Kidney ke marij ko kya khana chahiye in Hindi किडनी की बीमारी एक आम समस्या है जो दुनिया के लगभग 10 प्रतिशत लोगों को प्रभावित करती है। ऐसी स्थिति में यह जानना आवश्यक है कि किडनी पेशेंट को क्या खाना चाहिए। हमारे शरीर के प्रमुख अंगों में से एक गुर्दे हैं जो आकार में छोटा जरूर होता है लेकिन कई महत्वपूर्ण कार्यों को करता है।
यह शरीर से अपशिष्ट पदार्थों को बाहर करने में मदद करता है। इसके अलावा यह रक्तचाप को नियंत्रित करने मे वाले हार्मोन को उत्तेजित करता है। इसके अलावा यह शरीर में तरल पदार्थ को बढ़ावा देकर मूत्र का उत्पादन बढ़ाता है। किडनी में खराबी आना मधुमेह और उच्च रक्तचाप को बढ़ा सकता है। जब गुर्दे अपना काम सही से नहीं करते हैं तो रक्त में अशुद्धियां बढ़ सकती हैं। इस लेख में आप जानेगें किडनी पेशेंट को क्या खाना चाहिए।
विषय सूची
1. किडनी पेशेंट और डाइट प्लान – Diet and Kidney Disease in hindi
2. किडनी पेशेंट डाइट प्लान क्या है – kidney patient diet plan in Hindi
3. किडनी रोगी को इन खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए – Diet To Avoid Kidney Problems in Hindi
4. किडनी रोग में परहेज, किडनी रोग बढ़ाने वाले आहार – Kidney Rog Badhane Wale Aahar in Hindi
गुर्दे की क्षति के स्तर के आधार पर किडनी पेशेंट के लिए डाइट प्लान अलग-अलग होते हैं।
उदाहरण के लिए, गुर्दे की बीमारी के प्रारंभिक चरणों में लोगों को गुर्दे की विफलता वाले लोगों के मुकाबले अलग-अलग तरह के प्रतिबंध होते हैं, जिन्हें एंड-स्टेज गुर्दे की बीमारी (ईएसआरडी) भी कहा जाता है।
यदि आपको गुर्दे की बीमारी है, तो आपका डॉक्टर आपकी व्यक्तिगत जरूरतों के हिसाब से आपके लिए सबसे अच्छा आहार निर्धारित करेगा।
अधिक जटिल किडनी रोग (advanced kidney disease) वाले अधिकांश लोगों के लिए, गुर्दे के अनुकूल आहार का पालन करना महत्वपूर्ण है जो रक्त में अपशिष्ट की मात्रा को कम करने में मदद करता है।
इस आहार को अक्सर किडनी पेशेंट के लिए डाइट के रूप में जाना जाता है।
यह आगे की क्षति को रोकने के दौरान किडनी समारोह को बढ़ावा देने में मदद करता है।
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आप क्या खाते हैं, क्या पीते हैं यह सभी चीजें आपके स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव डालती हैं। स्वस्थ्य और ताजा भोजन करना, नमक और कम वसा का सेवन करना आपके रक्तचाप को नियंत्रित कर सकता है। यदि आप मधुमेह रोगी हैं तो आप रक्त शर्करा से अनुसार अपना भोजन तय कर सकते हैं। मधुमेह और उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने वाली दवाएं आपकी किड़नी पर बुरा प्रभाव छोडती हैं।
इसलिए आपको अपनी किडनी स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए कुछ विशेष खाद्य पदार्थों पर ध्यान देना चाहिए। आइए जाने किडनी को स्वस्थ्य बनाने वाले खाद्य पदार्थ कौन से हैं।
जो लोग किडनी रोग से ग्रसित हैं उन्हें उच्च पोषक तत्व वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए। फूलगोभी एक पौष्टिक सब्जी है जो कई पोषक तत्वों की उच्च मात्रा रखती है। गोभी में विटामिन C, विटामिन K, और B विटामिन फोलेट शामिल होते हैं। यह इंडो-इंफ्लामेटरी यौगिकों और इंडेक्स जैसे फाइबर से भी भरपूर होती है। इसके अलावा मैश किए हुए गोभी के फूल को कम पोटेशियम प्राप्त करने के लिए आलू के स्थान पर उपयोग करना चाहिए।
फूल गोभी के 1 कप (लगभग 124 ग्राम) मात्रा में सोडियम 19 मिलिग्राम, पोटेशियम 176 मिलीग्राम और फॉस्फोरस 40 मिलीग्राम मात्रा होती है। इसलिए किडनी पेशेंट को अपने नियमित आहार में गोभी को शामिल करना चाहिए।
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उन लोगों के लिए मशरूम बहुत ही फायदेमंद होती है जो कम प्रोटीन वाले आहार की तलाश में हैं। यह मांस का सबसे अच्छा विकल्प होता है। मशरूम में विटामिन बी, कॉपर, मैंगनीज और सेलेनियम की अच्छी मात्रा होती है। इसके अलावा इसमें पर्याप्त मात्रा में फाइबर मौजूद होते हैं।
पोर्टिबेलो और सफेद बटन मशरूम की तुलना में शीटीके मशरूम पोटेशियम मे कम होते हैं। इसलिए यह किडनी की बीमारी वाले लोगों के लिए अच्छा विकल्प हो सकता है। 1 कप (लगभग 145 ग्राम) शीटीके मशरूम (Shiitake Mushrooms) में सोडियम 6 मिलीग्राम, पोटेशियम 170 मिलीग्राम और फॉस्फोरस 42 मिलीग्राम होता है।
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एंटीऑक्सीडेंट की अच्छी मात्रा ब्लूबेरी में मौजूद रहती है। इसके अलावा इसमें ऐसे पोषक तत्व होते हैं जो किडनी के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद करते हैं। ताजा ब्लूबेरी के एक कप (लगभग 148 ग्राम) मात्रा में सोडियम 1.5 मिलीग्राम, पोटेशियम 114 मिलीग्राम, फॉस्फोरस 18 मिलीग्राम होता है। इन स्वादिष्ट और मीठे फलों में एंथियोक्सीडेंट होते हैं जिन्हें एंथोकाइनिन कहा जाता है।
यह हृदय रोग, कैंसर, संज्ञानात्मक गिरावट और मधुमेह के खिलाफ हमें सुरक्षा दिलाते हैं। इसके अलावा ये गुर्दे के स्वास्थ्य को भी बढ़ावा देते हैं क्योंकि इनमें पोटेशियम, फास्फोरस और सोडियम की बहुत ही कम मात्रा होती है। आप भी अपनी किडनी को मजबूत बनाने के लिए ब्लूबेरी का सेवन कर सकते हैं।
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छोटे आकार वाले इन करोंदे में ए-टाइप प्रोथेकाइनिडिन (A-type proanthocyanidins) नामक फाइटोन्यूट्रिएंट होते हैं। ये बैक्टीरिया को मूत्र पथ और मूत्राशय की परत में चिपकने से रोकते हैं। इस प्रकार यह संक्रमण को रोकने में मदद करते हैं। क्रैनबेरी मूत्र पथ और किडनी दोनों के लिए लाभकारी होते हैं। यह गुर्दे की बीमारी वाले लोगों के लिए उपयुक्त हैं, क्योंकि इन लोगों को मूत्र पथ संक्रमण का खतरा ज्यादा होता है।
करोंदे को पके हुए, कच्चे या सुखाकर किसी भी प्रकार से खाया जा सकता है। इनमें सोडियम, पोटेशियम और फास्फोरस की बहुत ही कम मात्रा होती है। 1 कप क्रैनबेरी (लगभग 100 ग्राम) में सोडियम 2 मिलीग्राम, पोटेशियम 85 मिली ग्रामऔर फॉस्फोरस 13 मिलीग्राम होता है।
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अपने अच्छे स्वाद के साथ ही लाल अंगूर में पोषक तत्वों की भी भरपूर मात्रा होती है। लाल अंगूरों में विटामिन सी की अच्छी मात्रा होती है। इनमें फ्लैनोनोइड नामक एंटीऑक्सीडेंट भी होते हैं जो सूजन को कम करने में मदद करते हैं। इसके अलावा लाल अंगूर दिल को स्वस्थ्य रखने में भी मदद करते हैं और मधुमेह, संज्ञानात्मक गिरावट के विरूध सुरक्षा प्रदान करते हैं।
ये मीठे फल किडनी के लिए फायदेमंद होते हैं। लाल अंगूर की 75 ग्राम मात्रा का सेवन करने पर सोडियम 1.5 मिलीग्राम, पोटेशियम 144 मिलीग्राम और फॉस्फोरस 15 मिलीग्राम प्राप्त होता है। इन घटको की कम मात्रा के कारण लाल अंगूर हमारी किडनी के लिए फायदेमंद माने जाते हैं।
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संतरा, केला और कीवी जैसे फलों में पोटेशियम की बहुत अधिक मात्रा होती है। किडनी पेशेंट को किडनी को स्वस्थ्य रखने के लिए अनानास जैसे फल खाना चाहिए। यह स्वादिष्ट फल मीठे होने के साथ ही पोटेशियम की कम मात्रा रखते हैं। इसके अलावा अनानास में फाइबर, विटामिन बी, मैगनीज और ब्रोमेलेन आदि भी अच्छी मात्रा में होते हैं। इनकी उपस्थिति सूजन को कम करने में सहायक होती है। लगभग 165 ग्राम अनानास का सेवन करने से आपको सोडियम 2 मिलीग्राम, पोटेशियम 180 मिलीग्राम और फॉस्फोरस 13 मिलीग्राम प्राप्त होता है।
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अंडे की जर्दी (egg yolks) बहुत ही पौष्टिक होती है लेकिन इनमें फॉस्फोरस की उच्च मात्रा होती है। इसलिए भोजन के बाद अंडे की जर्दी की अपेक्षा अंडे के सफेद भाग का सेवन करने की सलाह दी जाती है। अंडे के सफेद भाग में प्रोटीन की बहुत अच्छी मात्रा होती है जो आपकी किडनी के लिए फायदेमंद होते हैं। इसके प्रमाण नहीं है पर माना जाता है कि उायलिसिस उपचार से गुजर रहे लोगों के लिए यह अच्छा विकल्प होता है। क्योंकि उन्हें प्रोटीन की उच्च मात्रा की आवश्यकता होती है। 2 अंडे या लगभग 66 ग्राम अंडे के सफेद भाग का सेवन करने पर सोडियम 110 मिलीग्राम, पोटेशियम 108 मिलीग्राम और फॉस्फोरस 10 मिलीग्राम प्राप्त होता है।
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टर्निप्स गुर्दे के अनुकूल होते हैं और सब्जी के रूप में सबसे अच्छे विकल्प के रूप में उपयोग किये जा सकते हैं। इनका उपयोग आप पोटेशियम की उच्च मात्रा वाले आलू और कद्दू (winter squash) के स्थान पर कर सकते हैं। कंद वाली ये सब्जियां फाइबर और पोषक तत्वों जैसे विटामिन सी, विटामिन बी6, मैंगनीज और कैल्शियम से भरी हुई हैं। इन्हें आप भूनकर या उबाल कर खा सकते हैं। यह आपके गुर्दे को स्वस्थ्य रखने में मदद कर सकते हैं। आधा कप पके हुए शलजम (लगभग 78 ग्राम) में सोडियम 12.5 मिलीग्राम, पोटेशियम 138 मिलीग्राम और फॉस्फोरस लगभग 20 मिलीग्राम प्राप्त होता है।
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गुर्दे की समस्याओं वाले लोगों को सलाह दी जाती है कि वे अपने खाद्य पदार्थों में नमक का उपयोग कम करें। अपने खाद्य पदार्थों में नमक के विकल्प के रूप में आप लहसुन का उपयोग कर सकते हैं। लहसुन में मैंगनीज, विटामिन सी, और विटामिन बी6 होता है। इनके अलावा इनमें सल्फर भी होता है जिसमें एंटी-इंफ्लामेटरी गुण होते हैं। नियमित रूप से हलसुन की 3 कलीयों का सेवन करने से आपको सोडियम 1.5 मिलीग्राम, पोटेशियम 36 मिलीग्रामऔर फॉस्फोरस 14 मिलीग्राम प्राप्त होता है।
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कुरकुरी सब्जियों के रूप में मूली का उपयोग किया जाता है। नियमित रूप से मूली का सेवन करने पर यह गुर्दे स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि मूली में पोटेशियम और फॉस्फोरस की बहुत ही कम मात्रा होती है। लेकिन इसमें अन्य पोषक तत्व जो किडनी को स्वस्थ्य रखने में मदद करते हैं उनकी मात्रा अच्छी होती है।
मूली विटामिन सी का एक बड़ा स्रोत माना जाता है। इसके अलावा इसमें पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट हृदय रोग और मोतियाबिंद के प्रभाव को कम करने में मदद करते हैं। मूली में मौजूद तीखा स्वाद नमक की कम मात्रा वाले आहारों का स्वाद बढ़ाने में मदद करते हैं। लगभग 58 ग्राम या आधा कप कटे हुए मूली में सोडियम 23 मिलीग्राम, पोटेशियम 135 मिलीग्राम और फॉस्फोरस 12 मिलीग्राम होता है।
(और पढ़े – मूली खाने के फायदे और नुकसान…)
आपको यह जानकर हैरानी होगी की तेल होते हुए भी इसमें वसा और फॉस्फोरस की मात्रा न के बराबर होती है। इस कारण से जैतून तेल किडनी के लिए फायदेमंद होता है। अक्सर किडनी रोग से ग्रसित लोगों में यह देखा जाता है कि वे वजन नियंत्रित रखने में असफल रहते हैं। इसलिए जैतून तेल उनके लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। जैतून के तेल में मोनोअनंसैचुरेटेड वसा होता है जिसे ओलेइक एसिड कहा जाता है। इसमें एंटी-इंफ्लामेटरी गुण होते हैं। जैतून तेल की 1 औंस (लगभग 28 ग्राम) मात्रा में सोडियम 0.6 मिलीग्राम, पोटेशियम 0.3 मिलीग्राम और फॉस्फोरस 0.0 मिलीग्राम होता है।
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कई रोगियों के लिए अपने आहार में नमक की मात्रा कम करना बहुत ही मुश्किल हो सकता है। इसलिए स्वादपूर्ण विकलप ढूंढना आवश्यक है। लहसुन और जैतून तेल के साथ प्याज का सेवन करना आपकी किडनी को लाभ पहुंचा सकता है। इसके अलावा प्याज में विटामिन सी, मैंगनीज और विटामिन बी की अच्छी मात्रा होती है। इसके अलावा प्याज में प्रोबिओटिक फाइबर (prebiotic fibers) होते हैं जो आपकी आंतों में मौजूद अच्छे बैक्टीरिया के लिए अच्छे होते हैं। 1 छोट प्याज (लगभग 70 ग्राम) में सोडियम 3 ग्राम, पोटेशियम 102 मिलीग्राम और फॉस्फोरस 20 मिलीग्राम प्राप्त होता है।
(और पढ़े – प्याज के फायदे और नुकसान…)
ओमेगा-3 फैटी एसिड की उपस्थिति के कारण मछली का सेवन किडनी रोगी के लिए फायदेमंद होता है। मछली उच्च गुणवत्ता वाले प्रोटीन उपलब्ध कराती है। मछली में मौजूद स्वस्थ्य वसा हृदय रोग और कैंसर जैसी बीमारियों से लड़ने में मदद करते हैं। इसके साथ ही ओमेगा-3 फैटी एसिड शरीर में मौजूद खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करने और अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने में भी मदद करते हैं। एक अध्ययन से पता चलता है कि मधुमेह रोगी को सप्ताह में कम से कम 2 बार मछली का सेवन करना चाहिए। ओमेंगा-3 फैटी एसिड की सबसे अच्छी मात्रा वाली मछलियों में अल्बकोर ट्यूना, हेरिंग, मैकेरलऔर साल्मन आदि शामिल हैं। 3 औंस (लगभग 84 ग्राम) सालमन मछली का सेवन करने पर सोडियम 50 मिलीग्राम, पोटेशियम 368 मिलीग्राम और फॉस्फोरस 274 मिलीग्राम प्राप्त होती है।
(और पढ़े – सालमन मछली के फायदे और नुकसान…)
अधिकांश नट्स फॉस्फरस में अधिक होते हैं और गुर्दे के लिए आहार वाले लोगों के लिए अनुशंसित नहीं होते हैं। हालांकि, मैकडामिया नट्स गुर्दे की समस्याओं वाले लोगों के लिए एक स्वादिष्ट विकल्प हैं। मूंगफली और बादाम जैसे लोकप्रिय नट्स की तुलना में वे फास्फोरस में बहुत कम हैं। वे स्वस्थ वसा, बी विटामिन, मैग्नीशियम, तांबा, लौह और मैंगनीज के साथ पाए जाते हैं। मैकडामिया नट्स के 28 ग्राम से आपको सोडियम 1.4 मिलीग्राम, पोटेशियम 103 मिलीग्राम, फॉस्फोरस 53 मिलीग्राम मात्रा प्राप्त होती है।
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गुर्दे आपके शरीर में रक्त शुद्ध करने का काम करते हैं और मूत्र के माध्यम से अपशिष्ट को बाहर निकालते हैं। इसके अलावा गुर्दे हार्मोन के उत्पादन, खनिज पदार्थों का संतुलन और द्रव संतुलन को बनाए रखने में मदद करते हैं। गुर्दे की बीमारी के लिए कई कारण हो सकते हैं। सबसे आम कारणों में मधुमेह और उच्च रक्तचाप हैं। इसके अलावा शराब, हृदय रोग, हेपेटाइटिस सी वायरस और एचआइवी संक्रमण भी गुर्दे को हानि पहुंचा सकते हैं। जब आपके गुर्दे क्षतिग्रस्त होते हैं तो वे अपना काम सही तरीके से नहीं कर पाते हैं। इसलिए आपके शरीर में विषाक्तता बढ़ सकती है। ऐसी स्थिति में आपको कुछ विशेष आहारों का सेवन करने से बचना चाहिए। ये खाद्य पदार्थ आपकी परेशानी को और अधिक बढ़ा सकते हैं। आइए इन्हें जानें।
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कुछ खाद्य पदार्थ हमारे स्वास्थ्य के लिए अच्छे होते हैं। लेकिन जब किडनी स्वास्थ्य की बात आती है तो यह हमारी किडनी को नुकसान पहुंचा सकते हैं क्योंकि इसमें मौजूद पोषक तत्व किडनी के अनुकूल नहीं होते हैं।
आहार प्रतिबंध सब लोगो के लिए अलग-अलग होते हैं, आमतौर पर यह सिफारिश की जाती है कि किडनी की बीमारी वाले सभी लोग निम्नलिखित पोषक तत्वों का सेवन करने से बचना चाहिए :
सोडियम: सोडियम कई खाद्य पदार्थों और टेबल साल्ट में एक प्रमुख घटक के रूप में पाया जाता है। क्षतिग्रस्त गुर्दे अतिरिक्त सोडियम को फ़िल्टर नहीं कर सकते हैं, जिससे रक्त में इसका स्तर बढ़ता जा सकता है। अक्सर सोडियम को प्रति दिन 2,000 मिलीग्राम से कम करने की सिफारिश की जाती।
पोटेशियम: पोटेशियम शरीर में कई महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, लेकिन गुर्दे की बीमारी वाले लोगों को खतरनाक रूप से उच्च रक्त स्तर से बचने के लिए पोटेशियम को सीमित करने की आवश्यकता होती है। आमतौर पर पोटेशियम को प्रति दिन 2,000 मिलीग्राम से कम करने की सिफारिश की जाती है।
फॉस्फरस: क्षतिग्रस्त गुर्दे कई खाद्य पदार्थों में खनिज उपस्थित अतिरिक्त फॉस्फोरस को हटा नहीं सकते हैं। फॉस्फोरस का उच्च स्तर शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है, इसलिए अधिकांश रोगियों में आहार फॉस्फोर प्रति दिन 800-1,000 मिलीग्राम से भी कम तक सीमित करना जरूरी होता है।
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गुर्दे की बीमारी वाले प्रत्येक व्यक्ति अलग होता हैं और उसकी जरूरत भी अलग होती है यही कारण है कि अपने डॉक्टर से अपनी व्यक्तिगत आहार आवश्यकताओं के बारे में जानकारी प्राप्त करना महत्वपूर्ण है। उसके बाद ही किसी भी प्रकार के आहार योजना को अपनी डाइट में शामिल करें।
(और पढ़े – खजूर खाना सेहत के लिए होता है फायदेमंद…)
किडनी पेशेंट को क्या खाना चाहिए (kidney ke patient ko kya khana chahiye) का यह लेख आपको कैसा लगा हमें कमेंट्स कर जरूर बताएं।
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