Kumkumadi Oil Ke Fayde कुमकुमादि तैलम जिसे कुमकुमादि तेल भी कहा जाता है, सबसे प्रसिद्ध आयुर्वेदिक औषधी में से एक है जो त्वचा की देखभाल के लिए बड़े पैमाने पर भारत में उपयोग किया जाता है। कुंकुमादि एक प्राचीन औषधीय है जिसका उपयोग वर्षों से किया जा रहा है। क्या आप कुंकुमादि तेल के फायदे और नुकसान जानना चाहते हैं। कुंकुमादि तेल कई प्रकार की औषधीयों के साथ मिलाकर तैयार किया जाता है। इसलिए कुंकुमादि तेल हमारे स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है। ऐसा माना जाता है कि इस आयुर्वेदिक तेल में लगभग 26 प्रकार की हर्बल जड़ी-बूटीयों का मिश्रण होता है। कुंकुमादि तेल के फायदे विशेष रूप से सौंदर्य प्रसाधन के लिए होते हैं। कुंकुमादि तेल का उपयोग आप अपने चेहरे को गोरा बनाने, दाग-धब्बों को दूर करने, झुर्रियों को हटाने, ब्लैक हेड्स को कम करने आदि के लिए कर सकते हैं।
आज इस आर्टिकल में आप कुंकुमादि तेल के फायदे और उपयोग की जानकारी प्राप्त करेगें।
विषय सूची
1. कुंकुमादि तेल क्या है – Kumkumadi Tel Kya Hai in Hindi
2. कुंकुमादि तेल किस से बनता है – Ingredients of Kumkumadi Tailam in Hindi
3. कुंकुमादि तेल और आयुर्वेद – Kumkumadi Tel aur Ayurveda in Hindi
4. कुंकुमादि तेल का उपयोग कैसे करें – How To Use Kumkumadi Oil in Hindi
5. कुंकुमादि तेल के फायदे – Kumkumadi Tel Ke Fayde in Hindi
6. कुंकुमादि तेल के नुकसान – Kumkumadi Tel Ke Nuksan in Hindi
सौंदर्य प्रयोजनों के लिए कुंकुमादि तेल का व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। लेकिन कुंकुमादि तेल क्या है यह बहुत से लोगों द्वारा पूछा जाता है। कुछ लोग कुंकुमादि तेल को केसर तेल (Saffron Oil) के नाम से भी जानते हैं। इसके अलावा कुंकुमादि तेल के अन्य नामों में कुमकुमादि तैलम आदि नामों से भी जाना जाता है। यह एक हर्बल तेल है जो सदियों से पारंपरिक आयुर्वेदिक उपचार में उपयोग किया जा रहा है। कुमकुमा (Kumkuma) का अर्थ केसर होता है जो कि एक औषधीय तेल है। कुंकुमादि तेल आपके द्वारा उपयोग किये जाने वाले तेलों से अलग होता है। क्योंकि इस तेल बहुत सी सामग्रीयों का समावेश होता है। जिसके कारण इस तेल के औषधीय गुण अन्य सामान्य तेल से कहीं अधिक होते हैं। आइए जाने कुंकुमादि तेल के फायदे और नुकसान क्या हैं।
कुंकुमादि तेल एक विशेष प्रकार का तेल है जिसमें बहुत सी जड़ी बूटीयों का मिश्रण होता है। जानकारों के अनुसार इस तेल को बनाने के लिए लगभग 26 प्रकार की औषधीयों का इस्तेमाल किया जाता है। जिनमें से कुछ औषधियां इस प्रकार हैं।
(और पढ़ें – केसर के फायदे और नुकसान)
परंपरागत रूप से जड़ी-बूटियों के ताजे पिसे हुए चूर्ण को एक कटोरे में मिलाया जाता है। पाउडर में, पानी डाला जाता है, और अच्छी तरह मिलाया जाता है और कुछ घंटों के लिए छोड़ दिया जाता है और तब तक उबला जाता है जब तक कि यह मूल तरल के लगभग एक चौथाई तक कम न हो जाए। कुछ सूत्र, केवल कुछ जड़ी बूटियों को उबालते हैं और दूसरों की जड़ी-बूटियों का पेस्ट बनाते हैं। फिर उन्हें गाय के दूध या बकरियों के दूध और तिल के तेल में किसी एक के साथ मिलाया जाता है और एक बार फिर उबाला जाता है जब तक कि कोई नमी न रह जाए। फिर इसे छानकर बोतल में रख लिया जाता है।
आयुर्वेद में कुंकुमादि तेल को चमत्कारी अमृत के रूप में पहचाना जाता है। इस औषधीय तेल का उपयोग करने पर आपको त्वरित लाभ प्राप्त नहीं होता है। लेकिन नियमित रूप से लंबे समय तक उपयोग करने पर यह निश्चित ही स्थाई लाभ दिलाता है। आयुर्वेद की अवधारणाओं के आधार पर यह शरीर के भीतर और बाहर अशुद्धियों को साफ करते हुए धीमे और निरंतर तरीके से शरीर की समस्याओं को ठीक करता है। इस तरह से आप आयुर्वेदिक लाभ होने के कारण कुंकुमादि तेल का उपयोग कर सकते हैं।
(और पढ़ें – बॉडी को डिटॉक्स (विषैले पदार्थ को बाहर) कैसे करें)
जैसा कि हम जानते हैं कि कुंकुमादि तेल में औषधीय गुण और पोषक तत्वों की उच्च मात्रा होती है। इसलिए इसका उपयोग बहुत ही सावधानी से करना चाहिए। कुंकुमादि तेल का इस्तेमाल करने के लिए कुछ सामान्य से निर्देश इस प्रकार हैं।
जैसा कि आप ऊपर जान चुके हैं कि कुंकुमादि तेल में कई प्रकार की औषधियों का मिश्रण होता है। इसलिए यह हमारे उपयोग के लिए बेहतरीन तेलों में से एक है। कुंकुमादि तेल के फायदे आपकी त्वचा को स्वस्थ रखने में सहायक होते हैं। इस तेल के फायदे इसलिए भी होते हैं क्योंकि इसमें रासायनिक घटक बिल्कुल भी नहीं होते हैं जो त्वचा को नुकसान पहुंचाते हैं। आप अपने चेहरे की त्वचा को युवा और चमकदार बनाने क लिए कुंकुमादि तेल से मालिश भी कर सकते हैं। साथ ही यह उम्र बढ़ने संबंधी लक्षणों को भी आसानी से दूर कर सकता है। आइए जाने कुंकुमादि तेल किस तरह से आपके स्वास्थ और सुंदरता को बढ़ाने में सहायक है।
(और पढ़ें – गर्मियों में चमकदार त्वचा पाने के लिए सौंदर्य टिप्स)
कुंकुमादि तेल कई प्रकार की औषधीयों का मिश्रण होता है। इसमें उपयोग किए जाने वाली अधिकांश जड़ी बूटीयों में एंटी-इंफ्लामेटरी गुण होते हैं। यदि इस तेल के साथ बकरी के दूध का उपयोग किया जाता है तो यह सूजन को अधिक प्रभाविता से रोक सकता है। कुंकुमादि तेल में मिलाएं जाने वाले अधिकांश घटक जैसे बेल, हल्दी, केसर, यूरिया पिक्टा और ब्रिहाती शामिल हैं। इन सभी घटकों के पोषक तत्वों की मौजूदगी के कारण यह एक्जिमा और सोरायसिस जैसी पुरानी सूजन संबंधी समस्याओं का इलाज करने में सफल होता है। इसके अलावा इस तेल से मालिश करने पर गठिया के दर्द और सूजन से भी राहत मिल सकती है। कुंकुमादि तेलम के लाभ प्राप्त करने के लिए गठिया रोगी नियमित रूप से इस तेल से मालिश कर सकते हैं।
(और पढ़ें – सूजन के कारण, लक्षण और कम करने के घरेलू उपाय)
कुंकुमादि तेल में एंटीऑक्सीडेंटों की उच्च मात्रा होने के साथ ही गांभारी (gambhari) नामक तत्व भी मौजूद होता है। कुंकुमादि तेल का उपयोग आपकी प्रतिरक्षा शक्ति को बढ़ाने में सहायक होता है। क्योंकि इस तेल में ल्यूटोलिन और बेंजोइक एसिड भी होता है। इसके अलावा इसमें उपयोग किये जाने वाले तिल के तेल में भी एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं यह तेल अन्य कई पोषक तत्वों का स्रोत होता है। तिल के तेल में आवश्यक फैटी एसिड, विटामिन ई आदि भी होते हैं। जो हानिकारक फ्री रेडिकल्स त्वचा कोशिकाओं की रक्षा करते हैं। नियमित रूप से इस तेल का उपयोग करने पर यह त्वचा कोशिकाओं को पुनर्जीवित करने में मदद करता है। आप इस तेल को अपनी त्वचा में लगा सकते हैं जिससे यह समय से पहले आने वाली झुर्रियों और धब्बों को प्रभावी रूप से दूर कर सकता है।
(और पढ़ें – रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के उपाय
)इस तेल का नियमित उपयोग करने वाले लोगों के अनुसार इस तेल का उपयोग हाइपरपिग्मेंटेशन के उपचार में किया जा सकता है। यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें त्वचा के कुछ हिस्से दूसरे हिस्सों की तुलना गहरे रंग के हो जाते हैं। यह समस्या आपके शरीर के छोटे या बहुत बड़े हिस्से को प्रभावित कर सकती है। हाइपरपिग्मेंटेशन के उपचार के लिए इस तेल पर किसी प्रकार के प्रमाणिक सबूत नहीं हैं। फिर आयुर्वेदिक चिकित्सा में यह उपाय बहुत ही लोकप्रिय है। ऐसा माना जाता है कि अपने शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट गुणों के कारण यह कुमकुमादि के गुण हाइपरपिग्मेंटेशन दूर करने में सक्षम होते हैं।
(और पढ़ें – डार्क स्किन (सांवली स्किन) के लिए मेकअप टिप्स)
आप अपनी त्वचा की सुरक्षा के लिए कुंकुमादि तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं। कुंकुमादि आयल के फायदे आपके लिए प्राकृतिक सनस्क्रीन का काम करते हैं। क्योंकि इसमें केसर और विटामिन ई सहित कई प्रकार के घटक होते हैं। ये सभी घटक त्वचा को सूरज की क्षति से बचाने में मदद करते हैं। कुंकुमादि तेल में एंटीऑक्सीडेंट भी उच्च मात्रा में होते हैं जो त्वचा को यूवी किरणों के नुकसान से बचा सकते हैं। साथ ही कुंकुमादि तेल के औषधीय गुण क्षतिग्रस्त त्वचा के पुनर्जीवित करने में भी मदद करते हैं। अध्ययनों से पता चलता है कि केसर के औषधीय गुण त्वचा के लिए सुरक्षा कवच का काम करते हैं। यदि आप दोपहर में बाहर निकल रहे हैं तो अपने शरीर में कुंकुमादि तेल को लगाकर ही बाहर निकलें। यह तेल त्वचा में सूर्य से होने वाली सभी समस्याओं को रोकने में प्रभावी होता है।
(और पढ़ें – नीम फेस पैक के फायदे, कैसे बनायें और लगाने का तरीका)
यदि आप अपने चेहरे को मुंहासे, ब्लैकहेड्स आदि से मुक्त रखना चाहते हैं तो कुंकुमादि तेल के लाभ ले सकते हैं। प्राचीन समय से ही मुंहासे और अन्य त्वचा संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए आयुर्वेद उपचार में कुंकुमादि तेल का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस तेल के एंटी-इंफ्लामेटरी, जीवाणुरोधी और एंटीऑक्सीडेंट गुण मुंहासों का प्रभावी इलाज करने में मदद करते हैं। आपके चेहरे में मुंहासे आने का प्रमुख कारण अधिक मात्रा में प्राकृतिक तेल का उत्पादन हो सकता है। लेकिन इस तेल का उपयोग त्वचा में मौजूद अतिरिक्त तेल और गंदगी को साफ करने, मृत त्वचा कोशिकाओं को हटाने और त्वचा छिद्रों को बंद होने से रोकता है।
जिससे त्वचा में मुंहासे पैरा करने वाले बैक्टीरिया के विकास को रोका जा सकता है। इस तेल में मौजूद एंटी-इंफ्लामेटरी गुण मुंहासों की सूजन और दर्द को भी प्रभावी रूप से दूर कर सकते हैं। इस तरह से आप कुंकुमादि तेल का इस्तेमाल मुंहासों को दूर करने के लिए कर सकते हैं।
(और पढ़ें – मुंहासे दूर करने का आयुर्वेदिक उपाय)
समय से पहले बुढ़ापे के संकेतों में झुर्रियां आना सबसे आम समस्या है। लेकिन आप कुंकुमादि तेल का प्रयोग कर झुर्रियों से निजात पा सकते हैं। क्योंकि कुंकुमादि तेल में औषधीय जड़ी बूटीयों का उपयोग किया जाता है। इन जड़ी बूटीयों में हल्दी, बरबेरिक, चंदन और केसर भी शामिल हैं। इन घटकों में मौजूद एंटीऑक्सीउेंट त्वचा को गोरा, चमकदार और झुर्रियों मुक्त बनाने में मदद करते हैं। एंटीऑक्सीडेंट की उच्च मात्रा होने के कारण कुंकुमादि तेल समय से पहले आने वाले बुढ़ापे के लक्षणों को प्रभावी रूप से दूर करता है। इस औषधीय तेल का एक और लाभ यह है कि आयुर्वेदिक होने के कारण यह किसी भी प्रकार के गंभीर दुष्प्रभाव नहीं देता है।
(और पढ़ें – भिंडी फेस पैक झुर्रियां खत्म करने के लिए, जानिए कैसे करे प्रयोग)
डार्क सर्कल्स आपकी सुंदरता को कम कर सकते हैं। ये आपकी आंखों के नीचे काले घेरे होते हैं जिनका उपचार करने के लिए आप कुंकुमादि तेल का उपयोग कर सकते हैं। आप कुंकुमादि तेल की 4-5 बूंदें लें और इसे अपनी उंगलियों की सहायता से आंख के आसपास काले घेरों पर लगाएं। इसके बाद लगभग 2-5 मिनिट तक उंगलियों से ही प्रभावित क्षेत्र में हल्की मालिश करें। इस तरह से दोनों आंखों में मालिश करने के बाद अपने चेहरे को गर्म पानी और साबुन से साफ कर लें। अच्छे परिणाम प्राप्त करने के लिए आप इस विधि को दिन में 2 बार दोहराएं। यह आपको कुछ ही दिनों में डार्क सर्कल्स से छुटकारा दिलाने की प्राकृतिक विधि है।
(और पढ़ें – डार्क सर्कल हटाने के आसान तरीके)
सभी लोग अपने चेहरे की त्वचा को गोरा बनाना चाहते हैं। लेकिन अधिकांश लोग अपने चेहरे को गोरा बनाने के लिए रासायनिक उत्पादों का इस्तेमाल करते हैं। जिनके कुछ नुकसान भी हो सकते हैं। लेकिन यदि आप प्राकृतिक रूप से अपने चेहरे को गोरा बनाना चाहते हैं तो कुंकुमादि तेल का इस्तेमाल करें। कुंकुमादि तेल के फायदे आपके चेहरे की त्वचा को गोरा बनाने में प्रभावी होते हैं। इसके अलावा यह आयुर्वेदिक तेल हाइपरपिग्मेंटेशन, ब्लेमिश, काले धब्बे आदि को दूर कर त्वचा की टोन को भी सुधार सकते हैं। जिससे आपको सामान्य से अधिक गोरी त्वचा प्राप्त हो सकती है। इसके अलावा इस तेल के औषधीय गुण त्वचा कोशिकाओं के उचित विकास में भी मदद करते हैं। जिससे त्वचा स्वस्थ, सुंदर और युवा बनी रहती है।
(और पढ़ें – गोरा होने के आसान घरेलू उपाय)
आप अपने चेहरे की मालिश के लिए कुंकुमादि तेल का उपयोग कर सकते हैं। यह सबसे बेहतरीन फेशियल आयल है। अपने चेहरे की मालिश करने के लिए आप इस तेल की 2-3 बूंदे अपने हाथों में लें। इस तेल को अपने चेहरे में लगाएं और अपने चेहरे की हल्के हाथों से मालिश करें। मालिश करने के बाद लगभग 20 मिनिट तक इंतेजार करें और फिर साफ पानी से अपने चेहरे को साफ कर लें। लेकिन यदि आप रात में सोने से पहले इस तेल का उपयोग करें तो यह और अधिक प्रभावी होता है। क्योंकि ऐसा करने से इस तेल के औषधीय गुण पूरी रात आपकी त्वचा का उपचार करते हैं। नियमित रूप से कुछ सप्ताह तक इस तेल का उपयोग करने से आपकी त्वचा की बनावट और रंग में सुधार करता है।
(और पढ़ें – फेस मसाज करने का तरीका और इसके फायदे)
जीवाणुरोधी और एंटीऑक्सीडेंट गुणों की मौजूदगी के कारण कुंकुमादि तेल के फायदे घाव का उपचार करने में प्रभावी होते हैं। यदि आप मामूली घाव, चोट, खरोंच, जलन या कीट के काटने पर परेशान हैं तो इस औषधीय तेल का उपयोग कर सकते हैं। इस तेल में मौजूद एंटी-इंफ्लामेटरी गुण घाव को शांत करने, जलन को कम करने और सूजन को कम करने में सहायक होते हैं। कुंकुमादि तेल में जीवाणुरोधी गुण होने के कारण यह संक्रमण को फैलने से भी रोक सकता है। इस तेल में मौजूद फ्लेवोनॉइड यौगिक आपके घाव और घाव के निशान को जल्दी ठीक करने में मदद करते हैं। इस तरह से आप अपने घाव के उपचार के लिए कुंकुमादि तेल के फायदे प्राप्त कर सकते हैं।
औषधीय उपयोग के लिए इस्तेमाल किये जाने वाले कुंकुमादि तेल के अब तक कोई दुष्प्रभाव ज्ञात नहीं हैं। हालांकि सभी लोगों की त्वचा एक सी नहीं होती है, इसलिए सभी लोगों में इस तेल के प्रभाव कुछ अलग-अलग हो सकते हैं। इसके अलावा कुछ लोगों को इस तेल में उपयोग की जाने वाली कई प्रकार की जड़ी बूटीयों से एलर्जी हो सकती है।
इसी तरह की अन्य जानकारी हिन्दी में पढ़ने के लिए हमारे एंड्रॉएड ऐप को डाउनलोड करने के लिए आप यहां क्लिक करें। और आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर भी फ़ॉलो कर सकते हैं।
Homemade face pack for summer गर्मी आपकी स्किन को ख़राब कर सकती है, जिससे पसीना,…
वर्तमान में अनहेल्दी डाइट और उच्च कोलेस्ट्रॉल युक्त भोजन का सेवन लोगों में बीमारी की…
Skin Pigmentation Face Pack in Hindi हर कोई बेदाग त्वचा पाना चाहता है। पिगमेंटेशन, जिसे…
चेहरे का कालापन या सांवलापन सबसे ज्यादा लोगों की पर्सनालिटी को प्रभावित करता है। ब्लैक…
प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं, जिन्हें पहचान कर आप…
त्वचा पर निखार होना, स्वस्थ त्वचा की पहचान है। हालांकि कई तरह की चीजें हैं,…