राजमा अपने विशिष्ट स्वाद और बनावट के कारण बहुत ही लोकप्रिय हैं, ये गहरे लाल रंग और गुर्दे के आकार के होते है। राजमा पोटेशियम, मैग्नीशिम, लोहा और प्रोटीन से भरे हुए हैं इसलिए यह शाकाहारी व्यक्तियों के लिए प्रोटीन का एक अच्छा विकल्प होता है। राजमा में कई रोग-विरोधी एंटीऑक्सीडेंट हैं जो हमें स्वस्थ्य और हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करते है। आज के लेख में आप जानेगे राजमा के फायदे और नुकसान (Kidney Beans Benefits and Side Effects in hindi ) के बारें में।
1. राजमा के उपयोग से होने वाले लाभ – Best Benefits Of Kidney Beans In Hindi
2. राजमा खाने के नुकसान – Side Effects Of Beans in Hindi
राजमा में बहुत सारे पोषक तत्व होते है जो हमारे शरीर के लिए बहुत जरूरी और लाभ कारी होते है,राजमा में कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, प्रोटीन, कैल्शियम, फोलिक ऐसिड जैसे तत्व शामिल है जो पौषटिक होने के साथ साथ मधुमेह, ब्लड प्रेशर, अस्थमा और अन्य बीमारीयों को रोकने का काम करते है। राजमा में प्रोटीन की मात्रा 24% होती है इसलिए यह प्रोटीन का अच्छा सोर्स होता हैं
तो चलिए जानते है राजमा के फायदे और गुण लाभ क्या हैं जिन्हें जानकर आप राजमा का उपयोंग किए बिना नही रह पाएंगें-
राजमा मैंग्नीज का अच्छा स्रोत है जो एक एंटीऑक्सिडेंट डिफेंस के रूप में कार्य करते है। इसमें उपस्थित फाइबर वजन घटाने में सहायक होते है साथ ही यह पेट के बैक्टीरिया से कोशिकाओं की रक्षा करते है और फोलेट कंट्रोल सेल की वृद्धि में मदद करता है जो सभी प्रकार के कैंसर के खतरों को कम करता है। राजमा में उपस्थित एंटीऑक्सिडेट कैंसर से लडने में भी योगदान करते है खास तौर पर कैंसर के प्रारंभिक चरण में। (और पढ़े – कैंसर क्या है कारण लक्षण और बचाव के उपाय)
विटामिन K मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र के लिए बहुत लाभकारी होता है और राजमा में यह अच्छी मात्रा में पाया जाता है। विटामिन K स्पिंघो-लिपिड के संश्लेषण में मदद करता है जो स्वस्थ मस्तिष्क और तंत्रिता तंत्र के कामकाज में मदद करता है। राजमा में थाइमिन काफी मात्रा में होता जो संज्ञानात्मक कार्य के लिए मस्तिष्क कोशिकाओं के लिए आवश्यक होता है यह मेमोरी के एसिटाइलकोलान को बनाने मे मदद करता है।
घुलनशील फाइबर राजमा में बहुत अधिक मात्रा में होता है जो कार्बोहाइड्रेट की उपापचय की दर को कम करने मदद करता है। यह भोजन करने के बाद बढने वाले शुगर के स्तर को नियंत्रित कर सकता है , इसमें उपस्थित प्रोटीन भी शुगर स्तर को कम करने में सहायक होते है। (और पढ़े – शुगर ,मधुमेह लक्षण, कारण, निदान और बचाव के उपाय)
राजमा में फाइबर बहुत अधिक होता है जो कोलेस्ट्रोल को कम करता है, साथ ही साथ इसमें फोलट होमोकिस्टी के स्तर को कम करने की क्षमता होती है जो स्ट्रोक, हृदय रोगों और संबहनी रोगों के जोखिम को कम कर सकता है इसमें मैग्नीशियम भी शामिल हैं जो काडियोवास्कुलर सिस्टम के स्वस्थ कार्यों में सहायक होता है। इसलिए यदि आप ह्रदय को स्वस्थ रखना चाहते हैं तो राजमा का सेवन जरूर करें।
क्या आपको कमजोरी महसूस होती है यदि ऐसा है तो राजमा आपके लिए अच्छा विकल्प हो सकता है। क्योंकि इसमें उपस्थित आयरन आपकी ऊर्जा को बढाने में आपकी मदद कर सकता है। राजमा में आयरन अधिक मात्रा में होता है जो आपकी पाचन प्रक्रिया और उससे उत्पन्न होने वाली ऊर्जा के लिए बहुत ही उपयोगी होता है। साथ ही साथ इसमें उपस्थित मैग्नीज भी आपकी ऊर्जा बढाने में सहायक होता है।
यदि आप को लगे कि आप समय से पहले ही बुढ़ापे का शिकार हो रहे है तो घबराए नहीं आयुर्वेद में इसका भी इलाज छिपा है, इसके लिए आपको अपने भोजन में राजमा को भी स्थान देना होगा। क्योकि इसमे एंटी आक्सिडेंट भरपूर होते है। जो कि आपकी बढ़ती हुई उम्र को रोकने और आंतरिक कोशिकाओं को पोषण देने का काम करती है। यह आपको त्वचा और शरीर की अन्य समस्याओं से भी बचा सकता है।
ज्यादा बजन बहुत सारी बीमारीयों का करण हो सकता है, यदि आप भी इस समस्या से परेशान है तो घबराए नही इसका इलाज राजमा द्वारा संभव है। राजमा में फाइबर, प्रोटीन,ओर जटिल कार्बोहाइड्रेट होते है जो रक्त में उपस्थित शुगर स्तर को नियंत्रित करते है। मधुमेह और हाइपोग्लाइसीमिया के रोगी को भी राजमा खाने की सलाह दी जाती है यह आपके शरीर में वसा का नियंत्रण कर स्वस्थ बजन बनाए रखने में मदद करते है। (और पढ़े – जीएम डाइट है वजन कम करने का सबसे तेज तरीका)
राजमा का नियमित उपयोग आपकी आंखों की सेहत के लिए अच्छा होता है,क्योकि इनमें जस्ता पर्याप्त मात्रा में होता है जो आंखों की सेहत के लिए फायदेमंद होता है। रात में देखने की क्षमता को बढाने और मोतियाबिंद को रोकने के लिए जस्ता बहुत जरूरी होता है। इसलिए अपनी आँखों को स्वस्थ्य रखना चाहते है तो अपने भोजन में राजमा को शामिल करें। (और पढ़े – आँखों को स्वस्थ रखने के लिए 10 सबसे अच्छे खाद्य पदार्थ)
यदि आप झड़ते बालों से परेशान है या आपको बालों से संबंधित अन्य कोई परेशानी है तो इससे बचने के लिए आप राजमा का उपयोग कर सकते है। राजमा में बायोटिन, लौह ओर प्रोटीन युक्त होते है जो बाल और नाखून को मजबूत करने के लिए आवश्यक है। बायोटिन नाखून और बालों के तेजी से विकास के लिए उपयोगी होते है। (और पढ़े – टूटते बालों से हैं परेशान तो अपनाएं ये घरेलू उपाय)
राजमा के उपयोग से रक्तचाप संबंधी रोगों से बचाव किया जा सकता है। राजमा में उपस्थित फाइबर आपके शरीर में रक्त कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम कर सकते है यह आपकी आंत में पित्त एसिड के साथ फाइबर के संयोजन के लिए आवश्यक होता है। शरीर में कोलेस्ट्राल बनने के लिए पित्त एसिड की आवश्यक्ता होती है राजमा एसिड की उपलब्धता को कम कर देता है, जिससे उच्च रक्तचाप का खतरा कम हो जाता है।
इसके साथ ही राजमा में पोटेशियम भी पाया जाता है, जो एक महत्वपूर्ण वैसोडिलेटर (vasodilator) है जो हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है। यह ह्रदय पर तनाव को कम करके और रक्त वाहिकाओं और धमनियों को आराम देने में मदद करता है इसके साथ ही पोटेशियम दिल का दौरा, स्ट्रोक और कोरोनरी हृदय रोग (coronary heart disease) के जोखिम को कम करने में मदद करता है। (और पढ़े – हाइ ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करगे ये आयुर्वेदिक हर्ब्स)
बच्चो के लिए राजमा फायदेमंद होता है क्योंकि इसमें प्रोटीन, फाइबर और आयरन अधिक मात्रा में पाया जाता हैं। और ये खाने में भी नरम और चबाने आसान होते है इसलिए बच्चे इसे आसानी से चबा लेते हैं।
किडनी बीन्स में आठ तरह के एमिनो एसिड होते हैं जो कई रोगों को होने से रोकते हैं और स्वस्थ प्रतिरक्षा प्रणाली को बनाए रखने में मदद करते हैं इसलिए रोगों से बचने के लिए राजमा का सेवन जरूर करें
वैसे तो राजमा से होने वाले फायदों की सूची बहुत बडी है क्योंकि इसमें पाए जाने वाले पोषक तत्वों की मात्रा अधिक है। और इनसे होने वाले नुकसान बहुत कम होते है। जिन्हें जानना जरूरी है । इसमें कुछ ऐसे कारक भी होते है जो अन्य बीमारियों के समर्थक होते है
आइए संक्षेप में जानते है राजमा के नुकसान के बारे में-
कैंसर के लिए खतरा: फोलिक एसिड कई स्वास्थ्य समस्याओं के लिए एक उपयोगी होता है लेकिन यह आशिंक रूप से कैंसर का खतरा बढ़ा सकता है। इसलिए इसका उपयोग सीमित रूप से करना चाहिए।
पेट की समस्या: राजमा में उपस्थित फाइबर आपके पाचन तंत्र को मजबूत करता है, लेकिन फाइबर का एक अतिरिक्त गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल सिस्टम पाचन प्रक्रिया पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है जिससे आपको पेट का दर्द, दस्त, कब्ज, और बवासीर जैसी बीमारीयों का सामना करना पड़ सकता है
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