Karwa chauth in Hindi: करवाचौथ का व्रत हर सुहागन महिला के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। इस व्रत को हर विवाहित महिला अपनी पति की लंबी उम्र के लिए रखती है। यह सनातन पर्व पति की लंबी आयु, सुख और समृद्धि के लिए मनाया जाता है। अखंड सौभाग्य के लिए किया जाने वाला करवाचौथ का व्रत दिवाली से 9 दिन पहले और अक्टूबर-नवंबर के महीने में दशहरे के तुरंत बाद आता है। विवाहित महिलाएं बहुत उत्साह के साथ यह व्रत रखती हैं। खासतौर से जिन महिलाओं का यह पहला करवाचौथ है, उनमें इस त्योहार को लेकर बहुत उत्साह देखा जाता है। इस दिन महिलाएं दिनभर निर्जला व्रत रखती हैं और रात में चांद दिखने के बाद ही अपना व्रत खोलती हैं। लेकिन, जो महिलाएं अकेली रहती हैं या फिर जिनकी नई-नई शादी हुई है और उनका पहला करवाचौथ है, तो उन्हें करवाचौथ कैसे मनाते हैं, नहीं पता होता।
करवा चौथ व्रत एक अनुष्ठान है, जिसमे विवाहित महिलाएं पूरे दिन पानी की एक बूंद भी नहीं पीती हैं। यह भारत के उत्तरी और पश्चिमी राज्यों जैसे पंजाब, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और गुजरात में बेहद लोकप्रिय है। आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताने जा रहे हैं करवाचौथ कैसे मनाते हैं। इसके अलावा आप यहां जान सकेंगे, करवाचौथ की पूजा कैसे की जाती है।
हिंदू धर्म के अनुसार, करवाचौथ का व्रत सभी शादीशुदा महिलाओं के लिए रखना बेहद जरूरी होता है। ऐसा माना जाता है कि, जो भी शादीशुदा महिला करवाचौथ का व्रत रखती है, तो उसके पति की आयु लंबी होती है। यानि करवाचौथ का व्रत महिलाएं पति की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य के लिए रखती हैं। वहीं दूसरी ओर यह भी माना जाता है कि, इस व्रत को रखने से शादीशुदा जीवन में आनंद और खुशहाली आती है।
(और पढ़े – उपवास (व्रत) के फायदे और नुकसान)
ऐसा कहा जाता है कि मुगल आक्रमण के समय करवाचौथ का व्रत रखने की शुरूआत हुई थी। जब सैनिकों को मुगल आक्रमणकारियों के खिलाफ लड़ने के लिए दूर जाना पड़ा था। इन निडर सैनिकों की पत्नियाँ युद्ध के मैदान में अपने पति की सुरक्षा के लिए प्रार्थना करने के लिए भोजन और पानी के बिना पूरे दिन का उपवास करती थीं।
इसके अतिरिक्त, इस त्योहार की उत्पत्ति के पीछे एक और दिलचस्प कहानी है। प्राचीन काल में, बहुत कम उम्र में लड़कियों की शादी हो जाती थी और उन्हें दूसरे गाँवों में अपने ससुराल में रहना पड़ता था। वहाँ, उसे अपनी भावनाओं को बताने या साझा करने वाला कोई नहीं था। इस प्रकार, वह किसी अन्य महिला से दोस्ती करती थी जिसे जीवन भर के लिए दोस्त या बहन माना जाता था। उन्हें ‘देव-बहन’ या धर्म-बहन के रूप में जाना जाता था। जब इन लड़कियों ने देव-बहनों के बीच बंधन को इंगित करते हुए करवा चौथ मनाया। यह तब से अब तक मनाया जा रहा है।
पहली बार करवाचौथ का व्रत रख रही महिलाओं की मदद करने के लिए हमने यहां पर कुछ सामान की लिस्ट बताई है, जिनके बिना करवाचौथ की पूजा अधूरी मानी जाती है।
मिट्टी या पीतल का करवा- करवाचौथ के लिए करवा जरूर खरीदें। यह मिट्टी या पीतल का भी हो सकता है। हर राज्य में जिस तरह करवाचौथ की पूजा थोड़ी-थोड़ी अलग होती है, उसी तरह करवाचौथ के करवे को भी लोग अलग-अलग तरह से भरते हैं। पंजाब में लोग इसे गेहूं से भरते हैं। इसके अलावा शक्कर के बूरे, मिठाईयों, गुलगुले, ड्रायफ्रूट और जल व गाय का दूध डालकर भी करवा भरा जाता है।
सीख- एक दिन पहले सीख जरूर खरीद लें। हर करवे में चार सीख लगाते हैं। अब इन सीखों का क्या करना चाहिए। ये हम आपको बताते हैं। जब आप चंद्रमा को अर्घ्य देते हैं, तो अपने घर में अपने सिर के पीछे की तरफ ये सीख डाल देनी चाहिए। माना जाता है, कि इससे लक्ष्मीजी का निवास आपके घर में होता है।
पूजा की छलनी- पूजा की छलनी करवाचौथ पर चांद की पूजा करने के लिए बहुत जरूरी होती है। इसी छलनी की मदद से आप चांद और फिर अपने पति का दीदार कर अपना व्रत पूरा कर सकती हैं।
करवा माता- करवा माता की फोटो जरूर खरीदें। पुरानी तस्वीर भी चलेगी, पर ध्यान रखें, ये कहीं से कटी, फटी न हो।
शिव-पार्वती की पीली मिट्टी की मूर्ति- इनकी मूर्ति के बिना करवाचौथ की पूजा नहीं हो सकती। चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर मूर्ति की स्थापना करनी चाहिए। इसके अलावा लकड़ी की चौकी, धूप, दीप, रूई की बत्ती, रोली, चंदन, सिंदूर, फूल, जलपात्र, छलनी, थाली और सुहाग का सामान जरूरी है।
करवाचौथ के व्रत और पूजा को बहुत ही विधि-विधान के साथ किया जाता है। वैसे, तो हर हिंदू धर्म में लोग अलग-अलग तरह से करवाचौथ का व्रत करते हैं, लेकिन सभी में जो एक चीज सामान्य है, वो है सरगी।
करवाचौथ व्रत में सरगी का बहुत महत्व होता है। करवाचौथ में व्रत शुरू होने से पहले सास अपनी बहू को सरगी देती है। व्रत से पहले खाने और पहनने के लिए रखी जाने वाली चीजों से भरी टोकरी को सरगी कहते हैं। ये हर सास अपनी बहू को देती है। ये रिवाज दिल्ली, पंजाब में ज्यादा देखने को मिलता है। इसमें फल, खाने की चीजें, गहने, मिठाई, कपड़े और श्रृंगार का सामान शामिल होता है।
करवाचौथ के दिन सूर्योदय होने से पहले सुबह करीब 4 बजे के आसपास सरगी को खाकर व्रत की शुरूआत करती हैं। इसके बाद वह पूरे दिन निर्जला व्रत रखती है और रात में चांद निकलने पर ही व्रत को खोलती हैं।
ऐसी मान्यता है, कि जिन महिलाओं का पहला करवाचौथ है, वे अपनी शादी का जोड़ा पहनकर ही करवचौथ की पूजा करें। इसे बहुत शुभ माना जाता है। अगर किसी वजह से आप शादी का जोड़ा नहीं पहन सकतीं, तो लाल रंग की साड़ी या लहंगा पहनना अच्छा होता है।
जो महिलाएं पहली बार करवाचौथ का व्रत करती हैं, उन्हें व्रत की शुरूआत बड़ों का आर्शीवाद लेकर करनी चाहिए। ऐसा करने से परिवार में और आपके जीवन में सौभाग्य, खुशहाली और समृद्धि बनी रहेगी।
इसके बाद महिलाएं शाम को सोलह श्रृंगार कर अच्छे से तैयार होती हैं। इतना ही नहीं, एक दिन पहले महिलाएं हाथ-पैरों में मेहंदी भी लगवाती हैं। इसके बाद घर और आसपास की सभी महिलाएं एक जगह इकट्ठा होकर करवाचौथ की कथा सुनती हैं फिर चांद निकलने के बाद चंद्रमा की पूजा करती हैं और लोटे में भरे पानी से अघ्र्य देती हैं।
फिर छलनी से चांद का दीदार करती हैं और फिर चलनी में दीपक रख इसी से अपने पति को देखती हैं और उनकी पूजा करती हैं। इसके बाद पति अपनी पत्नी को पानी पिलाकर उनका व्रत खोलते हैं।
इसके बाद पत्नी को पति के पैर छूकर आर्शीवाद लेना चाहिए। ध्यान रखें, इस वक्त चंद्रमा को अर्घ्य देते वक्त पत्नी को मन ही मन पति की लंबी आयु की कामना करनी चाहिए।
करवाचौथ की पूजा करने के बाद घर की दो-दो महिलाएं आपस में करवा बदलती हैं। इसके पीछे मान्यता है, कि ऐसा करने से उनके बीच प्रेम और सम्मान बना रहता है। करवा कैसे फेरना है या बदलना है, इसके बारे में हम आपको बताते हैं।
इसके लिए जो आपके पास दो करवे हैं, उन्हें रखें और दोनों पर क्रॉस पोजीशन में हाथ रखें। अब इन्हें फेरे। मां पार्वती का करवा फेरते समय बोलें- सुहागन सुहाग दें और खुद लेते वक्त बोलें- सुहागन सुहाग ले। इस तरह सात बार करवा फेरने से सातवी बार में आपका करवा आपके पास ही आएगा।
करवाचौथ व्रत के भी कुछ नियम होते हैं, जिनका पालन हर सुहागन महिला को करना चाहिए। अनजाने में हुई एक गलती आपके व्रत को असफल बना सकती है। इसलिए हम आपको उन गलतियों के बारे में बता रहे हैं, जो महिलाओं को इस व्रत में करने से बचना चाहिए।
करवाचौथ के व्रत में सुहागन महिलाओं को काले और सफेद रंग के कपड़े पहनने की भूल नहीं करनी चाहिए। इस दिन लाल रंग का जोड़ा पहनने की ही मान्यता है।
कोई भी विवाहित महिला इस दिन किसी को दूध, दही, चावल जैसी सफेद चीजों का दान न दें। ऐसा माना जाता है, कि सफेद चीज दान देने से चंद्रमा नाराज हो जाते हैं।
करवाचौथ व्रत की शुरूआत महिलाओं को अच्छे और शांत मन से करनी चाहिए। किसी के बारे में बुरा सोचते हुए और कहते हुए इस व्रत को शुरू न करें।
करवाचौथ के दिन घर में सुख शांति रहनी चाहिए। वाद-विवाद, लड़ाई, झगड़े और किसी सुहागन को बुरा-भला कहने से बची रहें। ऐसा कहा जाता है, कि अगर शांति से यह व्रत करें, तो देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।
करवाचौथ के दिन गलती से भी महिलाओं को कपड़ों को न तो सिलना चाहिए और न ही काटना चाहिए। कैंची का इस्तेमाल करने से बचें।
भले ही यह व्रत आप अपने पति के लिए रखती हों, लेकिन इस दिन भलूकर भी बड़ों का अपमान न करें। इससे आपका व्रत अधूरा माना जाता है।
दिन में सोएं नहीं और ध्यान रखें, कि घर का कोई सदस्य नॉन-वेज का सेवन न करे।
सरगी, सास द्वारा अपनी बहू के लिए तैयार किया जाने वाला भोजन है, जिसे करवा चौथ की भोर से पहले खाया जाता है। इस भोजन में मिठाई और अन्य स्वादिष्ट खाने शामिल होते हैं। सास अपनी बहु को हमेशा खुश रहने का आशीर्वाद देती है और उसे पारंपरिक गहने और साड़ी उपहार में देती है।
करवाचौथ के व्रत में सरगी का जितना महत्व है, उतनी ही इसमें खाने के लिए रखी जाने वाली चीजों का भी। सरगी में रखी गई चीजें पूरी तरह से हेल्दी होनी चाहिए, ताकि दिनभर भूखी प्यासी रहने के बाद भी आपके शरीर में ऊर्जा बनी रहे। तो हम आपको यहां खाने की उन चीजों के बारे में बता रहे हैं, जो आपको दिनभर फ्रेश और एनर्जेटिक बनाए रखेंगी।
हर सुहागन करवाचौथ का व्रत रखने से पहले सुबह उठकर फैनी खाएं। यह दिनभर आपके शरीर में प्रोटीन की मात्रा बनाए रखने के लिए बहुत जरूरी है।
खाने के बाद मिठाई खानी चाहिए। इनमें पर्याप्त मात्रा में कार्बोहाइड्रेट होता है, जिससे ऊर्जा बनी रहती है और चक्कर नहीं आते। बहुत ज्यादा मिठाई खाने से बचना चाहिए।
करवाचौथ का व्रत शुरू करने से पहले अक्सर ड्राय फ्रूट्स खाने की सलाह दी जाती है। इससे आपका पूरा दिन एनर्जी से भरा रहेगा।
इसके अलावा आप सरगी के खाने के बाद चाहें, तो नारियल पानी भी पी सकते हैं। इससे आपको दिनभर प्यास नहीं लगेगी।
सरगी में रोटी सब्जी भी खाई जा सकती है। तेल में तली हुई चीजों से बनाई सरगी को खाने से बचें। कुछ भी तला हुआ खाने से दिनभर सुस्ती महसूस होती है।
सरगी में आप ताजे फल भी खा सकती हैं। ताजे फलों में पानी की मात्रा ज्यादा होती है, जिससे आपको दिनभर प्यास नहीं लगती।
अपना उपवास तले हुए भोजन से नहीं तोड़ना चाहिए। यह आपके पाचन तंत्र पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है।
अगर आप गर्भवती हैं और करवाचौथ का व्रत रख रही हैं, तो ये व्रत कैसे रख सकती हैं, इस बारे में हम आपको बताते हैं। अगर आपके डॉक्टर ने आपको नियमित दवा खाने के लिए कहा है या फिर आपको भूखे न रहने के लिए कहा है, तो इस अवस्था में आप ड्राय फ्रूट के साथ दूध लेकर इस व्रत को रहें। इसके अलावा दिनभर में फलों का जूस या फल ले सकती हैं।
पति अगर परदेस में है या आपके पास नहीं है, तो सुहागन महिलाएं कैसे पूजा कर सकती हैं। कई महिलाओं का वहम होता है कि पति साथ में नहीं है, तो पूजन पूर्ण नहीं होगा। लेकिन ऐसा नहीं है। पति जहां भी रहें, उनकी सलामती के लिए कामना करें और भगवान से प्रार्थना करें, आप दोनों को हमेशा साथ बना रहे। ऐसा कहते हुए पूजन को पूर्ण करें।
पीरियड के पांचवे दिन तक करवाचौथ का पूजन बिल्कुल न करें। इस दौरान न ही चांद को अघ्र्य दें और न ही करवा बदलें। इस समय मानसिक पूजा करना सबसे अच्छा उपाय है। हां, आप प्रसाद जरूर ले सकते हैं।
जो महिलाएं विदेश में रहती हैं, वे करवाचौथ का व्रत कैसे कर सकती हैं। विदेशों में कई जगह करवाचौथ के दिन चांद नहीं दिखता है। ऐसे में चांदी का एक चंद्रमा खरीद लें और चंद्रोदय के समय इनका पूजन करके अपना व्रत खोल सकती हैं। जब अर्घ्य देने के लिए चंद्रमा प्रत्यक्ष रूप से न दिखे यानि जहां चंद्रमा निकलता ही न हो, उन लोगों के लिए चांदी का चंद्र बनाकर पूजन करना सबसे अच्छा उपाय है। कई बार भारत में भी बादलों की वजह से चांद दिखाई नहीं देता है, तो इस स्थिति में भी चांदी के चंद्रमा को पलाश व पान के पत्तों पर रखकर इनका पूजन किया जाता है।
पूरे दिन के उपवास के साथ, यह भारी ऑउटफिट को संभालना थोड़ा कष्टदायक और थकाऊ हो सकता है। आजकल महिलाएं सीधे कट वाले सूट या अनारकली पहनना पसंद करती हैं, जिसके साथ नेकलाइन और भारी बॉर्डर होती है।
यदि आप एक भारी पोशाक पहन रहीं हैं, तो कम आभूषण के साथ तैयार होने की कोशिश करें। लुक को पूरा करने के लिए मैचिंग चूड़ियों के साथ स्टेटमेंट ईयररिंग्स या नेकपीस पहनें। यहां तक कि कुंदन ज्वैलरी और चूड़ियाँ आपके आउटफिट के साथ मिक्स एंड मैच करने के लिए एक अच्छा विकल्प है।
मेकअप और बाल पूरी तरह से आपके आउटफिट के रंग पर निर्भर करेगा। एक सिंपल और क्लासी लुक, ग्लॉसी लिप्स के साथ एक सरल और उत्तम दर्जे का मेकअप करें। गहरे टोन का इस्तेमाल न करें, अपने ब्राइडल लुक को बेलेंस करने के लिए लाल, या नारंगी रंग पहनने की कोशिश करें। जब आपके बालों को बांधने की बात आती है, तो एक साधारण पफ वाला बन्स एक चीज है, जो आपको सुंदर दिखेने में मदद करेगी।
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