Kan Me Tel Dalna Chahiye Ya Nahi Fayde Aur Nuksan कान में तेल डालना चाहिए या नहीं यह सवाल लोगों को असमंजस में डाल देता है कान हमारे शरीर का एक संवेदनशील अंग है इसलिए इसकी विशेष देखभाल की जरूरत पड़ती है। कान की समस्या किसी भी उम्र के व्यक्ति को कभी भी हो सकती है लेकिन कम सुनाई देने की समस्या आमतौर पर उम्र ढलने के बाद शुरू होती है। अक्सर पाया गया है कि कान में एक नहीं बल्कि कई तरह के विकार होते हैं जैसे कान से पस निकलना, कान में संक्रमण होना, कान में इयरवैक्स सूख जाना, कान में खुजली, कान में मैल जमा हो जाना, कम सुनाई देना और स्थायी रूप से बहरापन हो जाना आदि। कान की हर छोटी और बड़ी समस्याओं को दूर करने के लिए प्राचीन समय से ही ज्यादातर घरों में लोगों को कान में तेल डालने की आदत है। लेकिन कई बार कान में तेल डालना हानिकारक भी हो जाता है। इस लेख में हम आपको बताएंगे की वास्तव में कान में तेल डालना चाहिए या नहीं, कान में तेल डालने के फायदे और नुकसान क्या हैं।
विषय सूची
1. कान में तेल डालना चाहिए या नहीं – kan me tel dalna chahiye ya nahi in Hindi
2. कान में तेल डालने के फायदे – kaan me tel dalne ke fayde in Hindi
3. कान में तेल डालने के नुकसान – kan me tel dalne ke nuksan in Hindi
वैसे तो वैज्ञानिक तौर पर यह माना जाता है कि कान में तेल नहीं डालना चाहिए। इसका कारण यह है कि तेल में कई तरह के बैक्टीरिया मौजूद होते हैं जो कान में संक्रमण पैदा कर देते हैं और कान के अंदर विभिन्न प्रकार के विकार उत्पन्न करने लगते हैं। इसके अलावा कान में तेल डालने के बाद काफी दिनों तक तेल की नमी बनी रहती है और घर से बाहर निकलने के बाद धूल और प्रदूषण के कारण कान में अधिक गंदगी चिपक जाती है जिसके कारण कान में मैल इकट्ठी होने लगती है और मैल के कारण कान जाम हो जाता है। इसलिए कान की सुरक्षा की दृष्टि से लोग कान में तेल डालने से परहेज करते हैं।
वहीं दूसरी तरफ यह भी धारणा है कि कान में तेल डालने से इयरवैक्स या मैल बहुत आसानी से निकल आता है, कान में दर्द नहीं होता, कान के अंदर नमी बरकरार रहती है और कान में संक्रमण नहीं होता। इस धारणा को मानने वाले लोगों को डॉक्टर यह सलाह देते हैं कि किसी भी कच्चे तेल को कान में सीधे नहीं डालना चाहिए बल्कि इसे लहसुन की कुछ कलियों के साथ उबालकर और फिर इसे ठंडा करके या फिर किसी अन्य तेल के साथ मिलाकर कान में डालना चाहिए।
तो यह आप पर निर्भर करता है कि आप कान में तेल डालना चाहते हैं या नहीं। लेकिन यह सावधानी हमेशा बरतनी चाहिए कि कान में कभी कच्चा तेल नहीं डालना चाहिए।
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यदि आप कान में तेल डालने के आदी हैं तो आपको जरूर जानना चाहिए कि कान में तेल डालने के क्या-क्या फायदे होते हैं।
2008 में हुई एक स्टडी में पाया गया है कि कान में इंफेक्शन होने पर एंटीबायोटिक्स लेने की बजाय कान में नारियल का तेल डालना ज्यादा फायदेमंद होता है। शोधकर्ताओं का मानना है कि कान के अंदर वायरल और फंगल इंफेक्शन को दूर करने में यह तेल बहुत प्रभावी रूप से कार्य करता है और कान में किसी गंभीर समस्या के लक्षण होने से पहले ही इंफेक्शन ठीक हो जाता है।
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आमतौर पर सरसों के तेल का इस्तेमाल कान की समस्याओं को दूर करने के लिए घरेलू उपचार के रूप में किया जाता है। प्राचीन काल से ही कान के अंदर जमा मैल या इयरवैक्स निकालने के लिए सरसों का तेल कान में डाला जाता है। कान में जब इयरवैक्स जमा हो जाता है या सूख जाता है तो कान में काफी खुजली होती है। रात में सोते समय कान में दो या तीन बूंद सरसों का तेल डालने पर सुबह तक इयरवैक्स फुलकर बाहर निकल आता है और कान साफ हो जाता है।
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कान के अंदर एलर्जी या साइनस (sinus) की समस्या होने पर खुजली होने लगती है। अधेड़ उम्र की महिलाओं को यह समस्या सबसे ज्यादा होती है। डॉक्टरों का मानना है कि मछली के तेल में लहसुन की कुछ कलियां डालकर गर्म कर और फिर इस तेल को ठंडा करके कान में डालने से खुजली की समस्या खत्म हो जाती है। उम्र बढ़ने के साथ कान से कम सुनाई देने की समस्या भी कान में यह तेल डालने से दूर हो जाती है।
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कान के मध्य भाग (middle ear) में संक्रमण होने के कारण कान में दर्द होने लगता है। यदि आप कान के दर्द को ठीक करने के लिए दवा नहीं खाना चाहते हैं तो घरेलू उपचार के रूप में कान में ऑलिव ऑयल डालने से कान का दर्द ठीक हो सकता है। हालांकि कान के दर्द को दूर करने के लिए कान में ऑलिव ऑयल डालने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर ले लेनी चाहिए।
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कान हमारे शरीर का एक संवेदनशील अंग है। कान का मैल साफ करते समय या कान में किसी वजह से चोट लग जाने के कारण कान के अंदर सूजन हो जाती है और फिर तेज दर्द उत्पन्न हो जाता है। कान का दर्द एक ऐसा दर्द है जिसके कारण व्यक्ति की नींद तो उड़ती ही है साथ में भूख प्यास भी खत्म हो जाती है। कान के सूजन को कम करने के लिए टी ट्री ऑयल (tea tree oil) में कुछ बूंद ऑलिव ऑयल मिलाकर कान में डालने से कान में सूजन की समस्या खत्म हो जाती है।
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छोटे बच्चों और बुजुर्गों के कान में बिना किसी वजह से अक्सर उन्हें बेचैनी महसूस होती है। ना तो कान में दर्द होता है और ना ही पस आता है लेकिन बुजुर्गों में कान के अंदर अजीब तरह की घनघनाहट होती है जबकि बच्चों के कान के अंदर खुजली होती है। इस समस्या से निजात पाने के लिए बादाम का तेल कान में डालने से घनघनाहट आनी बंद हो जाती है और बच्चों को भी कान में बेचैनी से राहत मिल जाती है।
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