Leg Workout Benefits In Hindi: पैरो के लिए एक्सरसाइज करने के फायदे आपके पैरों की मांसपेशियों को मजबूत करने में मदद करते है। आज हम आपको लेग वर्कआउट करने के फायदे के बारे में बताएंगे। अधिकांश लोग जो जिम जाते है वह केवल अपनी अपर बॉडी को ध्यान में रखा कर एक्सरसाइज करते है। ऐसे में उनकी ऊपर की बॉडी तो अच्छी हो जाती है लेकिन टांगे पतली रह जाती है।
यदि आप एथलीट या कोई स्टंटमैन हो तो आपके लिए पैरों का मजबूत होना बहुत जरूरी है। लेग वर्कआउट आपके लेग्स मसल्स की स्ट्रेंथ को बढ़ाता है। इससे आपके पैर भी अपर बॉडी के समान मजबूत हो जाते है। आज के इस आर्टिकल में हम आपको लेग वर्कआउट के फायदे के बारे में जानकारी देंगे। आइये पैरो के लिए एक्सरसाइज के बारे में विस्तार से जानते है।
पैरों की मांसपेशियों को मजबूत करने से पहले आपको यह जानना बहुत जरूरी है कि लेग्स मसल्स कौन-कौन सी होती है। पैरो की मांसपेशियां मुख्य तीन प्रकार की होती है जो निम्न हैं।
क्वाड्रिसेप्स फिमोरिस एक हिप फ्लेक्सर और एक घुटने एक्सटेंसर है। इसमें चार मांसपेशियां होती हैं जिसमें तीन बड़ी मांसपेशियां और एक रेक्टस फेमोरिस (rectus femoris) होती हैं। यह जांघों की सामूहिक रूप से शरीर में सबसे शक्तिशाली मांसपेशियों में से एक हैं।
जांघ के पीछे की मांसपेशियों को सामूहिक रूप से हैमस्ट्रिंग के रूप में जाना जाता है। ये बाइसेप्स फेमोरिस, सेमिटेंडीनोस और सेमीमब्रानोसस से मिलकर बनी होती हैं, जो प्रमुख रूप से बीच में और घुटने के पीछे की ओर होती हैं। हैमस्ट्रिंग समूह के रूप में, ये मांसपेशियां कूल्हे पर विस्तार करती हैं, और घुटने पर फ्लेक्स होती हैं।
ग्लूटल मांसपेशियां तीन मांसपेशियों ग्लूटस मैक्सिमस, ग्लूटस मेडियस और ग्लूटस मिनिमस का समूह होती हैं जो नितंब बनाती हैं। तीन मांसपेशियां इलियम (ilium) और त्रिकास्थि (sacrum) से उत्पन्न होती हैं और फीमर पर सम्मिलित होती हैं।
काफ मसल्स निचले पैर की पीछे, पिंडली पेशी है जो वास्तव में दो मांसपेशियों से बनी है। गैस्ट्रोकनेमियस बड़ी पिंडली पेशी है, जो त्वचा के नीचे दिखाई देने वाले उभार को बनाता है। गैस्ट्रोकनेमियस (Gastrocnemius) के दो भाग या “सिर” होते हैं, जो एक साथ मिलकर अपने डायमंड शेप बनाते हैं।
पैरों की एक्सरसाइज को करने से आपको निम्न लाभ होते है।
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जब आप पैरों को मजबूत करने की एक्सरसाइज करते है तो इससे आपके घुटने भी मजबूत होते होते है। जिसकी वजह से घुटनों के जोड़ो में होने वाले दर्द से राहत मिलती है।
लेग वर्कआउट एथलीटों के लिए बहुत फायदेमंद होती है। इसका कारण यह है कि लेग एक्सरसाइज करने से पैरों में मजबूती आती है और एनर्जी मिलती है। जिसके कारण हायर जंप करने और कोर्ट या फील्ड में खेलने वाले खिलाड़ियों की खेल क्षमता बढ़ती है।
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वजन कम करने में लेग वर्कआउट बहुत ही फायदेमंद होता है। इससे आपको अपना वजन कम करने और अधिक फिट बॉडी बनाने में मदद मिलती है, बल्कि यह आपके मधुमेह, चयापचय सिंड्रोम और कुछ कैंसर के जोखिम को भी कम करता है। लेग एक्सरसाइज में डेडलिफ्ट करने से आपके पेट की कसरत होती है।
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पैरों की यह एक्सरसाइज आपके रीढ़ की हड्डी को भी मजबूत करने का काम करती है। जब आप लेग वर्कआउट करते है तो इसमें पीठ को सीधा रख कर पैरों से वजन को उठाना होता है जो रीढ़ को मजबूत करता है।
अपने पैरों की मांसपेशियों को स्ट्रोंग बनाने के लिए आप निम्न एक्सरसाइज को करें।
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बारबेल स्क्वाट एक्सरसाइज पैरो की मांसपेशियों को मजबूत करने में मदद करती है। यह वर्कआउट स्क्वाट्स की तरह ही किया जाता है, बस इसे करने के लिए आपको एक बारबेल की जरूरत होती है। सीधे खड़े होकर धीरे-धीरे अपने घुटनों को मोड़ते हुए इस तरह बैठें जैसे आप किसी कुर्सी पर बैठ रहे हों। अपने घुटनों को पैरों के पंजों के बराबर ही रखें।
अब धीरे-धीरे नीचे झुकें और तब तक झुकें जब तक की आपके जांघे जमीन के बराबर न आ जाएं। बॉडी को एकदम टाइट रखें। अब अपने दोनों हाथों से बारबेल या डंबल को पकड़ें। फिर यहां ये उठक-बैठक करना शुरू करें। ऊपर आते समय सांस छोड़ें। ऐसा 10 मिनट तक आप कर सकते हैं। शुरूआत में 10 स्क्वाट करें और फिर धीरे-धीरे 12-15 रेप्स के 4 सेट लगाएं।
लंज व्यायाम, बारबेल स्क्वाट एक्सरसाइज से थोड़ा कठिन लग सकता है। लेकिन यह आपकी कॉफ्ज और कोर मसल्स को मजबूत करने में मदद करता है। लंज एक्सरसाइज करने के लिए आप पहले फर्श पर सीधे खड़े हो जाएं, अपने दोनों पैरों को कूल्हों की चौड़ाई पर रखें और हाथों में डंबल पकड़ें।
अब अपने दाहिने पैर को एक कदम आगे की ओर रखें और उसको घुटनों से मोड़ें। अपनी जांघ को फर्श के समान्तर रखें और दाएं पैर के घुटने पर 90 डिग्री का कोण बनायें। अब अपने फिर अपने दाएं पैर को सीधा करके पीछे लाएं और बाएं पैर को भी सीधा कर लें। लंज एक्सरसाइज के 20 रेप्स के 3 सेट लगाएं।
यह व्यायाम ग्लूट्स मसल्स पर काम करता है और उनको मजबूत करने में मदद करता है। इसे करने के लिए सबसे पहले आप फर्श पर पीठ के बल लेट जाएं और अपने घुटनों को झुकाएं एवं शरीर के निचले हिस्से के भार को अपने एड़ियों से सहारा दें।
अपनी बांहों को दोनों तरफ रखें और हथेलियों को खोलकर जमीन पर रकें। अपने नितम्बों, पीठ के मध्य और निचले हिस्से को हल्का सा धक्का देकर ऊपर की ओर उठाएं। अपने दाएं पैर को उठाएं और दाएं घुटने को एब्स (abs) के पास लाने की कोशिश करें। इसके बाद इसे नीचे करके बाएं पैर को उठाकर वही क्रिया दोहराएं। ग्लूट ब्रिज एक्सरसाइज को तीन सेकेंड तक 12-15 के रेप्स में 3 सेट करें।
डेडलिफ्ट एक्सरसाइज में आपको वजन को उठाना होता है जो हैमस्ट्रिंग मसल्स को मजबूत करने में मदद करता है। डेडलिफ्ट करना बहुत ही आसन है और कोई भी व्यक्ति इसे कर सकता है। डेडलिफ्ट एक्सरसाइज करने के लिए आपको डम्बल (Dumbbell) और बारबेल (Barbell) का आवश्यकता होती है। पीट को सीधा रख कर, दोनों हाथों से बारबेल को उठा कर ऊपर लेकर आयें। और फिर इसे नीचे रख दें। बिगिनर या शुरूआती लोगों को कम वजन को उठाकर इसे करने करना चाहिए हैं।
लेग वर्कआउट करने के लिए आप लेग एक्सटेंशन एक्सरसाइज को करें। यह हमारे पैरों की मसल्स के लिए बहुत ही लाभदायक होती है। इसे करने के लिए आप सबसे पहले कुर्सी पर सीधे बैठ जाएँ। अब अपने दोनों पैरों की मदद से वजन को उठाएं। आपको पैरों को अधिकतम ऊंचाई ले जाकर नीचे तक लाना है। लेग एक्सटेंशन एक्सरसाइज के 12-15 रेप्स के 4 सेट लगाएं।
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लेग प्रेस व्यायाम आपके पैरों की स्ट्रेंथ को बढ़ाने में मदद करता है। इस एक्सरसाइज को करने के लिए आपको एक लेग प्रेस मशीन की आवश्यकता होगी, जो कि जिम में आसानी से उपलब्ध रहती है। इस मशीन पर बैठ कर अपने पैरों से वजन को ऊपर की ओर धकेलना है। शुरूआत में कम वजन के साथ स्टार्ट करें और फिर भार को बढ़ाएं। इस एक्सरसाइज के आप 15-20 रेप्स के 4 सेट करें।
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लेग कर्ल एक्सरसाइज आपके पैरों की क्वार्ड मसल्स को टोन करता है और हैमस्ट्रिंग मसल्स मजबूत होती है। इसे करने के लिए भी मशीन की जरूरत होती है जो जिम में उपलब्ध होती है। सबसे पहले आप मशीन पर उलटे लेट जाएँ और फिर पैरों से वजन को ऊपर की ओर उठाएं। शुरूआत में कम वजन के साथ स्टार्ट करें और फिर भार को बढ़ाएं। इस एक्सरसाइज के आप 15-20 रेप्स के 4 सेट करें।
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