kesar ke fayde in Hindi केसर को सभी मसालों का राजा कहा जाता है। इसे सैफ्रॉन या जाफरान के नाम से भी जानते हैं। यह दुनियाभर में सबसे कीमती मसालों में से एक है। यह कई फ्लेवर में पाया जाता है और स्वास्थ्य के लिए काफी लाभकारी होता है। केसर के फायदे के अलावा केसर अपने विशिष्ट स्वाद और औषधीय गुणों के कारण भी काफी महंगा है। आज हम आपको केसर के फायदे, केसर के नुकसान और कितनी मात्रा में केसर का सेवन करें,के बारे में बताने वाले हैं।
केसर का अनूठा स्वाद इसमें मौजूद केमिकल कंपाउंड पिक्रोक्रोकिन और सैफ्रानाल के कारण होता है। इसलिए इसके अनोखे स्वाद की वजह से केसर का उपयोग दुनियाभर के कई पाक व्यंजनों में किया जाता है। केसर का उपयोग कई गंभीर बीमारियों के इलाज में भी किया जाता है।
आपको जानकर हैरानी होगी कि केसर में डेढ़ सौ से भी ज्यादा ऐसे यौगिक पाए जाते हैं जो हमारे संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं। हमारे देश में केसर जम्मू-कश्मीर में अक्टूबर से फरवरी के बीच बड़ी मात्रा में उगाया जाता है। यहां हम आपको केसर के फायदे, केसर के नुकसान और कितनी मात्रा में केसर का सेवन करें,के बारे में बताएंगे।
1.केसर खाने के फायदे – Health Benefits Of Saffron in Hindi
2.केसर खाने के नुकसान – kesar ke nuksan in Hindi
3.कितनी मात्रा में केसर का सेवन करें – Recommended Dosage of Saffron in Hindi
सैफ्रॉन की खेती पैंतीस सौ से अधिक वर्षों से की जा रही है और प्राचीन समय से ही 90 से अधिक बीमारियों के इलाज में केसर का उपयोग किया जा रहा है। तो आइये केसर के फायदे (Saffron Benefits)के बारे में जानते हैं।
एक स्टडी से पता चलता है कि केसर कैंसर के जोखिम को रोकने में काफी प्रभावशाली है। केसर में क्रोसिन नामक यौगिक पाया जाता है जो कोलोरेक्टल कैंसर सेल को बढ़ने से रोकता है। इसके अलावा यह हिपैटिक, स्किन कैंसर और प्रोस्टेट कैंसर से भी हमारी सुरक्षा करता है। केसर में कैरोटीनॉयड प्रचुर मात्रा में पाया जाता है जो कैंसर से सुरक्षा प्रदान करता है। केसर में मौजूद क्रोसिन ब्रेस्ट कैंसर और ल्यूकेमिया के खतरे को कम करता है।
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सैफ्रॉन में पाये जाने वाला क्रोसेटिन मस्तिष्क में ऑक्सीजेनेशन को बढ़ाता है। जिसके परिणामस्वरूप अर्थराइटिस के इलाज में काफी आसानी हो जाती है। केसर की एक विशेष किस्म गठिया या वात रोग में राहत प्रदान करती है। हालांकि केसर का उपयोग लीवर, किडनी और बोन मैरो की बीमारी से जूझ रहे बुजुर्ग मरीजों तथा गर्भवती महिला को नहीं करना चाहिए।
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अनिद्रा को दूर करने में केसर को काफी उपयोगी माना जाता है। स्टडी के अनुसार केसर इंसोमेनिया और डिप्रेशन जैसी समस्याओं को दूर करने में फायदेमंद साबित होता है। केसर में पाया जाने वाला क्रोसिन आंखों की नॉन-रैपिड गति को कम करता है और अच्छी नींद लाने में मदद करता है। इससे अनिद्रा से ग्रसित रोगियों को काफी फायदा होता है और नींद न आने की वजह से उत्पन्न बीमारियां भी ठीक हो जाती हैं।
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औषधीय गुणों से भरपूर केसर दिमाग को स्वस्थ रखता है और यादाश्त भी बेहतर बनाता है। एक स्टडी में पता चला है कि नियमित रूप से 30 ग्राम केसर का सेवन करने से अल्जाइमर से पीड़ित मरीजों के स्वास्थ्य में सुधार होता है। केसर में मौजूद क्रोसिन और एथनॉलिक मूड को काफी हद तक ठीक रखने में मदद करता है और यह सिजोफ्रेनिया से ग्रसित मरीजों के इलाज में भी काफी फायदेमंद साबित होता है। केसर न्यूरोटॉक्सिक प्रभाव को कम करता है और डोपामिन एवं ग्लूटामेट नामक न्यूरोट्रांसमिटर के उत्पादन को बढ़ाता है जिससे की हमारी यादाश्त में सुधार होता है।
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त्वचा को निखारने और सुन्दर बनाने के भी गुण केसर में पाए जाते है। महिलाएं अगर इसका सही तरीके से और सही मात्रा में सेवन करें तो त्वचा सुन्दर लगने लगती है। लो ब्लड प्रेशर की समस्या के लिए भी यह बेहतर औषधि है। इसे खाने से सर्दी खांसी और कफ में आराम मिलता है।
केसर में मौजूद एंटी फंगल और एंटी बैक्टीरिया गुण त्वचा में होने वाले मुहांसे और त्वचा संबंधी अन्य परेशानियों को दूर करते है।
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पाचन क्षमता को मजबूत बनाने के गुण केसर में पाए जाते हैं। इसके अलावा यह डाइजेशन संबंधी सभी बीमारियों के इलाज में भी काफी प्रभावी है। केसर में एंटी इंफ्लैमेटरी, एंटीऑक्सीडेंट और फ्री रेडिकल को दूर करने के गुण पाए जाते हैं। इसकी वजह से यह पेप्टिक अल्सर और अल्सरेटिव कोलाइटिस को दूर कर हमारे शरीर की रोगों से सुरक्षा करता है। इसके अलावा प्राचीन समय से केसर का उपयोग अस्थमा के इलाज
में भी किया जाता है। हालांकि अस्थमा के इलाज में इसका प्रभाव सीमित है इसलिए डॉक्टर से स्थायी इलाज कराना चाहिए।(और पढ़े – क्या आप जानते है पेट में खाना पच रहा है या सड़ रहा है)
केसर पैल्विक रक्त प्रवाह को बढ़ाता है। यह ऐंठन, गैस और सूजन दबाने मे भी मदद करता है। यह अवसाद और चिंता को दूर करता है। गर्भवती महिलाएं पेट में गैस और सूजन होना आम बात हैं। और केसर वाला दूध इन समस्याओं को दूर करने में मदद कर सकता है।
गर्भवती महिलाओं का मिजाज बदलता रहता है, उन्हें चिंता और अवसाद भी होता है इसलिए गर्भावस्था में थोड़ी मात्रा में केसर का सेवन करना लाभदायक होता है क्योकि केसर एक अवसाद विरोधक के रूप में कार्य करता है।
सबसे आम तरीका इसके उपभोग का केसर दूध के रूप में है। 2 से 3 केसर के रेशे गर्म दूध के एक गिलास के साथ लेते हैं। यदि आप दूध नहीं पी पाते हैं, तो आप इसे किसी सूप या गर्म पानी में डालकर ले सकते हैं। लेकिन गर्भवती महिलाओं को डॉक्टर से परामर्श के बाद में ही केसर का सेवन करना चाहिए।
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सैफ्रॉन में एंटीइंफ्लैमेटरी गुण पाया जाता है जिसकी वजह से यह शरीर के सूजन को दूर करने में बहुत लाभकारी होता है। इसके अलावा यह तेजी से पेशाब के कारण किडनी की चोट को भी दूर करने में मदद करता है। केसर कोशिकाओं की मरम्मत कर नयी कोशिकाओं के निर्माण और ब्लड के प्रवाह को भी ठीक रखता है। इसके साथ ही यह बुखार और दांत के दर्द में भी राहत प्रदान करता है।
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वैसे तो केसर सेहत के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है लेकिन लाभकारी होने के साथ ही केसर के कुछ नुकसान भी हैं। आइए केसर के नुकसान के बारे में जानें।
मां बनने वाली महिलाओं में केसर का सेवन खतरनाक हो सकता है। बच्चे को दूध पिलाने वाली मां को भी केसर का सेवन करने से परहेज करना चाहिए। अधिक मात्रा में केसर का सेवन करने से गर्भाशय संकुचित हो जाता है। जिससे की प्रेगनेंट महिला में गर्भपात होने का खतरा बना रहता है। डॉक्टर भी प्रेगनेंट महिलाओं को केसर का सेवन न करने की सलाह देते हैं। बाजार में बिकने वाले केसर में कृत्रिम कलर एजेंट मिले होते हैं जो बच्चे को ब्रेस्ट फीडिंग कराने पर दूध के जरिए बच्चे के शरीर में चला जाता है। यह बच्चे के सेहत के लिए खतरनाक है इसलिए इससे बचना चाहिए।
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केसर का अधिक मात्रा में सेवन करने पर यह सेहत के लिए काफी खतरनाक हो सकता है। और केसर के नुकसान का असर आपकी स्किन पर दिखने लगता है अगर आप दस से बीस ग्राम नियमित रूप से केसर का सेवन करते हैं तो आपको सतर्क हो जाना चाहिए और अपने डॉक्टर के परामर्श के बाद इसका सेवन करना चाहिए।
क्योंकि पांच ग्राम से अधिक मात्रा में केसर का सेवन करने से सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है। केसर के नुकसान से त्वचा और आंखें पीली पड़ जाती हैं और आपको पीलिया एवं फूड प्वॉयजनिंग हो सकता है। इसके अलावा आपकी म्यूकस में ब्रेन पीली पड़ सकती है, नाक से ब्लड निकल सकता है और आंखों की पलकें और होठ सुन्न हो सकते हैं।
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केसर कई फूड सप्लिमेंट के रूप में उपयोग किया जाता है। ज्यादातर लोग वजन घटाने के लिए तो कुछ लोग त्वचा पर निखार लाने के लिए केसर का उपयोग करते हैं। लेकिन सच तो यह है कि लंबे समय तक केसर का सेवन करने से यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। अगर आप वजन घटाने के लिए केसर का सेवन करते हैं तो आप इस बात की सावधानी रखें कि आप कितने समय से केसर का सेवन कर रहे हैं। वजन घटाने के लिए केसर का सेवन छह हफ्ते से ज्यादा नहीं करना चाहिए। लम्बे समय तक केसर का सेवन करने से केसर के नुकसान का सामना करना पढ़ सकता है केसर का सेवन करने से पहले डॉक्टर से जरूर सलाह ले लेनी चाहिए।
अगर आप डिप्रेशन दूर करने के लिए केसर का सेवन करते हैं तो तीस ग्राम केसर की खुराक को दिन में दो बार लें। लेकिन अगर आप पीएमएस के लिए केसर का सेवन करती हैं तो 15 ग्राम केसर दिन में दो बार लें। जिस भी समस्या के लिए आप केसर का सेवन करते हों, एक बार डॉक्टर की सलाह जरूर लें ले। केसर का नैचुरल सप्लिमेंट भी आप डॉक्टर के परामर्श के बाद ही लें। क्योंकि यदि आप 20 ग्राम से ज्यादा केसर का सेवन करते हैं तो यह आपके लिए खतरनाक हो सकता है। इससे बचने के लिए बेहतर है कि आप नियमित सिर्फ पांच ग्राम केसर का सेवन करें।
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