kidney function test in Hindi जब किडनी ठीक से काम नहीं कर रही हैं, तो आपको किडनी फ़ंक्शन टेस्ट (kidney function test (KFT)) की आवश्यकता हो सकती है। किडनी फ़ंक्शन टेस्ट (kidney function test) के अंतर्गत सामान्य और सरल तरीके के रक्त एवं मूत्र परीक्षण शामिल होते हैं, जो किडनी की समस्याओं को जानने में मदद करते हैं।
किडनी मानव शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग है। किडनी (गुर्दे) शरीर में पानी की मात्रा और विभिन्न आवश्यक खनिजों पदार्थों के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करती हैं। स्वस्थ किडनी (kidneys) रक्त से अपशिष्ट पदार्थ और अन्य तरल पदार्थ को हटाने का कार्य भी करती हैं।
यदि किसी व्यक्ति को मधुमेह या उच्च रक्तचाप जैसी समस्याएं हैं, जो किडनी को नुकसान पहुंचा सकती हैं, तो इस परिस्थिति में भी किडनी फ़ंक्शन टेस्ट (KFT) की आवश्यकता पड़ सकती है।
अतः अब आप इस लेख में जानेंगे कि किडनी फंक्शन टेस्ट क्या है, इसको कब किया जाता है, यह क्यों जरुरी है, तथा इसकी कीमत क्या है।
विषय सूची
1. किडनी फंक्शन टेस्ट क्या है – What Is Kidney Function Test In Hindi
2. किडनी फंक्शन टेस्ट कब किया जाता है – when to do kidney function test in Hindi
3. किडनी फंक्शन टेस्ट क्यों किया जाता है – Why Kidney Function Test is done in Hindi
4. किडनी फंक्शन टेस्ट कैसे किया जाता है – How To Have Kidney Function Test in Hindi
5. किडनी की जांच कैसे होती है – How To Check Kidney in hindi
6. किडनी फंक्शन टेस्ट के बाद उपचार – After Kidney Function Test in Hindi
7. किडनी फंक्शन टेस्ट के जोखिम – Risks Factor Of Kidney Function Test in Hindi
8. किडनी फ़ंक्शन टेस्ट कीमत – kidney function test price in Hindi
गुर्दें (किडनी) की कार्य क्षमता को जानने के लिए किये जाने वाले टेस्ट किडनी फंक्शन टेस्ट (KFT) कहलाते है। किडनी फ़ंक्शन टेस्ट (kidney function test) सामान्य और सरल तरीके के रक्त एवं मूत्र परीक्षण होते हैं, जो किडनी की समस्याओं को जानने में मदद कर सकते हैं।
रक्त परीक्षण से यह पता लगाया जा सकता है कि किडनी (गुर्दे), रक्त को साफ करने में सही तरीके से काम कर रही हैं या नहीं। इसके अतिरिक्त मूत्र परीक्षण के आधार पर यह पता लगाया जा सकता है कि किडनी, शरीर के अपशिष्ट को कितने जल्दी हटाने का काम करती है। मूत्र परीक्षण, किडनी (गुर्दे) द्वारा प्रोटीन की असामान्य मात्रा को अपशिष्ट के रूप शरीर से बाहर निकलने की भी जानकारी दे सकता है।
किडनी फ़ंक्शन टेस्ट (kidney function test) के आधार पर यह स्पष्ट हो जाता है कि किडनी स्वस्थ है या नहीं। तथा यह टेस्ट हमें किडनी की क्षति की जानकारी भी देने में सक्षम होते हैं।
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मधुमेह (diabetes), उच्च रक्तचाप या हृदय रोग से पीड़ित लोगों के लिए किडनी फ़ंक्शन टेस्ट (kidney function test) बहुत महत्वपूर्ण होता हैं। जब पीड़ित किडनी की समस्या से सम्बंधित लक्षणों को प्रगट करता है, तब डॉक्टर इन परीक्षणों का अनुरोध कर सकता है। किडनी फंक्शन टेस्ट किये जाने के निम्न कारण हो सकते है :
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सामान्य रूप से किडनी फंक्शन टेस्ट (KFT) को किडनी की कार्य क्षमता का पता लगाने के लिए किया जाता है। लेकिन विशेष रूप से किडनी फंक्शन टेस्ट निम्न जानकारी को प्राप्त करने के लिए किया जाता है:
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गुर्दे (किडनी) की क्रिया का परीक्षण करने के लिए, डॉक्टर परीक्षणों का एक श्रृंखला का आग्रह कर सकता है। जिसके आधार पर ग्लोम्युलर निस्पंदन दर (जीएफआर) (glomerular filtration rate) का अनुमान लगाया जा सकता है। ग्लोम्युलर निस्पंदन दर (GFR) के रिजल्ट के आधार पर डॉक्टर यह पता लगा सकता है कि किडनी (गुर्दे), शरीर से कितनी जल्दी अपशिष्ट पदार्थ को साफ़ कर रहीं हैं।
मूत्र परीक्षण से यह पता लगाया जा सकता है कि किडनी 24 घंटे में कितना मूत्र पैदा करती हैं। यह टेस्ट किडनी के अच्छी तरह से काम करने और मूत्र में प्रोटीन लीक होने का सही रिजल्ट दे सकता है।
इस टेस्ट में मूत्र नमूना का सूक्ष्मदर्शी द्वारा परीक्षण और साथ ही साथ एक डिपस्टिक टेस्ट (dipstick test) शामिल है। डिपस्टिक टेस्ट (dipstick test) में एक रासायनिक उपचार पट्टी (chemically treated strip) उपयोग की जाती है, जिसे मूत्र के नमूने में डुबाया जाता है। मूत्र में उपस्थित असामान्यताओं के आधार पर (जैसे प्रोटीन, रक्त, पुस (pus), बैक्टीरिया और शुगर) पट्टी (strip) अलग-अलग रंग बदलती है। अतः इस परीक्षण के आधार पर किडनी रोग, मधुमेह, मूत्राशय संक्रमण और पथरी सहित विभिन्न किडनी और मूत्र मार्ग के रोगों का पता लगाया जा सकता है।
यह रक्त परीक्षण (blood test), रक्त में क्रिएटिनिन (creatinine) की जांच करने के लिए उपयोग किया जाता है। आमतौर पर किडनी (गुर्दे), रक्त से क्रिएटिनिन (creatinine) को पूरी तरह से फ़िल्टर करती हैं। रक्त में क्रिएटिनिन की अधिक मात्रा किडनी की समस्या को प्रगट करती है।
नेशनल किडनी फाउंडेशन (NKF) के अनुसार, महिलाओं के लिए 1.2 मिलीग्राम / डेसीलिटर (mg/dL) से अधिक और पुरुषों के लिए 1.4 मिलीग्राम / डेसीलिटर (mg/dL) से अधिक क्रिएटिनिन (creatinine) का स्तर (मात्रा), किडनी (गुर्दे) की समस्या की ओर संकेत करता है।
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रक्त यूरिया नाइट्रोजन (BUN) परीक्षण के आधार पर रक्त में अपशिष्ट उत्पादों की मात्रा की जांच की जा सकती है। BUN टेस्ट रक्त में नाइट्रोजन की मात्रा को मापता है। खाद्य प्रोटीन के टूटने से ही यूरिया नाइट्रोजन का उत्पादन होता है।
सामान्य दवाओं के अलावा एस्पिरिन (aspirin) और कुछ प्रकार की एंटीबायोटिक (antibiotics) दवाओं की उच्च खुराक भी BUN को बढ़ा सकती हैं। नियमित रूप से ली जा रही दवाओं की जानकारी डॉक्टर को देना महत्वपूर्ण होता है। अतः रक्त यूरिया नाइट्रोजन (BUN) परीक्षण के कुछ दिन पहले से आपको कुछ दवाओं को बंद करने की जरुरत पड़ सकती है।
एक स्वस्थ व्यक्ति में सामान्य BUN स्तर 7 मिलीग्राम / डेसीलिटर और 20 मिलीग्राम / डेसीलिटर (mg/dL) के बीच होता है। BUN में बढ़ी हुई मात्रा कई अलग-अलग स्वास्थ्य समस्याओं की ओर संकेत कर सकती है।
अन्य परीक्षणों में शामिल हैं:
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किडनी फंक्शन टेस्ट (KFT) किडनी रोग की जानकारी के साथ-साथ बहुत से समस्यों से निपटने के लिए आवश्यक जानकारी प्रदान करने में सहायक होते है, तथा इन जानकारी के आधार पर डॉक्टर को उपचार में सुविधा प्राप्त होती है।
यदि परीक्षण के आधार पर उच्च रक्तचाप की समस्या प्रगट होती है, तो डॉक्टर रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए दवाएं लिख सकते हैं।
इन परीक्षण में यदि मधुमेह के लक्षण प्रगट होते हैं, तो डॉक्टर मरीज को एंडोक्राइनोलॉजिस्ट (endocrinologist) को दिखाने की सलाह देगा। इस प्रकार के डॉक्टर चयापचय रोगों (metabolic diseases) के विशेषज्ञ होते हैं और यह रक्त ग्लूकोज को नियंत्रण करने का सबसे अच्छा उपाय सुनिश्चित करने में मदद कर सकते हैं।
किडनी फ़ंक्शन टेस्ट किये जाने के अन्य असामान्य कारण भी हो सकते हैं, जैसे पथरी (किडनी स्टोन) और दर्द निवारकों के अत्यधिक उपयोग। अतः इन परीक्षणों के रिजल्ट के आधार पर डॉक्टर इन विकारों के लक्षणों को नियंत्रित करने के लिए उचित उपाय करेगा।
यूरिया या क्रिएटिनिन (Creatinine) के असामान्य स्तर, गुर्दे के साथ जुड़ी छोटी और लंबी समस्याओं की जानकारी दे सकते हैं। अतः डॉक्टर को समस्या की गंभीरता का आकलन करने में सुविधा मिलती है।
इन टेस्ट के आधार पर डॉक्टर को मरीज की हालत या स्वास्थ्य पर नजर रखने में मदद मिल सकती है।
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KFT टेस्ट (किडनी फ़ंक्शन टेस्ट) करने के बाद मरीज को कुछ जोखिम उठाने पड़ सकते है जैसे –
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भारत में किडनी फ़ंक्शन टेस्ट लागत या KFT टेस्ट की कीमत भिन्न-भिन्न शहरों एवं चुनी गए प्रयोगशालाओं के आधार पर भिन्न-भिन्न हो सकती है विभिन्न शहरों और सुविधाओं के आधार पर किडनी फंक्शन टेस्ट की कीमत ₹ 300 से ₹ 500 के बीच हो सकती है।
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