ल्यूकोरिया एक स्त्री रोग है जिसे आम भाषा में सफ़ेद-पानी या वाइट डिस्चार्ज white discharge कहा जाता है। श्वेत प्रदर या सफेद पानी का योनी मार्ग से निकलना leucorrhoea कहलाता है| योनि से सफ़ेद पानी आना हमेशा रोग का लक्षण नही होता. श्वेत प्रदर में योनी से असामान्य स्राव abnormal discharge होता है।सामान्य रूप से normally योनी से हमेशा म्यूकस डिस्चार्ज mucous discharge होता है जो की सर्विकल, एंडोमिट्रियल ग्लैंड तथा अच्छे बैक्टीरिया के कारण होता है। (और पढ़े: योनि के बारे में सम्पूर्ण जानकारी)
सामान्य स्राव में योनी से निकलने वाला पदार्थ सफ़ेद या पानी जैसा होता है। इसमें कोई बदबू नहीं होती। यह केवल ओवूलेशन ovulation, प्रेगनेंसी pregnancy या सेक्स के दौरान ही ज्यादा मात्रा में निकलता है। बाकी समय यह काफी कम मात्रा में निकलता है। योनी से होने वाला सामान्य स्राव, जनन अंगों की सफाई cleaning, और स्नेहन lubrication करता है। यह स्राव योनी को इन्फेक्शन से भी बचाता है। ल्यूकोरिया में होने वाला स्राव अलग होता है।
अधिकतर महिलाएं इस गलत फैमी मे होती है कि सफेद पानी के जाने से शरिर मे कमजोरी आती है, चक्कर आता है, बदन में दर्द होता है| शरिर से तेजस्विता चली जाती है ऐसी भारत और पडोस के देश के कुछ प्रांतोमे गलत मान्यता पूर्वकाल से प्रचलित है लेकिन अगर आपकी योनी मार्ग से एक चिपचिपा, सफेद, पीले, हरे या भूरे रंग का पानी निकलने लगे और उसमें जलन, गंध और खुजली होने लगे तो यह शायद चिंता की बात है।
योनि से सफ़ेद पानी आना दो प्रमुख कारणों से होता है – white discharge is released for two main reasons in hindi
- स्वाभाविक
- बिमारी का लक्षण
1. स्वाभाविक
सफेद पानी निकलना प्राय: स्त्रियों मे स्वाभाविक रूप से कुछ मात्रा मे होता है|
विशेषत: माहवारी (मासिक धर्म) के पूर्व, माहवारी के बाद, अण्डोत्सर्ग (Ovulation)के समय अौर कामेच्छा उद्दिप्त होने पर स्वाभाविक है|
इसके लिए कोइ उपचार कि आवश्यकता नही होती|
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2. बिमारी का लक्षण
श्वेत प्रदर या ल्यूकोरिआ या लिकोरिआ (Leukorrhea) या “योनि से सफ़ेद पानी आना” स्त्रिओं का एक रोग है जिसमें स्त्री-योनि से असामान्य मात्रा में सफेद रंग का गाढा और बदबूदार पानी निकलता है और जिसके कारण वे बहुत क्षीण तथा दुर्बल हो जाती है। महिलाओं में श्वेत प्रदर रोग आम बात है। ये गुप्तांगों से पानी जैसा बहने वाला स्त्राव होता है। यह खुद कोई रोग नहीं होता परंतु अन्य कई रोगों के कारण होता है।
श्वेत प्रदर वास्तव में एक बीमारी नहीं है बल्कि किसी अन्य योनिगत या गर्भाशयगत व्याधि का लक्षण है; या सामान्यतः प्रजनन अंगों में सूजन का बोधक है।
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ल्यूकोरिया के लक्षण (योनि से सफ़ेद पानी आना या श्वेत प्रदर)– Symptoms of leucorrhoea in Hindi
- स्राव का रंग: सफ़ेद, पीला, हरा; गाढ़ा दही curd या चीज़ cheese जैसा
- मात्रा: सामान्य स्राव के अधिक और हमेशा रहने वाली
- मुख्य लक्षण: योनी से अधिक मात्रा में स्राव
अन्य लक्षण:
- पेल्विस में सूजन,
- कमर दर्द होना, बुखार,
- योनि स्थल पर खुजली होना
- भूख की कमी, सिर में दर्द,
- चक्कर आना, कमजोरी बनी रहना
- बाल का झड़ना,
- पैर में दर्द आदि
श्वेत प्रदर (योनि से सफ़ेद पानी आना या ल्यूकोरिया) के कारण Causes of leucorrhoea in Hindi
- डायबिटीज, एंटीबायोटिक के द्वारा किसी रोग के इलाज़ के बाद भी लिकोरिया हो सकता है।
- गर्भावस्था में योनी से सफ़ेद-पीला, बदबूरहित, गाढ़ा चीज़ के छोटे टुकड़े जैसा डिस्चार्ज हो सकता है।
- कामेच्छा होनेपर, रजो प्रवाह (मासिक) के कुछ दिन पूर्व, अज्ञान कारण से (idiopathic)
- जब किशोरवस्था में पीरियड्स की शुरुवात होती है तो भी सफ़ेद पानी की समस्या हो सकती है।
लिकोरिया जो इन्फेक्शन के कारण होता है उसमें योनी से निकलने वाला फ्लूइड या पदार्थ गाढ़ा, पीला, हरा, होता है जिसमें बदबू आती है तथा योनी क्षेत्र में खुजली, जलन, दर्द, सूजन आदि लक्षण भी पाए जाते हैं। इसके अतिरिक्त पीठ में दर्द, बुखार तथा अन्य लक्षण भी हो सकते है।
सफेद पानी का आविर्भाव अधिक मात्रा में काम उत्तेजना होने पर होता है| यह पानी चिकनाहट (lubrication) उत्पन्न करता है| कुदरत कि यह व्यवस्था संभोग के लिए अत्यंत उपयोगी है| यह सफेद पानी जब भी कामुक उत्तजना मन में हो तब तब निकलता है चाहे आप विवाहित हो या अविवाहित| इसके निकलने से ना कमजोरी, ना दर्द, ना अन्य किसीभी प्रकार का स्वास्थ पर हानिकारक प्रभाव होता है| कामइच्छा होने पर सही मात्रा मे यह उत्तपन्न ना हो तो मैथुन दर्द दायक हो सकता है| इसका इलाज करना पडता है|
अन्य कारण – Other Causes
श्वेत पानी (white discharge) मासिक स्राव (bleeding) के कुछ दिन पहले अधिक मात्रा मे होता है| बिजोतपत्ती (ovulation) के समय इस्ट्रोजन (Estrogen) कि मात्रा बडने से सफेद पानी ज्यादा बह सकता है| गर्भावस्था में भी सफेद पानी का निकलना अधिक मात्रा मे होता है| नवजात अर्भक बच्ची में भी माता के इस्ट्रोजन (Estrogen) कि वजह से सफेद पानी निकल सकता है|
अत्याधिक संभोग करना, सहवास के बाद योनि को स्वच्छ जल से न धोना व वैसे ही गन्दे बने रहना आदि इस रोग के प्रमुख कारण बनते हैं। बार-बार गर्भपात कराना भी सफेद पानी (white discharge) का एक प्रमुख कारण है। सफेद पानी (या श्वेत प्रदर) का एक और कारण प्रोटिस्ट हैं जो कि एक सूक्ष्म जीवों का समूह है।
इसके अलावा, कमजोरी, थकान, कुपोषण, पुरानी बीमारी, अनुचित आहार, कब्ज और सफाई का ध्यान न रखना भी लिकोरिया के लिए जिम्मेदार है।
श्वेत प्रदर (योनि से सफ़ेद पानी आना या ल्यूकोरिया) का घरेलू उपचार – Home Remedies for leucorrhoea (white discharge) in hindi
फिटकरी:
योनि से सफ़ेद पानी आना रोकने के लिए फिटकरी alum के पानी से वजाईना को धोएं। फिटकरी पानी में मिलाकर योनि को गहराई तक सुबह-शाम धोएं और पिचकारी की सहायता से साफ करें। चावल के पानी का प्रयोग भी किया जा सकता है।
त्रिफला:
१० ग्राम त्रिफला को एक लीटर पानी में १५ मिनट तक उबाल लें और जितना सहने योग्य गर्म हो, लेकर योनी क्षेत्र को साफ़ करें ।
आंवला:
आंवले को सुखाकर अच्छी तरह से पीसकर बारीक चूर्ण बनाकर रख लें, फिर इसी बने चूर्ण की 3 ग्राम मात्रा को लगभग 1 महीने तक रोज सुबह-शाम को पीने से स्त्रियों को योनि से सफ़ेद पानी आना (white discharge) श्वेत प्रदर (ल्यूकोरिया) नष्ट हो जाता है।
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मेथी है योनि से सफ़ेद पानी आना रोकनी की रामबाण दवा:
मेथी दाने को चाय की तरह उबाल कर पियें। मेथी के चूर्ण के पानी में भीगे हुए कपड़े को योनि में रखने से योनि से सफ़ेद पानी आना (white discharge) श्वेत प्रदर (ल्यूकोरिया) नष्ट होता है।
मेथी-पाक या मेथी-लड्डू खाने से श्वेतप्रदर से छुटकारा मिल जाता है, शरीर हष्ट-पुष्ट बना रहता है। इससे गर्भाशय की गन्दगी को बाहर निकलने में सहायता मिलती है।
(और पढ़े: मेथी के फायदे और नुकसान)
गर्भाशय कमजोर होने पर योनि से पानी की तरह पतला स्राव होता है। गुड़ व मेथी का चूर्ण 1-1 चम्मच मिलाकर कुछ दिनों तक खाने से श्वेतप्रदर यानि योनि से सफ़ेद पानी आना (white discharge) बंद हो जाता है।
ईसबगोल योनि से सफ़ेद पानी आना रोकने के लिए:
ईसबगोल को दूध में देर तक उबालकर, उसमें मिश्री मिलाकर खाने से श्वेत प्रदर में बहुत लाभ होता है।
अर्जुन की छाल:
महिलाओं में होने वाले श्वेतप्रदर और पेशाब की जलन को ठीक करने के लिए अर्जुन की छाल के बारीक चूर्ण का सेवन करना चाहिए।
(और पढ़े: क्या है अर्जुन की छाल के फ़ायदे और नुकसान)
असामान्य योनिक स्राव (योनि से सफ़ेद पानी आना) से कैसे बचा जा सकता है? – How to avoid abnormal vaginal discharge (white discharge) in hindi
श्वेत प्रदर (योनि से सफ़ेद पानी आना या ल्यूकोरिया) के बचाव के उपाय – Prevention of leucorrhoea (white discharge) in Hindi
(1) जननेन्द्रिय क्षेत्र को साफ और शुष्क रखना जरूरी है।
(2) योनि को बहुत भिगोना नहीं चाहिए (जननेन्द्रिय पर पानी मारना) बहुत सी महिलाएं सोचती हैं कि माहवारी या सम्भोग के बाद योनि को भरपूर भिगोने से वे साफ महसूस करेंगी वस्तुतः इससे योनिक स्राव और भी बिगड़ जाता है क्योंकि उससे योनि पर छाये स्वस्थ बैक्टीरिया मर जाते हैं जो कि वस्तुतः उसे संक्रामक रोगों से बचाते हैं
(3) योनी क्षेत्र को गीला न रहने दें यह बैक्टीरिया को पनपने में मदद करता है।
(4) योन सम्बन्धों से लगने वाले रोगों से बचने और उन्हें फैलने से रोकने के लिए कंडोम का इस्तेमाल अवश्य करना चाहिए।
(5) मधुमेह का रोग हो तो रक्त की शर्करा को नियंत्रण में रखाना चाहिए।
(6)एक्सरसाइज करें और पर्याप्त मात्रा में पानी पियें। हरी सब्ज़ियों, दूध, फल, घी आदि का सेवन करें।
असामान्य योनिक स्राव के लिए क्या डाक्टर से सम्पर्क करना चाहिए?
हां, शीघ्र ही डाक्टर से परामर्श लेना चाहिए। वे आपके लक्षणों की जानकारी लेंगे, जननेन्द्रिय का परीक्षण करेंगे और तदनुसार उपचार बतायेंगे।
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