Kapoor Benefits in Hindi कपूर का उपयोग केवल पूजन के लिए नहीं किया जाता है बल्कि कपूर में कई ऐसे औषधीय गुण होते है जो इसे आयुर्वेदिक औषधी बनाते है, सुंदर और गोरी त्वचा हर किसी का सपना होता है। और इसे प्राप्त करने के लिए हम ना जाने कितने प्रयत्न करते हैं, लेकिन आपको यह जान कर हैरानी होगी कि हमारी सुंदरता को बढ़ाने के लिए कपूर के अनेक फायदे हैं। यह आपकी त्वचा, बाल और स्वास्थ्य के लिए गुणकारी होता है। इसमें उपस्थित पोषक तत्व हमारे स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी होते है। कपूर में एंटीबैक्टीरियल, एंटीऑक्सीडेंट (Anti-oxidant) गुण होते है। यह हमें डायरिया, अस्थमा, और गठिया जैसे रोगों से बचाता है। आइए जाने कपूर के फायदे, जो आपकी सुंदरता और स्वास्थ्य को बढ़ाने में मदद करते हैं।
विषय सूची
1. कपूर का पेड़ – Camphor tree in Hindi
2. कपूर के फायदे फोर स्किन – kapoor ke fayde for skin
3. कपूर के फायदे बालों के लिए – Camphor for Hair Care in Hindi
4. कपूर के स्वास्थ्य लाभ – Camphor Health Benefits in Hindi
4. कपूर के नुकसान – Kapoor Ke Nuksan in Hindi
कपूर तीन अलग वर्गों की वनस्पति से प्राप्त होता है। कपूर के प्रकार निम्न है;-
यह जिस वृक्ष से प्राप्त किया जाता है उसे सिनामोमस कैफ़ोरा (Cinnamomum camphora) कहते हैं। यह वृक्ष चीन, तथा जापान में पाया जाता है। भारत में यह देहरादून, सहारनपुर, नीलगिरि तथा मैसूर आदि जगहों में पाया जाता है। भारतीय कर्पूर के पेड़ छोटे, उनकी पत्तियाँ ढाई से चार इंच लंबी, आधार से कुछ ऊपर तीन मुख्य शिराओं वाली, लम्बी और मसलने पर कपूर की तरह गंधवाली होती हैं। कपूर के फूल सफेद, और सुन्दर होते हैं। जापान में लगभग 50 वर्ष पुराने वृक्षों के लकड़ी के आसवन (distillation) से कपूर प्राप्त किया जाता है। किंतु भारत में यह पत्तियों से ही प्राप्त किया जाता है।
जिस पेड़ से यह प्राप्त होता है उसे ड्रायोबैलानॉप्स ऐरोमैटिका (Dryobalanops aromatica) कहते हैं। जो सुमात्रा तथा बोर्निओ आदि में स्वत: उत्पन्न होता है। इस पेड़ की लकड़ी में जहाँ चीरे पड़े रहते हैं वहीं कपूर पाया जाता है। यह सफेद एवं अर्धपारदर्शक टुकड़ों में चिपका रहता है और खुरचकर लकड़ी से निकाला जाता है। इसलिए इसे प्राकृतिक कपूर, देशी कपूर या अपक्व कपूर कहा जाता है। यह अनेक बातों में जापानी कपूर से मिलता है और उसी के समान चिकित्सा में इसका उपयोग किया जाता है। इसकी मुख्य विशेषता यह है कि यह पानी में डालने पर नीचे बैठ जाता है। आयुर्वेदीय चिकित्सा में यह अधिक गुणवान भी माना गया है।
भारत में कंपोज़िटी (Compositae) कुल की कुकरौंधा प्रजातियों (Blumea species) से प्राप्त किया जाता है, जो पत्तेदार शाक जाति की वनस्पतियाँ होती हैं।
अपने पोषक तत्वों के कारण कपूर हमारे स्वास्थ्य के साथ-साथ सौंदर्य को भी बढ़ाने में मदद करता है। इस लेख में आप जानेगें कि क्यों कपूर को त्वचा और बालों के उत्पादों में जगह मिलती है और कैसे इसके इस्तेमाल से कई स्वास्थ्य समस्याओं से राहत मिलती है।
औषधीय गुणों वाले कपूर का उपयोग कर आप जिद्दी मुँहासों (stubborn acne) से छुटकारा पा सकते हैं। यह आपके मुँहासे के लिए एक उत्कृष्ट उपाय माना जाता है। क्योंकि यह लाली और जलन (redness and irritation) को कम कर देता है।
कपूर की मदद से आप अपनी खूबसूरत (flawless and blemish-free) त्वचा वापस पा सकते हैं। कपूर एंटीआक्सीडेंट गुणों से भरपूर होता हैं यह फुंसी और मुंहासों को होने से रोकने में मदद करते हैं।
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क्या आप अपनी फटी एड़ीयों (cracked heel) को छिपाने के लिए कई प्रकार के जूते और मोजे का उपयोग करते हैं। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कितने अच्छे कपड़े पहने हुए हैं, फटी एड़ीया आपके आत्मविश्वास को कम कर सकती है। लेकिन कपूर (camphor) आपकी फटी एड़ीयों को ठीक कर सकता है।
फटी एड़ियों से राहत के लिए, आपको अपने पैरों को कपूर और पानी के मिश्रण में भिगोना होगा और फिर पैरों को साफ करना होगा। इसके बाद आप उन पर एक क्रीम माइस्चराइजर (moisturizer) या पेट्रोलियम जेली लगा सकते हैं। यह आपकी त्वचा को नम रखेगा और दरारें होने से रोक देगा।
कपूर की एंटीसेप्टिक और शीतलता वाले (antiseptic and cooling) गुण क्रैक एड़ीयों के उपचार में फायदेमंद होते है।
त्वचा की जलन दूर करने के लिए कपूर बहुत ही प्रभावी होता है। कपूर को पानी में घोलने के बाद इसे त्वचा के उस स्थान पर लगायें जहां पर जलन हो रही हो। कपूर विशेष रूप से अत्यधिक गर्मी और पसीने के कारण होने वाली त्वचा की जलन के लिए अच्छा होता है। कपूर के एंटीआक्सीडेंट (anti-oxidant) गुण स्किन में जलन के खिलाफ कार्य करते हैं।
ठंडा और शांत प्रभाव के कारण कपूर का उपयोग कई त्वचा से सम्बंधित समस्याओं को दूर करने में किया जाता है। कपूर फंगल और बैक्टीरिया संक्रमण (bacterial infection) के उपचार के लिए लाभकारी होता है।
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बालों का गिरना अधिकतर लोगों की समस्या है। कपूर के तेल (camphor Oil) का उपयोग बालों को नुकसान पहुंचाए बिना इनके गिरने की दर को कम कर सकता है।
कपूर का तेल बालों की जड़ो को मजबूत करता है। कपूर के तल के साथ अंडे या दही का उपयोग आपके बालों की आवश्यक पोषक तत्वों की कमी को पूरा करता है। कपूर तेल न केवल बाल विकास को बढ़ावा देता है, बल्कि यह बालों का झड़ना (fight hair-loos) भी कम करता है।
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लम्बे और घने बाल कौन नहीं चाहता है। लेकिन हम सभी जानते हैं कि ऐसा कहना आसन है और करना कठिन होता है। आज के प्रदूषित वातावरण में लंबे बाल एक ख्वाब की तरह हैं। आपकी इस समस्या का समाधान कपूर (camphor) के रूप में हमारे पास है ।
जब कपूर के तेल को आवश्यक तेलों (essential oils) के साथ मिलाया जाता है, तो बालों के बढ़ने की दर को बढ़ावा दे सकता है। आप किसी भी आवश्यक तेल जैसे की नारियल का उपयोग कर सकते हैं। इसके साथ ही लैवेंडर और कैमोमाइल (lavender and chamomile ) तेल आपके बालों को ताजा और सुगंधित कर सकते हैं।
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क्या आप कुछ तत्काल राहत के लिए अपने सिर को (itchy scalp) खरोंच रहे हैं, तो शायद आपको जूँ हो सकते हैं। यदि एंटी-जूँ शैम्पू आपकी मदद करने में असफल हैं तो कपूर को आजमाएं। वे जूँ को मारने में उपयोगी पाए गए हैं।
पानी में कपूर का तेल मिला कर स्नान किया जा सकता है। यह एक अच्छी सफाई और कीटाणुशोधक (disinfecting) ऐजेंट के रूप में कार्य करता है। यह जूँ भी मार सकता है और खुजली को भी रोक सकता है।
Camphor (कपूर) में एंटीआक्सीडेंट गुण होते हैं जो शरीर में ऑक्सीकरण (Oxidation) की प्रक्रिया को कम करने में मदद करते हैं, जिससे मुक्त कणों को कम करने में मदद मिलती है जो ऊतको के टूटने, लीवर की बीमारियों और कार्डियोवैस्कुलर (cardiovascular) परेशानीयों जैसे स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों के लिए जिम्मेदार हैं।
अनियमित खाने की आदतों और खाने-पीने के गलत तरीकों के कारण हम में अधिकांश लोगों को पेट की परेशानियों (gastric troubles) का सामना करना पड़ता है। यदि आपको इस प्रकार की समस्या हो तो कपूर (camphor) का उपयोग करें यह आपकी समस्या को ठीक कर सकता है।
पेट की समस्या बाले लोगों को कपूर से राहत मिलती है। यह गैस के गठन को कम करने में मदद करता है।
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हम सभी दर्द या सूजन से छुटकारा पाने के लिए कई प्रकार के बाम और स्प्रे को लगाते हैं, लेकिन क्या आप जानते थे कि इनमें से अधिकतर बाम कपूर से बने होते हैं।
दर्द से राहत के लिए विशेष रूप से पीठ दर्द के लिए कपूर तेल का उपयोग किया जा सकता है। इसके एंटीआक्सीडेंट गुणों के कारण यह मांसपेशीय तनाव को दूर करने में मदद करता है।
कपूर गर्भवती महिला का सबसे अच्छा दोस्त होता है क्योंकि यह मांसपेशी की ऐंठन (cramps ) को कम करता है। पेट पर हल्के हाथ से मलने से पेट का दर्द शांत होता है और आपको राहत मिलती है। यह वास्तव में एक बहुत कुशल दर्द रोधक होता (antispasmodic) है।
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शर्दी और खांसी के खिलाफ कपूर बहुत ही प्रभावी माना जाता है। इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि इसका उपयोग भाप लेने और बाम की तरह किया जाता है।
खांसी और कफ (cough) से छुटकारा पाने के लिए कपूर का उपयोग करने के कई तरीके हैं, जिनमें भाप के रूप में इनहेलिंग, बाम की तरह मलना शामिल है। दस मिनट के लिए गर्म पानी में कपूर को मिला कर भाप के माध्यम से इसे सांस द्वारा लेना सर्दी दूर करने के लिए अच्छा काम कर सकता है। यह गले की जलन को भी ठीक कर सकता है।
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दस्त थकाऊँ स्थितियों में से एक हो सकता है। कपूर का उपयोग दस्त ठीक करने का घरेलू उपाय हो सकता है।
इसका सेवन आपके शरीर में गैस के गठन को रोकता है। इस प्रकार आप गैस से संबंधित बीमारियों से छुटकारा पा सकते हैं। जो बाद में गैस्ट्रोएंटेरिटिस और दस्त (gastroenteritis and diarrhea) जैसे गंभीर परिस्थितियों का कारण बनता है।
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कपूर अन्य दवाओं के साथ मिलकर कार्डियक विफलता का इलाज करने के लिए उपयोग जाता है। यह निम्न लिखित स्थितयों के इलाज में भी उपयोगी है: खसरा , फ्लू , भोजन विषाक्तता, मिरगी आदि।
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हम सभी जानतें हैं कि हमारे शरीर में असामान्य रक्त प्रवाह (abnormal blood flow) कई स्वास्थ्य समस्याओं को बढ़ावा देता है। लेकिन कपूर का उपयोग कर आप इन समस्याओं को दूर कर सकते हैं।
कपूर रक्त परिसंचरण तंत्र को उत्तेजित (stimulates) करता है। जब रक्त परिसंचरण में सुधार होता है तो यह गठिया आदि को कम करने में मदद करता है। कपूर शरीर के अन्य अंगों की सूजन (swelling of body) को भी कम करने में मदद करता है।
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अगर आपके घर पर मच्छरों की तादाद अधिक हो गई है और आप उन्हें प्राकृतिक तरीके से बाहर करना चाहते है तो आप कपूर को जलाकर अपने कमरे के किसी भी कोने में रख दीजिये इसका इस्तेमाल सदियों से मच्छर और कीट पतंगों से छुटकारा पाने के लिए किया जाता रहा है।
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त्वचा, बाल और समग्र स्वास्थ्य के लिए कपूर के गुण बहुत ही फायदेमंद होते हैं, लेकिन यह हमारे लिए तभी फायदेमंद हो सकता है जब हम इसका उपयोग सीमित मात्रा में करें। यदि हम इसका अधिक मात्रा में उपयोग करते है तो परिणाम स्वरूप हमें कुछ दिक्कतें हो सकती हैं जैसे कि शरीर के तापमान में कमी और उल्टी आदि।
कपूर उत्पादों को बच्चों से दूर रखना चाहिए, क्योंकि इसकी अधिक मात्रा का सेवन करने से बच्चों में दौरे पड़ सकते हैं। आमतौर पर अधिक मात्रा में लेने के लक्षण तुरंत ही दिखाई देते हैं। कपूर का अधिक मात्रा में सेवन करने से आंखों, त्वचा और श्लेष्म झिल्ली (mucous membrane) में जलन हो सकती है। इससे दस्त, मितली, सिरदर्द यहां तक की झटके भी लग सकते है।
इसका सेवन अधिक मात्रा में जहरीला हो सकता है इसलिए इसका मौखिक रूप से सेवन करने से बचना चाहिए।
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