किडनी एक बेहद महत्वपूर्ण अंग है जो रक्त में पानी, सोडियम, पोटैशियम तथा अन्य पदार्थों का संतुलन बनाये रखता है। तथा विषाक्त पदार्थों को मूत्र के माध्यम से शरीर से बाहर करने का कार्य करता है। शरीर में किडनी का मुख्य कार्य खून का शुद्धीकरण करना है। जब किसी कारणवश किडनी अपना सामान्य कार्य करना बंद कर देती है और किडनी की कार्यक्षमता कम हो जाती है, तो इस स्थिति को किडनी फेल्योर कहा जाता है। किडनी फेल्योर को रेनल फेल्योर (renal failure) के नाम से भी जाना जाता है। यह एक गंभीर समस्या है तथा पीड़ित व्यक्ति की मृत्यु का कारण भी बन सकती है। अतः प्रत्येक व्यक्ति को किडनी फेल्योर की सम्पूर्ण जानकारी होना आवश्यक होता है, जिससे इस समस्या से जल्द ही निजाद पाया जा सके।
आज का यह लेख किडनी फेल्योर की समस्या के बारे में है, जहाँ पर आप किडनी फेल्योर क्या है, इसके कारण लक्षण जांच इलाज तथा परहेज के बारे में जानेगें।
खून को फिल्टर करने और शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालने का कार्य किडनी का होता है। किडनी मूत्राशय में विषाक्त पदार्थों को भेजती हैं, जिसे आपका शरीर पेशाब के दौरान बाहर निकालता है। किडनी फेल्योर (गुर्दे की विफलता) उस स्थिति को कहा जाता है, जब व्यक्ति की दोनों किडनी ठीक से काम नहीं करती हैं। किडनी खराब होने के कारण रक्त से अपशिष्ट पदार्थ सही तरीके से फ़िल्टर नहीं हो पाते हैं। कभी-कभी, किडनी फेल्योर के कारण अस्थायी और बहुत तीव्र होते हैं। दूसरी ओर यह समस्या लंबे समय तक पुरानी स्थिति के परिणामस्वरुप उत्पन्न हो सकती है, जो धीरे-धीरे किडनी के खराब होने का कारण बनती है।
गुर्दे की विफलता काफी गंभीर स्थिति है। लेकिन डायलिसिस और किडनी प्रत्यारोपण जैसे उपचार के कारण किडनी फेल्योर वाले कई लोग अपना पूरा जीवन आसानी से जी लेते हैं।
किडनी फेल होने के पांच अलग-अलग प्रकार हैं:
इस प्रकार के किडनी फेल्योर में, किडनी अधिक तेजी से कार्य करना बंद कर देता है। किडनी में अपर्याप्त रक्त प्रवाह होने की स्थिति एक्यूट प्रीरेनल किडनी फेल्योर का कारण बन सकती है। पर्याप्त रक्त प्रवाह न होने की स्थिति में किडनी रक्त से विषाक्त पदार्थों को फ़िल्टर नहीं कर पाती हैं। डॉक्टर द्वारा रक्त के प्रवाह में कमी के कारण का निदान कर, इस प्रकार की किडनी विफलता को आमतौर पर ठीक किया जा सकता है।
किडनी को सीधे आघात पहुंचने या चोट लगने के कारण तीव्र एक्यूट इंट्रिन्सिक किडनी फेल्योर की समस्या उत्पन्न हो सकती है। किडनी को सीधे आघात पहुंचने के कारणों में शारीरिक मुठभेड़ या दुर्घटना के अलावा टॉक्सिन ओवरलोड और इस्किमिया भी शामिल है।
जब अधिक लंबे समय तक किडनी में पर्याप्त रक्त नहीं पहुंचता है, तो किडनी धीरे धीरे सिकुड़ने लगती हैं, और काम करने की क्षमता खो देती है। इस स्थिति को क्रोनिक प्रीरेनल किडनी फेल्योर कहा जाता है।
व्यक्तियों में क्रोनिक इंट्रिन्सिक किडनी फेल्योर तब होता है, जब आंतरिक किडनी रोग के कारण गुर्दे (किडनी) को लंबे समय तक नुकसान पहुँचता है। आंतरिक किडनी रोग मुख्य रूप से आघात, गंभीर रक्तस्राव या ऑक्सीजन की कमी के कारण उत्पन्न होता है।
लंबे समय तक यूरिनरी ट्रैक्ट में ब्लॉकेज की स्थिति पेशाब को रोकने का कारण बनती है। जिससे किडनी पर दबाव पड़ता है और अंततः किडनी फेल्योर की समस्या उत्पन्न होती है।
आमतौर पर किडनी फेल्योर वाले किसी व्यक्ति में कुछ विशिष्ट लक्षण प्रगट होते है। लेकिन कभी-कभी कोई लक्षण मौजूद नहीं होते। किडनी फेल्योर के संभावित लक्षणों में निम्न शामिल हैं:
जब किसी व्यक्ति की किडनी अचानक काम करना बंद कर देती हैं तो इसे एक्यूट किडनी फेल्योर (acute kidney failure) कहा जाता है। इस स्थिति में निम्न लक्षण प्रगट हो सकते हैं:
उपरोक्त में से किसी एक या अधिक लक्षणों का प्रगट होना गुर्दे की गंभीर समस्याओं का संकेत हो सकता है। यदि किसी व्यक्ति हो इनमें से कोई भी लक्षण दिखाई देता है, तो उसे तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
अनेक स्थितियों या कारणों के परिणामस्वरुप किडनी फेल्योर हो सकता है। यही कारण आमतौर पर किडनी फेल्योर के प्रकार को भी निर्धारित करते हैं। किडनी विफलता के कारणों में निम्न को शामिल किया जा सकता है:
किसी भी व्यक्ति की किडनी में रक्त के प्रवाह में अचानक कमी आना, किडनी फेल्योर का संकेत हो सकता है। किडनी में रक्त के प्रवाह में कमी का कारण बनने वाली कुछ स्थितियों में निम्न शामिल हैं:
जब शरीर पेशाब (urine) को बाहर नहीं निकाल पाता है, तो शरीर में टॉक्सिन्स जमा हो जाते हैं और किडनी ओवरलोड हो जाती है। यह स्थिति किडनी फेल्योर का कारण बनती है। मूत्र मार्ग को अवरुद्ध करने वाले कारणों में निम्न शामिल हो सकते हैं, जैसे:
कुछ अन्य स्थितियां भी व्यक्तियों में किडनी फेल का कारण बन सकती हैं जिनमें शामिल हैं:
(और पढ़ें: किडनी को बहुत नुकसान पहुंचाती है आपकी ये 12 गलत आदते)
डॉक्टर किडनी फेल होने की समस्या का निदान करने के लिए अनेक परीक्षणों को उपयोग में ला सकते हैं, जैसे:
(और पढ़ें: किडनी फंक्शन टेस्ट क्या है, कीमत और कैसे होता है)
किसी भी प्रकार की किडनी की विफलता का इलाज संभव है। बीमारी की गंभीरता के आधार पर डॉक्टर किडनी फेल्योर का उपचार कर सकता है। उपचार प्रक्रियाओं में निम्न को शामिल किया जा सकता है, जैसे:
(और पढ़ें: किडनी को स्वस्थ रखने के लिए योग)
गुर्दे (किडनी) की विफलता के जोखिम को कम करने के लिए निम्न उपाय अपनाए जाने चाहिए, जैसे:
गुर्दे की विफलता वाले लोगों के लिए कोई विशिष्ट आहार नहीं है। चूँकि किडनी कार्यों में गड़बड़ी से पीड़ित व्यक्ति की किडनी रक्त से अतिरिक्त पानी, साल्ट या पोटेशियम को आसानी से फ़िल्टर नहीं कर पाती हैं। अतः पीड़ित व्यक्तियों को पोटेशियम, साल्ट युक्त उच्च खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए। परहेज किये जाने वाले उच्च पोटेशियम युक्त खाद्य पदार्थों में निम्न शामिल हैं:
किडनी फेल्योर की स्थिति में फास्फोरस की मात्रा शरीर में बढ़ सकती है। फास्फोरस की अधिक मात्रा हड्डियों से कैल्शियम का ह्रास कर सकती है तथा ऑस्टियोपोरोसिस और फ्रैक्चर का कारण बन सकती है। किडनी विफलता की स्थिति में उच्च फॉस्फोरस युक्त खाद्य पदार्थों और पेय पदार्थों से परहेज करना जरुरी होता है, जिनमें शामिल हैं:
क्या एक किडनी खराब होने से किडनी फेल्योर हो सकता है,,,, नहीं, यदि किसी व्यक्ति की दोनों स्वस्थ किडनी में से एक किडनी खराब हो गई हो या उसे शरीर से किसी कारणवश निकाल दिया गया हो, तो भी दूसरी किडनी अपनी कार्यक्षमता को बढ़ाते हुए शरीर का कार्य पूर्ण रूप से कर सकती है।
किडनी फेल्योर, कारण, लक्षण, निदान और उपचार (Kidney failure, Symptoms, Causes, Diagnosed and Treatment in Hindi) का यह लेख आपको कैसा लगा हमें कमेंट्स कर जरूर बताएं।
इसी तरह की अन्य जानकारी हिन्दी में पढ़ने के लिए हमारे एंड्रॉएड ऐप को डाउनलोड करने के लिए आप यहां क्लिक करें। आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर भी फ़ॉलो कर सकते हैं।
Homemade face pack for summer गर्मी आपकी स्किन को ख़राब कर सकती है, जिससे पसीना,…
वर्तमान में अनहेल्दी डाइट और उच्च कोलेस्ट्रॉल युक्त भोजन का सेवन लोगों में बीमारी की…
Skin Pigmentation Face Pack in Hindi हर कोई बेदाग त्वचा पाना चाहता है। पिगमेंटेशन, जिसे…
चेहरे का कालापन या सांवलापन सबसे ज्यादा लोगों की पर्सनालिटी को प्रभावित करता है। ब्लैक…
प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं, जिन्हें पहचान कर आप…
त्वचा पर निखार होना, स्वस्थ त्वचा की पहचान है। हालांकि कई तरह की चीजें हैं,…