Karela Khane Ke Fayde Aur Nuksan: करेला सबसे फायदेमंद सब्जियों में से एक माना जाता है। हालांकि करेला का स्वाद कड़वा होता है, लेकिन फिर भी यह अपने स्वास्थ्यवर्धक गुणों के कारण कई लोगों की पसंदीदा सब्जी है। बिटर गॉर्ड या करेला एक चिकित्सकीय औषधि है जो हमारे शरीर को स्वस्थ रखने के लिए लाभदायक माना जाता है। करेले का सेवन बुखार और संक्रामक जैसे रोगों से हमारे शरीर की रक्षा करता है। इसमें विटामिन ए, बी, सी और खनिज-कैल्शियम, फास्फोरस, आयरन, कॉपर, पोटेशियम पाया जाता है। करेले में फास्फोरस काफी मात्रा में पाया जाता है, इसीलिए यह दाँत, मस्तिष्क, हड्डी, ब्लड और अन्य शारीरिक अंगो के लिए जरुरी फास्फोरस की पूर्ति करता है। आइये करेला के फायदे और नुकसान को विस्तार से जानते हैं।
बिटर गॉर्ड या करेला कड़वे स्वाद वाला एक फल है जिसे हम सभी लोग हरी सब्जी के रूप में उपयोग करते हैं। बहुत से लोग करेला को बिटर मेलन (Bitter Melon) के नाम से जानते हैं। करेला का वैज्ञानिक नाम मोमोर्डिका चैरंटिया (Momordica charantia) है। हालांकि करेला को अलग-अलग जगह पर कई नामों से जाना जाता है। करेले का रंग गहरा हरा होता है। इसका पौधा एक प्रकार की वेल है जो विशेष रूप से ठंडी के मौसम में अपने फल और फूल देती है।
करेला से क्या फायदा होता है यह अधिकांश लोगों को शायद पता न हो। लेकिन करेले में मौजूद पोषक तत्व और खनिज पदार्थ हमें कई स्वास्थ्य समस्याओं से बचा सकते हैं। करेले में आयरन, मैग्नीशियम, पोटेशियम, विटामिन सी, फाइबर आदि की अच्छी मात्रा होती है। 100 ग्राम करेले के अनुसार पोषक तत्वों में 13 मिली ग्राम सोडियम के साथ लगभग 34 कैलोरी होती है। इसके अलावा पोटेशियम 6.2 ग्राम, कार्बोहाइड्रेट 7 ग्राम और प्रोटीन लगभग 3.6 ग्राम होता है। आइए जाने करेला खाने के फायदे क्या हैं।
यदि हम इसकी तासीर की बात करें तो, करेला गर्म तासीर का होता है। इसलिए आप ठंडी के मौसम में करेले का सेवन नियमित कर सकते है, लेकिन गर्मियों के मौसम में इसका कम सेवन करें। करेला अपनी गर्म प्रकृति के कारण आपके शरीर के लिए नुकसानदायक भी हो सकता हैं।
आइये जानते हैं कि करेला हमारे लिए किस प्रकार से लाभदायक होता है।
मधुमेह से बचाव में करेला खाने के फायदे आपकी मदद कर सकते हैं, क्योंकि करेले के एंटीडायबिटिक गुण होते हैं। करेला हाइपोग्लाइसेमिक (Hypoglycemic) प्रभाव दिखता है जो हमारे शरीर से ब्लड शुगर को कम करता हैं। मधुमेह के घरेलू उपाय की तरह से आप करेले की सब्जी या इसके जुसे का सेवन कर सकते है। यह अग्न्याशय के इन्सुलिन उत्पादन को बढ़ाता है और इन्सुलिन प्रतिरोध से भी बचाता है। यह डायबिटीज टाइप-1 एवं टाइप-2 दोनों ही प्रकार के रोगियों के लिए करेला खाना फायदेमंद है।
वजन कम करने के लिए करेला बहुत ही लाभकारी होता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि करेले में वसा और कार्बोहाइड्रेट की मात्रा बहुत ही कम होती है। इसके अलावा फाइबर की उच्च मात्रा आपको लंबे समय तक पूर्णता का एहसास कराती है। जिससे आपको भूख कम लगती है और वजन घटाने में आपको मदद मिलती है। एक अध्ययन के अनुसार करेला का उपयोग शरीर में वसा कोशिकाओं के विकास और नई कोशिकाओं के निर्माण को रोकने में सहायक होता है। जिसके कारण शरीर में वसा या फैट को नियंत्रित किया जा सकता है। करेले में एंटीओबेसिटी गुण पाया जाता है जो कि मोटापा कम करने वाला गुण है। इसलिए करेला मोटापा कम करने का प्राकृतिक उपाय माना जाता है। यदि आप भी अपना वजन कम करना चाहते है तो अपने भोजन में करेले को शामिल जरूर शामिल करें।
कैंसर के जोखिम को कम करने के लिए आप अपने आहार में करेला को शामिल कर सकते हैं। एक अध्ययन के अनुसार करेला कैंसर वाली कोशिकाओं के निर्माण को रोकता है। आयुर्वेद के अनुसार भी करेले का उपयोग कैंसर जैसी बीमारी के उपचार में भी किया जा सकता है। करेले में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट गुण ट्यूमर, ग्रीवा, प्रोस्टेट और ब्रेस्ट कैंसर से बचाते है।
लीवर संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए भी करेला बहुत ही फायदेमंद होता है। इसमें हेपेटोप्रोटेक्टिव (Hepatoprotective) प्रभाव होता है जो कि एक लिवर को सुरक्षित रखने का गुण है। नियमित रूप से करेला का सेवन करके आप फैटी लिवर जैसी बीमारी में बच सकते है। यह लीवर में मौजूद बैक्टीरिया और संक्रमण आदि को दूर करने में मदद करता है। इसके लिए आप नियमित रूप से प्रतिदिन एक गिलास करेले के जूस का सेवन कर सकते हैं। ऐसा माना जाता है कि लगभग एक सप्ताह तक नियमित रूप से करेले के जूस का सेवन करने पर यह लिवर को पूर्ण रूप से स्वस्थ कर सकता है।
एक शोध से पता चलता है कि करेला के जूस में एंटी-इंफ्लामेटरी गुण होते हैं। इस गुण के कारण करेला शरीर में मौजूद खराब कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड (Triglycerides) के स्तर को कम करने में सहायक होता है। शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल की अधिक मात्रा हृदय रोग, दिल का दौरा और स्ट्रोक आदि समस्याओं का कारण बन सकता है। इसके अलावा करेला जूस पीने के फायदे रक्तचाप को भी नियंत्रित करने में सहायक होते हैं। क्योंकि करेला में पोटेशियम की अच्छी मात्रा होती है। आयरन और फोलिक एसिड से भरपूर होने के कारण करेला स्ट्रोक
संबंधी लक्षणों को भी दूर करता है। हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया (hypercholesterolemia) यानि बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल की स्थिति में करेले के अर्क को सप्लीमेंट के रूप में दिया जा सकता है। आप भी अपने शरीर को स्वस्थ रखने के लिए करेले को अपने दैनिक आहार में शामिल कर लाभ ले सकते हैं।फाइबर की उच्च मात्रा के कारण करेले पाचन संबंधी समस्याओं को दूर करने में सहायक होता है। फाइबर की उच्च मात्रा होने के कारण यह भोजन को उचित ढंग से पचाने में सहायक होता है। जिससे कब्ज और उसकी वजह से होने वाली बवासीर जैसी समस्याओं को प्रभावी रूप से रोका जा सकता है। इसके अलावा केरला के एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-ऑक्सीडेंट गुण बवासीर जैसी समस्याओं से छुटकारा दिलाने में मदद करते हैं। यदि आप भी कब्ज की समस्या से परेशान हैं तो अन्य फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों के साथ ही करेले को अपने नियमित आहार में शामिल करें।
त्वचा संबंधी समस्याओं को दूर करने करेला अच्छा घरेलू उपाय होते हैं। करेले का सेवन त्वचा रोगों जैसे एक्जिमा और सोरायसिस के इलाज में भी मदद कर सकता है। करेले का जूस पीने के फायदे त्वचा के संक्रमण संबंधी समस्याओं से छुटकारा दिला सकते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि करेला में पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्व होते हैं जो त्वचा को पोषण देते हैं। साथ ही इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट फ्री रेडिकल्स से त्वचा कोशिकाओं की रक्षा करते हैं।
आंखों से संबंधित समस्याओं को दूर करने के लिए करेला का उपयोग औषधीय रूप में किया जा सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि करेले में बीटा-कैरोटीन और विटामिन ए की अच्छी मात्रा होती है। बीटा-कैरोटीन दृष्टि संबंधी समस्याओं जैसे मोतियाबिंद और रतौंधी आदि को रोकने में प्रभावी है। यदि आप भी अपनी आंखों की रोशनी बढ़ाना चाहते हैं तो नियमित रूप से करेले का सेवन करें। इसके अलावा थकान के कारण आंखों के नीचे के काले घेरे को दूर करने के घरेलू उपाय के रूप में भी करेले का सेवन किया जा सकता है।
यदि आप चोट की सूजन को कम करना चाहते है तो इसके लिए भी करेले का सेवन कर सकते हैं। करेले में एंटी-इन्फ्लामेटरी गुण भी मौजूद पाए जानते हैं, जो सूजन को कम करने में सहायक हैं। हालंकि करेला सूजन की समस्याओं को ठीक करने में कितना प्रभावी है, इस पर और शोध की आवश्यकता है।
करेले में एंटी-वायरल और एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं जो आपकी प्रतिरक्षा शक्ति को मजबूत करने में सहायक होते हैं। इसके अलावा करेले के फायदे एलर्जी और अपचन जैसी समस्याओं को भी नियंत्रित करने में सहायक होते हैं। करेला में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट फ्री रेडिकल्स के प्रभाव को कम करके कोशिकाओं की रक्षा करते हैं। एक अध्ययन के अनुसार करेले में कार्सिनोजेन और एंटीट्यूमर गुण होते हैं। जिसके कारण यह प्रोस्टेट, स्तन और गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर का उपचार करने में मदद मिल सकती है।
करेले में विटामिन सी होता है जो कि एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट होता है। जिसके कारण यह त्वचा कोशिकाओं को फ्री रेडिकल्स के प्रभाव से बचाता है। इन फ्री रेडिकल्स के प्रभाव के कारण ही त्वचा में झुर्रियां और अन्य प्रकार के बुढ़ापे संबंधी लक्षण आते हैं। यदि आप भी समय से पहले बुढ़ापे संबंधी लक्षणों को दूर करना चाहते हैं तो अपने दैनिक आहार में करेले को शामिल कर लाभ ले सकते हैं।
करेला को आप अपनी पसंद के अनुसार किसी भी प्रकार से खा सकते है, जैसे –
अन्य खाद्य पदार्थों की तरह ही करेले का अधिक मात्रा में सेवन करने से कुछ नुकसान भी हो सकता है, जो निम्न हैं-
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