खाने के सामान में मिलावट की जांच करना बहुत जरूरी है क्योंकि भारतीय रसोई में हम हर दिन कई सामग्रियों का उपयोग करते हैं, लेकिन दुर्भाग्य से पिछले कुछ सालों में इन सामग्रियों की शुद्धता चिंता का विषय बन गई है। यही वजह है कि अब इन सामग्रियों को खरीदते वक्त या इस्तेमाल करने से पहले लोग गूगल पर खाद्य पदार्थों में मिलावट की पहचान करने के आसान घरेलू तरीके तलाशने लगे हैं। यह तरीके इतने आसान हैं कि, आप चुटकियों में टेस्ट कर इनके असली और नकली होने का पता लगा सकते हैं।
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आजकल किचन में इस्तेमाल होने वाले खाद्य पदार्थ पैकेटों में उपलब्ध होते हैं। जानकारी के अभाव में इनके असली और नकली होने का पता लगाना बेहद मुश्किल हो जाता है। जबकि असल में किचन में रोजाना इस्तेमाल होने वाले दूध, घी, बेसन, शहद यहां तक की सब्जियों में भी कई तरह की मिलावट होती है, जिसकी पहचान करना बहुत जरूरी है।
इनमें कई ऐसी चीजें मौजूद होती हैं, जो आपके खाने का स्वाद बदलने के साथ आपके स्वास्थ्य के साथ भी खिलवाड़ करती हैं। इसलिए ये सभी चीजें शुद्ध हैं या नहीं, इसकी जानकारी होना बहुत जरूरी है। अगर आप इस बारे में नहीं जानते, तो चिंता की बात नहीं है। आज के हमारे इस आर्टिकल में हम आपको किचन में इस्तेमाल किए जाने वाले खाद्य पदार्थों की शुद्धता की पहचान करने के सिंपल टेस्ट या परीक्षण बताएंगे, जिन्हें पढ़कर आप घर बैठे ही इनके असली और नकली होने का पता कर सकते हैं।
घर में इस्तेमाल की जाने वाली खाने की चीजों में आजकल मिलावट पाई जाती है। अगर आप भी इन चीजों में मिलावट का पता लगाना चाहते हैं, तो नीचे हमारे द्वारा बताए गए आसान टेस्ट के जरिए इनकी शुद्धता की पहचान आसान से घर बैठे कर सकते हैं।
शुद्ध शहद की पहचान क्या है? शहद आपकी सेहत के लिए कितना लाभकारी है, ये तो आप सभी जानते हैं। आयुर्वेद में इसे औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। यदि आप शहद के उपयोग करने के लाभों का लुत्फ उठाना चाहते हैं, तो खरीदने से पहले इसकी शुद्धता की जांच करना बेहद जरूरी है। लेकिन सवाल यह उठता हैं की शुद्ध शहद की पहचान कैसे करें? शहद की सबसे बड़ी गुणवत्ता इसकी शुद्धता ही है। आज के समय में शुद्ध शहद मिल पाना चुनौतीभरा काम है। इसमें भी कई चीजों की मिलावट होती है। इसमें हाई फ्रुक्टोज, कॉर्न सिरप के साथ अन्य अवयव भी मिलाए जाते हैं, जिनके बारे में ग्राहकों को पता नहीं होता। इसलिए शहद खरीदने से पहले इसकी बोतल पर लगे हुए लेबल को जरूर पढ़ना चाहिए।
लेबल पर लिखे गए कच्चे, वन शहद या कार्बनिक जैसे शब्द इसकी शुद्धता की पहचान होते हैं। हालांकि ये लेबल भी पूरी तरह से इसके शुद्ध होने का प्रमाण नहीं देते, इसलिए आप चाहें तो घर पर ओरिजिनल शहद की पहचान के लिए इसका टेस्ट कर सकते हैं। शद की शुद्धता की जांच करने के लिए और शहद में मिलावट है या नहीं, ये जानने के लिए कुछ आसान तरीके हम आपको यहां बता रहे हैं।
(और पढ़े – शहद के फायदे उपयोग स्वास्थ्य लाभ और नुकसान…)
शहद शुद्ध है या नहीं, यह जानने के लिए आप अंगूठे से टेस्ट कर सकते हैं। इसे “थंब टेस्ट” भी कहते हैं। इसके लिए सबसे पहले थोड़ा सा शहद अपने अंगूठे पर लें और देखें कि यह फैलता है या नहीं। अगर शहद फैलता है, तो यह शुद्ध नहीं है। शुद्ध शहद गाढ़ा होता है, यह उस सतह पर चिपक जाता है, जिस पर यह रखा गया है। यह टपकता नहीं है। जबकि अशुद्ध शहद टपकता है। बता दें, कि अशुद्ध शहद का स्वाद इसमें मिलाई गई चीनी के कारण मीठा हो सकता है।
वॉटर टेस्ट से शहद की शुद्धता की पहचान करना बेहद आसान है। इसके लिए एक चम्मच में शहद लें और पानी से भरे गिलास में डालें। अगर शहद नकली होगा, तो यह पानी में घुल जाएगा। जबकि शुद्ध शहद पानी के निचले भाग में गांठ की तरह बैठ जाएगा। यह घुलेगा नहीं। इसी तरह अगर आप ब्लॉटिंग पेपर या सफेद कपड़े पर शुद्ध शहद डालते हैं, तो यह अवशोषित नहीं होगा बल्कि एक दाग छोड़ देगा। असली शहद की पहचान के लिए इस टेस्ट को करने के लिए केवल 5 मिनट का समय लगेगा।
आप नहीं जानते होंगे, लेकिन शुद्ध शहद ज्वलनशील होता है। इस परीक्षण को करते समय बहुत सावधानी बरतने की जरूरत है। असली शहद की पहचान करने के लिए एक सूखी माचिस लें और इसे शहद में डुबोएं। अब माचिस की तीलियों को जलाएं। अगर तिली जल जाती है, तो शहद शुद्ध है। यदि तिली नहीं जलती, तो शहद में सौ प्रतिशत मिलावट है।
सिरके के प्रयोग से भी आप शुद्ध शहद की पहचान कर सकते हैं। इसके लिए शहद में पानी और दो से तीन बूंद सिरके की मिलाएं। यदि मिश्रण जम जाता है, तो आपके शहद में मिलावट होने की संभावना बहुत ज्यादा है। आपको बता दें कि शुद्ध और अशुद्ध शहद में ऐसे बहुत से अंतर होते हैं, जिसका परीक्षण फिजिकल प्रॉपर्टीज के आधार पर नग्र आंखों से भी कर सकते हैं। शुद्ध शहद की बनावट नर्म होती है और यह स्वाद में सुगंधित होता है। वहीं अशुद्ध शहद गले में हल्की झुनझनी या जलन पैदा करता है।
असली घी की पहचान कैसे करें? घी को मक्खन के रूप में भी जाना जाता है। भारतीय रसोई में नियमित रूप से घी का उपयोग होता है। इतना ही नहीं इस धन और परिवार की समृद्धि का प्रतीक भी माना जाता है। आयुर्वेद के अनुसार घी आयुर्वेदिक दवाओं के लिए उपयोग किया जाने वाला एक महत्वपूर्ण घटक है। क्योंकि यह अचछे स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है। इतना ही नहीं घी हमारे पूरे शरीर को डिटॉक्सीफाई करता है और पोषण प्रदान करता है। यह जांचने के लिए कि, जो घी आप इस्तेमाल कर रहे हैं, वह शुद्ध है या नहीं, इसके लिए ऐसे कई टेस्ट हैं, जो आप आसानी से घर पर आजमा सकते हैं।
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घी की शुद्धता को जांचने के लिए यह परीक्षण सबसे आसान तरीकों में से एक है। इसके लिए एक बर्तन में सबसे पहले एक चम्मच घी गर्म करें। यदि घी तुरंत पिघल जाता है और गहरे भूरे रंग में बदल जाता है, तो यह शुद्ध घी है। यदि घी पिघलने में समय लगता है और हल्के पीले रंग में बदल जाता है, तो यह मिलावटी है।
देसी गाय के घी की पहचान करना इतना भी मुश्किल नहीं है। घी में नारियल तेल के साथ मिलावट की जाँच करने के लिए, डबल-बॉयलर विधि का उपयोग करके एक ग्लास जार में कुछ घी पिघलाएं और दुसरे ग्लास जार में डालें, इस जार को फ्रिज में रख दें। अगर घी में मिलावट होगी तो घी और नारियल का तेल अलग-अलग परतों में जम जाएगा, अगर ऐसा होता है तो घी मिलावटी है नहीं तो जो घी आप इस्तेमाल कर रहे हैं वह शुद्ध है।
एक टेस्ट ट्यूब में एक चम्मच घी गर्म करें। इसमें एचसीएल (concentrated HCl) और चुटकीभर शक्कर डालें। इन सभी सामग्री को मिक्स कर लें। अगर नीचे वाली परत लाल या गुलाबी रंग की दिचाई देती है, तो इसका मतलब है कि आपके द्वारा इस्तमेाल किया जलाने वाला घी मिलावटी है।
यह गाय के घी की पहचान करने का सबसे आसान और सरल तरीका है। इसके लिए आपको ज्यादा कुछ करने की जरूरत नहीं है। बस घी को अपनी हथेली पर रखना है। अगर घी खुद पिघलने लगे, तो यह शुद्ध देसी घी है और अगर घी पिघलाने के लिए आंच की जरूरत पड़े, तो यह सौ प्रतिशत अशुद्ध है।
मसाले हर भारतीय किचन का जरूरी हिस्सा है। यह किसी भी डिश का स्वाद बदलने की क्षमते रखते हैं। लेकिन समस्या यह है कि आजकल मार्केट में मसाले आर्टिफिशियल कलर्स और स्वाद के साथ आ रहे हैं, जिनका लोगों के स्वास्थ्य पर बहुत बुरा असर पड़ता है। नीचे हम आपको बताते हैं हल्दी, लाल मिर्च, धनिया, जीरा और सरसों की शुद्धता की जांच करने के विभिन्न तरीकों के बारे में।
भारतीय किचन में हल्दी एक जरूरी मसाला है। यह न केवल स्वाद बढ़ाता है, बल्कि प्रतिरोध क्षमता बढ़ाने, घावों को भरने के साथ आयुर्वेदिक औषधि के रूप में भी प्रसिद्ध है। हल्दी में मिलावट के तौर पर कई बार मेटानिल यलो कलर और जेड क्रोमेट जैसे केमिकल शामिल हो सकते हैं। ये विषाक्त हो सकते हैं और आपके स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं। हल्दी में मेटानिल येलो की मौजूदगी से कैंसर हो सकता है। नीचे हम आपको असली हल्दी की पहचान करने का तरीका बता रहे हैं।
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हल्दी शुद्ध है या नहीं, इसकी जांच करने के लिए एक ट्रांसर्पैरेंट गिलास में थोड़ी सी हल्दी लें और इसमें पानी और कुछ बूंदें हाइड्रोक्लोरिक एसिड की डालें। अब इसे हिलाएं। अगर मिश्रण का रंग गुलाबी हो जाए, तो इसमें मेटानिल यलो मौजूद है और यदि मिश्रण में बुलबुले उठने लगें, तो इसमें चौक पाउडर मिला हुआ है। वहीं लेड क्रोमेट की उपस्थिति का पता लगाने के लिए पानी के साथ एक चम्मच हल्दी पाउडर लगाएं। अगर इसमें मिलावट होगी, तो इसमें जो भी घुलनशील सामग्री है, वो नजर आने लगेगी।
हल्दी में मिलावट की जांच करने के सबसे आसान तरीकों में से एक यह तरीका भी है। इसके लिए एक गिलास गर्म पानी में एक चम्मच हल्दी मिलाएं। इसे हिलाएं नहीं और थोड़ी देर के लिए ऐसे ही छोड़ दें। लगभग 20 मिनट बाद चैक करें। यदि पाउडर साफ पानी के साथ नीचे बैठ जाता है, तो हल्दी शुद्ध है। वहीं अगर पानी जरा भी गंदा है, तो यह हल्दी में मिलावट का संकेत देता है।
आप हल्दी की ही नहीं, बल्कि इसकी जड़ की शुद्धता की भी पहचान कर सकते हैं। इसका परीक्षण करने के लिए हल्दी की जड़ को एक कागज पर रखें और इसके ऊपर ठंडा पानी डालें। यदि यह रंग छोड़ना शुरू कर देता है, तो इसमें मिलावट होना पक्का है।
लाल मिर्च भी सबसे अधिक इस्तेमाल किए जाने वाले मसालों में से एक है। लेकिन अब इसका स्वाद और रंग को बढ़ाने के लिए कई मिलावटी मसालों को मिला दिया जाता है। लाल मिर्च पाउडर में कई बार कुचली हुई लकड़ी या फिर भुसी को मसाले का वजन बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसलिए आपके द्वारा इस्तेमाल की जा रही लाल मिर्च शुद्ध है या नहीं, इसकी जांच करने के चार तरीके हम आपको नीचे बता रहे हैं।
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लाल मिर्च पाउडर असली है या नकली यह जानने के लिए वॉटर टेस्ट बहुत आसान तरीका है। इसके लिए एक चम्मच मिर्च पाउडर को एक गिलास सादे पानी में मिलाएं। यदि इसमें मिलावट है, तो पानी अपना रंग बदल देगा। ईट पाउडर की उपस्थिति के कारण यह लाल भूरे रंग का हो जाएगा। जबकि शुद्ध लाल मिर्च पाउडर पानी में कभी नहीं घुलता।
आपको बता दें कि लाल मिर्च को अच्छा कलर देने के लिए कई आर्टिफिशियल कलर्स का उपयोग किया जाता है, ताकि कलर भी अच्छा दिखे और शाईन भी। इसके लिए एक गिलास पानी के ऊपर कुछ लाल मिर्च पाउडर छिड़कें। यदि आपको इस पर रंगीन लकीर दिखती है, तो इसमें मिलावट है। ज्यादातर लाल मिर्च पाउडर में घुलनशील कोयला टार मिलाया जाता है।
धनिया पाउडर खाने में स्वाद लाता है, वहीं अगर इसमें जरा भी मिलावट हो, तो यह आपकी सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है, क्योंकि इसमें कई बार मिलावट के तौर पर गोबर मिला दिया जाता है, जिसका आपको आसानी से पता नहीं चलता। लेकिन कुछ छोटे-छोटे टेस्ट के जरिए आप इसमें मिलावट का पता लगा सकते हैं। सबसे पहले धनिया पाउडर को पानी में भिगो लें। अगर इसमें गोबर मिलाया गया होगा, तो यह पानी पर तैरने लगेगा और इसमें दुर्गंध भी आने लगेगी।
(और पढ़े – धनिया के फायदे, गुण, लाभ और नुकसान…)
बाजार में पैकेट वाले धनिया पाउडर में कई बार कॉमन साल्ट मिला दिया जाता है। इसकी पहचान करने के लिए आप धनिया पाउडर लें और इसमें 5 मिली पानी मिलाएं। इसके बाद इसमें सिल्वर नाइट्रेट की कुछ बूंदें मिला लें। अगर यह मिश्रण सफेद हो जाता है, तो समझ जाइए कि इसमें नमक मिला हुआ है।
हर सब्जी को बनाने से पहले जीरा डाला जाता है। इसके बिना सब्जी फीकी लगती है। लेकिन आपको जानकर हैरत होगी कि जीरा में भी आजकल खूब मिलावट की जाती है। देखने में तो यह एकदम शुद्ध लगेगा, लेकिन अंदर इसमें डस्ट और स्टार्च की मिलावट की जाती है। नीचे हम जीरा पाउडर की शुद्धता जानने के लिए कुछ टेस्ट बता रहे हैं।
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ऑरिजनल जीरे की पहचान करना बेहद आसान है। इसके लिए एक गिलास पानी में एक चम्मच जीरा पाउडर मिलाएं और इसे कुछ मिनटों के लिए ऐसे ही छोड़ दें। अगर इसमें मिलावट होगी तो यह सतह पर तैरने लगेगी, जबकि जीरा अगर शुद्ध होगा तो यह तले पर जम जाएगा।
जीरा अक्सर घास के बीजों के साथ मिला होता है, जिसे चारकोल डस्ट के साथ कोट कर दिया जाता है। इसकी जांच करने के लिए जीरे को अपनी हथेली पर रखें और दूसरे हाथे से रगड़ना शुरू करें। यदि आपकी हथेलियां काली हो जाती हैं, तो यह जीरे में मिलावट का संकेत देता है।
हींग न केवल आपके खाने का स्वाद बढ़ाती है, बल्कि यह खाना पचाने में भी बहुत मददगार है। मार्केट में उपलब्ध हींग ज्यादातर मिलावटी होती है। वैसे तो इसका अंदाजा आमतौर पर इसमें से आने वाले खुशबू से लगाया जा सकता है। लेकिन हींग शुद्ध है या नहीं, इसकी जांच करने के दो तरीके हम आपको बता रहे हैं, जिसे आप आसानी से घर बैठे ही कर सकते हैं।
(और पढ़े – हींग के फायदे उपयोग स्वास्थ्य लाभ और नुकसान…)
हींग शुद्ध है या नहीं, इसकी जांच करने के लिए एक चम्मच में हींग की थोड़ी सी मात्रा लें। अब इसे जलाएं। शुद्ध हींग होगी तो यह पूरी तरह से जल जाएगी। जबकि मिलावटी हींग कपूर की तरह तेजी से लौ नहीं फेकेगी।
आपको बता दें कि कई बार हींग में साबुन का पत्थर मिला दिया जाता है। इसकी प्यूरिटरी की पहचान करने के लिए एक गिलास में हींग घोलें। यदि हींग शुद्ध होगी, तो किसी भी तरह का पदार्थ नीचे नहीं जमेगा, लेकिन हींग अशुद्ध हुई, तो साबुन का पत्थर या अन्य मिट्टी के पदार्थ नीचे तले पर जम जाएंगे। असली हींग की पहचान के इस टेस्ट को आप हींग खरीदने से पहले भी करके देख सकते हैं।
किसी भी खाद्य पदार्थ में स्वाद लाने के लिए नमक का उपयोग किया जाता है, इसके बिना हर चीज फीकी लगती है। लेकिन आप सोच भी नहीं सकते कि, जो नमक आप इस्तेमाल कर रहे हैं, उसमें भी मिलावट हो सकती है। बाजार के पैकेट वाले नमक में चॉक पाउडर के जरिए मिलावट की जाती है, जिसकी जांच आप आसानी से कर सकते हैं।
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नमक की शुद्धता जानने के लिए एक गिलास पानी में नमक घोलें। कुछ मिनट के लिए इसे ऐसे ही छोड़ दें। यदि पानी सफेद हो जाता है, तो यह चॉक की उपस्थित को इंगित करता है। जबकि शुद्ध नमक एक दम साफ होता है।
शुद्ध नमक पहचान आप एक अन्य तरीके से भी कर सकते हैं। इसके लिए एक आलू काटें और उस पर नमक लगाएं। एक मिनट तक इसे ऐसे ही रहने दें। फिर इस पर नींबू पर नींबू के रस की दो बूंदें डालें। अगर आलू का रंग नीला हो जाता है, तो यह आयोडीन युक्त यानि शुद्ध नमक है। जबकि अगर आलू का रंग नहीं बदलता तो, इसमें मिलावट हो सकती है।
आजकल हर कोई दूध में मिलावट करने लगा है। लोगों को इसकी जानकारी नहीं होती, इसलिए सिंथेटिक और मिलावटी दूध में फर्क समझना बेहद मुश्किल हो जाता है। आपको बता दें कि सिंथेटिक दूध में गंध आती है, जबकि असली दूध का स्वाद हल्का मीठा होता है। नकली दूध में आजकल डिटर्जेंट, पानी और सोडा सबसे ज्यादा मिलाया जाता है, जिससे इसका स्वाद कभी-कभी कड़वा भी हो जाता है। असली दूध को अगर दो दिन तक भी स्टोर करके रखा जाए , तो यह रंग नहीं बदलता जबकि नकली दूध का रंग एक दिन फ्रिज में रखने पर ही बदल जाता है। नीचे जानिए असली और नकली दूध के बीच पहचान करने के तरीके-
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दूध में पानी की मिलावट का पता लगाने के लिए चिकनी लकड़ी पर दूध की एक या दो बूंद दूध की डालें। अगर दूध बहता हुआ नीचे की तरफ गिरे और सफेद धार का निशान बन जाए, तो बेफ्रिक हो जाइए, क्योंकि आपके घर में आने वाला दूध एकदम शुद्ध है।
दूध में डिटर्जेंट की मिलावट पहचानने के लिए 5 से 10 मिग्रा दूध किसी कांच की शीशी या टेस्ट ट्यूब में लेकर जोर-जोर से हिलाएं। यदि इयमें झाग बने या देर तक बना रहे, तो इसमें डिटर्जेंट मिला हुआ है। यह दूध में डिटर्जेंट की पहचान करने का सबसे आसान तरीकों में से एक है। वहीं 20 मिली पानी में दूध मिलाकर उबाल लें और ठंडा करने के लिए रख दें। इसके बाद इसमें एक बूंद आयोडीन की मिलाएं। अगर दूध का रंग नीला हो गया, तो समझ जाएं कि इसमें स्टार्च या डिटर्जेंट मिला हुआ है।
तेल हमारी त्वचा के साथ हमारे स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद होता है। लेकिन अगर इसमें किसी तरह की मिलावट है, तो इसका ज्यादा असर नहीं होता। आपके द्वारा घर में इस्तेमाल किया जाने वाला नारियल और सरसों का तेल कितना शुद्ध है, यह जानने के लिए आप घर में आसान सा टेस्ट कर सकते हैं।
सरसों के तेल में ज्यादातर आर्गेमोन ऑयल की मिलावट की जाती है। ऐसे में यह असली है या नकली, इसकी पहचान करने के लिए एक ट्रांसपेरेंट गिलास में सरसों का तेल लें और इसमें कुछ बूंद नाइट्रिक एसिड की मिलाए। मिश्रण को हिलाएं और फिर दो से तीन मिनट के लिए गर्म करें। अगर इसका रंग लाल हो जाता है, तो इसमें आर्गेमोन ऑयल मिला हुआ है और आपका सरसों का तेल शुद्ध नहीं है।
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नारियल का तेल आपकी त्वचा के लिए बहुत फायदेमंद होता है। यहां तक की दक्षिण भारत में नारियल का तेल खाना बनाने में इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन यह पूरी तरह से असली है या नकली, इसकी पहचान करने के लिए एक कटोरे में नारिसल का तेल लें और इसे 30 मिनट के लिए फ्रिज में रखें। यदि यह शुद्ध है, तो तेल जम जाएगा। यदि तेल में मिलावट है तो इसमें मौजूद अन्य तेलों की अलग-अलग परत दिखाई देगी और यह पूरी तरह नकली भी हो सकता है। असली नारियल तेल की पहचान करने का ये सबसे आसान तरीका माना जाता है।
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हरी सब्जियां आपकी सेहत के लिए बहुत अच्छी मानी जाती हैं। माना जाता है कि, अगर सब्जियों का रंग एकदम हरा है, तो यह शुद्ध और ताजी हैं। लेकिन ऐसा है नहीं। एकदम हरे रंग की सब्जियां पूरी तरह से शुद्ध नहीं होती, इसमें मैलेकाइट ग्रीन की मिलावट की जाती है, जिस कारण इनका रंग हरा दिखता है। हरी सब्जियों में कलर है या नहीं, इसकी जांच करने के तरीके हम आपको नीचे बता रहे हैं।
एकदम हरे रंग की सब्जी जैसे मटर, हरी मिर्च आदि की शुद्धता जानने के लिए एक कॉटन के सफेद कपड़े को पानी में गीला करें। अब हरी सब्जी को इस कपड़े पर रगड़ें। अगर कपड़ा हरे रंग का हो जाए, तो समझ जाएं, कि इसमें मैलाकाइट ग्रीन मिला हुआ है। आपको बतों दें कि मैलाकाइट ग्रीन एक तरह की सिंथेटिक डाई है, जिसका इस्तेमाल किसी भी फूड आइटम को हरे रंग में रंगने के लिए किया जाता है।
हरी मटर शुद्ध है या नहीं, इसकी पहचान करने के लिए एक गिलास में पानी लेकर इसमें मटर डालें और आधे घंटे के लिए ऐसे ही छोड़ दें। थोड़ी देर बाद अगर पानी हरे रंग का हो जाए, तो इसका अर्थ है कि मटर में मैलाकाइट ग्रीन मिला हुआ है।
(और पढ़े – मटर खाने के फायदे और नुकसान…)
बहुत कम लोग जानते हैं कि चाय की पत्ती में भी यूज्ड और प्रोसेस्ड टी की मिलावट होती है। ये मिलावट इतनी बारीक होती है, कि आसानी से इसकी पहचान करना भी मुश्किल है। हम आपको नीचे इसकी प्योरिटी टेस्ट करने के दो तरीके बता रहे हैं।
चाय की पत्ती असली है या नकली इसकी पहचान करने के लिए फिल्टर पेपर पर चाय की पत्ती फैला लें। अब फिल्टर पेपर को गीला करने के लिए पानी छिड़कें। अब पेपर को नल के नीचे धोएं। अगर पेपर पर पत्ती के निशान दिखें, तो यह इसमें सौ प्रतिशत मिलावट है, जबकि शुद्ध चाय की पत्ती किसी तरह का निशान नहीं छोड़ती। आपको बता दें कि पत्ती में कोलटार मिला होता है।
चाय की पत्ती में आयरन फीलिंग का पता लगाने के लिए एक प्लेट में चाय पत्ती की थोड़ी मात्रा लें। फिर एक चुंबक को इसके ऊपर घुमाएं। अगर चाय की पत्ती शुद्ध है तो पत्ती का बुरादा चुंबक पर नहीं चिपकेगा और अगर मिलावट है, तो लोहे का बुरादा आसानी से दिख जाएगा।
आजकल लोग मार्केट से पैकेट वाला आटा लेना पसंद करते हैं। लेकिन बाजार से लिए गए आटे में मिलावट होती है। इसकी मिलावट की पहचान करने के लिए एक चम्मच आटा लेकर पानी में डालें। यदि इसमें रेशे और छिलके की संख्या ज्यादा होती है, तो रेशे और छिलके पानी की ऊपरी सतह पर दिखने लगेंगे। इससे आप अनुमान लगा सकते हैं कि आटे में मिलावट है।
घर में दाल और बेसन का इस्तेमाल तो लगभग रोजाना होता है। इसमें मिलावट होना यानि अपनी सेहत के साथ खिलवाड़ करना है, क्योंकि कई बार इसे अच्छा पीला रंग देने के लिए मेटानिल यलो मिलाया जाता है। इसलिए यह शुद्ध है या नहीं, इसकी जांच करना बेहद जरूरी है। हम आपको घर बैठे दाल या बेसन की शुद्धता की पहचान करने के आसान सा तरीका बता रह है। इसके लिए बेसन को गुनगुने पानी के साथ मिला लें। अब इस मिश्रण में हाइड्रोक्लोरिक एसिड की कुछ बूंदें मिला लें। यदि यह मिश्रण गुलाबी या बैंगनी हो जाए, तो यह मेटानिल यलो की उपस्थिति को दर्शाता है।
(और पढ़े – बेसन खाने के फायदे और नुकसान…)
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