Lassi Pine Ke Fayde Aur Nuksan: गर्मियों का मौसम आते ही हमारा मन ठंडा खाने के मन होता है, ऐसे में लस्सी एक अच्छा विकल्प होता है। लस्सी पीने में स्वादिष्ट होने के साथ साथ हमारे शरीर के लिए कई प्रकार लाभदायक होता है। आज हम आपको लस्सी पीने के फायदे और नुकसान के बारे में बताएंगे।
लस्सी गर्मियों में सबसे अधिक पिया जाने वाला पेय पदार्थ माना जाता है। ताजे दही से बनी लस्सी में हमारे शरीर के लिए सभी आवश्यक पोषक तत्व होते है। इसमें दही के सभी पोषक जैसे कैल्सियम, पोटैशियम, मैग्नीशियम और प्रोटीन आदि पाए जाते है। ये सभी हड्डियों और मांसपेशियों को मजबूत करने में मदद करता है।
लस्सी को घर पर भी बनाया जा सकता है, इसे बनाना बहुत ही आसान होता है। आइये लस्सी पीने के फायदे और लस्सी पीने के नुकसान को विस्तार से जानते है।
घर पर लस्सी बनाना बहुत ही आसान है और यह अधिक लाभदायक होती है। इसे बनाने के लिए आपको ताजे दही, शक्कर और कुछ बर्फ के टुकड़े की आवश्यकता होगी। अब जितनी लस्सी बनानी हो उतना दही लेकर इसमें स्वाद अनुसार शक्कर को मिलाएं और दही को फैटें। जब शक्कर अच्छी तरह से दही में घुल जाएँ तो इसमें बर्फ के टुकड़े डाल लें और फिर से दही को फैटें। अब आपकी स्वादिष्ट मीठी लस्सी बनकर तैयार है।
गर्मियों के सीजन में लस्सी पीना कई प्रकार से लाभदायक होता है। इसके कुछ प्रमुख लाभ निम्न है।
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जो लोग गर्मियों में पेट की गैस या एसिडिटी से परेशान होते है। उनके लिए ठंडी लस्सी पीना फायदेमंद होता है। यह ठंडी तासीर की होती है जो पेट को ठंडा रख कर हार्ट बर्न और अपच आदि की समस्याओं से राहत दिलाने में मदद करता है।
गर्मियों के मौसम में हमारे शरीर का तापमान बढ़ जाता है, लस्सी एक प्रकार का तरल पेय है जिसमें इलेक्ट्रोलाइट और पानी की अच्छी मात्रा होती है। यह आपके शरीर के तापमान को नियंत्रण में रखता है। लस्सी में लैक्टिक एसिड की मात्रा आपके शरीर की इम्युनिटी पॉवर को भी बढ़ाने में मदद करती है।
पेट फूलने से बचाने में बटरमिल्क या लस्सी पीना बहुत ही प्रभावी होता है। यह पेट में कब्ज नहीं बनने देता है और खराब भोजन करने के बाद भी पाचन क्रिया पर दबाव पड़ने से डायरिया के खतरे से बचाने में मदद करता है। कब्ज की परेशानी से जूझ रहे लोगों को प्रतिदिन एक गिलास लस्सी का सेवन करना चाहिए, क्योंकि लस्सी में अच्छे बैक्टीरिया की मात्रा अधिक होती है जो कब्ज जल्दी दूर कर देता है।
लस्सी का सेवन वजन कम करने में भी मदद करता है, इसमें कैलोरी बहुत कम होती है और फैट बिलकुल भी नहीं होता है। पोषक तत्वों (nutrients) एवं एंजाइम से भरपूर होने के कारण लस्सी का सेवन करने से वजन घटाने में सहायता मिलती है। रोज लस्सी पीने से यह शरीर में पानी की भी पूर्ति करता है और ऊर्जा प्रदान करता है। इसमें कैल्शियम के साथ ही पोटैशियम, प्रोटीन और विटामिन सहित कई खनिज पाये जाते हैं तो एनर्जी लेवल को बनाए रखने में मदद करते हैं और भूख को नियंत्रित रखते हैं।
कैल्शियम से भरपूर होने के कारण लस्सी का सेवन हड्डियों को मजबूत करता है जिसकी वजह से ऑस्टियोपोरोसिस की बीमारी में राहत मिलती है। हमें प्रतिदिन एक हजार मिलीग्राम कैल्शियम की आवश्यकता होती है। एक कप मट्ठे का सेवन करने से 286 मिलीग्राम कैल्शियम हमें आसानी से प्राप्त हो जाता है जो कि रोजाना के लिए आवश्यक कैल्शियम का लगभग 30% है। शरीर में पर्याप्त कैल्शियम होने से बढ़ती उम्र के साथ हड्डियों के टूटने और उनमें तकलीफ समस्या नहीं होती है।
इम्युनिटी सिस्टम को मजबूत करने के लिए लस्सी में प्रोबायोटिक होता है, जिसकी वजह से हमारा शरीर बीमारियों से लड़ने के लिए तैयार हो जाता है। प्रोबायोटिक काफी लंबे समय तक इम्युनिटी सिस्टम के कार्य को बेहतर बनाए रखता है और स्वास्थ्य को भी ठीक रखता है। इसके अलावा लस्सी में जिंक भी पाया जाता है जो हमारे अच्छे स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण होता है।
दही से बनी इस लस्सी में पोटेशियम और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व मौजूद होते है जो उच्च रक्तचाप को कम करने और हृदय को स्वस्थ बनाये रखने में मदद करते है। एक स्टडी में पाया गया है कि बायोएक्टिव प्रोटीन बटरमिल्क में बहुत प्रचुर मात्रा में पाया जाता है, जो ब्लड प्रेशर को घटाने का काम करता है और एंटी बैक्टीरियल एवं एंटीवायरल प्रकृति का होता है। प्रतिदिन लस्सी का सेवन करने से ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है और हृदय संबंधी दिक्कतें नहीं होती हैं।
लस्सी को दही से बनाया जाता है जिसकी वजह से इसमें लैक्टिक एसिड भरपूर मात्रा में होता है। जब आप लस्सी को पीते है तो यह आंत को स्वस्थ करने में मदद करता है जिससे स्वस्थ और सुंदर त्वचा प्राप्त होती है। पेट संबंधी समस्याओं के कारण बहुत से लोग मुँहासे से पीड़ित रहते हैं, लस्सी उससे छुटकारा दिलाने में मदद करती है। इसमें ब्लीचिंग एजेंट भी होते है जो चेहरे धब्बों को हल्का करने, त्वचा को कसने, टैनिंग और सनबर्न इसे रक्षा करने और त्वचा को एक्सफोलिएट करने के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
लस्सी के सेवन से हमें प्रोटीन, कैल्शियम और कई प्रकार के पोषक तत्व प्राप्त होते है। ये सभी बालों की ग्रोथ के लिए बहुत जरूरी होते है। यदि आप सफ़ेद बाल, बालों के झड़ने और ग्रोथ न होने की समस्या से परेशान है तो नियमित रूप से लस्सी का सेवन करें। इसके अलावा आप लस्सी का इस्तेमाल सीधे बालों पर भी कर सकते है यह डैंड्रफ को हटाने, स्कैल्प को साफ़ करने और उसे ड्राई होने से रोकने में मदद करती है।
लस्सी के प्रोबायोटिक में जीवित सूक्ष्मजीव (microorganisms) और बैक्टीरिया होते हैं जिनके कई स्वास्थ्य लाभ हैं। लस्सी पीने से प्रेगनेंसी के समय आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली में सुधार होता है और दस्त की संभावना कम हो जाती है। लस्सी पीने से आपका शरीर हाइड्रेटेड रहेगा और गर्भावस्था के दौरान उत्पन्न होने वाली गैस्ट्रिक समस्याओं को कम करने में मदद मिलती है। लस्सी कैल्शियम से भरपूर होती है और बच्चे के हड्डियों के विकास के लिए कैल्शियम आवश्यक है। यह शिशुओं में उच्च रक्तचाप के खतरे को भी कम करता है।
लस्सी प्रोबायोटिक्स के सबसे अच्छे प्राकृतिक स्रोतों में से एक है। वैज्ञानिकों का मानना है, कि लस्सी लीवर में वसा के लेवल को कम कर सकती है जो जिगर को क्षति पहुंचाते है। लस्सी पीने से एनएएफएलडी (NAFLD) के विकास को सीमित किया जा सकता है।
लस्सी पीने के फायदे जानने के बाद हम सभी के मन में लस्सी पीने के ख्याल आने लगता है। लेकिन क्या आपको लस्सी पीने का सही समय पता है? दोपहर के खाने के बाद लस्सी पीना सबसे अधिक फायदेमंद होता है इसलिए आप हमेशा दोपहर के खाना के बाद इसका सेवन कर सकते हैं। इसके अलावा आप सुबह के समय नाश्ते में भी लस्सी का सेवन कर सकते है।
हम जानते है कि लस्सी को दही से बनाया जाता है और दही हमारे शरीर को ठंडक देता है। ठंडा होने की वजह से रात के समय में लस्सी का सेवन करने से सर्दी, खांसी, जोड़ों का दर्द और फेफड़ों की बीमारी आदि होने की संभावना होती है। इसके साथ ही यदि आप रात को लस्सी पीने बाद सोते है तो इसे पचाना आसान नहीं होता है, जो कई प्रकार की परशानी का कारण बनता है। इसलिए आप कभी भी नाईट में लस्सी न पियें।
अधिक मात्रा में लस्सी का सेवन करने से नुकसान भी हो सकता है। लस्सी में प्रोटीन, विटामिन, खनिज और वसा पाया जाती है। वसायुक्त दही खाने से 140 कैलोरी, 8 ग्राम प्रोटीन और 7.5 ग्राम फैट और 11 ग्राम कार्बोहाइड्रेट प्राप्त होता है, जो स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक होता है। लस्सी में चीनी का भी इस्तेमाल किया जाता है इसलिए मधुमेह रोगियों को इसका अधिक सेवन नहीं करना चाहिए। ज्यादा लस्सी पीने से पथरी या प्रोस्टेट कैंसर हो सकता है। वजन बढ़ना अधिक लस्सी पीने के नुकसान में से एक है।
(और पढ़ें – बालों पर दही लगाने का तरीका और उसके फायदे)
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