Kundru in Hindi कुंदरू का अंग्रेजी नाम आइवी गौर्ड (Ivy gourd or Coccinia grandis) है, यह कद्दू परिवार का एक उष्णकटिबंधीय पौधा है। रक्तप्रवाह में मुक्त कणों को बेअसर करके, इसमें मौजूद एंटीऑक्सिडेंट कोशिकाओं की क्षति को रोकने या धीमा करने में मदद कर सकते हैं। कुंदरू (आइवी लौकी) में फाइटोन्यूट्रिएंट्स, जैसे सैपोनिन, फ्लेवोनोइड्स, और टेरपीनॉइड्स 1 शामिल हैं जो दिल और कैंसर विरोधी लाभ प्रदान करते हैं। यह भारत में एक आम सब्जी के रूप में उपयोग की जाती है।
कुंदरू के फायदे स्वास्थ्य के द्रष्टिकोण से बहुत अधिक होते हैं। इसमें एंटी-ऑक्सीडेंट (Antioxidant) गुण होते हैं। कुंदरू का उपयोग मधुमेह, गोनोरिया और कब्ज आदि समस्याओं को दूर करने में लाभकारी होता है। कुंदरू के फायदे त्वचा के घावों के उपचार में भी उपयोगी होते हैं। वर्तमान में, किसी भी चिकित्सा स्थिति के उपचार में आइवी लौकी के उपयोग का समर्थन करने के लिए बहुत कम शोध है। आइये जानते है कुंदरू खाने के फायदे, उपयोग और नुकसान (Kundru ke fayde Aur Nuksan in Hindi) के बारे में।
विषय सूची
1. कुंदरू क्या है – What is Kundru (Ivy gourd) in Hindi
2. कुंदरू का पौधा – Kundru (Ivy gourd) Plant in hindi
3. कुंदरू का फल – Kundru (Ivy gourd) Fruit in hindi
4. कुंदरू का बीज – Kundru (Ivy gourd) seeds in hindi
5. कुंदरू के पोषक तत्व – Kundru Nutritional Value in Hindi
6. कुंदरू के फायदे – Kundru ke fayde in Hindi
7. कुंदरू खाने के नुकसान – Kundru Khane ke Nuksan in Hindi
यह एक मौसमी सब्जी (Seasonal vegetable) है जो कि हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभकारी होती है। कुंदरू एक बेल का फल है जो कि घर से बाहर किसी पेड़ या झाड़ीयों की सहायता से बढ़ता है। इस फल में इतने पोषक तत्व और खनिज (Nutrients and Minerals) पदार्थ होते हैं कि इस सब्जी का लोग पूरे साल इंतेजार करते हैं। कुंदरू के फायदे सिर्फ सब्जी के रूप में ही नहीं हैं बल्कि इसका उपयोग आयुर्वेदिक औषधी (Ayurvedic Medicines) के रूप में भी किया जाता है।
कुंदरू के पौधे पर्णपाती (deciduous) होते हैं जो कि लंबाई में 3 मीटर तक बढ़ सकते हैं। यह झाड़ीयों की तरह फैलते हुए किसी पेड़ या झाड़ी के सहारे आगे बढ़ता है। इसकी पत्तियां झाड़ी या पेड़ को पूरी तरह से ढक लेतीं हैं। इसके फूल सितारे की तरह होते हैं जिनका रंग सफेद होता है।
इसका फल विशेष रूप से सब्जी के रूप में इस्तेमाल किया जाता है जिसकी लंबाई 2 से ढाई इंच तक हो सकती है। शुरुआत में इस फल का रंग हरा होता है, जैसे जैसे यह फल बढ़ता है इसमें कुछ रेखाओं के निशान आने लगते हैं। जब यह पूरी तरह से पक जाता है तो लाल रंग प्राप्त कर लेता है। इन फलों का आकार अंडाकर होता है।
Kudru कुंदरू के अंदर बहुत सारे बीज होते हैं जो कि वेल को तेजी से फैलाने में मदद करते हैं। क्योंकि कुंदरू के पकने के बाद उनके बीज वहीं गिरकर नये पौधों को जन्म देते हैं। साथ इन बीजों को मनुष्यों और पक्षीयों के द्वारा भी फैलाया जा सकता है।
यह खाद्य सब्जी पोषक तत्वों से भरपूर होने के कारण हमारे लिए बहुत ही उपयोगी होती है। कुंदरू में प्रति 100 ग्राम के अनुसार पोषक तत्व इस प्रकार हैं :
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पोषक तत्वों की अधिकता के कारण कुंदरू को स्वास्थ्य लाभों के लिए प्रमुख रूप से उपयोग किया जाता है। कुंदरू का उपयोग आमतौर पर मधुमेह के लिए किया जाता है, लेकिन कुंदरू अन्य स्वास्थ्य समस्याओं जैसे कि कब्ज (Constipation), दमा, उच्च कोलेस्ट्रॉल, पाचन तंत्र, तंत्रिका तंत्र, पथरी, मोटापा जैसी अन्य समस्याओं को भी प्रभावी रूप से दूर करने में मदद करता है। इस लेख के माध्यम से आज आप कुंदरू (Ivy gourd) के फायदे जानेगें जिन्हें शायद आप अब तक नहीं जानते थे।
कुछ शोध बताते हैं कि कुंदरू में मोटापा-विरोधी (Anti-Obesity) गुण होते हैं। ये गुण प्री-एडीपोसाइट्स (Pre-Adipocytes) को वसा कोशिकाओं में परिवर्तित करने से रोकता है। इस पौधे में चयापचय दर को बढ़ाने की क्षमता भी होती है और साथ ही यह ब्लड शुगर के स्तर को भी कम करने में मदद करता है। इस पौधे में संभावित एंटी-एडीपोजेनिक (Anti-Adipogenic) एजेंट की उपस्थिति मोटापे से प्रेरित चयापच रोगों को कम करने के लिए उपयुक्त हो सकती है।
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पर्याप्त मात्रा में कुंदरू को आहार के रूप में सेवन करना पाचन के लिए लाभदायक होता है। कुंदरू में उपस्थित फाइबर, पोषक तत्व और फाइटोकेमिकल (Phytochemical) पाचन तंत्र को स्वस्थ्य रखने में मदद करते हैं। कुंदरू पाचन एंजाइमों (Digestive Enzymes) की भी मदद करता है इस कारण इसका सेवन करने से यह पाचन संबंधित विभिन्न समस्याओं को दूर करता है जो हमारे लिए बहुत ही लाभकारी होता है।
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मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने में कुंदरू के फायदे बहुत अधिक होते हैं। कुंदरू में उचित (Decent) मात्रा में राइबोफ्लेविन और नियासिन सामग्री होती है जो कि मस्तिष्क से विभिन्न हार्मोन के कामकाज और उनके स्राव से संबंधित होती हैं जो सीधे मूड से संबंधित होते हैं। आमतौर पर यह माना जाता है कि रि राइबोफ्लेविन (Riboflavin) की पर्याप्त मात्रा बाले खाद्य पदार्थों का सेवन कर स्वाभाविक रूप से अवसाद का इलाज किया जा सकता है।
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विटामिन सी, विटामिन बी2, विटामिन बी1 और विटामिन बी3 ये सभी कुंदरू में अच्छी मात्रा में उपलब्ध होते हैं। विटामिन सी और बी प्रतिरक्षा प्रणाली (Immunity system) को बढ़ावा देने के लिए जाने जाते हैं जो स्वस्थ्य जीवन को बनाए रखने में विशेष रूप से महत्वपूर्ण होता है। यदि आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत रहती है तो आपका शरीर बहुत सी बीमारियों को स्वत: ही खत्म कर देता है और आपको विभिन्न प्रकार के संक्रमणों (Infections) से बचाता है। आप भी अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने के लिए कुंदरू का सेवन कर सकते हैं।
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दिल को स्वस्थ्य रखने के लिए कुंदरू एक अच्छा आहार विकल्प होता है क्योंकि इसमें पोटेशियम (Potassium) की उच्च मात्रा मौजूद रहती है। यदि आप इसका नियमित और पर्याप्त मात्रा में सेवन करते हैं तो यह आपके शरीर के लिए आवश्यक कुल पोटेशियम की कमी को पूरा कर सकता है। पोटेशियम दिल को स्वस्थ्य रखने में मदद करता है और दिल के दौरे
और दिल में रक्त संचार के प्रतिबंध (Ischemic) जैसी स्थितियों को रोकता है। यह दिल की गति और रक्त प्रवाह में भी मदद करता है।(और पढ़े – कार्डियक अरेस्ट और हार्ट अटैक में अंतर…)
इस औषधीय फल में कुछ सक्रिय तत्व होते हैं जो सीधे ही यकृत कोशिकओं के कामकाज को सुधारते हैं और डिटॉक्सिफिकेशन (Detoxification) में मदद करते हैं। ये यौगिक शरीर में इंसुलिन उत्पादन को बढ़ावा देने में भी प्रभावी रूप से मदद करते हैं जो ब्लड शुगर के स्तर को कम करने में उपयोगी होते हैं।
आइवी लौकी फाइबर, बी विटामिन और लोहे में समृद्ध है और कभी-कभी कब्ज और रक्त शर्करा को सामान्य करने में मदद कर सकती है। यहाँ वर्तमान शोध में से कुछ कहते हैं:
इस बात के बढ़ते प्रमाण हैं कि कुंदरू मधुमेह के उपचार में सहायता कर सकती है । डायबिटीज केयर में प्रकाशित एक अध्ययन में बताया गया है कि 90 दिनों तक प्रतिदिन लिए जाने वाले 1,000 मिलीग्राम कुंदरू के अर्क में प्लेसबो प्रदान करने वालों की तुलना में 16% और 18% मधुमेह वाले वयस्कों में रक्त शर्करा का स्तर कम हो जाता है ।
कुंदरू रक्त शर्करा के स्तर को कम करने में मदद करता है लेकिन जब आप रक्त शर्करा या कृत्रिम इंसुलिन (Insulin) के लिए दवाओं का सेवन करते हैं तो कुंदरूओं का सेवन नहीं करना चाहिए। इनके सेवन के परिणाम स्वरूप रक्त शर्करा (Blood sugars) आपके शरीर में बहुत ही कम हो सकता है जो कि आपके लिए खतरनाक हो सकता है। इसलिए मधुमेह (Diabetes) को रोकने के लिए आप इसका सेवन कम मात्रा में करें जो कि आपके लिए बहुत ही फायदेमंद होता है।
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तंत्रिका तंत्र (Nervous System) की रक्षा करने और इसे स्वस्थ्य रखने के लिए कुंदरू का सेवन बहुत ही लाभकारी होता है। सब्जी के रूप में उपयोग किये जाने वाले कुंदरूओं में विटामिन बहुत अच्छी मात्रा में होते हैं जो मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र के सुचारू काम के लिए आवश्यक हैं। कुंदरू में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट तंत्रिका तंत्र को मजबूत करने में प्रभावी होते हैं। कुंदरू के फायदे मिर्गी और चिंता जैसी विभिन्न तंत्रिका संबंधि समस्याओं के इलाज में भी होते हैं। इस सब्जी के प्रमुख लाभों में एक अल्जाइमर (Alzheimer’s) की रोकथाम भी है।
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एंटी ऑक्सीडेंट (Anti-Oxidants) की उच्च मात्रा होने के साथ ही कुंदरू में विटामिन सी और बीटा-कैरोटीन होते है जो कैंसर को रोकने में मदद करते हैं। ये तत्व ट्यूमर कोशिकाओं के विकास और उनकी प्रभावशीलता को कम करने के लिए जाने जाते हैं। नियमित आहार के साथ कुंदरू का उपभोग करना यह सुनिश्चित नहीं करता कि आपको कैंसर नहीं होगा, लेकिन यह निश्चित रूप से कैंसर (Cancer) के प्रभाव को कम करने में मदद करता है।
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कैल्शियम (Calcium) की अच्छी मात्रा कुंदरू में मौजूद रहती है। कुछ शोध भी बताते हैं कि आहार के रूप में कैल्शियम लेने पर यह गुर्दे के पत्थरों के गठन को कम कर सकता है। यदि आप अपने शरीर में गुर्दे के पत्थरों (Kidney stone) की संभावनाओं को खत्म करना चाहते हैं तो इसका सबसे अच्छा विकल्प कुंदरू के रूप में होता है जो कि बहुत ही प्रभावी और फायदेमंद होता है। इसके अलावा यह शरीर में पहले से बने हुए गुर्दे के पत्थरों को तोड़ने और उन्हें बाहर निकालने में भी सहायक होता है।
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यह एक औषधीय पौधा है जिसकी जड़, पत्तियां और फल (Leaves and fruits) सभी किसी न किसी समस्या का निदान करने में उपयोग किये जाते हैं। कुष्ठ रोग के उपचार के लिए इन सभी उत्पादों को मिलाकर पेस्ट तैयार किया जाता है और प्रभावित क्षेत्र में इसका इस्तेमाल किया जाता है। बाजार में इस समस्या से संबंधित बहुत सी दवाएं उपलब्ध हैं लेकिन कुंदरू सबसे प्रभावी और प्राकृतिक उपचार माना जाता है। यह जीवाणु संक्रमण के विरूध एंटीबायोटिक (Antibiotic) के रूप में भी अच्छी तरह से काम करता है।
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थायमिन (Thiamine) एक पोषक तत्व है जो कार्बोहाइड्रेट को गलूकोज में परिवर्तित करता है। यह शरीर में उच्च ऊर्जा को बनाए रखता है और चयापच को नियंत्रित करता है। कुंदरू का सेवन करने पर इसमें उपस्थित थायमिन रक्त प्लाज्मा (Blood Plasma) में प्रवेश करता है और अधिक ऊर्जा उत्पन्न करने में मदद करता है। यह पोषक तत्व लाल रक्त कोशिकओं का निर्माण करने में भी मदद करता है। आप अपने शरीर की ताकत को और अधिक बढ़ाने (Energy-Boosting) के लिए इस सब्जी का उपयोग कर सकते हैं जो बहुत सी बीमारियों को भी ठीक करता है।
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एंटी-इंन्फ्लामेट्री (Anti-inflammatory) गुणों की उपस्थिति के कारण कुंदरू त्वचा को स्वस्थ्य रखने और इससे संबंधित समस्याओं का निदान करने में मदद करती है। इसमें एंटीमाइक्रोबायल (Antimicrobial) गुण भी मौजूद रहते हैं जो त्वचा को स्वस्थ्य रखने में सहायक होते हैं। आप इस सब्जी को नियमित रूप से साप्ताहिक सब्जी के रूप में उपयोग कर सकते हैं जो विभिन्न बीमारियों के साथ साथ आपकी त्वचा को भी स्वस्थ्य रखता है।
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जब भोजन के लिए इसका उपयोग किया जाता है, तो कुंदरू को पौष्टिक माना जाता है लेकिन इसके कुछ बुरे प्रभाव भी होते हैं। औषधीय उपयोग के लिए कुंदरू के फायदे बहुत अधिक होते हैं। इस पौधे के सभी भागों का उपयोग कुछ विशेष प्रकार की दवाओं के निर्माण में किया जाता है। यदि इसका सेवन कम मात्रा में किया जाता है तो इसके कोई नुकसान नहीं होते हैं लेकिन अधिक मात्रा में सेवन करने पर और कुछ विशेष परिस्थितियों पर इसके नुकसान भी हो सकते हैं जो इस प्रकार हैं :
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