भारत में दस खतरनाक रोगों में से एक है लिवर की बीमारी। हर साल तकरीब दो लाख लोग लिवर की समस्या से मरते हैं। लिवर की कमजोरी अनेक प्रकार की लिवर डिजीज को जन्म दे सकती है, जिसमें सिरोसिस, जिगर की विफलता (liver failure) शामिल है। ऐसे अनेक कारक मौजूद है जो लीवर को नुकसान उसे कमजोर बना सकते हैं और लिवर समस्याओं का कारण बन सकते हैं, जैसे- वायरस, शराब का सेवन और मोटापा। लिवर खराब होने पर शरीर की कार्यक्षमता कमजोर पड़ जाती है। लेकिन शीघ्र लिवर की कमजोरी संबंधी लक्षणों का पता लगाकर और लिवर खराब की पहचान कर, इसका समय पर उपचार किया जा सकता है और लिवर को पूर्ण तरीके से स्वस्थ किया जा सकता है।
यहाँ इस लेख में हम लिवर की कमजोरी के बारे में चर्चा करेगें और जानेगें लिवर की कमजोरी के कारण, लक्षण और लिवर कमजोरी दूर करने के उपाय के बारे में।
लिवर की कमजोरी से तात्पर्य लिवर का सही तरीके से कार्य न कर पाने से है, अर्थात लिवर की कार्य क्षमता में कमी आना लिवर की कमजोरी का संकेत होता है।
यकृत को अंग्रेजी में लिवर (Liver) कहते हैं और हिंदी में इसे जिगर भी कहा जाता है। यह हमारे शरीर का बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह पेट के दाहिनी ओर नीचे की तरफ होता है। लिवर शरीर की बहुत सी क्रियाओं को नियंत्रित करता है। जिनमें खाना पचाना, शरीर से टॉक्सिक पदार्थ बाहर निकालना, शरीर को एनर्जी देना, बीमारियों से लड़ने की क्षमता प्रदान करना आदि शामिल हैं। लिवर खराब होने पर शरीर की कार्य करने की क्षमता न के बराबर हो जाती है, जिससे शरीर में अनेक प्रकार के लक्षण देखने को मिल सकते हैं। अतः लिवर डैमेज का सही समय पर इलाज कराना भी जरूरी होता है, नहीं तो यह गंभीर समस्या बन सकती है।
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लिवर को एक कारखाना माना जा सकता है, लिवर अनेक प्रकार के कार्यों को करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है:
लिवर की कमजोरी अनेक प्रकार की लिवर की बीमारीयों के उत्पन्न होने का कारण बन सकती है, जिनमें शामिल हैं:
खाने पीने में लापरवाही बरतने पर लिवर से जुड़ी कई बीमारियां उत्पन्न हो सकती हैं। गलत आदतों की वजह से लिवर कमजोर होने और लिवर खराब होने की आशंका सबसे ज्यादा होती है। निम्न आदतें लिवर की कमजोरी का कारण बन सकती हैं, जिनमें शामिल हैं:
सबसे पहले लिवर खराब होने पर शरीर में दिखाई देने वाले लक्षणों को जानना जरूरी है। जिससे समय रहते इनका पता लगाया जा सके और इलाज सही समय पर हो सके। अगर इनमें से कोई भी लक्षण रोगी में दिखे तो जरा सी भी लापरवाही न करें और तुरंत डॉक्टरी जांच कराएं। लिवर की कमजोरी से सम्बंधित लक्षणों में शामिल हैं:
व्यक्तियों में लक्षणों की जानकारी प्राप्त कर तथा कुछ प्रयोगशाला परीक्षण कर लिवर की कमजोरी का आसानी से पता लगाया जा सकता है। लिवर की कमजोरी का निदान करने के लिए कुछ सामान्य परीक्षण निम्न हैं:
आजकल जिगर से जुड़ी बीमारियां काफी बढ़ रही हैं, जिसका एक प्रमुख कारण लिवर का कमजोर होना है। लिवर इन्फेक्शन से लक्षण और शरीर को ऊर्जा प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। आइए जाने किन घरेलू नुस्खों को अपनाकर आप लीवर की कमजोरी दूर कर सकते हैं:
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लिवर की गर्मी और सूजन कम करने और लिवर को स्वस्थ रखने के लिए पालक और गाजर का जूस काफी फायदेमंद होता है इसे नियमित सुबह-शाम पीने से लिवर की कमजोरी दूर होती है और बीमार होने का जोखिम बहुत कम हो जाता है। लिवर सिरोसिस के लिए पालक व गाजर के रस का मिश्रण उत्तम इलाज है। प्रत्येक व्यक्ति को पालक व गाजर के रस को सामान मात्रा में दिन में कम से कम एक बार सेवन की आदत डालनी चाहिए।
हल्दी एंटी सेप्टिक गुणों से भरपूर होती है, जो लिवर पर रामबाण की तरह असर करती है। रात को सोने से पहले दूध में थोड़ी सी हल्दी मिलाकर पीने से लिवर की कमजोरी खत्म हो जाती है और शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता में वृद्धि होती है।
सेब का सिरका यानी एप्पल साइडर विनेगर शरीर के हानिकारक पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है। 1 दिन में कम से कम 2 बार एक-एक चम्मच सेब का सिरका और शहद पानी में मिलाकर पीने से जिगर (लिवर) को ताकत मिलती है। खाना खाने से पहले सेब का सिरका पानी में मिलाकर पीने से शरीर की अतिरिक्त चर्बी कम हो जाती है।
लिवर सिरोसिस के लिए पपीता रामबाण इलाज का कार्य करता है। लिवर पर सूजन आ जाने और लिवर कमजोर होने की स्थिति में रोज दो चम्मच पपीते के रस में आधा चम्मच नींबू का रस मिलाकर दिन में तीन बार लें। इस उपाय को एक महीने तक करें इससे लीवर की सूजन दूर हो जाएगी।
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यदि आप लिवर की कमजोरी से सम्बंधित लक्षणों को महसूस कर रहें हैं तो अपने आहार में प्याज को शामिल करना न भूलें। रोजाना प्याज का सेवन करने से लीवर सिरोसिस की बीमारी खत्म हो जाती है।
एक गिलास पानी में एक नींबू निचोड़कर और सेंधा नमक डालकर, इसे दिन में तीन बार पीने से जिगर की कमजोरी और लिवर की गर्मी से छुटकारा मिल सकता है। अतः लिवर की कमजोरी के लक्षण प्रगट होने पर आप इसका नियमित सेवन कर सकते हैं और कुछ ही दिनों में लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
विटामिन सी से भरपूर आंवला लिवर को सही तरीके से काम करने के लिए ताकत देता है। आंवले का चूर्ण या आंवले का रस 20 ग्राम, नियमित दिन में तीन बार सेवन करने से कुछ ही दिनों में लिवर की समस्त समस्याओं और बीमारियों से निजात पा सकते हैं।
भूमि आंवला लीवर की तमाम समस्याओं को दूर करता है। इसे उखाड़कर जड़ सहित पीस लें और इसे पी जाएं। यह लिवर की सूजन, लिवर का बढ़ना व पीलिया आदि रोगों में यह अत्यंत लाभकारी है।
(और पढ़े – आंवला के फायदे, गुण, लाभ और नुकसान)
गेहूं के जवारे (व्हीट ग्रास) में बहुत से पोषक तत्व होते हैं, जो लिवर को मजबूत बना सकते हैं तथा लिवर की कमजोरी के लक्षणों को कम कर सकते हैं। इसलिए कमजोर लिवर की स्थिति में गेहूं के जवारे को चबाकर या उसका जूस बनाकर सेवन करना चाहिए।
(और पढ़े – व्हीटग्रास जूस (गेंहू के जवारे) के फायदे)
लीकोरिस (Liquorice) यानी मुलेठी एक ऐसी उपयोगी जड़ी बूटी है, जिसके एंटी इंफ्लेमेटरी, एंटीकैंसर, एंटीऑक्सिडेंट और एंटी-माइक्रोबियल गुण होते हैं। मुलेठी जिगर की चोट को कम कर सकता है।
पानी को उबाल लें और उसमें मुलेठी की जड़ का पाउडर डाल दें। जब पानी ठंडा हो जाए तो उसे छानकर रख लें और दिन में दो बार सेवन करें। इसे चाय के बराबर लेना चाहिए। इससे जल्द ही ख़राब लीवर को ठीक किया जा सकता है।
अलसी के बीज को पीसकर टोस्ट या सलाद के साथ खाने से लिवर की बीमारियां नहीं होती है। फैटी लिवर की समस्या को दूर करने में तथा लिवर स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में अलसी में उपस्थित अल्फा-लिनोलेनिक एसिड और लिनोलेनिक एसिड बेहद लाभदायक होते हैं।
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लीवर की सूजन दूर करने के लिए नीचे बताए गए तरीकों को कम से कम 1 महीने तक नियमित रूप से अपनाने से आपको लाभ प्राप्त होगा।
लिवर की कमजोरी कारण लक्षण और दूर करने के उपाय (Liver weakness cause symptoms and treatment in Hindi) का यह लेख आपको कैसा लगा हमें कमेंट्स कर जरूर बताएं।
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