Cranberry in Hindi: क्रैनबेरी (Cranberry) जिसे हिंदी में करोंदा कहा जाता है, यह छोटे अम्लीय जामुन के सामान फल होते हैं जो सदाबहार झाड़ियों पर फलते हैं। यह फल उत्तर अमेरिका के मूल निवासी माने जाते हैं। पोषक तत्वों (Nutritional) की अधिकता के कारण करोंदा के फायदे बहुत अधिक हैं।
क्रैनबेरी में एंटीऑक्सीडेंट गुणों की अच्छी मात्रा होने के कारण यह सुपर फूड के रूप में देखा जाता है। करोंदा के जूस का उपयोग भी विभिन्न प्रकार की परेशानियों को दूर करने में किया जाता है। आइये जानते है करोंदा के फायदे और नुकसान (karonda Ke Fayde Aur Nuksan in Hindi) के बारे में।
करोंदा के फायदे स्वास्थ्य के लिए बहुत अधिक हैं। इनके औषधीय गुण मूत्र पथ संक्रमण (UTI), श्वसन संबंधी विकार, गुर्दे की पथरी, कैंसर और हृदय रोग से राहत दिलाने मे मदद करते हैं। करोंदा के फायदे पेट विकारों (stomach disorders) और मधुमेह को रोकने में भी है, इसके साथ ही साथ यह दांतों से संबंधित परेशानियों को भी कम करते हैं।
यह एक खट्टा फल प्रदान करने वाला झाड़ी नुमा पौधा होता है जिसे हम करोंदा कहते हैं इसका वैज्ञानिक नाम कैरिसा कैरेंडस (Carissa carandus) है। यह एक प्रकार का पौधा होता है जो अच्छी तरह से विकास करने पर लगभग पेड़ की तरह हो जाता है। इसकी टहनियों में कांटे होते हैं और इसकी शाखाएं झाडियों की तरह घनी होती हैं।
करोंदा के पत्ते छोटे सामान्य और चिकने होते हैं। यह पौधा सदाबहार होता है। इसमें हल्के पीले सफेद फूल होते हैं जो आकार में बहुत ही छोटे होते हैं। इनके फलों रंग शुरुआत में हल्का हरा होता है और धीरे धीरे पकने पर जामुनी या हल्के लाल रंग के हो जाते हैं जिनका स्वाद बहुत ही खट्टा होता है।
करोंदे के दो साल के पौधे में फल आना शुरू हो जाते हैं। करोंदे में फूल आना मार्च के महीने में शुरू होते है और जुलाई से सितम्बर माह के बीच फल पकना शुरू हो जाते है।
क्रैनबेरी फल में एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन सी, और सैलिसिलिक एसिड अच्छी मात्रा में पाए जाते हैं। एक कप करोंदा में मात्र 45 कैलोरी होती है जो आहार दिशानिर्देशों के अनुसार बिल्कुल सही है। करोंदा फल के 100 ग्राम में 87.13 ग्राम पानी भी शामिल है।
जो हमे ऊर्जा, प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट प्रदान करता है। इनमें उपस्थित खनिजों में कैल्शियम, मैग्नीशियम, आयरन, फास्फोरस, सोडियम, पोटैशियम और जिंक शामिल हैं। करोंदा फल में थायमीन, राइबोफ्लेविन, नियासिन, विटामिन बी 6, विटामिन ई (अल्फा-टोकोफेरोल), विटामिन K (फिलोक्किनोन) जैसे विटामन भी शामिल हैं।
ताजा करोंदा में लगभग 90% पानी होता है, लेकिन बाकी ज्यादातर कार्ब्स और फाइबर है।
कच्चे, बिना पके करोंदे के 1 कप (100 ग्राम) में मुख्य पोषक तत्व हैं:
क्रैनबेरी स्वादिष्ट फल होते है और इसमें उपयोगी जरूरी पोषक तत्व पाए जाते हैं। करोंदा विभिन्न विटामन और एंटीआक्सीडेंट (Antioxidant) का अच्छा स्रोत होता है। इसका उपयोग गुर्दे की बीमारियों के इलाज के रूप में उपयोग किया गया है। बहुत सी बीमारियों को ठीक करने के लिए करोंदा (cranberry fruit) का उपयोग लंबे समय से किया जा रहा है। आइऐ जाने करोंदा के फायदे क्या हैं।
प्रोंथोसाइनिडिन (proanthocyanidins) की अच्छी मात्रा करोंदा में उपलब्ध होती है, जो विभिन्न कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोकता है। अध्ययन बताते हैं कि फ्लैवोनोइड्स की अच्छी मात्रा वाले आहार कैंसर के खतरे को कम करने में मदद करता है। करोंदा में एंटी-कैंसर जन्य (anti-carcinogenic) घटक होते हैं जो कैंसर की कोशिकाओं के विकास को कम करते हैं।
विशेष तौर पर यह कोलन कैंसर और प्रोस्टेट कैंसर (Prostate cancer) को रोकता है। अध्ययनों के मुताबिक प्रोथेनोकैनिडिन रक्त वाहिकाओं में सूक्ष्म ट्यूमर के विकास को भी कम करता है। करोंदा में उपस्थित पोषक तत्व स्तन कैंसर कोशिकाओं को भी रोकने में मदद करते हैं।
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क्रैनबेरी में प्रोथेन्थैनिडिन (proanthocyanidins) होते हैं यह आमतौर पर पौधों में पाया जाने वाला एक यौगिक होते हैं। ऐसा माना जाता है कि यह यौगिक यूटीआई को मूत्रपथ की कोशिकाओं में बैक्टीरिया को रोकने में मदद करता है। मूत्रपथ संक्रमण अधिक मात्रा में मूत्र पथ में सूक्ष्मजीवों (micro-organisms) की उपस्थिति को दर्शाता है।
मूत्राशय में इन संक्रमणों का विकास हो सकता है। करोंदा मे उपस्थिति प्रोंथोसाइनिडिन जिनमें एंटी-क्लिंगिंग (anti-clinging) गुण होते हैं, जो बैक्टीरिया को मूत्राशय की दीवारों पर बैक्टीरिया के विकास को रोकते हैं और उन्हें मूत्र के माध्यम से बाहर निकाल देते हैं। यदि आपको मूत्र (Urine) से संबंधित रोग है तो आपके लिए करोंदों का सेवन लाभकारी हो सकता है।
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पॉलीफेनोलिक (polyphenolic) यौगिकों की अच्छी मात्रा करोंदे के फल में उपस्थित रहती है जो एंटी-ट्यूमर प्रभाव का कारण माना जाता है। अध्ययनों से पता चलता है कि करोंदों का नियमित सेवन करने से फेफड़ों का कैंसर, स्तन कैंसर, कोलन कैंसर (lung, breast, colon), प्रोस्टेट और अन्य कैंसर के विकास और उनके फैलने की संभावना को कम किया जा सकता है।
करोंदा में सैलिसिलिक एसिड भी अच्छी मात्रा में होता है जो सूजन को कम करने, खून को थक्के (blood clots) के रूप में जमने से रोकने और ट्यूमर को खत्म करने में मदद करते हैं। अगर आपको ऐसे किसी भी प्रकार के खतरे की संभावना है तो आप करोंदे (Cranberry) का उपभोग कर सकते हैं।
आपके पाचन तंत्र को स्वस्थ्य बनाने वाले यौगिक करोंदा में अच्छी मात्रा में होते हैं। ये यौगिक हेलिकोबैक्टर पाईलोरी (Helicobacter pylori) बैक्टीरिया को पेट के अंदर बढ़ने और फैलने से रोकते हैं। पाईलोरी बैक्टीरिया को पेट में नियंत्रित करना आवश्यक होता है क्योंकि इन बैक्टीरिया की अधिक मात्रा होने पर ये पेट के अल्सर (stomach ulcers) का कारण बनते हैं।
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दिल से संबंधित बीमारीयों को दूर करने और कार्डियोवैस्कुलर (Cardiovascular) स्वास्थ्य को बनाए रखने में करोंदा फल मदद करता है। करोंदा में फ्लैनोनोइड एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो कि एथेरोस्क्लेरोसिस (atherosclerosis) के खतरे को कम करने में मदद करते है। एथेरोस्क्लेरोसिस एक बीमारी है जिसमें रक्त में पाए जाने वाले वसा, कैल्शियम और कोलेस्ट्रॉल के निर्माण के कारण धमनियों में अवरोध (narrowed) उत्पन्न हो जाता है।
यह शरीर के बाकी हिस्सों में ऑक्सीजन युक्त रक्त के प्रवाह को रोकता है जो दिल के दौरे और स्ट्रोक जैसे घातक समस्याओं का कारण बन सकता है। करोंदा में उपस्थित यौगिक कम घनत्व वाले लिपोप्रोटीन (lipoprotein) ( एलडीएल कोलेस्ट्रोल) के ऑक्सीकरण को कम करने में मदद करते हैं और रक्त प्लेटलेट्स (platelets.) को बढ़ाने में मदद करते हैं।
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कैल्शियम की अच्छी मात्रा होने के कारण करोंदा दांतों के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। करोंदा में प्रोथेन्थोसाइडिन (proanthocyanidins) होता है जो मुंह के संपूर्ण स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करता है।
रोचेस्टर मेडिकल सेंटर विश्वविद्यालय में सेंटर फॉर ओरल बायोलॉजी और ईस्टमैन डिपार्टमेंट ऑफ डिस्ट्रिस्ट्री के शोधकार्ताओं के मुताबिक करोंदा बैक्टीरिया को दांतों से संपर्क करने से रोकता है और मसूढ़ों की समस्या (gum disease) को दूर करने में मदद करता है। आप अपने दांतो की सुरक्षा के लिए करोंदे के फायदे का लाभ ले सकते हैं।
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हड्डीयों के लिए करोंदे के फायदे बहुत अधिक हैं, क्योंकि इसमें प्राकृतिक रूप से कैल्शियम अच्छी मात्रा में पाया जाता है। कई जूस बनाने वाली कंपनियां क्रैनबेरी के रस को अतिरिक्त कैल्शियम के लिए मिलाते हैं। जो ऑस्टियोपोरोसिस (osteoporosis) होने का खतरा कम करता है।
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विटामिन सी की कमी के कारण स्कर्वी (Scurvy) रोग हो सकता है। करोंदे के फायदे यह हैं कि इसमें विटामिन सी अच्छी मात्रा में उपस्थित होते हैं। विटामिन सी की अधिक मात्रा शरीर के लिए कोलेजन बनाने के लिए भी उपयोगी होता है जो मुख्य ऊतकों (tissues) के स्वस्थ कामकाज के लिए जिम्मेदार होता है।
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मानव अनुसंधान केंद्र में यूएडीए वैज्ञानिकों का मानना है कि करोंदा में उपस्थित फाइटोन्यूट्रिएंट्स (phytonutrients) और एंटीऑक्सीडेंट गुण बढ़ती उम्र से संबंधित परेशानियां जैसे कि स्मृति हानि और तालमेल की कमी को दूर करने में मदद करते हैं।
करोंदा के फायदे चिकित्सीय गुणों के लिए बहुत ज्यादा है। जो अस्थिर अणुओं (unstable molecules) के कारण होने वाले नुकसान से कोशिकाओं की रक्षा करते हैं जिन्हें बुढ़ापे के लक्षणों को बढ़ाने वाले फ्री रेडिकल कहते हैं जो आपकी त्वचा के प्रभाव को कम करते हैं। यदि आप समय से पहले बुढ़ापे का शिकार हो रहें हैं तो इसे दूर करने के लिए करोंदे के फायदे का उपयोग कर सकते हैं।
फेफड़ों की सूजन का कारण इन्फ्लूएंजा वायरस (influenza virus) होता है। जिन्हें दूर करने के लिए आप करोंदा का उपयोग कर सकते हैं। इसके उपचार में करोंदे के फायदे यह है कि इनमें एंटी-इंफ्लामैट्री गुण होते हैं।
करोंदा में मौजूद नोडियलएजेबल (nondialyzable) सामग्री या एनडीएम नामक पदार्थ इन्फ्लूएंजा वायरस को कोशिकाओं के संपर्क में नहीं आने देता है और इस संक्रमण को बढ़ने से रोकता है। इस प्रकार आप समझ सकते हैं कि किस प्रकार करोंदे के फायदे फेफड़ों को स्वस्थ्य रखने में मदद करते हैं।
कार्बनिक एसिड (organic acids) की अच्छी मात्रा होने के कारण करोंदा के फायदे वजन कम करने में मदद करते हैं। इसमें मौजूद कार्बनिक एसिड हमारे शरीर में जमा वसा को पायसीकारी (emulsifying) क्रिया के द्वारा हटाने में मदद करता हैं।
इसमें मौजूद फाइबर की अच्छी मात्रा आपकी भूख को नियंत्रित करने और आपको तृप्त (satiated) करने में मदद करते हैं। जो मोटापे को कम करने में मदद करता है। यदि आप अपना वजन कम करना चाहते हैं तो करोंदा के फायदे ले सकते हैं।
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बालों के विकास के लिए करोंदा बहुत ही फायदेमंद होता है, क्योंकि करोंदा में विटामिन ए और विटामिन सी अच्छी मात्रा में होते हैं जो बालों के विकास को बढ़ाते हैं। इन दोनों विटामिनों की उपस्थित के कारण करोंदा के फायदे बालों के लिए बहुत अधिक होते हैं।
करोंदा के रस का नियमित रूप से अपने बालों में उपयोग करने से यह बालों को झड़ने से रोकना है और उन्हें स्वस्थ्य बनाता है। अगर आप बालों की समस्या से परेशान हैं तो करोंदे के जूस का उपयोग कर सकते हैं।
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एंटीसेप्टिक गुणों की अच्छी मात्रा करोंदा में होती है जो त्वचा पर मुँहासे और फोड़े का इलाज करने में मदद करते हैं। करोंदा के फल में फायदे यह भी हैं कि इनमें एंटीऑक्सीडेंट गुण भी पर्याप्त मात्रा में होते हैं जो मुँहासों और फोड़ों को कम करते हैं।
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इस खट्टे फल के फायदे बहुत अधिक हैं लेकिन इसे कम मात्रा में सावधानी के साथ सेवन करना चाहिए। मूत्र प्रणाली से संबंधित सभी प्रकार की परेशानियों का इलाज करोंदा फल से नहीं किया जा सकता है।
करोंदा (क्रैनबेरी) के फायदे और नुकसान (Karonda (Cranberry) Ke Fayde Aur Nuksan in Hindi) का यह लेख आपको कैसा लगा हमें कमेंट्स कर जरूर बताएं।
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