किडनी इन्फेक्शन एक गंभीर समस्या है, जिसे पायलोनेफ्राइटिस के रूप में जाना जाता है। यह एक प्रकार का मूत्र पथ संक्रमण (यूटीआई) है, जो आम तौर पर मूत्रमार्ग (urethra) या मूत्राशय (bladder) में शुरू होता है और आपके दोनों गुर्दे (kidney) तक फ़ैल जाता है। किडनी संक्रमण की स्थिति में तत्काल इलाज कराने की आवश्यकता होती है। यदि समय पर इसका निदान और ठीक से इलाज नहीं किया जाता है, तो गुर्दे संक्रमण के परिणामस्वरूप आपकी किडनी को स्थायी रूप से नुकसान पहुंच सकता है या बैक्टीरिया रक्त प्रवाह में फैलकर रक्त विषाक्तता (सेप्सिस) का कारण बन सकते हैं। जिससे व्यक्ति की मौत तक हो सकती है।
इस लेख में किडनी इन्फेक्शन की सम्पूर्ण जानकारी दी गई है जिसमें आप किडनी में इन्फेक्शन के कारण, लक्षण, जटिलताएं, किडनी संक्रमण की जाँच, इलाज, किडनी में संक्रमण होने से बचने के उपाय और घरेलू उपचार के बारे में जानेगें।
किडनी में इन्फेक्शन को पायलोनेफ्राइटिस (Pyelonephritis) के नाम से भी जाना जाता है। यह बीमारी तब होती है जब बैक्टीरिया या वायरस आपके एक या दोनों किडनी में कब्जा कर लेते हैं। यह एक प्रकार का यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (UTI) है। यदि अनुपचारित छोड़ दिया जाता है, तो किडनी में इन्फेक्शन जीवन के लिए खतरा पैदा कर सकता है। मूत्र पथ में संक्रमण होने से अक्सर किडनी में संक्रमण होता है, जो एक या दोनों गुर्दे (Kidney) में फैलता है।
संक्रमण के दो दिन बाद से किडनी में संक्रमण के लक्षण दिखाई देने लगते हैं। पीड़ित व्यक्ति की उम्र के आधार पर लक्षण भिन्न हो सकते हैं। किडनी संक्रमण से पीड़ित होने वाले 2 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को केवल तेज बुखार आ सकता है। जबकि 65 वर्ष से अधिक उम्र के पीड़ित व्यक्तियों को केवल मानसिक भ्रम और भाषण में गड़बड़ी जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
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किडनी में संक्रमण की स्थिति में निम्न लक्षणों उत्पन्न हो सकते हैं, जैसे:
चूँकि किडनी इन्फेक्शन की स्थिति में मूत्राशय में संक्रमण होना आम बात हैं जिसके कारण अन्य लक्षण भी महसूस किये जा सकते हैं, जैसे:
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गुर्दे संक्रमण या किडनी में इन्फेक्शन की समस्या आमतौर पर मूत्राशय में संक्रमण (bladder infection) के साथ शुरू होती है। बैक्टीरिया या वायरस के कारण किडनी में संक्रमण होता हैं, जो मूत्र पथ (urinary tract) के माध्यम से किडनी में प्रवेश करते हैं। एक सामान्य बैक्टीरिया ई. कोलाई (Escherichia coli) इसका मुख्य कारण है। ये बैक्टीरिया आपकी आंत में पाए जाते हैं और मूत्रमार्ग (urethra) के माध्यम से मूत्र पथ (यूरिनरी ट्रैक्ट) में प्रवेश कर सकते हैं। मूत्र पथ (urinary tract) में बैक्टीरिया गुणा करते हैं और वहां से मूत्राशय (bladder) और किडनी में फैल जाते हैं।
किडनी संक्रमण के अन्य कारण भी हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:
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हालांकि किडनी इन्फेक्शन किसी भी व्यक्ति को हो सकता है, लेकिन कुछ कारक ऐसे हैं जो इसके होने की संभावना को बढ़ाते हैं:
यदि किडनी संक्रमण का समय पर निदान और इलाज नहीं किया गया, तो यह समस्या अधिक गंभीर रूप ले सकती है और निम्न जटिलताओं का कारण बन सकती है, जिनमें शामिल हैं:
डॉक्टर किडनी संक्रमण का निदान करने के लिए मरीज के लक्षणों के बारे जानकारी लेगा और समस्या का निदान करने के लिए कुछ प्रयोगशाला परीक्षण का भी आदेश दे सकता है किडनी इन्फेक्शन का निदान करने के लिए निम्न परीक्षण की सहायता ली जा सकती है, जैसे:
उपचार प्रक्रिया गुर्दे संक्रमण (Kidney Infection) की गंभीरता पर निर्भर करती है।
सामान्य संक्रमण की स्थिति में डॉक्टर इलाज के दौरान एंटीबायोटिक्स की सिफारिश कर सकता है। इन दवाओं को एक या दो सप्ताह तक सेवन करने की आवश्यकता होती है। यदि एंटीबायोटिक उपचार के दौरान कुछ दिनों के भीतर लक्षणों में सुधार नहीं होता है, तो डॉक्टर एंटीबायोटिक का प्रकार बदल सकता है।
गंभीर किडनी संक्रमण की स्थिति में मरीज को अस्पताल में भर्ती किया जा सकता है, तथा इलाज के दौरान मरीज को सुई के माध्यम से अंतःशिरा (intravenous) एंटीबायोटिक दवाएं दी जा सकती हैं।
इसके अलावा यदि किडनी में संक्रमण की समस्या बार-बार उत्पन्न होती है, तो मरीज के मूत्र पथ की संरचना में समस्या हो सकती है। अतः इस स्थिति में यूरोलॉजिस्ट (urologist) के पास जाना पड़ सकता है। यह डॉक्टर मूत्र पथ में रुकावट या अन्य आंतरिक रुकावट को ठीक करने के लिए सर्जरी की सिफारिश कर सकते हैं।
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संक्रमण की स्थिति में मरीज इलाज के साथ-साथ कुछ घरेलू उपाय अपना कम समय में संक्रमण से छुटकारा पा सकता है। किडनी इन्फेक्शन की स्थिति में निम्न घरेलू उपाय अपनाने की सिफारिश की जाती है:
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किडनी इन्फेक्शन की समस्या से बचने के लिए सर्वप्रथम मूत्राशय के संक्रमण (bladder infections) की रोकथाम की जानी चाहिए। संक्रमण की संभावना कम करने के लिए आप निम्न बचाव संबंधी उपाय अपना सकते हैं, जैसे:
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किडनी इन्फेक्शन (पायलोनेफ्राइटिस) के लक्षण, कारण, इलाज और बचाव (Kidney Infection (Pyelonephritis) Treatment in Hindi) का यह लेख आपको कैसा लगा हमें कमेंट्स कर जरूर बताएं।
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