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कीड़ा जड़ी (हिमालय वियाग्रा) के फायदे, उपयोग और नुकसान – Keeda Jadi (Cordyceps) Uses Benefits And Side Effects In Hindi

Keeda jadi in Hindi कीड़ा जड़ी के फायदे: कीड़ा जड़ी हिमालय वियाग्रा या यार्सागुम्बा के नाम से जानी जाने वाली कीड़ों की तरह दिखाई देने वाली बहुमूल्‍य औषधी है जिसे कीड़ा जड़ी के नाम से जाना जाता है। इसका उपयोग भारत में तो कम होता है लेकिन चीन में प्राकृतिक स्टीरॉयड की तरह किया जाता है। अपने कामोद्दीपक गुणों के कारण कीड़ा जड़ी को यार्सागुम्बा या हिमालयी वियाग्रा कहा जाता है। इसके अलावा कीड़ा जड़ी के कामोद्दीपक औषधीय गुण भी होते जिसके यह देसी वियाग्रा के नाम से मशहूर है। कीड़ा जड़ी आमतौर पर गुर्दे की बीमारियों और शारीरिक सहनशक्ति को बढ़ाने में सहायक होती हैं। कीड़ा जड़ी का इस्‍तेमाल प्राचीन समय से ही कई गंभीर स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याओं के इलाज में किया जा रहा है। हालांकि कीड़ा जड़ी का प्रयोग प्राचीन काल में ही होता था क्‍योंकि आज के समय में यह जड़ी बूटी लगभग लुप्‍त प्राय हो चुकी है।

आज इस लेख में आप कीड़ा जड़ी के बारे में और कीड़ा जड़ी के फायदे संबंधी जानकारी प्राप्‍त करेगें।

विषय सूची

  1. कीड़ा जड़ी क्‍या है – keeda jadi kya hai in Hindi
  2. कीड़ा जड़ी की पहचान – Keeda Jadi ki pehchan in Hindi
  3. कीड़ा जड़ी के बारे में – Keeda Jadi ke bare me in Hindi
  4. कीड़ा जड़ी के पोषक तत्‍व – Kida jadi ke Poshak Tatva in Hindi
  5. कीड़ा जड़ी कैसे काम करती है – Kida jadi kaise kaam karti hai in Hindi
  6. कीड़ा जड़ी की खुराक – Kida jadi buti ki khurak in Hindi
  7. कीड़ा जड़ी के नुकसान – Kida jadi buti ke Nuksan in Hindi

कीड़ा जड़ी क्‍या है – keeda jadi kya hai in Hindi

कीड़े की तरह दिखने वाली एक प्रमुख जड़ी बूटी जिसमें कॉर्डिसेप्‍स (cordyceps) नामक कवक के जीनस होते हैं। जो कीड़ों के लार्वा पर बढ़ता है। इस प्रकार के कवक से संबंधित लगभग 400 से अधिक प्रजातियों को खोजा जा चूका हैं। यह कवक स्‍वास्‍थ्‍य के लिए बहद फायदेमंद होता है। पारंपरिक रूप से इसका उपयोग हर्बल चिकित्‍सा में इस्‍तेमाल किया जा रहा है। कीट और कवक के अवशेष थकान, बीमारी, गुर्दे की बीमारी और कम सेक्स ड्राइव के इलाज के लिए सदियों से पारंपरिक चीनी चिकित्सा में हाथ से संग्रहित कर, सुखाए और उपयोग किए जाते हैं अपने औषधीय गुणों के कारण कीड़ा जड़ी का उपयोग हर्बल सप्‍लीमेंट्स, अर्क, पाउडर और कैप्‍सूल आदि के रूप में किया जा रहा है। आइए जाने कीड़ा जड़ी से जुड़ी अन्‍य जानकारीयां क्‍या हैं।

कीड़ा जड़ी की पहचान – Keeda Jadi ki pehchan in Hindi

कीड़ा जड़ी एक प्रकार के कीडे़ के समान दिखने वाली जड़ी बूटी है। जब यह जड़ी बूटी फूल से फल के रूप में परिवर्तित होती है तब इसका रंग हरा होता है। वयस्‍कता के समय इसका रंग हल्‍का नारंगी होता है। लेकिन पूरी तरह से पकने या सूखने के बाद इस जड़ी बूटी की आकृति किसी कीड़े के समान दिखाई देती है। जिसके कारण ही लोग इसे कीड़ा जड़ी कहते हैं। उपयोग करने के लिए इस जड़ी बूटी को छीला जाता है या फिर इसका पाउडर बनाकर उपभोग किया जाता है।

कीड़ा जड़ी के बारे में – Keeda Jadi ke bare me in Hindi

औषधीय गुणों से भरपूर कीड़ा जड़ी का वैज्ञानिक नाम कॉर्डिसेप्‍स साइनेसिस (Cordyceps Sinensis) है। इस जड़ी बूटी में जिस परजीवी के अवशेष होते हैं उसका नाम हैपिलस फैब्रिकस होता है। चूंकि यह जड़ी बूटी पूरी तरह से कीड़े के समान दिखाई देती है इसलिए इसे स्‍थानीय लोगों ने कीड़ा जड़ी नाम दिया।

कीड़ा जड़ी के पोषक तत्‍व – Kida jadi ke Poshak Tatva in Hindi

यह औषधी एक प्रकार की मशरूम होती है। इस जड़ी बूटी में एंटीऑक्‍सीडेंट, एंजाइम और विटामिन की भरपूर मात्रा होती है। जिसके कारण यह औषधी कई गंभीर और आम स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याओं को दूर करने में प्रभावी होती है।

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कीड़ा जड़ी कैसे काम करती है – Kida jadi kaise kaam karti hai in Hindi

हम सभी जानते हैं कि कीड़ा जड़ी औषधीय गुण होते हैं। इन गुणों के कारण यह जड़ी बूटी प्रतिरक्षा प्रणाली में कोशिकाओं और विशिष्‍ट रसायनों को उत्‍तेजित करके प्रतिरक्षा में सुधार करती है। इस जड़ी बूटी में कैंसर कोशिकाओं को नष्‍ट करने और ट्यूमर के विकास को रोकने की क्षमता होती है। इसके अलवा इस औषधी कामद्दीपक गुण भी होते हैं। जिसके कारण यह यौन उत्‍तेजना और कामेच्‍छा बढ़ाने में सहायक होती है। यही कारण है कि कीड़ा जड़ी को अधिकांश लोग देसी वियाग्रा के नाम से जानते हैं। इसके अलावा इस जड़ी बूटी में मौजूद एंटीऑक्‍सीडेंट फेफड़ों और त्वचा कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाने फ्री रेडिकल्‍स के प्रभाव को भी कम करने में सहायक होते हैं। आइए विस्‍तार से जाने कीड़ा जड़ी के फायदे और नुकसान क्‍या हैं।

कीड़ा जड़ी के फायदे ऊर्जा बढ़ाये – Kida jadi for Boost energy in Hindi

कीड़ा जड़ी के सबसे प्रमुख लाभों शारीरिक ऊर्जा को बढ़ावा देना शामिल है। इस औषधीय जड़ी बूटी ऐसे पोषक तत्‍व और खनिज पदार्थ होते हैं जो लंबे समय तक शरीर में ऊर्जा को बनाए रखते हैं। इस जड़ी बूटा का सेवन करने से शरीर में ऑक्‍सीजन की मात्रा बढ़ावा मिलता है। मुख्यतः जब आप जिम में एक्सरसाइज करते हैं तब और साथ ही यह सेलुलर ऊर्जा उत्‍पादन को भी बढ़ाता है। यही कारण है कि अधिकांश एथलीट एनर्जी बूटर के रूप में कीड़ी जड़ी बूटी युक्‍त सप्‍लीमेंट्स आदि का सेवन करते हैं। आप भी अपनी शारीरिक ऊर्जा को बनाए रखने और बढ़ाने के लिए कीड़ा जड़ी के फायदे प्राप्‍त कर सकते हैं।

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कीड़ा जड़ी के लाभ हृदय स्‍वास्‍थ्‍य के लिए – Kida jadi ke labh heart health ke liye in Hindi

अध्‍ययनों से पता चलता है कि कीड़ा जड़ी का सेवन करना हृदय को स्‍वस्‍थ रखने में सहायक होता है। इसमें मौजूद पोषक तत्‍व और खनिज पदार्थ हृदय में रक्‍त संचालन को सुचारू बनाए रखने में सहायक होते हैं। एक अन्‍य अध्‍ययन के अनुसार नियमित रूप से कीड़ा जड़ी के पाउडर का सेवन करने से हृदय की विफलता और हार्ट अटैक जैसी गंभीर स्थितियों से बचा जा सकता है।

वास्तव में, Cordyceps को Arrhythmia के उपचार के लिए चीन में अनुमोदित किया जाता है, एक ऐसी स्थिति जिसमें दिल की धड़कन बहुत धीमी, बहुत तेज या अनियमित होती है।

कीड़ा जड़ी के लाभ इसमें मौजूद एंटी-इंफ्लामेटरी और दर्द निवारक (antispasmodic) गुणों के कारण होते हैं। इन गुणों के कारण कीड़ा जड़ी हृदय गति के उतार चढ़ाव और अन्‍य प्रकार की हृदय संबंधी समस्‍याओं को प्रभावी रूप से दूर कर सकती है।

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कीड़ा जड़ी के गुण कोलेस्‍ट्रॉल कम करे – Kida jadi ke gun Cholesterol kam kare in Hindi

कोलेस्‍ट्रॉल की उच्‍च मात्रा शरीर के लिए हानिकारक होती है। कीड़ा जड़ी का सेवन शरीर में मौजूद हानिकारक खराब कोलेस्‍ट्रॉल के स्‍तर को कम कर सकता है। इसके अलावा कीड़ा जड़ी के फायदे शरीर में अच्‍छे कोलेस्ट्रॉल के स्‍तर को बनाए रखने में भी होते हैं। खराब कोलेस्‍ट्रॉल हमारे शरीर की रक्‍त वाहिकाओं में अवरोध बन सकता है। जिससे रक्‍त परिसंचरण में बाधा आती है। इस प्रकार की समस्‍या के कारण ही लोगों को उच्‍च रक्‍तचाप और निम्‍न रक्‍तचाप और अन्‍य हृदय रोगों की संभावना बढ़ जाती है। इस जड़ी बूटी का सेवन हृदय की कार्य क्षमता और चयापचय को भी बढ़ाने में सहायक है।

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कीड़ा जड़ी का इस्‍तेमाल कैंसर से बचाए – Kida jadi Benefits for Cancer in Hindi

हम सभी जानते हैं कि कैंसर एक गंभीर स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍या है जिसका ठीक हो पाना मुश्किल है। ऐसा इसलिए है क्‍योंकि कैंसर का इलाज कराना हर आम आदमी के बजट में नहीं है। साथ ही हम यह भी जानते हैं कि किसी भी स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍या के इलाज से बेहतर इस समस्‍या से बचाव करना है। नियमित रूप से कीड़ा जड़ी का इस्‍तेमाल करने से कैंसर की संभावना को रोका जा सकता है। साथ ही इसमें मौजूद एंटीऑक्‍सीडेंट उपचार के दौरान कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोकने

और उन्‍हें नष्‍ट करने में सहायक होते हैं। ऐसा इसलिए है क्‍योंकि कीड़ा जड़ी एंटी-कैंसर और एंटीट्यूमर गुण होते हैं।
  • चूहों में किए गए अध्ययनों से यह भी पता चला है कि कॉर्डिसेप्स में लिम्फोमा, मेलेनोमा और फेफड़ों के कैंसर पर एंटी-ट्यूमर प्रभाव होता है।
  • अध्‍ययनों से पता चलता है उपचार के दौरान कैंसर थैरेपी के दुष्‍प्रभावों को कम करने की क्षमता भी कीड़ा जड़ी में होती है।

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कीड़ा जड़ी का उपयोग प्रतिरक्षा शक्ति बढ़ाये – Kida jadi ka Upyog immunity Badhaye in Hindi

प्रतिरक्षा शक्ति के कमजोर होने से हमारा शरीर कई प्रकार की स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याओं का शिकार हो सकता है। लेकिन कीड़ा जड़ी का नियमित सेवन करने से रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाया जा सकता है। क्‍योंकि कीड़ा जड़ी का सेवन शरीर नेचुरल किलर कोशिकाओं (Natural killer cells) के उत्‍पादन को बढ़ाता है। ये कोशिकाएं संक्रमण और बीमारी के विरुष शरीर की रक्षा करने मे सहायता करती हैं। ये इम्‍युनोप्रोटेक्टिव प्रभाव कैंसर से लेकर आम सर्दी जुकाम और अन्‍य वायरल संक्रमण संबंधी समस्‍याओं को रोकने में प्रभावी होता है।

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कीड़ा जड़ी का उपयोग एंटी-एजिंग के लिए – Kida jadi for Anti-aging in Hindi

कॉर्डिसेप्‍स (cordyceps) जड़ी बूटी में एंटी-एजिंग गुण उच्च मात्रा में होते हैं। जिसके कारण इस जड़ी बूटी का नियमित सेवन करने से क्षतिग्रस्‍त त्‍वचा कोशिकाओं को फिर से जीवंत करने और मृत त्‍वचा कोशिकाओं को हटाने में मदद मिलती है। कीड़ा जड़ी के औषधीय गुण झुर्रियों और त्‍वचा में मौजूद दाग धब्‍बों सहित आंखों के नीचे के डार्क सर्किल्‍स को दूर करने में प्रभावी होते हैं। यदि आप भी अपनी त्वचा को स्‍वस्‍थ रखने और त्‍वचा समस्‍याओं को दूर करना चाहते हैं तो कीड़ा जड़ी का औषधीय उपभोग कर सकते हैं।

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कीड़ा जड़ी यौन स्‍वास्‍थ्‍य को बढ़ाये – Cordyceps Sinensis for Treats Sexual Dysfunction in Hindi

बुजुर्गों ने पारंपरिक रूप से कॉर्डिसेप्स का उपयोग थकान को कम करने और शक्ति और सेक्स ड्राइव को बढ़ावा देने के लिए किया है। यौन स्‍वास्‍थ्‍य को बढ़ावा देने के कारण ही कीड़ा जड़ी को देशी वियाग्रा के नाम से जाना जाता है। कीड़ा जड़ी पुरुषों को कई यौन रोगों से बचाता है। अध्‍ययनों से पता चलता है कि जिन पुरुषों में कामेच्‍छा की कमी होती है उनके लिए यह जड़ी बूटी बहुत ही प्रभावी होती है। नियमित रूप से अपने आहार में इस जड़ी बूटी का औषधीय उपयोग कर पुरुष अपनी यौन कमजोरी और प्रजनन क्षमता दोनों को बढ़ा सकते हैं। इस जड़ी बूटी में यौन शक्ति बढ़ाने की क्षमता होती है जिसक कारण इसे यार्सागुम्बा हिमालयी वियाग्रा के नाम से भी जाना जाता है।

कॉर्डिसेप्स या कीड़ा जड़ी पुरुषों में यौन रोग को प्रभावित करता है। कई अध्ययनों से पता चला है कि यौन ऊर्जा में कमी या खराब कामेच्छा से पीड़ित पुरुषों ने अपने आहार में कीड़ा जड़ी के हर्बल सप्लीमेंट को शामिल करने के बाद स्पष्ट सुधार देखा।

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कीड़ा जड़ी के फायदे किड़नी के लिए – Kida jadi buti ke fayde kidney ke liye in Hindi

प्रारंभिक अध्‍ययनों से पता चलता है कि किड़नी को स्‍वस्‍थ रखने वाली दवाओं के समान ही गुण कीड़ा जड़ी में होते हैं। जिन लोगों को किड़नी संबंधी समस्‍याएं होती हैं उनहें अन्‍य दवाओं के साथ ही औषधीय उपचार के रूप कीड़ा जड़ी का सेवन भी करना चाहिए। शोधकर्ताओं के अनुसार एमिक्रेसीन दवा के साथ कीड़ा जड़ी का सेवन करने बुजुर्ग व्‍यक्तियों में गर्दे की क्षति को रोका जा सकता है।

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कीड़ा जड़ी से करें अस्‍थमा का इलाज – Kida jadi se kare Asthma ka ilaj in Hindi

कीड़ा जड़ी के लाभ अस्‍थमा रोगियों के लिए भी होते हैं। अध्‍ययनों से पता चलता है कि वयस्‍कों द्वारा कीड़ा जड़ी का नियमित सेवन करने से अस्‍थमा के लक्षणों को कम किया जा सकता है। हालांकि अध्‍ययन यह भी बताते हैं कि अस्‍थमा संबंधी दवाओं के साथ नियमित रूप से इस जड़ी बूटी का लगभग 6 माह तक सेवन किया जाना फायदेमंद होता है।

(और पढ़े – अस्थमा (दमा) के कारण, लक्षण, उपचार एवं बचाव…)

कीड़ा जड़ी मधुमेह के लिए लाभकारी – Kida jadi Madhumeh ke liye Labhkari in Hindi

मधुमेह रोगियों में मधुमेह के लक्षणों को कम करने की क्षमता कीड़ी जड़ी बूटी में होती है। इस औषधीय जड़ी बूटी में विशेष प्रकार की चीनी होती है। जो शरीर के लिए लाभप्रद होती है। साथ ही यह शरीर में मौजूद रक्‍त शर्करा के स्‍तर को कम करने में सहायक होती है। मधुमेह रोगी में इंसुलिन के उत्पादन की क्षमता कम होने के दौरान रक्‍त शर्करा का स्‍तर बढ़ जाता है। लेकिन नियमित रूप से कीड़ा जड़ी का सेवन करने से इंसुलिन के उत्‍पादन को बढ़ाया जा सकता है। जिससे शरीर में रक्‍त शर्करा के स्‍तर को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।

मधुमेह के चूहों में कई अध्ययनों में, कॉर्डिसेप्स को रक्त शर्करा के स्तर को कम करने के लिए दिखाया गया है।

(और पढ़े – टाइप 2 मधुमेह क्या है, कारण, लक्षण, उपचार, रोकथाम और आहार…)

कीड़ा जड़ी की खुराक – Kida jadi buti ki khurak in Hindi

सामान्‍य रूप से बहुत ही कम मात्रा में उपलब्‍धता के कारण कीड़ा जड़ी बहुत ही महंगी दवाओं में से एक है। हालांकि मनुष्‍यों पर सीमित शोध होने के कारण इस जड़ी बूटी की कोई भी निश्चित खुराक या मात्रा निर्धारित नहीं की गई है। फिर भी सामान्‍य रूप से किसी व्‍यक्ति द्वारा दैनिक खुराक 1000 से 3000 मिलीग्राम है। इस मात्रा का सेवन करने से किसी भी प्रकार के दुष्‍प्रभाव नहीं होते हैं।

कीड़ा जड़ी के नुकसान – Kida jadi buti ke Nuksan in Hindi

सामान्य रूप से निर्धारित मात्रा में सेवन करने पर कीड़ा जड़ी के कोई नुकसान नहीं होते हैं। इसके अलावा मनुष्‍यों पर शोध की कमी के कारण भी कीड़ा जड़ी के नुकसानों की अधिक जानकारी नहीं है। लेकिन फिर भी लोगों को इस जड़ी बूटी का बहुत ही कम मात्रा में सेवन करना चाहिए।

  • जो महिलाएं गर्भवती हैं या स्‍तनपान करा रही हैं तो इस दौरान कीड़ा जड़ी का सेवन करने के नुकसान संबंधी जानकारी प्राप्‍त नहीं है। इसलिए उन्‍हें इस दौरान कीड़ा जड़ी का सेवन करने से बचना चाहिए साथ ही डॉक्‍टरी सलाह लेना च‍ाहिए।
  • कॉर्डिसेप्स का रक्त शर्करा के स्तर को कम करने पर एक छोटा प्रभाव पड़ता है, जो मधुमेह रोगियों के लिए खतरनाक हो सकता है, इसलिए उन्हें इसके उपयोग से बचना चाहिए।
  • इसके अलावा, उन लोगों द्वारा जो पहले से ही ब्लड-थिनर ले रहे हैं या रक्तस्राव विकारों से पीड़ित हैं या सर्जरी से पहले या बाद में इसे नहीं लिया जाना चाहिए।
  • कीड़ा जड़ी का अधिक मात्रा में सेवन करने से ऑटा-इम्‍यून रोग आदि होने की संभावना बढ सकती है। इसलिए इस जड़ी बूटी का सीमित और कम समय तक सेवन करना चाहिए।
  • कुछ लोगों को इस जड़ी बूटी का अधिक मात्रा में सेवन करने से रक्‍तस्राव संबंधी समस्‍याएं हो सकती हैं।
  • कीड़ा जड़ी (Cordyceps) का पारंपरिक चीनी चिकित्सा में उपयोग किया जाता है और कई स्वास्थ्य बीमारियों के इलाज के लिए सदियों से इस्तेमाल किया जा रहा है।
  • हालांकि कीड़ा जड़ी कवक कई क्षेत्रों में फायदे दिखाते हैं, मनुष्यों में उनके प्रभावों पर बहुत कम शोध है। इस प्रकार, विशेषज्ञों द्वारा कीड़ा जड़ी की किसी भी सिफारिश करने से पहले अधिक शोध की आवश्यकता है।
  • पशु और लैब अध्ययन बताते हैं कि कीड़ा जड़ी हृदय स्वास्थ्य में सुधार और सूजन, कैंसर, मधुमेह और उम्र बढ़ने से लड़ने की क्षमता है। हालाँकि, इनमें से कई अध्ययन खराब गुणवत्ता वाले हैं, और परिणाम मनुष्यों के लिए विस्तारित नहीं किए जा सकते हैं।
  • फिर भी, व्यायाम प्रदर्शन पर कीड़ा जड़ी (कॉर्डिसेप्स) के प्रभावों पर मानव अध्ययन किया गया है। कीड़ा जड़ी कवक को व्यायाम के दौरान ऊर्जा और ऑक्सीजन के उपयोग को बढ़ाने के लिए पाया गया है।
  • वर्तमान में, इस बात पर कोई सहमति नहीं है कि लोगों को इसके संभावित स्वास्थ्य लाभों को पुनः प्राप्त करने के लिए लेना चाहिए, या यह कितना सुरक्षित है।
  • यदि आप कीड़ा जड़ी या कॉर्डिसेप्स की खुराक लेना चुनते हैं, तो सुनिश्चित करें कि उन्हें शुद्धता और गुणवत्ता के लिए परीक्षण किया गया है।

(और पढ़े – गर्भावस्था के समय क्या न खाएं…)

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