खाने की नली का कैंसर एक सामान्य कैंसर है, जो महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों में अधिक देखने को मिलता है। खाने की नली के कैंसर को अनेक नामों से जाना जाता है, जैसे- ग्रसिका का कैंसर , आहार नली या भोजन नली का कैंसर । समय पर निदान नहीं किया जाए तो, यह बीमारी पीड़ित व्यक्ति में असुविधा के साथ-साथ मृत्यु का कारण भी बन सकती है। इसलिए आपको खाने की नली में कैंसर की पूर्ण जानकारी होना आवश्यक है। अधिक मात्रा में तम्बाकू और शराब का सेवन, एसोफैगल कैंसर के लिए जिम्मेदार हो सकती है। इसके अतिरिक्त अनेक प्रकार के कारक, खाने की नली में कैंसर के जोखिम को बढ़ाते हैं, जिनके बारे में आप इस लेख में जानेगें। इसके अलावा इसमें आप जानेगें एसोफैगल (खाने की नली) कैंसर के कारण, लक्षण क्या हैं और इसकी जांच, इलाज और रोकथाम कैसे की जाती है के बारे में।
एसोफैगल कैंसर (Esophageal cancer) की स्थिति में कैंसर कोशिकाएं खाने की नली (ग्रासनली) में विकसित होती हैं। ग्रासनली (esophagus) एक मांसपेशियों से बनी खोखली नली होती है, जो गले से पेट तक भोजन ले जाने का कार्य करती है, इसे खाने की नली या आहार नली भी कहा जाता है। जब खाने की नली (esophagus) के अस्तर में एक घातक ट्यूमर का निर्माण होता है, तब इसे एसोफैगल कैंसर (भोजन नली का कैंसर) के नाम से जाना जाता है। कैंसर की शुरुआत ग्रासनली की आंतरिक परत से होती है। जैसे-जैसे ट्यूमर बढ़ता है, यह ग्रासनली के अधिक गहरे ऊतकों और मांसपेशियों को प्रभावित कर सकता है। खाने की नली (esophagus) की लंबाई में कहीं भी एक ट्यूमर का निर्माण हो सकता है।
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भोजन नली का कैंसर (Esophageal cancer), कोशिकाओं के प्रकार के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है। खाने की नली में कैंसर के दो मुख्य प्रकार हैं:
भोजन नली के कैंसर के चरणों (स्टेज) को व्यक्त करने के लिए 0 से IV तक की संख्या का उपयोग किया जाता है। संख्या जितनी अधिक होती है, कैंसर उतना ही विकसित और उन्नत होता है। खाने की नली में कैंसर के चरण निम्न हैं:
0 स्टेज– इस चरण में कैंसर का विकास नहीं होता है, केवल असामान्य कोशिकाएं पाई जाती है।
I स्टेज– इस स्टेज में कैंसर केवल आहार नली की परत में पाई जाने वाली कोशिकाओं तक ही सीमित होता है।
II स्टेज– इस स्टेज में ट्यूमर कोशिकाएं, आहार नली की बाहरी दीवार तक फ़ैल चुकी होती हैं। इसके अलावा, कैंसर पास के 1 से 2 लिम्फ नोड्स तक फैल सकता है।
III स्टेज– इस स्टेज का मतलब है कि कैंसर आंतरिक मांसपेशियों की परत या संयोजी ऊतक (connective tissue) की दीवार में गहराई तक फ़ैल गया है। तथा यह कैंसर आहार नली के आस पास के अंग या पास के अधिकांश लिम्फ नोड्स में फैल सकता है।
IV स्टेज – यह कैंसर का सबसे विकसित और उन्नत चरण है। इसका मतलब है कि कैंसर शरीर में अन्य अंगों या आहार नली से दूर लिम्फ नोड्स तक फैल गया है।
भोजन नली में कैंसर (Esophageal cancer) के शुरुआती चरणों में पीड़ित व्यक्ति आमतौर पर किसी भी प्रकार के स्पष्ट लक्षणों का अनुभव नहीं करता है। लेकिन जैसे-जैसे कैंसर विकसित होता है, पीड़ित व्यक्ति निम्न लक्षणों का अनुभव कर सकता है, जैसे:
(और पढ़ें: महिलाओं में कैंसर के लक्षण)
अधिकांश कैंसर की तरह ही खाने की नली के कैंसर का कारण भी अभी तक अज्ञात है। कैंसर को आहार नली से संबंधित कोशिकाओं के डीएनए में उत्परिवर्तन (mutations) से संबंधित माना जाता है। उत्परिवर्तन के कारण प्रभावित कोशिकाओं में अधिक तेजी से विभाजन और वृद्धि होती है। यह कोशिकाएं एकत्रित होकर ट्यूमर बनाती हैं। उत्परिवर्तन (mutations) का स्पष्ट कारण ज्ञात नहीं है, लेकिन कुछ ऐसे कारक ज्ञात है, जो एसोफैगल कैंसर के विकास के जोखिम को बढ़ाने में प्रमुख भूमिका निभाते हैं।
कुछ आदतें और स्थितियाँ खाने की नली में कैंसर (Esophageal cancer) के जोखिम को उत्पन्न कर सकती हैं, जिनमें शामिल हैं:
खाने की नली में कैंसर (Esophageal cancer) के बढ़ते चरणों के साथ कुछ जटिलताओं के उत्पन्न होने की संभावना भी बढ़ती जाती है, जिनमें शामिल हैं:
खाने की नली में कैंसर का निदान करने के लिए, डॉक्टर लक्षणों और चिकित्सकीय इतिहास के बारे में जानकारी प्राप्त कर, रक्त परीक्षण और एक्स-रे की सिफारिश कर सकता है। खाने की नली के कैंसर का निदान करने के लिए उपयोग की जाने वाली प्रक्रियाओं और टेस्ट के अंतर्गत निम्न को शामिल किया जाता है, जैसे:
भोजन नली के कैंसर का उपचार करने के लिए मुख्य रूप से डॉक्टर सर्जरी की सिफारिश कर सकता है। सर्जरी के अलावा कीमोथेरेपी या विकिरण थेरेपी को सर्वोत्तम उपचार के रूप में शामिल किया जाता है।
यदि आहार नली का कैंसर छोटा है और फैल नहीं रहा है, तो डॉक्टर एंडोस्कोप और न्यूनतम इनवेसिव सर्जरी का उपयोग करके ट्यूमर को हटा सकता है। गंभीर मामलों में, सर्जरी के दौरान पेट के ऊपरी हिस्से को भी हटाना संभव है। सर्जरी के बाद व्यक्ति को कुछ स्थितियों में जोखिमों का सामना करना पड़ सकता है, जिनमें शामिल हैं:
कीमोथेरेपी के अंतर्गत कुछ दवाओं का उपयोग कर कैंसर कोशिकाओं को नष्ट किया जाता है। सर्जरी से पहले या बाद में कीमोथेरेपी की सिफारिश की जा सकती है। कभी-कभी रेडिएशन थेरेपी के साथ भी कीमोथेरेपी का उपयोग किया जा सकता है। कीमोथेरेपी के अंतर्गत कुछ संभावित दुष्प्रभाव उत्पन्न हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:
रेडिएशन थेरेपी के अंतर्गत कैंसर कोशिकाओं को मारने के लिए रेडिएशन की बीम का उपयोग किया जाता है। कैंसर का इलाज करने के लिए रेडिएशन को बाह्य या आंतरिक रूप से दिया जा सकता है। आंतरिक रेडिएशन थेरेपी को ब्रैकीथेरेपी (Brachytherapy) कहा जाता है। आमतौर पर रेडिएशन थेरेपी के साथ-साथ कीमोथेरेपी का उपयोग किया जाता है। रेडिएशन थेरेपी के बाद व्यक्ति निम्न दुष्प्रभावों को महसूस कर सकता है, जैसे:
कैंसर का इलाज करने के लिए डॉक्टर टारगेट थेरेपी का भी उपयोग कर सकता है। टारगेटेड थेरेपी में कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने में मदद करने वाले विशिष्ट प्रोटीन को अवरुद्ध किया जाता हैं। खाने की नली में कैंसर का इलाज करने के लिए उपयोग की जाने वाली टार्गेटेड थेरेपी के अंतर्गत निम्न को शामिल किया जा सकता है, जैसे:
यदि खाने की नली में कैंसर के परिणामस्वरूप रूकावट उत्पन्न होती है, तो डॉक्टर इस समस्या का इलाज करने के लिए ग्रासनली में एक धातु से बना ट्यूब प्रत्यारोपित कर सकता है। इसके अतिरिक्त फोटोडायनामिक थेरेपी (photodynamic therapy) भी खाने की नली के कैंसर का इलाज करने में सक्षम हो सकता है, जिसमें फोटोसेंसिटिव ड्रग (photosensitive drug) को ट्यूमर में इंजेक्ट किया जाता है। यह ड्रग लाइट को अवशोषित कर ट्यूमर को नष्ट करने में मदद कर सकता है।
खाने की नली में कैंसर का इलाज कैंसर की स्टेज (चरण) के आधार पर भिन्न-भिन्न हो सकता है। खाने की नली के कैंसर के चरणों के आधार पर निम्न उपचार प्रक्रियाओं को शामिल किया जा सकता है:
हालांकि ग्रसिका का कैंसर रोकने का कोई निश्चित तरीका नहीं है। फिर भी कुछ बचाव के तरीके अपनाकर व्यक्ति खाने की नली के कैंसर के जोखिम को कम कर सकता है। कैंसर के जोखिम को कम करने के तरीके इस प्रकार हैं, जैसे:
ग्रसिका का कैंसर (Esophageal Cancer) के जोखिम को कम करने तथा इससे बचने के लिए निम्न आहार के अत्यधिक सेवन पर ध्यान देना चाहिए, जैसे:
खाने की नली के कैंसर की स्थिति में कुछ खाद्य पदार्थों का सेवन कैंसर के जोखिम को बढ़ा सकते हैं। अतः विशेषज्ञों द्वारा इन पदार्थों के सेवन से परहेज करने की सलाह दी जाती है, जिनमें शामिल हैं:
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