Lajwanti Ke Fayde aur nuksan in Hindi लाजवंती या छुईमुई के पौधे का वैज्ञानिक नाम मिमोसा पुडिका (Mimosa pudica) है। लाजवंती पौधे की पत्तियों और बीज के फायदे और स्वास्थ्य लाभ होने के कारण इसे जड़ी-बूटीयों की श्रेणी में रखा जाता है। यह एक बारहमासी पौधा है जिसका उपयोग बहुत सी स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने के लिए किया जाता है। इस पौधे की शर्मीली प्रकृति के कारण यह बहुत ही लोकप्रिय है। क्योंकि इस पौधे को छूने से यह पौधा एकदम शांत हो जाता है। इस कारण ही इसे संवेदनशील पौधा या टच मी नॉट प्लांट भी कहा जाता है। इस पौधे के फायदे मधुमेह को ठीक करने, रक्तचाप को नियंत्रित करने, यौन स्वास्थ्य को बढ़ावा देने, बालों को स्वस्थ्य बनाने, गठिया और अस्थमा आदि का इलाज करने के लिए जाने जाते हैं। आइये विस्तार से जाने लाजवंती के फायदे और लाजवंती से संबंधित अन्य जानकारी के बारे में।
1. लाजवंती का पौधा – Lajwanti plant in Hindi
2. लाजवंती के फायदे इन हिंदी – Lajwanti Ke Fayde in Hindi
3. लाजवंती की खुराक – Sensitive Plant Dose in Hindi
4. लाजवंती के नुकसान – Lajwanti ke nuksan in hindi
छुई मुई का पौधा एक प्रकार की बारहमासी झाड़ी है जो कि ऊंचाई में बहुत ही कम बढ़ती है। इस झाड़ी में कांटे होते हैं। इस पौधे की ऊंचाई लगभग 15-100 सेमी होती है। इस प्रकार के पौधे आपको अक्सर सड़क के किनारे, चारागाहों या खेतों में देखने को मिल सकते हैं। इसकी जड़े पतली और वेलनाकार होती हैं। इस पौधे की मोटाई लगभग 2 सेमी. तक हो सकती है। इसके पत्ते छोटे-छोटे होते हैं जो शाखओं के दोनो ओर होते हैं। यह पौधा औषधीय गुणों से भरपूर होता है।
एक अलग ही प्रकृति वाले इस दिलचस्प पौधे में बहुत से पोषक तत्व होते हैं। अपने विशेष गुणों के कारण ही इसे संवेदनशील पौधे के नाम से जाना जाता है। इसके अलावा इस पौधे को भारत में छुई-मुई के नाम से भी पुकारते हैं। इस पौधे में बहुत से स्वास्थ्य लाभ छिपे हुए हैं। इस लेख में हम लाजवंती से प्राप्त होने वाले स्वास्थ्य लाभों के बारे में जानेगें। आइये जाने यह हमें किस प्रकार लाभ पहुंचाता है।
छुई-मुई पौधे को भारत के कई हिस्सों में मधुमेह उपचार के लिए उपयोग किया जाता है। यह औषधीय जड़ी-बूटी है जो मधुमेह का प्रभावी इलाज कर सकती है। इस पौधे की पत्तियों और जड़ों के साथ इथेनॉलिक और पेट्रोलियम ईथर का उपयोग करके अध्ययन किया गया। इस अध्ययन से पता चलता है कि यह शरीर में रक्त शर्करा के उच्च स्तर को नियंत्रित कर सकता है। यदि आप उच्च रक्त शर्करा से ग्रसित हैं तो आपको इससे संबंधित अन्य समस्याएं भी हो सकती हैं। इन सभी का उपचार करने के लिए आप इस पौधे के रस का सेवन कर सकते हैं। यह रक्त शर्करा के स्तर को कम करने में मदद कर सकता है। 10 दिनो तक आप इस पौधे से निकाले गए रस की 30 मिली लीटर मात्रा का सेवन करें। यह आपके लिए फायदेमंद हो सकता है।
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परंपरागत रूप से इस पौधे की पत्तियों का उपयोग घाव उपचार के लिए किया जाता है। आप इस पौधे के रस का उपयोग कर घावों के संक्रमण को फैलने से रोक सकते हैं और उनका उपचार भी कर सकते हैं। अध्ययनों से पता चलता है कि इस पौधे में घावों को ठीक करने वाले गुण होते हैं। इस पौधे की पत्तियों को पीस कर रस निकालें और घाव पर लगाएं। इसके उपचार गुण घाव को जल्दी ठीक करने में मदद करते हैं साथ ही दर्द को शांत करने में भी सहायक होते हैं। यह आपके घावों को ठीक करने का प्रभावी और प्राकृतिक तरीका है।
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छुई-मुई पौधा में ऐसे बहुत से गुण हैं जिनके कारण इसका उपयोग आयुर्वेद चिकित्सा में किया जाता है। यह परंपरागत रूप से तनाव को कम करने वाली औषधी के रूप में उपयोग की जाती है। इसमें मौजूद पोषक तत्व और उपचार गुण मस्तिष्क स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए जाने जाते हैं। यह मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने और तनाव, अवसाद जैसी मानसिक समस्याओं से निपटने में मदद कर सकती है। इस उद्देश्य के लिए चूहों पर किये गए एक अध्ययन से यह साबित होता है।
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जो लोग गठिया रोग से पीड़ित हैं उनके लिए लाजवंती एक प्रभावी दवा का काम करती है। इस पौधे में एंटी-इंफ्लामेटरी गुण होते हैं जो जोड़ों में सूजन का इलाज कर सकते हैं। इस तरह से इस पौधे का उपयोग गठिया के दर्द से छुटकारा पाया जा सकता है। गठिया का उपचार करने के लिए आप इस पौधे की पत्तियों का पेस्ट बनाएं और प्रभावित क्षेत्र में लगाएं। इस पेस्ट को रात भर लगे रहने दें। प्रतिदिन नियमित रूप से इस पेस्ट को लगाने पर आपको आराम मिल सकता है। क्योंकि इस पौधे में सूजन और दर्द को कम करने वाले गुण अच्छी मात्रा में होते हैं। आप भी लाजवंती के पत्तों का उपयोग कर इसके लाभ आजमा सकते हैं।
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महिलाओं के लिए मासिक धर्म के दिन बहुत की कष्टदायक होते हैं। इस दौरान अत्याधिक रक्त स्राव को नियंत्रित करने के लिए लाजवंती का उपयोग किया जा सकता है। इसमें हार्मोन को नियंत्रित करने वाले गुण होते हैं जो रक्त स्राव को नियंत्रित कर सकते हैं। इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए लाजवंती पौधे को पीसकर 6 चम्मच रस निकालें। इस रस में 2 चम्मच शहद मिलाये और नियमित रूप से दिन में 3 बार सेवन करें। इसके अलावा आप इसकी जड़ को पीसकर भी रस निकाल सकते हैं। इस रस में शहद और काली मिर्च को मिलाकर 5 मिलीलीटर प्रति खुराक दिन में 4 बार लें। यह महिलाओं की इस समस्या का इलाज कर सकती है।
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पाइल्स एक गंभीर समस्या है जो बहुत ही पीड़ादायक और शर्मनाक होती है। यह शरीर में अत्याधिक कमजोरी भी ला सकती है, क्योंकि इससे अधिक मात्रा में रक्त स्राव हो सकता है। लेकिन इस समस्या का उपचार लाजवंती के पौधे से किया जा सकता है। बवासीर रोगी को इसकी पत्तीयां पीस कर प्रतिदिन दूध के साथ सेवन करना चाहिए। आप विकल्प के रूप में आप इस पौधे की जड़ का भी उपयोग कर सकते हैं। आप इसकी जड़ों को सुखाकर पाउडर बना लें। आप 1 चम्मच पाउडर को 4 चम्मच दही के साथ मिलाकर सुबह के समय सेवन करें। जब तक की आपको इससे राहत न मिले। यह बवासीर का इलाज करने का प्राकृतिक उपाय है।
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इस पौधे में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं। इसके इस गुण के कारण यह हमारे शरीर में मौजूद बैक्टीरीया को नष्ट करने में सहायक होता है। विशेष रूप से यह आंतों के कीड़ों के कारण होने वाले दर्द को ठीक कर सकता है। यदि आपके पेट में दर्द होता है तो इसका एक कारण आंतों के कीड़े भी हो सकते हैं। इनका उपचार करने के लिए आप लाजवंती के पौधे का उपयोग कर सकते हैं। आप इसकी पत्तियों को पीस कर एक पेस्ट तैयार करें। इस पेस्ट में आप शहद मिलाकर दिन में 1 बार सेवन करें। यह आपके पेट के कीड़ों को मार कर आपको दर्द से राहत दिलाने में मदद कर सकता है।
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यदि आप खुजली से परेशान हैं तो लाजवंती का उपयोग आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। खुजली वाली त्वचा से छुटकारा पाने के लिए आप इस पौधे की पत्तियों का पेस्ट बनायें और इसे प्रभावित क्षेत्र में लागू करें। विकल्प के लिए आप इस पौधे के रस के साथ तिल के तेल का भी उपयोग कर सकते हैं। खुजली से राहत पाने के लिए इस मिश्रण को आप प्रभावित क्षेत्र में 30 मिनिट के लिए लगा कर रखें। यह आपको खुजली से तुरंत राहत दिला सकती है।
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मिमोसा पुडिका पौधे का उपयोग कर आप बालों की समस्या का निदान कर सकते हैं। विशेष रूप से यह बालों के झड़ने की समस्या को रोक सकता है। इस पौधे में मौजूद पोषक तत्व बाल कोशिकाओं के विकास को बढ़ावा देने में मदद करते हैं। इसका नियमित उपयोग कर बालों के झड़ने और गंजापन को नियंत्रित किया जा सकता है। आप इसके लिए लाजवंती के रस युक्त शैम्पू का उपयोग कर सकते हैं।
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मस्तिष्क स्वास्थ्य और तनाव को दूर करने के लिए इस औषधी का उपयोग किया जाता है। जब आपका दिमाग शांत रहता है तो आपको अच्छी नींद आती है। आप अपने तनाव को कम करने और अच्छी नींद प्राप्त करने के लिए इसकी पत्तियों का उपयोग कर सकते हैं। इस पौधे की पत्तियां (लगभग 5 ग्राम) लें और इनका पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को गर्म पानी में उबालें। आप रात में सोते समय इस पानी को ठंडा करके 15-20 दिनो तक पीएं। यह आपको तनाव से छुटकारा दिलाने और अच्छी नीद लेने में मदद कर सकता है।
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पुरुषों के यौन स्वास्थ्य को बढ़ावा देने और यौन समस्याओं का इलाज करने की क्षमता लाजवंती के पौधे में होती है। यह पुरुषों में समय पूर्व स्खलन की समस्या का इलाज कर सकता है। हालांकि इसके चिकित्सीय प्रमाण उपलब्ध नहीं हैं। फिर भी ऐसा माना जाता है कि यह इस समस्या का प्रभावी इलाज कर सकता है।
इस समस्या का उपचार करने के लिए इस पौधे के बीज लें और बराबर मात्रा में चीनी मिलाकर रात में गर्म दूध के साथ 2 चम्मच सेवन करें। यह शीघ्र पतन और अन्य यौन कमजोरीयों को दूर करने में मदद कर सकता है।
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यह सांस से संबंधित बीमारी अस्थमा के लिए प्रभावी औषधी मानी जाती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि यह धूल, एलर्जी और वायु मार्गों की सूजन को दूर कर वायुमार्ग को साफ कर सकती है। अस्थमा रोगी को इस पौधे से निकाले गए रस की 15 मिलीलीटर मात्रा को दिन में दो बार उपभोग करना चाहिए। यह अस्थमा का प्रभावी इलाज करने में मदद कर सकता है।
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अध्ययनों से पता चलता है कि लाजवंती पेट के अल्सर के फायदेमंद हो सकती है। इसकी पत्तियों से निकाले गए रस का सेवन करने पर यह गैस्ट्रिक एसिड स्राव, एसिडिटी और अल्सर का उपचार कर सकती है। कृत्रिम यप से प्रेरित अल्सर के साथ चूहों पर किए गए अध्ययन से साबित होता है कि 100 मिलीग्राम इथेनॉलिक से अल्सर को बहुत प्रभावी ढ़ंग से कम किया जा सकता है। इस तरह से पेट के अल्सर के लिए आप भी लाजवंती का उपयोग कर सकते हैं।
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डायरिया का इलाज करने के लिए लाजवंती का उपयोग बहुत अच्छा माना जाता है। प्राचीन समय से ही दस्त के लिए इसे औषधी के रूप में उपयोग किया जा रहा है। दस्त के लिए इसकी पत्तियों से निकाले गए रस का उपयोग किया जाता है। एक अध्ययन से पता चलता है कि दस्त के दौरान इसके रस का उपभोग करने पर यह दस्त से राहत दिला सकता है। यदि आप दस्त का इलाज करना चाहते हैं तो इसकी पत्तियों के रस को आजमा सकते हैं। यह दस्त का प्राकृतिक इलाज हो सकता है।
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अध्ययनों से पता चलता है कि लाजवंती शरीर में मौजूद विषाक्त पदार्थों को बाहर कर सकती है। इस तरह से इसका उपयोग कर आप अपने लीवर को सुरक्षा प्रदान कर सकते हैं। आपके द्वारा भोजन करने पर और अन्य शारीरिक घटनाओं के कारण जिगर में विषाक्तता जमा हो सकती है। लेकिन लाजवंती के रस का सेवन करने पर यह इन विषाक्तता और हानिकारक जीवाणुओं को लीवर से हटाने में मदद करते हैं। इस तरह से आप अपने लीवर को सुरक्षा प्रदान करने के लिए लाजवंती का उपभोग कर सकते हैं।
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जिस तरह से लाजवंती हमारे लिए फायदेमंद होती है, उसी तरह से इसके कुछ दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं।
इसकी अनुशंसित मात्रा का सेवन किया जाए तो यह लाभकरी होती है। अधिक मात्रा में इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
लाजवंती का रस : दैनिक आधार पर लाजवंती रस की 3 से 6 मिलीलीटर मात्रा का सेवन किया जा सकता है।
कैप्सूल : लाजवंती आधारित कैप्सूल को प्रतिदिन 1 कैप्सूल दिन में तीन बार भोजन के बाद सेवन किया जा सकता है।
हालांकि ये सभी खुराक भी डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही लेना चाहिए।
यह एक औषधीय पौधा है जो हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। लेकिन इस पौधे का उपयोग करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लेना अच्छा होता है। कुछ लोगो में यह एलर्जी का कारण बन सकता है। यदि आप पहले से किसी विशेष उद्देश्य के लिए दवाएं ले रहे हैं तो इस स्थिति में डॉक्टर की सलाह आवश्यक है।
इसके अलावा यदि इस पौधे का सेवन करने के दौरान आपको किसी प्रकार की स्वास्थ्य समस्या हो तो तुरंत ही इसका सेवन बंद कर देना चाहिए।
अनुशंसित खुराक के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।
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