Lactose intolerance in Hindi लैक्टोज असहिष्णुता मतलब दूध की एलर्जी एक आम समस्या है, जो किसी भी उम्र में व्यक्तियों को परेशान कर सकती हैं। यह समस्या लैक्टोज युक्त डेयरी उत्पादों के सेवन पर दस्त, सूजन, पेट दर्द और पेट फूलने का कारण बनती है। इस समस्या से सम्बंधित व्यक्ति का शरीर लैक्टोज तोड़ने में असमर्थ होता है। यह समस्या बच्चों में बहुत सामान्य है, जो कि अस्थाई होती है। लेकिन वयस्कों में लैक्टोज इनटॉलेरेंस की समस्या समय के साथ गंभीर तथा स्थाई हो सकती है। अतः प्रत्येक व्यक्ति को इस समस्या से राहत पाने के लिए उचित कदम उठाने चाहिए।
आज के इस लेख में आप जानेंगे कि लैक्टोज असहिष्णुता (Lactose intolerance) क्या है, इसके लक्षण, कारण और जोखिम कारक क्या हैं, तथा इसके निदान, उपचार, रोकथाम के लिए क्या कदम उठाये जा सकते हैं।
लैक्टोज इनटॉलेरेंस (Lactose intolerance) एक पाचन सम्बन्धी विकार है, जिसका सम्बन्ध डेयरी उत्पादों में पाए जाने वाले मुख्य कार्बोहाइड्रेट, लैक्टोज (lactose) को पचाने में असमर्थता से है। यह समस्या सूजन (bloating), दस्त (diarrhea) और पेट में ऐंठन (abdominal cramps) सहित विभिन्न लक्षण को पैदा कर सकती है।
लैक्टोज असहिष्णुता वाले व्यक्तियों में लैक्टेज एंजाइम (lactase enzyme) का उत्पादन नहीं होता है, यह लैक्टेज एंजाइम, लैक्टोज नामक शर्करा को पचाने के लिए आवश्यक होता है।
लैक्टोज इनटॉलेरेंस से प्रभावित व्यक्ति दूध में उपस्थित चीनी अर्थात लैक्टोज को पूरी तरह से पचाने में असमर्थ होते हैं। जिसके कारण उनके द्वारा डेयरी उत्पादों के सेवन के बाद दस्त, गैस और सूजन जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इस स्थिति को लैक्टोज मैलाबॉस्पशन (lactose malabsorption) भी कहा जाता है, आमतौर पर यह स्थिति हानिकारक नहीं है, लेकिन इसके लक्षण असुविधाजनक हो सकते हैं।
बहुत से लोगों में लैक्टेज के निम्न स्तर पाए जाते हैं, लेकिन वे व्यक्ति बिना किसी समस्या के दूध उत्पादों को पचाने में समर्थ होते हैं। अतः लैक्टोज (lactase) की कमी से डेयरी खाद्य पदार्थ खाने के बाद लक्षण प्रगट होने की स्थिति ही लैक्टोज असहिष्णुता (Lactose intolerance) को प्रगट करती है।
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लैक्टोज एक डाईसैकेराइड (disaccharide) कार्बोहाइड्रेट है, जिसका अर्थ है कि इसमें दो शर्करा (sugars) या मोनोसैकराइड इकाइयाँ उपस्थित होती हैं। लैक्टोज अपघटित होकर ग्लूकोज और गैलेक्टोज (galactose) के अणु बनता है।
लैक्टोज को ग्लूकोज और गैलेक्टोज में तोड़ने का काम लैक्टेज एंजाइम (lactase enzyme) करता है। उत्पन्न हुए ग्लूकोज और गैलेक्टोज (galactose) को रक्त प्रवाह में अवशोषित कर लिया जाता है और शरीर को ऊर्जा प्रदान करने के लिए उपयोग में लाया जाता है।
लैक्टोज मुख्य रूप से दूध में पाई जाने वाली शुगर है। अतः जब मानव शरीर कम मात्रा में लैक्टेज एंजाइम (lactase enzyme) का उत्पादन करता है, तो यह लैक्टोज को तोड़ने में असमर्थ होता है। इस स्थित को ही लैक्टोज असहिष्णुता (Lactose intolerance) के नाम से जाना जाता है। स्तनपान में लैक्टोज पाया जाता है, और लगभग प्रत्येक बच्चा इसे पचाने की क्षमता रखता है। पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों में लैक्टोज इनटॉलेरेंस (Lactose intolerance) की समस्या बहुत दुर्लभ है।
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लैक्टोज असहिष्णुता (Lactose intolerance) की स्थिति में इससे सम्बंधित संकेत और लक्षण, आमतौर पर लैक्टोज युक्त खाद्य पदार्थ को खाने या पीने के 30 मिनट से दो घंटे के बाद शुरू होते हैं। लैक्टोज असहिष्णुता के संकेत और लक्षण स्थिति की गंभीरता, डेयरी उत्पादों की मात्रा और सम्बंधित व्यक्ति की सहनशीलता पर निर्भर करते हैं। इसके सामान्य संकेतो और लक्षणों में शामिल हैं:
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लैक्टोज इनटॉलेरेंस (lactose intolerance) का मुख्य कारण शरीर द्वारा लैक्टेज एंजाइम का कम उत्पादन या उत्पादन न करना है। अर्थात जब छोटी आंत दूध में उपस्थित शर्करा (लैक्टोज) को पचाने के लिए पर्याप्त एंजाइम (लैक्टेज) का उत्पादन नहीं करती है, तब यह स्थिति लैक्टोज असहिष्णुता (lactose intolerance) का कारण बनती है। अतः शरीर द्वारा लैक्टेज के उत्पादन में कमी के कारण भोजन में उपस्थित लैक्टोज सीधे कोलन में चला जाता है। कोलन में यह सामान्य बैक्टीरिया के साथ मिश्रित हो जाता है, जिससे लैक्टोज असहिष्णुता (Lactose intolerance) के लक्षण प्रगट होते हैं। लैक्टोज असहिष्णुता के कारण इसके प्रकारों पर निर्भर करते हैं।
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मुख्य रूप से लैक्टोज असहिष्णुता (lactose intolerance) के चार प्रकार हैं, और इन सभी के अलग-अलग कारण हैं।
प्राथमिक लैक्टोज असहिष्णुता (Primary Lactose Intolerance) – प्राथमिक लैक्टोज असहिष्णुता (Primary Lactose Intolerance) सबसे सामान्य है। यह उम्र के साथ लैक्टेज उत्पादन में कमी के कारण उत्पन्न होती है। इस प्रकार की लैक्टोज असहिष्णुता आंशिक रूप से जीन (genes) के कारण उत्पन्न हो सकती है ।
माध्यमिक लैक्टोज असहिष्णुता (Secondary Lactose Intolerance) – माध्यमिक लैक्टोज असहिष्णुता एक दुर्लभ विकार है। इस प्रकार की लैक्टोज असहिष्णुता (lactose intolerance) तब होता है, जब बीमारी, चोट या सर्जरी के बाद छोटी आंत के द्वारा लैक्टेज उत्पादन में कमी आती है। माध्यमिक लैक्टोज असहिष्णुता से जुड़ी बीमारियों में सेलेक रोग (celiac disease), जीवाणु अतिप्रवाह (bacterial overgrowth) और क्रोहन रोग (Crohn’s disease) शामिल हैं। इन स्थितियों में आंत की दीवार में सूजन, लैक्टेज उत्पादन में अस्थायी रूप से कमी का कारण बन सकती है।
विकासशील लैक्टोज असहिष्णुता (Developmental lactose intolerance) – विकासशील लैक्टोज असहिष्णुता (Developmental lactose intolerance) उन बच्चों में उत्पन्न होती है, जो समय से पहले पैदा होते हैं। यह बीमारी आमतौर पर जन्म के बाद थोड़े समय के लिए उत्पन्न होती है एवं कुछ समय बाद स्थायी रूप से दूर हो जाती है।
जन्मजात लैक्टोज असहिष्णुता (Congenital lactose intolerance) – जन्मजात लैक्टोज असहिष्णुता (Congenital lactose intolerances) बहुत ही दुर्लभ होती है। यह तब उत्पन्न होती है, जब जन्म से ही छोटी आंत के द्वारा लैक्टेज का उत्पादन नहीं किया जाता है। यह एक अनुवांशिक विकार है, और माता-पिता द्वारा जीन के माध्यम से अपने बच्चों को स्थानांतरित किया जाता है।
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व्यक्तियों या बच्चों के लिए लैक्टोज इनटॉलेरेंस (lactose intolerance) के जोखिम को बढाने वाले कारक निम्न हैं:
बढ़ती उम्र (Increasing age) – लैक्टोज असहिष्णुता (lactose intolerance) आमतौर पर बढती उम्र के साथ वयस्कता में दिखाई देती है। शिशुओं और छोटे बच्चों में बढती उम्र के साथ यह स्थिति असामान्य है।
समय से पहले जन्म (Premature birth) – समय से पहले जन्म लेने वाले शिशुओं में लैक्टेज के स्तर में कमी देखी जा सकती है, क्योंकि छोटी आंत लैक्टेज उत्पादक कोशिकाओं को विकसित नहीं कर पाती हैं।
छोटी आंत को प्रभावित करने वाले रोग (diseases affecting the small intestine) – छोटी आंत से सम्बंधित समस्याएं, लैक्टोज असहिष्णुता का कारण बन सकती हैं। उनमें बैक्टीरियल ओवरग्राउथ (bacterial overgrowth), उदर संबंधी रोग (celiac disease) और क्रोहन रोग (Crohn’s disease) शामिल हैं।
कुछ कैंसर उपचार (cancer treatments) – यदि किसी व्यक्ति को पेट में कैंसर का उपचार करने के लिए विकिरण चिकित्सा का सामना करना पड़ा है या कीमोथेरेपी का सामना किया है, तो उस व्यक्ति को लैक्टोज असहिष्णुता (lactose intolerance) का खतरा बढ़ जाता है।
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डॉक्टर, मरीज के लक्षणों तथा आहार में डेयरी खाद्य पदार्थों की मात्रा को कम करने पर शरीर द्वारा की जाने वाली प्रतिक्रिया को देखते हुए लैक्टोज असहिष्णुता का निदान कर सकता है। कुछ स्थिति में लैक्टोज असहिष्णुता (lactose intolerance) की स्थिति का निदान करने के लिए डॉक्टर निम्न परीक्षणों की सिफारिश कर सकता है:
लैक्टोज सहिष्णुता परीक्षण (Lactose tolerance test) – लैक्टोज सहिष्णुता परीक्षण (Lactose tolerance test) का सम्बन्ध तरल पदार्थ के सेवन पर शरीर के द्वारा की जाने वाली प्रतिक्रिया से है। इस तरल पदार्थ में लैक्टोज के उच्च स्तर पाए जाते हैं। इस परीक्षण के तहत मरीज के द्वारा शर्करा युक्त तरल पीने के दो घंटे बाद, रक्त के नमूने में ग्लूकोज की मात्रा को मापने के लिए रक्त परीक्षण किया जाता है। यदि ग्लूकोज का स्तर सामान्य पाया जाता है, तो इसका मतलब है कि शरीर लैक्टोज को ठीक से पचाने और अवशोषित करने में समर्थ नहीं है।
हाइड्रोजन सांस परीक्षण (Hydrogen breath test) – हाइड्रोजन सांस परीक्षण (Hydrogen breath test), लैक्टोज इनटॉलेरेंस (lactose intolerance) का निदान करने के लिए प्रयोग की जाने वाली एक विधि है। यह परीक्षण, कोलन में असामान्य बैक्टीरिया की मौजूदगी का निर्धारण करता है।
इस परीक्षण में लैक्टोज के उच्च स्तर युक्त एक तरल पीना की आवश्यकता होती है। इस परीक्षण में लगभग 2 घंटे का समय लगता है प्रत्येक 15 मिनिट के नियमित अंतराल से डॉक्टर मरीज की सांस में हाइड्रोजन की मात्रा को मापता है। यदि शरीर लैक्टोज का पाचन नहीं करता है, तो यह कोलन में जाता है और बैक्टीरिया द्वारा किण्वित (fermented) किया जाता है। जिसके परिणामस्वरूप हाइड्रोजन और अन्य गैसों का उत्पादन होता है। अतः सांस परीक्षण के दौरान मापी जाने वाली हाइड्रोजन की मात्रा लैक्टोज के अपच का संकेत देती है।
मल अम्लता परीक्षण (Stool acidity test) – यह परीक्षण खासतौर पर शिशुओं और बच्चों के लिए प्रयोग में लाया जाता है, क्योंकि वे अन्य परीक्षणों से गुजर नहीं सकते हैं। अवांछित लैक्टोज के किण्वन के दौरान लैक्टिक एसिड और अन्य एसिड का निर्माण होता है, जिनकी मात्र को मल अम्लता परीक्षण (Stool acidity test) का उपयोग कर मल के नमूने से ज्ञात किया जा जा सकता है।
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आमतौर पर शरीर में लैक्टेज के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए कोई चिकित्सकीय इलाज नहीं है, लेकिन लैक्टोज असहिष्णुता (Lactose intolerance) की असुविधा से बचने के लिए कुछ उपाय अपनाये जा सकते हैं तथा डॉक्टर द्वारा कुछ दवाओं की सिफारिश भी की जा सकती है, जैसे:
एंजाइम सप्लीमेंट (Enzyme Supplements) – लैक्टोज पचाने में मदद करने के लिए कुछ एंजाइम सप्लीमेंट की सिफारिश की जा सकती है। ये सप्लीमेंट गोलियों के रूप में या तरल के रूप में उपस्थित हो सकती हैं। एंजाइम सप्लीमेंट की प्रभावशीलता व्यक्ति की शारीरिक और स्वास्थ्य स्थिति के अनुसार अलग-अलग होती है। कुछ व्यक्तियों के लिए लैक्टेज एंजाइम सप्लीमेंट, लैक्टोज असहिष्णुता (Lactose intolerance) का प्रभावी ढंग से इलाज करने के लिए उपयोगी हो सकता है।
प्रोबायोटिक और प्रीबायोटिक्स (Probiotics and Prebiotics) – प्रोबायोटिक (Probiotics) सूक्ष्मजीव होते हैं जो स्वास्थ्य लाभ प्रदान करने के लिए उपयोगी होते हैं। यह आंतों में मौजूद रहते हैं तथा स्वस्थ पाचन तंत्र को बनाए रखने में मदद करते हैं। प्रीबायोटिक्स फाइबर (fiber) के प्रकार होते हैं, जो शरीर के अन्दर स्वस्थ बैक्टीरिया का पोषण करते हैं। प्रोबायोटिक और प्रीबायोटिक्स दोनों को लैक्टोज असहिष्णुता (Lactose intolerance) के लक्षणों को कम करने के लिए प्रभावी माना जाता है।
अतः डॉक्टर लैक्टोज इनटॉलेरेंस (Lactose intolerance) वाले व्यक्तियों का इलाज करने के लिए कुछ प्रोबायोटिक और प्रीबायोटिक दवाओं की सिफारिश कर सकता है।
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लैक्टोज असहिष्णुता (Lactose intolerance) की रोकथाम के लिए निम्न उपाय अपनाये जा सकते हैं:
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यदि किसी उत्पाद में लैक्टिक एसिड, लैक्टलबुमिन (lactalbumin) लैक्टेट या कैसीन (casein) पाया जाता है, ये अवयव लैक्टोज नहीं होते हैं। अतः इन उत्पादों को लैक्टोज असहिष्णुता आहार (Lactose intolerance dite) में शामिल किया जा सकता है। अतः लैक्टोज असहिष्णुता के स्थिति में डेयरी उत्पादों में कमी करने के बाद विटामिन डी और कैल्शियम की खुराक लेने के बारे में डॉक्टर से बात करनी चाहिए। कुछ आहार ऐसे भी है जिनका सेवन लैक्टोज असहिष्णुता की स्थिति में फायदेमंद हो सकता है, जैसे:
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लैक्टोज असहिष्णुता (Lactose intolerance) की स्थिति में लैक्टोज युक्त डेयरी उत्पादों और फलों के सेवन को सीमित करने की सलाह दी जा सकती है अतः निम्नलिखित डेयरी उत्पादों के सेवन से परहेज करने की आवश्यकता होती है:
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