Benefits of kapalbhati in hindi कपालभाति दो शब्दों कपाल और भाति से मिलकर बना हुआ है। जहां कपाल का मतलब माथा या सिर(head) और भाति का मतलब प्रकाश या चमक (lighting) से है। यह ऐसा प्राणायाम है जिसमें व्यक्ति को सांस खींचने और सांस को छोड़ने की प्रक्रिया के बीच समन्वय बिठाना पड़ता है। अगर इस प्राणायाम को बिल्कुल सही तरीके से किया जाए तो यह शरीर के मांसपेशियों को अधिक सक्रिय बनाता है। जिसके परिणामस्वरूप मांसपेशियां मजबूत बनती हैं। इसके अलावा यह श्वसन अंगों को भी सही तरीके से कार्य करने के लिए प्रेरित करता है। इस आर्टिकल में हम आपको कपालभाति प्राणायाम करने का तरीका, कपालभाति करने के फायदे और कपालभाति प्राणायाम करते समय बरतें सावधानियां के बारे में बताएंगे।
कपालभाति (Kapalbhati ) प्राणायाम को नियमित करने वाले व्यक्तियों के शरीर से उसकी मानसिक एवं शारीरिक परेशानियां दूर हो जाती है। इसे व्यक्ति प्रत्येक बार सांस छोड़ते समय आसानी से महसूस भी कर सकता है। कपालभाति करना बहुत ही आसान होता है और प्रत्येक व्यक्ति इसे बैठकर कर सकता है। इसे करने के बाद व्यक्ति को एक अनूठी और आत्मिक शांति महसूस होती है। इस प्राणायाम को करने वाला व्यक्ति ही सिर्फ इसके फायदों को महसूस कर सकता है।
1.कपालभाति प्राणायाम करने का तरीका – Procedure of Kapalbhati Pranayama in Hindi
2.कपालभाति प्राणायाम करने के फायदे – Benefits of Kapalbhati Pranayama in Hindi
3.कपालभाति प्राणायाम करते समय बरतें सावधानियां – Precautions of Kapalbhati Pranayama in Hindi
सबसे आसान प्राणायाम में से एक कपालभाति है। इसे करने पर आपको कुछ सुखद सा महसूस होता है। यह प्राणायाम करने से व्यक्ति को अनेकों फायदे होते हैं। तो आइये जानें कि कपालभाति प्राणायाम करने के फायदे क्या हैं।
यह प्राणायाम नियमित करने से व्यक्ति हर तरह के स्ट्रेस, डिप्रेशन, चिंता एवं मानसिक तनाव से मुक्त रहता है और उसका मन भी प्रसन्न रहता है। इसके अलावा यह प्राणायाम मन और दिमाग को शांत रखता है और व्यक्ति में आत्मविश्वास जगाता है।
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त्वचा की सुंदरता बढ़ाने के लिए कपालभाति प्रणायाम सबसे अच्छा विकल्प है। कपालभाति प्राणायाम करने से शरीर को ऊष्मा मिलती है और व्यक्ति के चेहरे पर प्राकृतिक निखार आता है और चेहरा चमकने लगता है।
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यह प्राणायाम करने से व्यक्ति की पाचन क्रिया सुचारू रूप से काम करती है और यकृत एवं किडनी भी अपना काम सही तरीके से करने लगती है। इसके अलावा आंत से जुड़ी समस्या भी दूर हो जाती है।
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यदि कोई व्यक्ति नियमित रूप से कपालभाति प्राणायाम करता है तो उसके आंखों में तनाव कम उत्पन्न होता है जिससे की आंखों के आसपास डार्क सर्कल नहीं पड़ते हैं और यदि यह समस्या होती भी है तो इस प्राणायाम को करने से दूर हो जाती है।
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इस प्राणायाम के रोजाना सही तरीके से करने से शरीर में रक्त प्रवाह सही तरीके से होने लगता है और शरीर के सभी अंग भी अपना कार्य अच्छे से करते हैं।
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प्रजनन क्षमता संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए योग और विशेष रूप से प्राणायाम बहुत ही प्रभावी होते हैं। कपालभाति प्राणायाम करने से महिलाओं की प्रजनन क्षमता ठीक रहती है और यह सेक्स के दौरान उत्तेजना पैदा करने में भी काफी मददगार होता है। इसके अलावा यह महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर की भी समस्या को कम करता है।
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इस प्राणायाम को करने से शरीर में इकट्ठे विषाक्त पदार्थ शरीर से बाहर निकल आते हैं और हमारे शरीर की आंतरिक प्रणाली अपना काम ठीक से करने लगती है।
जैसा कि हम सभी को मालूम है कि यदि किसी भी योगा या प्राणायाम को सही तरीके से न किया जाए या जब शरीर में कुछ ऐसी बीमारियों हो जो इस प्राणायाम को करने में बाधा उत्पन्न करें तो कपालभाति प्राणायाम को नहीं करना चाहिए।
अगर आप हृदय रोग के मरीज हैं तो कपालभाति प्राणायाम करते समय सांसें बिल्कुल हल्के से छोड़ें या फिर आप यह प्राणायाम ना करें। यह प्राणायाम जब भी करें खाली पेट ही करें।
अगर कोई महिला गर्भवती है तो उसे कपालभाति प्राणायाम करने से बचना चाहिए।
अपने पूरे स्वास्थ्य की जांच कराने के बाद कपालभाति प्राणायाम को डॉक्टर की देखरेख में करें। अगर आपको मिर्गी आती हो तो यह प्राणायाम न करें।
यदि महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान इस प्राणायाम को करने में असुविधा महसूस हो रही हो तो महिलाएं इस प्राणायाम को अपने उन दिनों में ना करें।
इसके अलावा यदि आपको अल्सर और गैस्ट्रिक से संबंधिक दिक्कतें हो तो इस प्राणायम से परहेज करें।
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