Liver Cirrhosis diet in Hindi सही डाइट से लिवर सिरोसिस से बचा जा सकता है, फैटी लीवर और लीवर सिरोसिस जैसी लिवर की बीमारियां लिवर को बुरी तरह प्रभावित करती हैं। स्वस्थ खाद्य पदार्थ और आहार इन खराबी की रोकथाम के साथ-साथ इनसे बचने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। लीवर सिरोसिस एक गंभीर और संक्रामक लीवर की बीमारी है जिसमें स्कार टिश्यू स्वस्थ कोशिकाओं की जगह ले लेते है और धीरे धीरे यह स्कार टिश्यू एक भयानक रूप ले लेते है और व्यक्ति को गंभीर रूप से बीमार कर देते है। लीवर की किसी भी प्रकार की बीमारी में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए और किस चीज से परहेज करना चाहिए यह जानना बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि हमारे आहार और परहेज पर ही लीवर से सम्बंधित सभी बीमारियाँ का निवरण निर्भर करता है।
आज इस लेख में हम जानेंगे की लीवर सिरोसिस में क्या खाना चाहिए और किस चीज से परहेज करना चाहिए।
1. लीवर सिरोसिस में क्या खाना चाहिए – Liver Cirrhosis food to eat in hindi
2. लीवर सिरोसिस में क्या नहीं खाना चाहिए – liver cirrhosis Foods to avoid in hindi
लीवर को अंगो का पावरहाउस कहा जाता है क्योंकि लीवर विभिन्न प्रकार के आवश्यक कार्य करता है, और प्रोटीन, कोलेस्ट्रॉल और पित्त के उत्पादन से लेकर विटामिन, खनिज और यहां तक कि कार्बोहाइड्रेट का भी निर्माण करता हैं। यह शराब, दवाओं और चयापचय के प्राकृतिक बायप्रोडक्ट जैसे विषाक्त पदार्थों को भी तोड़ता है। अपने शरीर को स्वस्थ बनाए रखने के लिए अपने लीवर को ठीक रखना बहुत ही महत्वपूर्ण है।
इसलिए कुछ बातों का ध्यान रख कर और स्वस्थ आहार लेकर आप अपने आप को और भी स्वस्थ रख सकते है और लीवर की बीमारियों से निजात पा सकते है तो आईये जाने लीवर सिरोसिस में क्या खाएं और क्या नहीं।
लीवर को स्वस्थ रखने के लिए कॉफी को सबसे अच्छे पेय पदार्थों में से एक माना गया है। क्योंकि अध्ययनों में यह पता चला है कि कॉफी पीने से लीवर को कई गंभीर बीमारीयों से बचाया जा सकता है, और यहां तक कि उन लोगों को भी कॉफ़ी पीने से लाभ होता है जिन्हें पहले से ही लीवर की कोई समस्या है। कॉफी पीने से क्रोनिक लीवर रोग वाले लोगों में सिरोसिस, या स्थायी लीवर की क्षति का जोखिम कम होता है।
कॉफी पीने से सामान्य प्रकार के लीवर कैंसर के विकास के जोखिम को भी कम किया जा सकता है, और कॉफ़ी का लीवर की बीमारी और सूजन पर सकारात्मक प्रभाव भी पड़ता है।
जो लोग प्रतिदिन कम से कम तीन कप कॉफ़ी पीते हैं उन्हें क्रोनिक लीवर की गंभीर बीमारी के जोखिमों से बचाया जा सकता है।
कॉफी, लीवर की सूजन को भी कम करती है और एंटीऑक्सिडेंट ग्लूटाथियोन (glutathione) के स्तर को बढ़ाती है। एंटीऑक्सिडेंट हानिकारक मुक्त कणों (harmful free radicals) को ख़त्म करते हैं, जो शरीर में स्वाभाविक रूप से उत्पन्न होते हैं और कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं।
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ग्रीन टी स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद मानी जाती है, लेकिन शोध से पता चला है की लीवर सम्बंधित बीमारियों में ग्रीन टी पीने से लीवर को विशेष लाभ मिल सकता हैं।
एक अध्ययन में पाया गया कि प्रतिदिन 5 से 10 कप ग्रीन टी पीना लिवर को स्वस्थ रखने के लिए एक बेहतर विकल्प है। ग्रीन टी जो एंटीऑक्सिडेंट्स से भरी हुई होती है उसे पीने से एंजाइम के स्तर में सुधार होता है और ग्रीन टी से शरीर में मौजूद ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस और वसा को जमने से रोकता है।
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अंगूर, विशेष रूप से बैंगनी अंगूर, विभिन्न प्रकार के लाभकारी पौधों के यौगिक (compound) होते हैं। इसमें से जो सबसे प्रसिद्ध कंपाउंड है वह है रेसवेराट्रॉल (resveratrol), जिसमें कई प्रकार के स्वास्थ्य लाभ वाले गुण हैं।
कई अध्ययनों से पता चला है कि अंगूर और अंगूर का रस लीवर को बहुत लाभ पहुंचाता है। अध्ययन में यह भी पाया गया है कि सूजन कम करने, क्षति को रोकने और एंटीऑक्सिडेंट स्तर को बढ़ाने जैसे विभिन्न लाभ भी अंगूर के सेवन से होते हैं।
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चुकंदर का रस नाइट्रेट्स (nitrates) और एंटीऑक्सिडेंट्स का एक स्रोत माना जाता है, जिसे बीटैलेंस (betalains) कहा जाता है, जो लीवर को स्वस्थ रखता है और ऑक्सीडेटिव क्षति और सूजन की संभावना को कम करता है। डॉक्टर ऐसा मानते है की चुकंदर खाने से या चुकंदर का रस पीने से स्वास्थ्य पर समान प्रभाव पड़ता है। हालांकि, ज्यादातर लोग चुकंदर के रस का उपयोग करते हैं। चुकंदर का रस आप घर पर आसानी से बना सकते है या बाहर से भी ला सकते है।
कई अध्ययनों से पता चला है कि चुकंदर का रस लीवर में ऑक्सीडेटिव क्षति और सूजन को कम करता है, और साथ ही प्राकृतिक डिटॉक्सीफिकेशन एंजाइम (natural detoxification enzyme) को बढ़ाता है।
चुकंदर का रस लीवर सम्बंधित सभी बीमारियों के लिए बहुत ही अच्छा आहार है।
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जैतून के तेल (olive oil) को एक स्वस्थ वसा माना जाता है, क्योंकि इसके कई स्वास्थ्य लाभ हैं, जैसे जैतून का तेल हृदय और मेटाबोलिज्म पर सकारात्मक प्रभाव डालता हैं। परन्तु यह लीवर के लिए सबसे ज्यादा फायदेमंद है। एक छोटे से अध्ययन में पाया गया कि प्रतिदिन एक चम्मच जैतून के तेल का सेवन करने से लीवर एंजाइम (liver enzyme) और वसा के स्तर में बहुत अधिक सुधार होता है। जैतून का तेल, लीवर में प्रोटीन के स्तर को भी बढ़ाता है जिससे शरीर में फैट कम जमा होता है लीवर में रक्त प्रवाह बेहतर होता है। लीवर में फैट का जमाव होना लीवर रोग के पहले चरण का हिस्सा होता है।
इसलिए, जैतून का तेल लीवर फैट पर सकारात्मक प्रभाव डालता है और साथ ही साथ स्वास्थ्य के अन्य पहलुओं पर भी बहुत असर डालता है जिससे जैतून का तेल स्वस्थ आहार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना जा सकता है।
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नट्स में उच्च मात्रा में वसा, पोषक तत्व, एंटीऑक्सिडेंट विटामिन ई सहित कई लाभकारी पौधों के यौगिक पाए जाते है। नट्स लीवर सम्बन्धी समस्याओं के लिए बहुत ही लाभदायक है। अखरोट में उच्च मात्रा में ओमेगा 3 फैटी एसिड जैसे पोषक तत्त्व पाए जाते है जो लीवर के लिए बहुत ही फायदेमंद होते है। नॉन-अल्कोहलिक फैटी लीवर (non alcoholic fatty liver) की बीमारी वाले लोगों को नट्स का सेवन करना चाहिए। इसके सेवन से शरीर में लीवर एंजाइम का स्तर बेहतर होता है जिससे लीवर सम्बन्धी किसी भी बीमारी का जोखिम कम किया जा सकता है।
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हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक, सरसों का साग, ब्रोकोली लीवर के लिए बहुत ही लाभदायक मानी जाती है, क्योकि हरी पत्तेदार सब्जियों में उच्च मात्रा में फाइबर होता है। अध्ययनों में पाया गया है की ब्रोकोली (broccoli) डिटॉक्सीफिकेशन एंजाइमों (detoxification enzymes) के स्तर को बढ़ाता हैं।
एक हालिया अध्ययन में पाया गया कि फैटी लीवर वाले पुरुषों को ब्रोकोली, अंकुरित अर्क जो फायदेमंद पौधों के यौगिकों में उच्च होते है, उनका सेवन करना चाहिए इससे लीवर एंजाइम के स्तर में सुधार आता है और ऑक्सीडेटिव तनाव (oxidative stress) में कमी आती है।
खाद्य पदार्थों के बीच सब्जियां और ताजे फल शामिल करें – लीवर सिरोसिस आहार में हरी सब्जियों और ताजे फलों की एक विस्तृत विविधता शामिल करें, क्योंकि ये विभिन्न सूक्ष्म पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं जो प्रतिरक्षा बढ़ाने वाले होते हैं और अच्छे स्वास्थ्य के लिए आवश्यक होते हैं।
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लहसुन को कई आहारों में सबसे प्रधान माना जाता है क्योकि लहसुन में कई गुण होते है और फैटी लिवर की बीमारी वाले लोगों के लिए भी फायदेमंद होते है। लहसुन पाउडर की खुराक लेने से फैटी लिवर की बीमारी वाले लोगों में शरीर का वजन नियंत्रित होता है और वसा को कम करने में भी मदद मिलती है।
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वसायुक्त मछली (fatty fish) में ओमेगा-3 फैटी एसिड (omega 3 fatty acid) होते हैं, जो स्वस्थ वसा कहलाते हैं और यह लीवर की सूजन को कम करने में मदद करते हैं।
वसायुक्त मछली में पाए जाने वाला वसा लीवर के लिए बहुत ही फायदेमंद होता हैं। कई अध्ययनों में पता चला है कि वसायुक्त मछली शरीर में ख़राब वसा के निर्माण को रोकने में मदद करते हैं, एंजाइम का स्तर सामान्य रखते हैं, सूजन से लड़ते हैं और इंसुलिन प्रतिरोध में सुधार भी करते हैं। ओमेगा-3 से भरपूर वसायुक्त मछली का सेवन करना आपके लिवर के लिए बहुत ही फायदेमंद है, अपने आहार में अधिक मात्रा में ओमेगा-3 वसा को शामिल करें और लीवर की गंभीर बीमारियों से सुरक्षित रहे।
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सोया प्रोटीन जैसे टोफू आदि विभिन्न खाद्य पदार्थों में पाया जाता है, वह लीवर के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है और लीवर को स्वस्थ भी रखता है। टोफू लीवर में वसा के निर्माण को कम करता है साथ ही, टोफू में पाया जाने वाले वसा की मात्रा कम होती है और यह प्रोटीन में उच्च होता है। लीवर की किसी भी बीमारी से बचने के लिए टोफू का सेवन किया जा सकता है।
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आप अपने आहार में स्वास्थ्यवर्धक खाद्य पदार्थों को शामिल करके वसायुक्त लीवर रोग (fatty liver disease) को नियंत्रित कर सकते है, यह एक बहुत ही अच्छा तरीका हो सकता है। हालांकि, फैटी लिवर (fatty liver) की बीमारी वाले लोगों के लिए यह बहुत ही महत्वपूर्ण है की वह कुछ ऐसे खाद्य पदार्थों से बचें या उनकी मात्रा सीमित करें जो उनके लीवर को नुकसान पहुंचा सकते है। ऐसा करने से आप आसानी से स्वस्थ बने रह सकते है और लीवर सम्बन्धी बीमारी के जोखिम को कम कर सकते है।
लीवर के लिए हानिकारक खाद्य पदार्थों में शामिल है-
शक्कर (sugar) आपके शरीर में हाई ब्लड शुगर के स्तर को बढ़ाती है और लीवर में भी वसा की मात्रा को बढ़ा सकती है जिससे लीवर सम्बन्धी कई बीमारियाँ उत्पन्न हो सकती है। एडेड शक्कर (added sugars) आमतौर पर कैंडी, आइसक्रीम और मीठे पेय पदार्थों में पाया जाती है, जैसे सोडा और फलों का रस।
जोड़ा शक्कर पैक किये हुए खाद्य पदार्थों, पके हुए खाद्य पदार्थों और यहां तक कि स्टोर की गई कॉफी और चाय में भी होती है। अन्य शक्कर के पदार्थ जैसे फ्रुक्टोज (fructose) और कॉर्न सिरप (corn syrup) से भी बचना चाहिए क्योकि इनको कम करके लीवर में वसा की मात्रा को न्यूनतम रखा जा सकता है।
(और पढ़े – चाय पीने से होने वाले इन नुकसान के बारे में नहीं जानते होंगे आप…)
लिवर सिरोसिस और फैटी लीवर (fatty liver) की बीमारी वाले लोगों के लिए शराब एक बहुत ही महत्वपूर्ण जोखिम कारक हो सकता है। क्योकि शराब पीने से लीवर पर प्रभाव पड़ता है, और शराब लीवर से सम्बंधित कई बीमारियों को बढ़ावा देती है जैसे वसायुक्त लीवर रोग (fatty liver disease) और सिरोसिस। वसायुक्त लीवर रोग वाले व्यक्तियों को अपने आहार से शराब को खत्म कर देना चाहिए।
(और पढ़े – शराब पीने के फायदे और नुकसान और शरीर पर इसका प्रभाव…)
संसाधित और परिष्कृत अनाज (processed and refined grains) सफेद ब्रेड, पास्ता और सफेद चावल में पाए जाते हैं। इन अत्यधिक संसाधित अनाजों (highly processed grains) से फाइबर हटा दिया जाता है, जिसकी वजह से रक्त में शर्करा का स्तर बढ़ जाता हैं। परिष्कृत अनाज की जगह आसानी से गेहूं और अनाज (whole wheat grains) के अन्य विकल्पों को खाने में शामिल किया जा सकता है और आलू और कुछ फलियां को पूरी तरह से छोड़ा जा सकता है। जिससे लीवर स्वस्थ रहेगा और लीवर सम्बंधित बीमारियाँ नही होगी।
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बहुत अधिक तला हुआ या नमकीन भोजन शरीर में कैलोरी की मात्रा और वजन बढ़ने का जोखिम बढ़ा सकता है। इसलिए आप अपने भोजन में अतिरिक्त मसाले और जड़ी बूटियों को शामिल करके बिना नमक के भी खाद्य पदार्थों को स्वादिष्ट बना सकते है। तले हुए खाद्य पदार्थ को पका कर या स्टीम करके इस्तेमाल किया जा सकता हैं।
(और पढ़े – मसालेदार खाना खाने के फायदे और नुकसान…)
बीफ, सूअर का मांस, और डेली मीट यह सभी संतृप्त वसा (saturated fat) में उच्च होते हैं, जो फैटी लीवर रोग वाले व्यक्तियों को नुकसान पहुंचा सकते है इसलिए ऐसे लोगों को इससे बचना चाहिए। लीन मीट, मछली, टोफू, या टेम्पेह (tempeh) अच्छे विकल्प हो सकते हैं इन्हें आप अपने आहार में शामिल कर सकते है परन्तु अगर जंगली, तैलीय मछली खाएं तो वह ही सबसे अच्छा खाने का विकल्प हो सकती है।
(और पढ़े – लीवर को साफ करने के लिए खाएं ये चीजें…)
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