैं जिनमें गठिया और कैंसर शामिल हैं।
अनुचित भार उठाना – पैरों के बजाय कम के बल भार उठाने का अनुचित तरीका व्यक्तिओ को कमर दर्द के जोखिम में दाल सकता है।
मनोवैज्ञानिक स्थिति – मनोवैज्ञानिक स्थिति जैसे- अवसाद और चिंता से ग्रस्त व्यक्ति भी कमर दर्द का सिकार हो सकते हैं।
धूम्रपान – निकोटीन स्पाइनल डिस्क (spinal discs) के क्षतिग्रस्त होने और रक्त प्रवाह में कमी का कारण बनता है। अतः धुम्रपान की स्थिति भी रीढ़ की डिस्क तक पर्याप्त पोषक तत्व पहुंचाने से रोक सकती है, और कमर दर्द का कारण बन सकती है।
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कमर दर्द का निदान – lower back pain diagnosis in Hindi
अधिकांश डॉक्टर कमर दर्द के कारणों का निर्धारण करने के लिए एक शारीरिक परीक्षण कर सकते हैं। शारीरिक परीक्षण के तहत दर्द महसूस होने के स्थान और दर्द की तीव्रता को निर्धारित किया जा सकता है। कमर दर्द की सामान्य स्थिति में डॉक्टर निदान के लिए कुछ हफ्तों तक प्रतीक्षा कर सकते हैं। अगर घर पर कुछ हप्तों के इलाज के बाद भी कमर दर्द दूर नहीं होता है, तो कमर दर्द की आंतरिक स्थितियों का निदान करने के लिए डॉक्टर अनेक प्रकार के परीक्षणों की सिफारिश कर सकते है। हड्डी की समस्याओं, डिस्क से सम्बंधित समस्याओं, या पीठ में स्नायुबंधन (ligaments) और टेंडन (tendons) से संबंधित समस्याओं की जांच करने के लिए डॉक्टर इमेजिंग परीक्षण की सहायता लेते हैं। इमेजिंग परीक्षण के तहत डॉक्टर, मरीज को निम्न में से किसी एक या एक से अधिक परीक्षण कराने की सिफारिश कर सकते हैं, जैसे:
इन सभी परीक्षणों के अतिरिक्त निम्न परीक्षण भी कमर दर्द की समस्या का निदान करने के लिए आवश्यक हो सकते हैं, जैसे:
- एक बोन स्कैन टेस्ट या बोन डेंसिटी टेस्ट (bone density test)
- इलेक्ट्रोमोग्राफी (Electromyography) (ईएमजी) या तंत्रिका चालन परीक्षण (nerve conduction tests)
- रक्त परीक्षण – संक्रमण या अन्य स्थितियों का निर्धारण करने के लिए आवश्यक।
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महिला में कमर दर्द का कारण – causes of lower back pain in female in hindi
महिलाओं में निम्न प्रकार की स्थितियां कमर दर्द का कारण बन सकती हैं, जिनमें शामिल हैं:
- गर्भावस्था
- एंडोमेट्रियोसिस (endometriosis)
- ओवेरियन सिस्ट (ovarian cysts)
- गर्भाशय फाइब्रॉएड (uterine fibroids), इत्यादि।
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कमर दर्द का इलाज – lower back pain treatment in hindi
अधिकांश स्थितियों में कमर का दर्द, घरेलू उपचार के तहत कुछ हफ्तों में ठीक हो जाता है। लेकिन कुछ स्थितियों में कमर दर्द के कारणों के आधार पर विशेष उपचार की आवश्यकता होती है। सामान्य स्थिति जैसे कमर में मोच, चोट और तनाव आदि का इलाज करने के लिए डॉक्टर द्वारा मरीज को घर पर आराम करने, आइस पैक लगाने और ओवर-द-काउंटर (ओटीसी) एंटी इंफ्लेमेटरी दवाओं जैसे इबुप्रोफेन और नेप्रोक्सेन (naproxen) आदि का सेवन करने की सिफारिश की जा सकती है। इसके अतिरिक्त मरीज द्वारा अपनी सामान्य गतिविधियों को भी जारी रखा जा सकता है। यदि घरेलू उपचार कमर दर्द से राहत दिलाने में असफल रहते हैं, तो डॉक्टर अन्य उपचार प्रक्रियाओं की सिफारिश कर सकते हैं, जैसे:
कमर दर्द की दवा – lower back pain Medications in hindi
कमर दर्द के कारणों के आधार पर डॉक्टर निम्न दवाओं की सिफारिश कर सकता है, जैसे:
- ओवर-द-काउंटर दर्द निवारक – ओवर-द-काउंटर या नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स, जैसे कि इबुप्रोफेन या नेप्रोक्सेन आदि तीव्र कमर दर्द से राहत दिला सकती हैं। इन दवाओं की सिफारिश डॉक्टर द्वारा की जाती है। इन दवाओं के अनियमित और अत्यधिक प्रयोग के दौरान गंभीर दुष्प्रभाव उत्पन्न हो सकते हैं। अतः बिना डॉक्टर की अनुमति के दवाओं का सेवन न करें।
- सामयिक दर्द निवारक – डॉक्टर द्वारा सामयिक दर्द निवारक के रूप में क्रीम, लेप या मलहम को दर्द से प्रभावित स्थान पर लगाने की सिफारिश की जा सकती है। यह दवाएं दर्द से राहत दिलाने में आवश्यक होती हैं।
- नारकोटिक्स ड्रग्स (Narcotic Drugs) – ओपिओइड युक्त नारकोटिक्स ड्रग्स, जैसे कि ऑक्सीकोडोन (oxycodone) या हाइड्रोकोडोन (hydrocodone), का उपयोग डॉक्टर द्वारा मरीज की देख-भाल के दौरान थोड़े समय के लिए किया जा सकता है। क्योंकि पुराने दर्द के लिए नारकोटिक्स ड्रग्स अच्छी तरह प्रभावी नहीं होते हैं, इसलिए उपचार के दौरान एक सप्ताह से भी कम समय के लिए नारकोटिक्स ड्रग्स के सेवन की सिफारिश की जाती है।
- इंजेक्शन – यदि अन्य दवाएं दर्द से राहत दिलाने में असफल होती हैं, तो डॉक्टर कॉर्टिसोन स्टेरॉयड हार्मोन, एंटी-इंफ्लेमेटरी दवा या सुन्न करने वाली दवा को रीढ़ की हड्डी (epidural space) के आसपास के स्थान में इंजेक्ट कराने की सिफारिश कर सकता है। यह इंजेक्शन तंत्रिका के आसपास की सूजन को कम करने में और दर्द से राहत दिलाने में मदद करते हैं।
- एंटीबायोटिक – संक्रमण की स्थिति में डॉक्टर इलाज प्रक्रियाओं के दौरान एंटीबायोटिक या एंटिफंगल दवाओं को शामिल कर सकता है।
कमर दर्द के लिए सर्जरी – lower back pain Surgery in hindi
डॉक्टर द्वारा कमर दर्द से पीड़ित व्यक्ति में गंभीर संक्रमण, काउडा एक्विना सिंड्रोम (Cauda equina syndrome) या गंभीर चोट की स्थिति का इलाज करने के लिए, सर्जरी की सिफारिश की जा सकती है। अतः कमर दर्द के प्रभाव से पैर की नसों में दर्द या तंत्रिका संपीड़न के कारण मांसपेशियों की कमजोरी की स्थिति में सर्जरी द्वारा लाभ प्राप्त किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त रीढ़ की हड्डी के संकुचित होने (स्पाइनल स्टेनोसिस) या हर्नियेटेड डिस्क, की स्थिति में भी सर्जरी फायदेमंद हो सकती है। कमर दर्द की उपचार प्रक्रिया में निम्न तरह की सर्जिकल प्रक्रियाओं को अपनाया जा सकता है, जैसे:
- फोरामिनोटॉमी (foraminotomy)
- डिस्केक्टॉमी (discectomy)
- स्पाइनल फ्यूजन (Spinal fusion)
- स्पाइनल लैमिनेक्टॉमी (spinal laminectomy)
न्यूक्लियोप्लास्टी (nucleoplasty) – न्यूक्लियोप्लास्टी (nucleoplasty) में एक छड़ी जैसी डिवाइस को छोटे कैथेटर के माध्यम से डिस्क में डाला जाता है, रेडियो तरंगों के माध्यम से डिस्क के क्षतिग्रस्त हिस्से को हटा दिया जाता है। यह डिवाइस असामान्य ऊतक को गर्म कर सिकुड़ने के लिए भी उपयोग में लायी जाती है।
इंट्राडिस्कल इलेक्ट्रोथर्मल थेरेपी (Intradiscal electrothermal therapy) – इंट्राडिस्कल इलेक्ट्रोथर्मल थेरेपी के तहत एक कैथेटर के माध्यम से सुई को डिस्क (disc) में डाला जाता है और सुई को लगभग 20 मिनट तक गर्म किया जाता है। यह थेरेपी डिस्क की दीवार को मोटा बनाती है और कमर दर्द से राहत प्रदान करती है।
(और पढ़े – स्लिप डिस्क क्या है इसके लक्षण, कारण, जांच, उपचार, और बचाव…)
कमर दर्द की रोकथाम – lower back pain prevention in hindi
सामान्यतः कमर दर्द से बचाव के अनेक तरीके मौजूद हैं, जिनमें शामिल हैं:
- मांसपेशियों को मजबूत बनाने के लिए नियमित व्यायाम करें
- संतुलित वजन बनाये रखने के लिए उत्तम प्रयास करें
- आरामदायक या सुविधाजनक कुर्सियों पर बैठें
- कमर दर्द से छुटकारा पाने के लिए दृढ़ और समतल सतह पर सोना चाहिए
- जो व्यक्तियों अधिक वजन या मोटापे से ग्रस्त है, तो उन्हें भारी सामान उठाते समय सावधानी वर्तनी चाहिए। सामान उठाते समय घुटनों पर झुकें और पैरों का संतुलन बनाये रखें
- ऊँची एड़ी के जूते न पहनें
- धूम्रपान न करें, क्योंकि निकोटीन स्पाइनल डिस्क (spinal discs) के क्षतिग्रस्त होने और रक्त प्रवाह में कमी का कारण बनता है।
(और पढ़े – फिट रहने के लिए सिर्फ दस मिनट में किए जाने वाले वर्कआउट और एक्सरसाइज…)
कमर दर्द का घरेलू इलाज – lower back pain treatment at home in Hindi
कमर दर्द से राहत प्राप्त करने और तथा लक्षणों की गंभीरता को कम करने में मदद करने के लिए कुछ उपाय अपनाए जा सकते हैं। कमर दर्द के उपाय में निम्न को शामिल किया जा सकता है, जैसे:
- कमर दर्द की स्थिति में पर्याप्त आराम प्राप्त करें,
- चोट के इलाज के लिए ठंडी या गर्म सिकाई करें, दर्द उत्पन्न होने के लगभग 24 से 48 घंटों तके दौरान बर्फ से सिकाई की जानी चाहिए, दर्द को 48 घंटे बीत जाने के बाद गर्म सिकाई को अपनाया जा सकता है
- दर्द प्रभावित क्षेत्र की बर्फ पैक से सिकाई करें
- कमर दर्द की स्थिति में धीरे-धीरे चलें तथा कम प्रभाव वाली गतिविधियों को अपनाएं
- कमर दर्द से राहत प्राप्त करने के लिए गर्म जल से स्नान करें या कमर की हल्के से मालिश कराएँ
- कमर दर्द को बढ़ाने वाली गतिविधियों पर रोक लगायें
- पीठ के बल झुकने में अधिक असुविधा महसूस होने पर अपने घुटनों के बल झुकें
- स्ट्रेचिंग व्यायाम को सावधानी पूर्वक अपनाएँ
- स्वस्थ वजन और हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए एक स्वस्थ आहार का चयन करें। कैल्शियम, फास्फोरस और विटामिन डी में उच्च खाद्य पदार्थों के सेवन पर विशेष ध्यान दें
- ओवर-द-काउंटर (ओटीसी) एंटी इंफ्लेमेटरी दवाओं जैसे इबुप्रोफेन और नेप्रोक्सेन (naproxen) का उपयोग कमर की मोच, चोटों और तनाव को कम करने के लिए किया जा सकता है
- गंभीर दर्द की स्थिति में या 1 सप्ताह से अधिक समय तक दर्द से राहत न मिलने पर चिकित्सकीय सहायता प्राप्त करने के लिए डॉक्टर से संपर्क करें।
(और पढ़े – जोड़ों में दर्द का घरेलू उपचार…)
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