Kinnow benefits in Hindi किन्नू निम्बू-वंश का एक गोलाकार फल है। भारत जैसी जलवायु वाले देशों में किन्नू फल का अधिक उत्पादन किया जाता है। किन्नू फल खाने के फायदे इसलिए होते हैं क्योंकि यह सबसे स्वस्थ साइट्रस फलों में से एक है। किन्नू फल के बारे में जानने से पहले यह समझ लें कि यह नारंगी फल बिल्कुल भी नहीं है। रंग रूप के कारण अधिकांश लोग नारंगी और किन्नू फल में अंतर नहीं कर पाते हैं। स्वास्थ्य सलाहकारों द्वारा यह सलाह दी जाती है कि किन्नू फल का दैनिक आधार पर नियमित सेवन करना चाहिए। इस लेख में हम किन्नू फल के फायदे और नुकसान के बारे में जानेगें।
विषय सूची
1. किन्नू फल क्या है इन हिंदी – What Is Kinnow Fruit in Hindi
2. किन्नू का पेड़ – Kinnow Tree in Hindi
3. किन्नू के पोषक तत्व – Kinnow Nutrition Facts in Hindi
4. किन्नू और संतरे में अंतर – Differences Between Kinnow And Orange in Hindi
5. किन्नू बेनिफिट्स इन हिंदी – Kinnow Benefits in Hindi
6. किन्नू (कीनू) फल के नुकसान – Kinnow Side Effects in Hindi
यह फल दो प्रकार की किस्मों का संकर उत्पाद है। इस फल को साइट्रस नोबिलिस जिसे ‘किंग’ और साइट्रस डेलिसियोसा जिसे ‘’ विलो पत्ता ‘’ भी कहा जाता है इन्हें संकरित करके उत्पादित किया जाता है। यह भारत में विशेष रूप से पंजाब, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में उगाया जाता है। किन्नू फल को सामान्य रूप से किन्नू या कीनू के नाम से भी जाना जाता है।
गर्म जलवायु वाले स्थानों में इस फल की अधिक पैदावार होती है। ऐसी जलवायु में इसके पेड़ 30 – 35 फिट तक ऊंचे हो सकते हैं। इसके फल जनवरी या फरवरी में पकते हैं। यह फल दिखने में बिल्कुल संतरे के समान होता है। जिसके ऊपर के छिलके को आसानी से उतारा जा सकता है। यह बहुत ही स्वादिष्ट और रसदार फल है।
विभिन्न प्रकार के स्वास्थ्य लाभ दिलाने के लिए किन्नू में बहुत से पोषक तत्व मौजूद रहते हैं। इन पोषक तत्वों में विटामिन ए, विटामिन सी, कैल्शियम, आयरन, फाइबर, शुगर और सोडियम आदि मौजूद रहते हैं जो हमारे लिए बहुत ही आवश्यक होते हैं।
किनो और ऑरेंज के बीच बहुत कम अंतर होता है दोनों में नींबू के समान गुणवत्ता, मोटा छिलका (peel) और बीज के होते हैं। हालांकि, ये सभी गुण अभी भी उपभोक्ता के लिए थोड़ा अलग हो सकते हैं। उदाहरण के लिए, किन्नो काला नारंगी रंग हो सकता है, आकार में बड़ा हो सकता है और कम से कम 20-25 बीज के साथ उच्च रस सामग्री हो सकती है। एक नारंगी या संतरा कलर में ऑरेंज हो सकता है, आकार में छोटा हो सकता है और उसमे कम बीज हो सकते है। औसत उपभोक्ता के लिए, अगर रस से निकालने की आवश्यकता होती है तो सुविधा और उपयोगिता के मामले में ऑरेंज बेहतर विकल्प हो सकता है।
कम बीज और अपेक्षाकृत पतली बाहरी छील (peel) के कारण, संतरा किन्नो की तुलना में एक आसान विकल्प साबित होता है। अधिक बीजों के साथ, किन्नो के रस को निकालना एक आसान काम नहीं है जिसमें अंतिम उत्पाद से बीज की कड़वाहट को दूर करना शामिल है। इसके अतिरिक्त, इसके ढीले छिलके के कारण, किनो को इसे एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने के दौरान अतिरिक्त देखभाल की आवश्यकता होती है, क्योंकि यह आसानी से क्षतिग्रस्त हो सकता है। इन कारणों से, एक संतरे की तुलना में किन्नो आमतौर पर कम कीमत पर मिल जाता है।
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अन्य साइट्रस फलों की अपेक्षा किन्नू फल में लगभग 2.5 गुना अधिक कैल्शियम होता है। इस तरह से किन्नू का नियमित सेवन करने पर यह हड्डीयों को मजबूत करने में सहायक हो सकता है। इसके अलावा इस फल के छिलके विभिन्न प्रकार के सौंदर्य उत्पाद बनाने के लिए उपयोग किया जाता है। यह विभिन्न प्रकार के स्वास्थ्य लाभ दिलाने के लिए भी उपयोगी होता है। स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करने के लिए ताजे किन्नू फलों का सेवन करने की सलाह दी जाती है। आइए जाने किन्नू फल के फायदे क्या हैं।
यदि आप अपनी प्रतिरक्षा शक्ति को बढ़ाना चाहते हैं तो इसके लिए बहुत से प्राकृतिक उपचार मौजूद हैं। लेकिन इन सभी उपचारों में सस्ता और आसान तरीका है किन्नू फल को अपने आहार में शामिल करना। किन्नू फल को उपचार गुणों और विटामिन सी का पावरहाऊस माना जाता है। विटामिन सी शरीर में प्राथमितक एंटीऑक्सिडेंट के रूप में कार्य करता है। यह एंटीऑक्सीडेंट शरीर में मुक्त कणों को नुकसान पहुंचाने से पहले बेअसर करने का काम करते है। इस तरह से यह फल प्रतिरक्षा के अन्य पहलूओं को भी उत्तेजित करता है। इसमें मौजूद विटामिन सी कोलेजन के मौलिक घटकों में से एक है जो कोशिकाओं की मरम्मत और शरीर में नए ऊतकों के विकास के लिए महत्वपूर्ण होता है। आप भी अपनी प्रतिरक्षा शक्ति को बढ़ाने के लिए किन्नू फल का नियमित सेवन कर सकते हैं।
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जो लोग किन्नू फल के फायदे नहीं जानते हैं उन्हें शायद आश्चर्य हो सकता है कि यह रक्त परिसंचरण को बढ़ा सकता है। किन्नू फल में फोलेट सामग्री बहुत अच्छी मात्रा में होती है। जो हमारे शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। फोलेट विटामिन बी9 है जो नई कोशिकाओं के विकास के लिए आवश्यक है। फोलेट शरीर में नई कोशिकाओं के उत्पादन के साथ ही लाल रक्त कोशिकाओं की वृद्धि और निर्माण करता है। यह शरीर में उचित रक्त प्रवाह को बनाए रखने में सहायक होता है। उचित रक्त प्रवाह से शरीर के सभी अंग अपना काम सुचारू ढंग से करते हैं। इस तरह से आप अपने शरीर को स्वस्थ्य बनाए रखने के लिए किन्नू फल का सेवन कर सकते हैं।
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यदि नियमित रूप से किन्नू फल का सेवन किया जाए तो इससे कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित किया जा सकता है। किन्नू फल में खराब कोलेस्ट्रॉल की उपस्थिति और प्रभाव को कम करने की क्षमता होती है। इसके अलावा इसमें मौजूद पोषक तत्व शरीर में अच्छे कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को बढ़ावा देने में भी मदद करते हैं। इस प्रकार किन्नू फल का नियमित सेवन कर एथेरोस्क्लेरोसिस, दिल का दौरा और स्ट्रोक की संभावनाओं से बचा जा सकता है। आप भी किन्नू फल का लाभ प्राप्त करने के लिए इसका सेवन कर सकते हैं।
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शरीर में मौजूद विषाक्त पदार्थों को दूर करने के लिए किन्नू फल का उपयोग किया जा सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि किन्नू फल में विटामिन सी के साथ विटामिन ए भी अच्छी मात्रा में होता है। ये दोनों ही विटामिन शरीर के लिए किसी एंटीऑक्सीडेंट की तरह ही कार्य करते हैं। इस कारण से यह गुर्दे को मजबूत करने के साथ ही शरीर को डिटॉक्सिफाई करने में मदद करता है। अपने आहार में विटामिन ए आधारित खाद्य पदार्थों को शामिल कर रात के अंधापन और मैकुलर अपघटन को कम करने में सहायता मिल सकती है। विटामिन ए की प्राप्ती के लिए आप किन्नू फल का उपयोग कर सकते हैं।
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आपका संपूर्ण स्वास्थ्य पेट के स्वास्थ्य पर निर्भर करता है। किन्नू फल में जिंक की अच्छी मात्रा होती है। इस प्रकार के खाद्य पदार्थों का सेवन करने से आंतों की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। यह आंतों के आलस्य को कम करने में सहायक होता है। जिसके परिणाम स्वरूप आपकी आंते स्वस्थ्य रहती है। इस तरह आप अपने पेट के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए किन्नू फल का सेवन कर सकते हैं।
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यदि प्रतिदिन 1 किन्नू फल का सेवन किया जाए तो यह आपके शरीर को सक्रिय रख सकता है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि किन्नू फल में शरीर को ऊर्जा दिलाने वाले पोषक तत्व अच्छी मात्रा में होते हैं। इस फल में मौजूद कार्बोहाइड्रेट की भारी मात्रा के साथ ही यह शरीर को ग्लूकोज, फ्रक्टोज़ और सुक्रोज आदि उपलब्ध कराता है। जिससे शरीर को पर्याप्त मात्रा में ऊर्जा प्राप्त होती है।
आप भी अपने शरीर को ऊर्जावान बनाने के लिए किन्नू फल का सेवन कर सकते हैं।
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इस फल के अन्य स्वास्थ्य लाभों के साथ ही यह पाचन के लिए अच्छा होता है। इसमें मौजूद पोषक तत्व बिना किसी परेशानी के पाचन संबंधी पेट की समस्याओं को दूर करने में मदद करते हैं। जिससे शरीर भोजन से पर्याप्त मात्रा में ऊर्जा और जरूरी तत्वों को अवशोषित करने में मदद करता है। जिन लोगों की पाचन व्यवस्था कमजोर होती है उन्हें दूध की अपेक्षा किन्नू फल के जूस का सेवन करना चाहिए।
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जैसा की आप जानते हैं कि किन्नू फल और संतरे में अक्सर तुलना की जाती है। ये दोनों ही फल लगभग समान प्रजाति के हैं। इसलिए इन दोनों फलों के फायदे त्वचा के लिए लगभग समान ही माने जाते हैं। किन्नू फल में मौजूद खनिज पदार्थ और पोषक तत्व न केवल आपके समग्र चयापचय को बढ़ाते हैं, बल्कि वे आपकी त्वचा को भी पर्याप्त पोषण देते हैं। जिससे आपकी त्वचा की समस्याओं को दूर करने में मदद मिल सकती है। किन्नू फल का उपयोग कर आप अपनी त्वचा सुंदर, नरम और चमकदार बना सकते हैं। आप किन्नू फल के छिलके का उपयोग स्क्रब के रूप में भी कर सकते हैं।
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ऐसा माना जाता है कि गर्भावस्था के दौरान किन्नू फल का सेवन बहुत ही फायदेमंद होता है। यह महत्वपूर्ण पोषक तत्वों को प्रदान करने में मदद करता है जो गर्भावस्था के दौरान बहुत ही आवश्यक होते हैं। इन पोषक तत्वों में विटामिन सी, फोलिक एसिड और कैल्शियम शामिल हैं। इन पोषक तत्वों के अलावा किन्नू जूस में पोटेशियम की भी अच्छी मात्रा होती है जो रक्तचाप को कम करने में मदद करता है। उच्च रक्तचाप गर्भावस्था के दौरान बहुत ही गंभीर हो सकता है।
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स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार किन्नू फल उच्च पोषण सामग्री के कारण कब्ज की समस्या को भी दूर कर सकता है। यदि नियमित रूप से दिन में दो किन्नू फल का सेवन किया जाए तो पुराने कब्ज को भी ठीक कर सकता है। यदि आप कब्ज या पेट की अन्य समस्याओं से परेशान हैं तो किन्नू फल का उपभोग कर सकते हैं। यह आपकी पेट की समस्याओं के लिए लाभकारी हो सकता है।
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किन्नू का रस और फल ज्यादातर वयस्कों के लिए सुरक्षित है जब तक इसे कम खाद्य मात्रा में उपयोग किया जाता है।
बच्चों के लिये किन्नू का रस या फल सामान्य मात्रा में उपयोग किए जाने पर सुरक्षित होता है।
किन्नू फल के छिलके की बड़ी मात्रा लेना नुकसानदायक है। यह पेट की परेशानी, मरोड़ का कारण बन सकता है।
गर्भावस्था और स्तनपान: सामान्य और कम मात्रा में लिया जाने पर किन्नू फल गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान सुरक्षित माना जाता है।
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