Protein Deficiency In Hindi जानिए क्यों नहीं होनी चाहिए प्रोटीन की कमी। प्रोटीन मानव शरीर के लिए एक आवश्यक पोषक पदार्थों में से एक है। इसे मानव शरीर में कोशिकाओं की संरचनात्मक इकाई के रूप में भी जाना जाता है, क्योंकि मांसपेशियां, त्वचा, बाल, हड्डियां और रक्त लगभग प्रोटीन से बने होते हैं। मानव शरीर को फिट एवं स्वास्थ्य रखने तथा मांसपेशियां को मजबूत करने के लिए प्रोटीन बहुत ही आवश्यक होता है। शरीर के लिए अन्य पोषक तत्वों की तरह, प्रोटीन भी एक अनिवार्य घटक है। प्रोटीन की कमी होने पर आपको सेहत से जुड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। प्रोटीन की कमी होने पर शरीर में एनर्जी कम होने लगती है, बाल झड़ने लगते हैं, नाखून कमजोर हो जाते हैं, वजन कम होने लगता है, कमजोरी महसूस होना, चोट या जख्म जल्दी ठीक नहीं होते।
अतः आज के लेख के माध्यम से आप जानेंगे कि शरीर में प्रोटीन की कमी होने पर कौन कौन से लक्षण और संकेत दिखाई देते हैं।
पर्याप्त मात्रा शरीर को प्रोटीन प्राप्त न होने पर, जोड़ों तथा मांसपेशियों में दर्द होता है। पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन का सेवन न करने से जोड़ों में उपस्थित तरल पदार्थ का निर्माण कम होने लगता है, जिससे लचीलापन कम हो जाता है और जोड़ों में अकड़न के साथ मांसपेशियों में भी दर्द की समस्या भी बढ़ जाती है। अतः मांसपेशियों को उचित पोषण प्रदान करने के लिए प्रोटीन की उचित खुराक को प्राप्त करना आवश्यक होता है। अतः प्रत्येक व्यक्ति को उचित मात्रा में प्रोटीन युक्त आहार के सेवन पर ध्यान देना चाहिए।
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शरीर में प्रोटीन की कमी से रक्त में सफेद रक्त कोशिकाओं (white blood cells) की संख्या कम होती जाती है तथा साथ ही साथ हीमाग्लोबिन भी कम हो सकता है। जिसके परिणामस्वरूप रोग प्रतिरोधक क्षमता को नुकसान पहुँचता है। यदि शरीर में लम्बे समय तक हीमोग्लोबिन की कमी, कुपोषण का कारण बन सकती है। अतः शरीर में प्रोटीन की कमी न होने दें तथा इसके लक्षण दिखाई देने पर तुरंत चिकित्सकीय सहायता प्राप्त करें।
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शरीर में उपस्थित मांसपेशियां, प्रोटीन का सबसे बड़ा भंडार होती हैं। जब आहार के माध्यम से शरीर में प्रोटीन की आपूर्ति कम होती है, तो शारीरिक कार्यों को करने तथा अधिक महत्वपूर्ण ऊतकों को संरक्षित रखने के लिए मानव शरीर मांसपेशियों से प्रोटीन ग्रहण करता है। जिसके परिणामस्वरूप प्रोटीन की कमी के कारण मांसपेशियां नष्ट होने लगती हैं। यहां तक कि अपर्याप्तता या मध्यम प्रोटीन का सेवन भी मांसपेशियों की हानि के लिए उत्तरदाई हो सकता है।
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प्रोटीन की कमी, प्रतिरक्षा प्रणाली पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है। प्रतिरक्षा में कमी के कारण संक्रमण का जोखिम बढ़ जाता है तथा इसकी जटिलताओं में भी वृद्धि कर सकता है, यह समस्या गंभीर रूप से प्रोटीन में कमी का एक सामान्य लक्षण है। बहुत कम प्रोटीन युक्त आहार के सेवन से, शरीर में संक्रमण से लड़ने की क्षमता कम हो सकती है, जिसके कारण सम्बंधित व्यक्ति सर्दी, इन्फ्लूएंजा तथा अन्य संक्रमणों का शिकार हो सकता है।
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एनीमिया (Anemia) एक ऐसी स्थिति है, जिसमें मानव शरीर लाल रक्त कोशिकाओं का पर्याप्त मात्रा में उत्पादन करने में असफल रहता है। प्रोटीन की कमी होने पर लाल रक्त कोशिकाओं का पर्याप्त उत्पादन नहीं हो पाता है, जिससे एनीमिया का खतरा बढ़ जाता है। प्रोटीन की कमी के परिणामस्वरूप शरीर में विटामिन बी 12 और फोलेट की कमी होने का भी खतरा होता है। प्रोटीन की कमी, रक्तचाप को कम कर व्यक्ति को थकावट से ग्रस्त कर सकती है। अतः व्यक्तिओं को उचित मात्रा में प्रोटीन के सेवन पर ध्यान देना चाहिए।
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त्वचा और नाखून की समस्या प्रोटीन की कमी का संकेत हो सकती हैं। प्रोटीन की कमी के परिणामस्वरूप सम्बंधित व्यक्ति के नाखून कमजोर, भंगुर तथा अनियमित आकार के हो सकते हैं तथा कुछ मामलों में नाखूनों पर सफेद बैंड या भूरे धब्बे दिखाई देने लगते हैं।
मानव शरीर में प्रोटीन, कोशिकाओं के पुनर्निर्माण के कार्य को सक्षम बनाता है और मृत कोशिकाओं को हटाकर स्थान ग्रहण करता है। शरीर में प्रोटीन की कमी त्वचा को काफी हद तक प्रभावित कर सकती है। प्रोटीन की कमी के परिणामस्वरूप रुखी तथा परतदार त्वचा, त्वचा पर लाली और पैच (patches) के उत्पन्न होने के साथ-साथ सौंदर्यता में गिरावट इत्यादि लक्षण प्रगट होते हैं।
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शरीर के बाल लगभग 90% प्रोटीन से बने होते हैं जिन्हें इस प्रोटीन को केराटिन (keratin) के रूप में जाना जाता है। अतः प्रोटीन बालों का एक महत्वपूर्ण घटक है, जो लंबे और मजबूत बालों के विकास को बढ़ावा देता है। जब शरीर में पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन की कमी होती हैं तो बालों से सम्बंधित समस्याएं उत्पन्न होने लगती हैं जिसके अंतर्गत बालों का पतला होना, रंग फीका पड़ना तथा कमजोर और भंगुर होकर गिरना आदि को शामिल किया जा सकता है।
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वसायुक्त यकृत (Fatty liver) या यकृत कोशिकाओं में वसा का जमाव, क्वाशियोरकर (Kwashiorkor) नामक समस्या का एक सामान्य लक्षण है।
वसायुक्त यकृत प्रोटीन की कमी के सबसे आम लक्षणों में से एक है और यदि इस समस्या का इलाज न किया जाये तो यह अनेक रोगों के विकसित होने का कारण बन सकती है, जिसके अंतर्गत सूजन, लीवर स्केरिंग (liver scarring) और यकृत की विफलता (liver failure) आदि को शामिल किया जा सकता है। यद्यपि यह स्पष्ट नहीं है कि वसायुक्त यकृत (Fatty liver), प्रोटीन की कमी के कारण क्यों होता है, लेकिन अध्ययनों से पता चला है कि लिपोप्रोटीन का संश्लेषण इस स्थिति में योगदान कर सकता है।
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प्रोटीन की कमी केवल शरीर के ऊतकों और मांसपेशियों को प्रभावित नहीं करती है, बल्कि हड्डियों के फ्रैक्चर होने के उच्च जोखिमों का कारण भी बनती है। व्यक्ति द्वारा पर्याप्त प्रोटीन का सेवन नहीं करने से हड्डियां कमजोर हो जाती हैं और फ्रैक्चर का खतरा बढ़ जाता है। रजोनिवृत्ति महिलाओं में, एक अध्ययन से पाया गया कि उच्च प्रोटीन का सेवन हिप फ्रैक्चर (hip fractures) के जोखिम को कम कर देता है।
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एंटीबॉडी (antibodies) के निर्माण और प्रतिरक्षा प्रणाली (immune system) को मजबूत बनाने की दृष्टि से प्रोटीन शरीर के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। इसलिए जब भी कोई व्यक्ति प्रोटीन की कमी से पीड़ित होता है, तो प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है और सम्बंधित व्यक्ति को ठंड से पीड़ित होने का खतरा बढ़ जाता है,अर्थात उस व्यक्ति को ठंड (cold) बार-बार होती है।
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शरीर में प्रोटीन की कमी होने से रक्त में शर्करा का स्तर कम हो जाता है, जिससे व्यक्ति को शारीरिक कमजोरी महसूस होने के साथ ही थकावट और अन्य परेशानियां उत्पन्न होती हैं। इसके अलावा प्रोटीन की कमी, बार-बार भूख लगने का कारण भी बन सकती है। अतः जो व्यक्ति कठिन मेहनत करने वाले होते हैं, और समुचित मात्रा में प्रोटीन का सेवन नहीं करते हैं, तो यह स्थिति उन व्यक्तियों के लिए अनेक परेशानी का कारण बन सकती है। इसलिये प्रत्येक व्यक्ति को यह ध्यान रखना चाहिए कि शरीर में प्रोटीन की कमी न होने पाये।
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एडिमा (Edema), त्वचा की अस्पष्ट सूजन से सम्बंधित चिकित्सकीय स्थिति है। यह स्थिति प्रोटीन की कमी होने का संकेत या लक्षण होती है। जब मानव रक्त के एल्ब्यूमिन (albumin’s) स्तर में कमी आती है, तो द्रव ऊतकों में जमा हो जाता है, जिससे सूजन उत्पन्न होती है। एडिमा गंभीर रूप से प्रोटीन की कमी का संकेत है, इसलिए जब भी कोई व्यक्ति इस लक्षण को प्रगट करता है, तो उसे तुरंत ही प्रोटीन के स्तर की जाँच करानी चाहिए और चिकित्सकीय सहायता प्राप्त करनी चाहिए।
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