Kegel exercise in pregnancy in Hindi: डॉक्टर महिलाओं को गर्भावस्था में कीगल एक्सरसाइज करने की सलाह देते है, क्योंकि कीगल एक्सरसाइज करने से पेल्विक मसल्स को मजबूत किया जाता है। प्रेगनेंसी के दौरान एक्सरसाइज करना बेहद लाभदायक होता है।
इस दौरान की जाने वाली कीगल एक्सरसाइज न सिर्फ आपको और आपके बच्चे को स्वस्थ रखती है, बल्कि यह नार्मल डिलीवरी में भी मदद करती है। कीगल एक्सरसाइज गर्भाशय, मूत्राशय, और आंत्र (बड़ी आंत) के नीचे की मांसपेशियों को मजबूत बनाने में मदद करती है।
यदि आप भी कीगल एक्सरसाइज इन प्रेगनेंसी (Kegel exercises in pregnancy In Hindi) के बारे जनना चाहते है, तो आज के इस आर्टिकल में हम आपको गर्भावस्था में कीगल एक्सरसाइज करने के तरीके के बारे बताएंगे। आइये इसे विस्तार से जानते है।
कीगल एक्सरसाइज मूल रूप से पेल्विक फ्लोर (pelvic floor) व्यायाम हैं जो पेल्विक क्षेत्रों में अंगों का समर्थन करने वाली मांसपेशियों अर्थात् मूत्राशय, छोटी आंत, गर्भाशय और मलाशय को मजबूत करने में मदद करता हैं।
इस कीगल व्यायाम में योनि प्रोलैप्स (vaginal prolapse) के इलाज को प्रभावी होने और गर्भाशय के प्रोलैप्स (uterine prolapse) को रोकने के लिए जोर दिया जाता है। कीगल एक्सरसाइज को करने के लिए किसी निश्चित समय की आवश्यकता नहीं होती है इसे किसी भी समय किया जा सकता है।
(और पढ़ें – कीगल एक्सरसाइज क्या है, कैसे करें और फायदे)
गर्भवती महिलाओं के लिए कीगल व्यायाम की अत्यधिक सिफ़ारिश की जाती है क्योंकि यह उनके शरीर को गर्भावस्था के बाद के चरणों के शारीरिक तनावों के साथ-साथ प्रसव के लिए तैयार करने में सहायता करता है। जब गर्भ में पल रहा बच्चा बढ़ने लगता है तो उसका वजन भी अधिक होने लगता है। यह एक्सरसाइज महिलाओं में गर्भाशय और योनि की मांसपेशियों को मजबूत करके लेबर पैन और प्रसव में मदद करते हैं।
पेल्विक मसल्स की पहचान करने के लिए महिलाएं एक तरीका अपना सकती है। इसके लिए अपनी उंगलियां साफ करें और एक उंगली को अपनी वेजाइना में डालें। एक बार उंगली डालकर वेजाइना की जो भी मसल्स उंगली के चारों और है उन्हें टाइट(tight) कर लें। आपकी उंगली से जिन मसल्स का स्पर्श हो रहा है वे ही पेल्विक मसल्स होती हैं।
आप मूत्र करते समय बीच में मूत्र रोक कर भी पता लगा सकती है कि पेल्विक फ्लोर मसल्स कौनसी है। मूत्र रोकने से जिन मसल्स पर ज्यादा दबाव पड़ता है वे ही पेल्विक फ्लोर मसल्स होती है। इससे आपको पता चल जाता है कि जब पेल्विक फ्लोर मसल्स रिलेक्स होती है और जब वे खींची हुई होती है तो कैसा महसूस होता है।
हालांकि इसका इस्तेमाल सिर्फ जांच के लिए करें। कीगल एक्सरसाइज करते समय ब्लैडर एकदम खाली कर लें यानि शरीर में यूरिन नहीं होना चाहिए अन्यथा यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन की समस्या पैदा हो सकती हैं।
कीगल एक्सरसाइज को कई प्रकार से किया जा सकता है।
(और पढ़े – महिलाओं के लिए कीगल एक्सरसाइज के फायदे और करने का तरीका…)
महिलाएं ब्रिज कीगल एक्सरसाइज करने के लिए निम्न स्टेप्स को करें-
(और पढ़ें – ब्रिज एक्सरसाइज करने का तरीका और फायदे)
गर्भावस्था के दौरान कीगल एक्सरसाइज करने से निम्न लाभ होते है।
इस एक्सरसाइज की सबसे अच्छी बात यह कि महिलाएं इसे कभी भी और कहीं भी कर सकती है। कीगल एक्सरसाइज करने का कोई भी निश्चित समय नहीं है। इस व्यायाम को आप प्रेगनेंसी के दौरान जितनी जल्दी शुरू करती है उतना ही आपके लिए अच्छा होता है। क्योंकि यह डिलीवरी के समय तक आपको सामान्य प्रसव के लिए तैयार करता है।
(और पढ़ें – सामान्य प्रसव के लिए गर्भावस्था के 9 वें महीने के दौरान शीर्ष 5 व्यायाम टिप्स)
जैसा कि हमने ऊपर जाना कि कीगल एक्सरसाइज पेल्विक एरिया की मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए किया जाता है। सभी महिलाएं सामान्य समय और गर्भावस्था के दौरान कभी भी कीगल एक्सरसाइज को कर सकती है। यह महिलाओं की सभी प्रकार की समस्याओं को कम दूर करने में मदद करती है।
सबसे पहले आप इस व्यायाम को सही तरीके से करना सीखें। शुरूआत में 10 सेकंड तक होल्ड करके कीगल एक्सरसाइज करें। इसके बाद आप एक सेट में 10 बार यह एक्सरसाइज को करें और फिर दिन भर में इस सेट को 2 से 3 बार दोहराएँ।
(और पढ़ें – सामान्य प्रसव (नार्मल डिलीवरी) के लिए के व्यायाम)
गर्भावस्था में कीगल एक्सरसाइज कैसे करें (Kegel exercise in pregnancy in Hindi) का यह लेख आपको कैसा लगा हमें कमेंट्स कर जरूर बताएं।
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