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घुटनों में दर्द के लक्षण, कारण, जाँच, इलाज और घरेलू उपचार – Knee Pain Symptoms, Cause, Treatment And Home Remedies In Hindi

knee pain in Hindi घुटने का दर्द एक आम समस्या है, जो सभी उम्र के व्यक्तियों को प्रभावित कर सकती है। आज के इस सक्रिय समाज में, घुटने की समस्याओं का उत्पन्न होना काफी चरम सीमा पर है। चोट के कारण टूटे हुए अस्थि-बंधन या नरम हड्डी में खरोंच इत्यादि के परिणामस्वरूप घुटने में दर्द उत्पन्न हो सकता है। इसके अतिरिक्त अन्य चिकित्सा सम्बन्धी स्थितियां जैसे गठिया (arthritis), गाउट और संक्रमण भी घुटने के दर्द का कारण बन सकते हैं। अतः घुटने के दर्द के विशिष्ट कारणों के अनुसार, विशिष्ट उपचार अपनाये जा सकते हैं, जिनके बारे में आज आप जानेगें। इस लेख के माध्यम आप विस्तार से जानेगें कि घुटने का दर्द क्या है, घुटने के दर्द के कारण, लक्षण, निदान, इलाज और घरेलू उपचार के बारे में।

  1. घुटनों का दर्द क्या है – What is Knee Pain in Hindi
  2. क्रोनिक घुटने का दर्द – Chronic knee pain in Hindi
  3. घुटने के दर्द के लक्षण – Knee Pain Symptoms in Hindi
  4. घुटनों में दर्द का कारण – Knee Pain causes in Hindi
  5. घुटने के दर्द के जोखिम कारक – Knee Pain Risk factors in Hindi
  6. घुटनों का दर्द की जटिलताएं – Knee Pain Complications in Hindi
  7. घुटने में दर्द की जांच – Knee Pain Diagnosis in Hindi
  8. घुटनों के दर्द का इलाज – knee pain treatment in Hindi
  9. घुटने में दर्द के लिए डॉक्टर को कब दिखाना है – When to see a doctor for Knee Pain in Hindi
  10. घुटनों के दर्द से बचाव – Knee Pain Prevention in Hindi
  11. घुटने के दर्द के लिए घरेलू उपचार – knee pain treatment at home in Hindi

घुटनों का दर्द क्या है – What is Knee Pain in Hindi

घुटने का दर्द एक सामान्य समस्या है, जो घुटने के जोड़, फीमर, टिबिया (tibia), फिबुला (fibula), नीकेप (kneecap) या घुटने के लिगामेंट (ligaments), टेंडन (tendons) और कार्टिलेज (cartilage) आदि में से किसी को प्रभावित कर सकता है। घुटने का दर्द अनेक प्रकार के कारकों जैसे- शारीरिक गतिविधि, मोटापा और अन्य समस्याओं (जैसे पैर की चोट) आदि द्वारा ट्रिगर हो सकता है। घुटने का दर्द सभी उम्र के व्यक्तियों  को प्रभावित कर सकता है। घुटने के दर्द का घरेलू उपचार दर्द को कम करने में मदद कर सकता है, लेकिन अधिक गंभीर स्थिति में इसके उपचार के लिए सर्जरी की भी आवश्यकता पड़ सकती है।

(और पढ़े – मांसपेशियों में खिंचाव (दर्द) के कारण और उपचार…)

क्रोनिक घुटने का दर्द – Chronic knee pain in Hindi

क्रोनिक घुटने के दर्द की समस्या, लंबे समय से चले आ रहे घुटनों के दर्द, सूजन या घुटनों में संवेदनशीलता आदि लक्षणों से सम्बंधित है। घुटने के दर्द के कारणों का निर्धारण, अनुभव किए जाने वाले लक्षणों के आधार पर किया जा सकता है। कई स्थितियां क्रोनिक घुटने के दर्द का कारण बन सकती हैं। जैसे- ऑस्टियोआर्थराइटिस, टेंडिनाइटिस, बर्साइटिस, गाउट, बोन ट्यूमर इत्यादि।

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घुटने के दर्द के लक्षण – Knee Pain Symptoms in Hindi

घुटने में दर्द के भिन्न-भिन्न कारणों के आधार पर, दर्द का स्थान और इसकी गंभीरता भी भिन्न-भिन्न हो सकती है। घुटने के दर्द के साथ कभी-कभी निम्न संकेतों और लक्षणों को भी महसूस किया जा सकता है, जैसे:

  • घुटनों में सूजन आना
  • घुटनों में जकड़न महसूस होना
  • लालिमा उत्पन्न होना
  • स्पर्श करने पर अत्यधिक संवेदनशीलता और गर्मी का अहसास होना
  • कमजोरी महसूस होना
  • दर्द में अस्थिरता
  • पोचिंग (Popping) या क्रंचिंग नॉइज़ (crunching noises)
  • घुटने को पूरी तरह से सीधा करने में असमर्थता
  • बुखार, इत्यादि।

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घुटनों में दर्द का कारण – Knee Pain causes in Hindi

घुटनों के दर्द के भिन्न भिन्न कारण हो सकते हैं। कुछ कारण अत्यधिक सामान्य और कुछ गंभीर हो सकते हैं। सामान्यतः घुटनों में दर्द की समस्या चोट, संक्रमण या अत्यधिक गतिविधि के दौरान उत्पन्न हो सकती है। घुटनों के दर्द के कारणों में निम्न को शामिल किया जा सकता है, जैसे:

बर्साइटिस (Bursitis)

एक बर्सा (bursa) एक बैग या थैली जैसा दिखाई देने वाला एक खोखला, लचीला ढांचा होता है, जो जोड़ों की ऊपरी त्वचा के नीचे तरल पदार्थ की एक छोटी मात्रा का संग्रह करके रखता है। यह जोड़ों की गतिशीलता की स्थिति में घर्षण को रोकने में मदद करता है। जोड़ों के अत्यधिक उपयोग करने,  बार-बार झुकने और घुटने के बल बैठने के दौरान घुटने के ऊपर स्थित बुर्सा (bursa) क्षतिग्रस्त हो सकता है। जिससे दर्द और सूजन से सम्बंधित लक्षण प्रगट होते है। डॉक्टर द्वारा इस समस्या को बर्साइटिस (Bursitis) से संबोधित किया जाता है।

डिसलोकेटेड नाइकेप (Dislocated kneecap)

यह स्थिति तब उत्पन्न होती है, जब घुटने की ऊपरी हड्डी (kneecap), अपनी स्थिति से बाहर की ओर फिसल जाती है, जिससे घुटने में दर्द और सूजन जैसे लक्षण उत्पन्न होते हैं। डॉक्टर इस स्थिति को “पटेलर डिसलोकेशन” (Patellar Dislocation) के नाम से भी जानते हैं।

इलियोटिबियल बैंड सिंड्रोम (iliotibial band syndrome)

इलियोटिबियल बैंड, सख्त (कठोर) ऊतक का एक टुकड़ा होता है, जो कूल्हे से घुटने के अंतिम हिस्से तक गति करता है। व्यक्ति के अति सक्रियता की स्थिति में इलियोटिबियल बैंड में समय के साथ सूजन आ सकती है। जिसके कारण घुटने के बाहरी तरफ दर्द उत्पन्न होता है।

मिनिस्कस टियर (Meniscal tear)

प्रत्येक घुटने में दो मेनिसिस (menisci) होते हैं। मेनिसिस, C-आकार की उपास्थि है, जो पिंडली और जांघ की हड्डी के बीच सहारा देने का काम करती है। अचानक मुड़ने के दौरान या घुटने की चोट के कारण मेनिसिस क्षतिग्रस्त हो सकते है तथा जोड़ों में फंस सकते हैं, जिससे घुटनों में दर्द और सूजन जैसे लक्षण उत्पन्न होते हैं। इस समस्या को मिनिस्कस टियर के नाम से जाना जाता है।

ऑसगुड-श्लैटर रोग (Osgood-Schlatter disease)

यह स्थिति तब होती है, जब व्यक्ति की किशोरावस्था बढ़ने के दौरान हड्डियां और घुटने के अन्य हिस्से में बदलाव होता है। इस अवस्था में अधिक व्यायाम से घुटने के ठीक नीचे के क्षेत्र, जहां घुटने की ऊपरी हड्डी (kneecap) से पिंडली की बड़ी हड्‍डी (shinbone) जुड़ती है, में सूजन उत्पन्न होती है। जिससे समय के साथ दर्द उत्पन्न होता है। इस स्थिति को ऑसगुड-श्लैटर डिजीज (Osgood-Schlatter disease) के रूप में जाना जाता है। यह स्थिति विशेष रूप से किशोर लड़कों और लड़कियों को प्रभावित करती है।

ऑस्टियोआर्थराइटिस (Osteoarthritis)

ऑस्टियोआर्थराइटिस, गठिया का एक प्रकार है जो 50 वर्ष की आयु के बाद घुटने के दर्द का एक प्रमुख कारण बनता है। यह स्थिति घुटने में दर्द या सूजन के साथ-साथ जोड़ों को हिलाने डुलाने में असमर्थता का कारण बनती है।

पेटेलर टेंडिनिटिस (Patellar tendinitis)

पेटेलर टेंडिनिटिस ,पिंडली की बड़ी हड्‍डी (shinbone) को घुटने की ऊपरी हड्डी (kneecap) या पटेला (patella) को जोड़ने वाले सख्त ऊतक, जिन्हें टेंडन (Tendons) कहा जाता है, में उत्पन्न होने वाली चोट है। जब व्यक्ति अधिक व्यायाम करते हैं, तो वे टेंडन में सूजन और दर्द का अनुभव कर सकते हैं। पेटेलर टेंडिनिटिस को “jumper’s knee” के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि यह समस्या बार-बार कूदने के दौरान उत्पन्न हो सकती है।

पेटेलोफीमोरल पेन सिंड्रोम (Patellofemoral pain syndrome)

पेटेलोफीमोरल पेन सिंड्रोम की समस्या पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं को अधिक प्रभावित करती है। यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें चोट या अत्यधिक गतिविधि के कारण घुटने की ऊपरी हड्डी (kneecap) के नीचे स्थित कार्टिलेज (cartilage) क्षतिग्रस्त हो जाता है। जिसके परिणामस्वरूप मांसपेशियों में असंतुलन, जकड़न और घुटने में दर्द आदि लक्षण प्रगट होते हैं।

सेप्टिक अर्थराइटिस (Septic arthritis)

सेप्टिक अर्थराइटिस जोड़ों का संक्रमण है, जो कभी-कभी घुटने के जोड़ को भी संक्रमित कर सकता है, जिसके परिणामस्वरूप सूजन, दर्द और लालिमा आदि लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं। सेप्टिक अर्थराइटिस की शुरुआत अक्सर बुखार और जोड़ों में दर्द के साथ होती है। सेप्टिक गठिया कम समय में घुटने की नरम हड्डी (cartilage) को व्यापक नुकसान पहुंचा सकता है।

(और पढ़े – गठिया (आर्थराइटिस) कारण लक्षण और वचाब…)

घुटने के दर्द के जोखिम कारक – Knee Pain Risk factors in Hindi

अनेक प्रकार के कारक घुटने की समस्या उत्पन्न होने के जोखिम को बढ़ा सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • अधिक वज़न अधिक वजन या मोटापे से ग्रस्त होने के कारण व्यक्ति के घुटनों के जोड़ों पर तनाव या दबाव बढ़ जाता है। जिसके कारण सामान्य गतिविधियों जैसे कि चलने या उठने-बैठने के दौरान संयुक्त उपास्थि (joint cartilage) के टूटने से ऑस्टियोआर्थराइटिस (osteoarthritis) का ख़तरा बढ़ जाता है।
  • मांसपेशियों में लचीलेपन या ताकत की कमी मजबूत मांसपेशियां, जोड़ों को स्थिर और सुरक्षित रखने में मदद करती हैं, तथा मांसपेशियों का लचीलापन एक उत्तम गति प्रदान करने में मदद कर सकता है। लेकिन मांसपेशियों में ताकत और लचीलेपन की कमी से घुटने की चोटों का खतरा बढ़ सकता है।
  • कुछ खेल या व्यायाम कुछ खेल, व्यक्ति के घुटनों पर अधिक तनाव डालते हैं। खेलते समय गिरने, बास्केटबॉल में कूदने और दौड़ने के दौरान घुटने की चोट के जोखिम बढ़ जाते हैं।
  • पुरानी चोट घुटने की पुरानी चोट, सम्बंधित व्यक्ति में घुटनों के दर्द का कारण बन सकती है तथा घुटनों से सम्बंधित समस्याओं के उत्पन्न होने की संभावना को बढ़ा सकती है।

(और पढ़े – मोटापे से होने वाले रोग और उनसे बचाव…)

घुटनों का दर्द की जटिलताएं – Knee Pain Complications in Hindi

हालाँकि सभी घुटने का दर्द, गंभीरता का कारण नहीं बनता है। लेकिन यदि घुटने की चोट और अन्य चिकित्सा स्थितियों, जैसे कि ऑस्टियोआर्थराइटिस, को बिना उपचार के छोड़ जाए, तो यह स्थिति आगे चलकर गंभीर जटिलताओं का कारण बन सकती है। घुटने का दर्द निम्न जटिलताओं का कारण बन सकता है, जैसे:

  • जोड़ों की क्षति (joint damage)
  • विकलांगता, इत्यादि।

घुटने में दर्द की जांच – Knee Pain Diagnosis in Hindi

घुटनों के दर्द का निदान करने के लिए प्रक्रियाओं को अपनाया जा सकता है:

शारीरिक परीक्षण (physical exam) – शारीरिक परीक्षण के दौरान, डॉक्टर घुटने की विभिन्न स्थितियों में दर्द, संवेदनशीलता और दृश्यमान चोट आदि का निरीक्षण कर सकता है। पैर की गतिशीलता के आधार दर्द और घुटने की संरचनाओं में विकृति का मूल्यांकन करने के लिए डॉक्टर पीड़ित व्यक्ति के जोड़ों को हाँथ से दबा सकता है या खींच सकता है।

इमेजिंग परीक्षण (Imaging tests) – घुटने के दर्द से सम्बंधित कुछ मामलों में, डॉक्टर इमेजिंग परीक्षण की सिफारिश कर सकता है, जैसे कि:

  • एक्स-रे परीक्षण – घुटने के दर्द से सम्बंधित कारणों का निदान करने में एक्स-रे काफी आवश्यक होता है, जो हड्डी के फ्रैक्चर और ऑस्टियोआर्थराइटिस (or degenerative joint disease) का पता लगाने में डॉक्टर की मदद कर सकता है।
  • कम्प्यूटरीकृत टोमोग्राफी (सीटी) स्कैन – सीटी स्कैन, शरीर के आंतरिक भागों की विस्तृत छवियों को बनाने के लिए उपयोग में लाई जाती है। सीटी स्कैन परीक्षण हड्डियों की समस्याओं, गाउट और सूक्ष्म फ्रैक्चर का का पता लगाने तथा घुटने के दर्द का निदान करने में मदद कर सकता है। पहचान
  • अल्ट्रासाउंड – अल्ट्रासाउंड तकनीक की मदद से घुटने के आन्तरिक भाग और आसपास के नरम ऊतक की वास्तविक छवियों का उत्पादन किया जा सकता है। इस तकनीक में तरंगों का उपयोग किया जाता है। अतः डॉक्टर घुटने से सम्बंधित विशिष्ट समस्याओं की जांच करने के लिए अल्ट्रासाउंड की सिफारिश कर सकता है।
  • चुंबकीय अनुनाद इमेजिंग (MRI) परीक्षण – एक एमआरआई परीक्षण, घुटने के अंदर की 3 डी छवियों को बनाने के लिए रेडियो तरंगों का उपयोग करता है। यह परीक्षण विशेष रूप से नरम ऊतकों जैसे- स्नायुबंधन, टेंडन (Tendons), उपास्थि और मांसपेशियों की चोट का निदान करने में उपयोगी है।

लैब परीक्षण (Lab tests) – घुटने के दर्द के निदान के समय यदि डॉक्टर को संक्रमण या सूजन का संदेह होता है, तो डॉक्टर पीड़ित व्यक्ति को रक्त परीक्षण की सिफारिश कर सकता है।

डॉक्टर द्वारा घुटने का दर्द के निदान के लिए कभी-कभी ऑर्थ्रोसेन्टेसिस (arthrocentesis) प्रक्रिया का उपयोग किया जा सकता है, ऑर्थ्रोसेन्टेसिस (arthrocentesis) प्रक्रिया में एक सुई की मदद से घुटने के जोड़ से तरल पदार्थ की थोड़ी सी मात्रा को निकाला जाता है और प्रयोगशाला परीक्षण के लिए भेजा जाता है। आर्थ्रोटिसिस (arthrocentesis) का उपयोग गाउट, गठिया और सिनोवियल संक्रमण (synovial infections) जैसे- सेप्टिक गठिया (Septic arthritis) के निदान में किया जाता है।

(और पढ़े – एमआरआई स्कैन क्या है कीमत, प्रक्रिया, फायदे और नुकसान…)

घुटनों के दर्द का इलाज – knee pain treatment in Hindi

अनेक स्थितियों में घुटने के दर्द का इलाज स्व-देखभाल और घरेलू उपायों के आधार पर किया जा सकता है। शारीरिक चिकित्सा (Physical therapy) और घुटने के ब्रेसिज़ (knee braces) भी घुटने के दर्द से राहत देने में मदद कर सकते हैं। हालांकि, कुछ मामलों में, घुटने के दर्द के कारणों के आधार पर भिन्न-भिन्न उपचार प्रक्रिया को अपनाया जा सकता है, जैसे

घुटनों के दर्द की दवा – knee pain medicine in Hindi

डॉक्टर दर्द को दूर करने और अंतर्निहित स्थितियों का इलाज करने के लिए दवाओं की सिफारिश कर सकता है, जैसे कि रूमेटाइड गठिया (rheumatoid arthritis) या गाउट। ग्लूकोसामाइन (Glucosamine) और चोंड्रोइटिन (chondroitin) ऑस्टियोआर्थराइटिस की स्थिति में दर्द से राहत प्रदान करने के लिए प्रभावी हो सकती हैं।

(और पढ़े – गठिया का आयुर्वेदिक उपचार…)

घुटनों के दर्द का इंजेक्शन – knee pain Injections in Hindi

कुछ मामलों में डॉक्टर घुटने के दर्द के इलाज में इंजेक्ट भी दे सकते हैं। इंजेक्शन के रूप में उपयोग की जाने वाली दवाओं में निम्न को शामिल किया जा सकता है:

  • कॉर्टिकोस्टेरॉइड (Corticosteroids) – कॉर्टिकोस्टेरॉइड इंजेक्शन गठिया के लक्षणों को कम करने मदद करता है और दर्द से राहत भी प्रदान कर सकता है। इस इंजेक्शन को जोड़ों में इंजेक्ट किया जाता है।
  • हाईऐल्युरोनिक एसिड (Hyaluronic acid) – ह्यलुरोनिक एसिड इंजेक्शन को घुटने में इंजेक्ट किया जा सकता है। यह स्वाभाविक रूप से जोड़ों को चिकनाई देने, गतिशीलता में सुधार करने और दर्द को को कम करने में मदद करता है।
  • प्लेटलेट-रिच प्लाज्मा (Platelet-rich plasma) (PRP) – पीआरपी (PRP) सूजन को कम करने और उपचार प्रक्रिया को बढ़ावा देने के लिए उपयोग किया जाता है। इस तरह का इंजेक्शन टेंडन टीयर्स (tendon tears), मोच या चोट के कारण उत्पन्न होने वाले घुटने के दर्द से सम्बंधित व्यक्तियों के लिए बेहतर तरीके से काम करता है।

घुटने की सर्जरी – knee surgery in Hindi

चोट की अधिक गंभीरता की स्थिति में डॉक्टर द्वारा सर्जरी की सिफारिश की जा सकती है। सर्जिकल प्रक्रियाओं में निम्न को शामिल किया जा सकता है, जैसे:

  • आर्थोस्कोपिक सर्जरी (Arthroscopic surgery) – चोट के आधार पर, डॉक्टर फाइबर-ऑप्टिक कैमरा और लंबे, संकीर्ण उपकरणों का उपयोग करके जोड़ों में क्षति को देखने, अव्यस्थित और क्षतिग्रस्त उपास्थि को हटाने और मरम्मत करने के लिए किया जाता है। इन उपकरणों को घुटने के चारों ओर कुछ छोटे चीरों के माध्यम से अन्दर डाला जाता है।
  • पार्शियल नी रिप्लेसमेंट सर्जरी (Partial knee replacement surgery) – इस प्रक्रिया में, सर्जन इलाज के दौरान घुटने के सबसे क्षतिग्रस्त हिस्से को धातु और प्लास्टिक से बने हिस्सों की मदद से बदल देता है। यह सर्जरी आमतौर पर छोटे-छोटे चीरों की मदद से की जा सकती है, इसलिए अन्य सर्जरी की तुलना में इसमें जल्दी ठीक होने की संभावना रखती है।
  • टोटल नी रिप्लेसमेंट (Total knee replacement) – इस प्रक्रिया का उपयोग तब किया जाता है जब घुटने की उपास्थि पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो जाती है। इस स्थिति में सर्जरी के दौरान क्षतिग्रस्त हड्डी और उपास्थि को जांघ की हड्डी, शिनबोन और घुटने की ऊपरी हड्डी (kneecap) से काट दिया जाता है, और इसे धातु, मिश्र धातु, उच्च श्रेणी के प्लास्टिक और पॉलिमर से बने कृत्रिम जोड़ से रिप्लेस कर दिया जाता है।

घुटने में दर्द के लिए डॉक्टर को कब दिखाना है – When to see a doctor for Knee Pain in Hindi

घुटनों के दर्द से सम्बंधित निम्न प्रकार के लक्षण महसूस होने पर, सम्बंधित व्यक्ति को डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए, जैसे:

  • वजन उठाते समय घुटनों को स्थिर रखने में असमर्थता महसूस होने पर
  • घुटने की सूजन की स्थिति में
  • घुटने को पूरी तरह झुकाने या सीधा करने में असमर्थता महसूस होने पर
  • पैर या घुटने में एक स्पष्ट रूप से विकृति उत्पन्न होने पर
  • घुटने में लालिमा, दर्द और सूजन के अलावा बुखार आने की स्थिति में
  • घुटने में चोट और गंभीर दर्द की स्थिति में, इत्यादि।

(और पढ़े – सूजन के कारण, लक्षण और कम करने के घरेलू उपाय…)

घुटनों के दर्द से बचाव – Knee Pain Prevention in Hindi

हालांकि प्रत्येक स्थिति में घुटने के दर्द को रोकन संभव नहीं होता है, फिर भी कुछ उपाय घुटनों में चोट लगने से बचाव करने और लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं। घुटनों में दर्द के रोकथाम के लिए निम्न उपाय अपनाए जा सकते हैं:

  • एक स्वस्थ वजन बनाए रखें, क्योंकि अधिक वजन जोड़ों पर अतिरिक्त दबाव डालता है, जिससे चोटों और ऑस्टियोआर्थराइटिस का खतरा बढ़ जाता है।
  • खेल प्रक्रियाओं को नियंत्रित रखें, तथा खेलते समय घुटने में किसी भी प्रकार की चोट न लगने दें।
  • सुरक्षित तरीके से खेल या अन्य गतिविधिओं में भाग लें, खेल या गतिविधि में उपयोग की जाने वाली सबसे अच्छी तकनीक और अच्छे मूवमेंट पैटर्न को अपनाये।
  • मांसपेशियों को मजबूत और लचीला बनाने पर जोड़ दें
  • यदि किसी व्यक्ति को ऑस्टियोआर्थराइटिस, पुराने घुटने के दर्द या चोटे की समस्या है, तो इस स्थिति में व्यायाम करने के तरीके को बदलने और उच्च-प्रभाव वाली गतिविधियों को सीमित करने की आवश्यकता हो सकती है।

(और पढ़े – जोड़ों में दर्द का घरेलू उपचार…)

घुटने के दर्द के लिए घरेलू उपचार – knee pain treatment at home in Hindi

घुटनों में दर्द की समस्या का घर पर उपचार करने के लिए निम्न उपाय अपनाये जा सकते हैं, जैसे:

  • पर्याप्त आराम करें, सामान्य गतिविधियों पर रोक लगायें तथा चोट को ठीक होने के लिए समय दें।
  • डेयरी उत्पाद, अम्लीय खाद्य पदार्थ और नाइटशेड सब्जियों (nightshade vegetables) जैसे- टमाटर, आलू और बैंगन इत्यादि से परहेज करें।

घुटनों में दर्द का घरेलू उपचार कम प्रभाव वाले व्यायाम – Ghutno me dard ka gharelu upchar low-impact exercises

घुटनों के दर्द को कम करने तथा आराम प्रदान करने के लिए मध्यम और कम प्रभाव वाले व्यायाम को अपनाये जाने चाहिए, जिससे कि घुटनों के दर्द की गंभीरता को रोकने में मदद मिल सके। मध्यम और कम प्रभाव वाले व्यायाम में साइकिलिंग, ताई ची योग (Tai chi exercise), इत्यादि को शामिल किया जा सकता है।

(और पढ़े – फिट रहने के लिए सबसे अच्छे योग…)

घुटनों के दर्द का उपाय आइस पैक – Ice pack for knee pain in Hindi

घुटनों में दर्द से राहत प्राप्त करने के लिए आइस पैक से घुटने की सिकाई करना एक उत्तम घरेलु उपाय है। इसके लिए बर्फ के टुकड़ों को तौलिया में लपेटकर लगभग 20 मिनट तक प्रभावित क्षेत्र की सिकाई की जानी चाहिए। बर्फ लगाने से घुटने के दर्द और सूजन को कम करने में मदद मिल सकती है।

(और पढ़े – चेहरे पर बर्फ लगाने के फायदे…)

घर पर घुटने के दर्द का उपचार हीट पैक द्वारा – knee pain treat with heat pack in Hindi

घुटने के दर्द से प्रभावित हिस्से पर हीट पैक या गर्म पानी की बोतल से सिकाई करके अस्थायी दर्द से राहत प्राप्त की जा सकती है।

(और पढ़े – गर्म पानी पीने के फायदे और नुकसान…)

घुटने में दर्द के लिए कम्प्रेशन बैंडेज – compression bandage for knee pain in Hindi

घुटनों की सूजन को रोकने तथा कम करने के लिए घुटने को एक कम्प्रेशन बैंडेज से लपेटना चाहिए। ध्यान रहे कि पट्टी को इतना कसकर न लपेटें कि रक्त प्रवाह रुक जाए। इसके अतिरिक्त आराम आराम करते समय अपने पैर को ऊंचा रखें।

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घुटनों के दर्द को कम करे एप्पल साइडर विनेगर – Apple cider vinegar to reduce knee pain in Hindi

ऐप्पल साइडर विनेगर में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो गठिया और अन्य प्रकार के दर्द से राहत प्रदान करने में मदद कर सकता है। अतः इसे जैतून के तेल के साथ मिलाकर प्रभावित स्थान पर मसाज की तरह इस्तमाल किया जा सकता है।

(और पढ़े – सेब के सिरके के फायदे, लाभ, गुण और नुकसान…)

घुटनों के दर्द का घरेलू उपाय काली मिर्च – knee pain home remedies cayenne pepper in Hindi

काली मिर्च में कैप्साइसिन (capsaicin) पाया जाता है, जो प्राकृतिक दर्द निवारक है। अतः घुटनों में दर्द से राहत प्राप्त करने के लिए पीड़ित व्यक्ति जैतून के तेल और दो बड़े चम्मच काली मिर्च को मिलाकर प्रभावित क्षेत्र पर लगा सकते हैं।

(और पढ़े – काली मिर्च के फायदे और नुकसान…)

घुटनों में दर्द का घरेलू उपचार अदरक – Ghutno me dard ka gharelu upay Ginger in Hindi

अदरक, घुटने के दर्द के उपचार के लिए एक सबसे अच्छा घरेलू उपाय है। जब गठिया या मांसपेशियों में खिंचाव के कारण दर्द उत्पन्न होता है, तो कच्चे अदरक का सेवन करना फायदेमंद हो सकता है।

(और पढ़े – अदरक के फायदे, औषधीय गुण, उपयोग और नुकसान…)

घुटनों के दर्द का देसी इलाज नींबू – Ghutno ke dard ka desi ilaj lemon in hindi

नींबू में पाया जाने वाला साइट्रिक एसिड घुटने के दर्द को कम करने का उत्तम घरेलु तरीका है। घुटने के दर्द से पीड़ित व्यक्ति को, नींबू के दो हिस्से करके उसे तिल के तेल (sesame oil) में डुबोकर लगभग 10 मिनट तक दर्द से प्रभावित क्षेत्र पर रगड़ना चाहिए।

(और पढ़े – नींबू के फायदे और नुकसान…)

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Sourabh

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