Lodhra symplocos racemosa in hindi लोध्र या लोध एक औषधीय जड़ी बूटी है। क्या आप लोध्र के फायदे और नुकसान जानते हैं यह एक बहुत ही लोकप्रिय औषधी है। लोध्र के फायदे त्वचा समस्याओं जैसे मुंहासे, दाग धब्बे और अन्य समस्याओं को दूर करने के लिए जाने जाते हैं। लोध्र का उपयोग महिला स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में भी मदद करता है। इसके अलावा लोध्र का उपयोग दांतों की समस्याओं को दूर करने, अल्सर का इलाज करने, आंखों की क्षमता को बढ़ाने आदि के लिए भी किया जाता है। इस आर्टिकल में आप लोध्र के फायदे और नुकसान के बारे में जानेगें।
विषय सूची
1. लोध्र (लोध) क्या है – Lodhra kya hai in Hindi
2. लोध्र के पोषक तत्व – Lodhra Ke Poshak Tatva in Hindi
3. लोध्र के फायदे – Lodhra ke fayde in Hindi
4. लोध्र का उपयोग कैसे करें – How to use Symplocos Racemosa in Hindi
5. लोध्र (लोध) के नुकसान – lodhra ke Nuksan in Hindi
यह एक महत्वपूर्ण आयुर्वेदिक औषधी है जो कि सदाबहार मध्यम आकार का पेड़ है। लोध्र का वैज्ञानिक नाम सिम्पलोसोस रेसमोसा (Symplocos Racemosa) है। इसकी पत्तियों की लंबाई 3 से 4 इंच होती है जिनका आकार गोलाकार या अंडाकार होता है। पत्तियों के डंठल छोटे होते हैं जो छूने में मखमली लगते हैं। इस पौधे के फूल क्रीम रंग के होते हैं जिनका आकार छोटा होता है। ये फूल गुच्छों के रूप में पाए जाते हैं। इस पौधे में फूल आमतौर पर नवम्बर के महिने में आते हैं जो फरवरी तक चलते हैं। लोध्र का फल बैंगनी रंग का होता है जिसकी लंबाई लगभग 1 से 1.5 इंच होती है। इन फलों में 2 से 3 बीज होते हैं।
औषधीय गुणों से भरपूर लोध्र में बहुत से पोषक तत्व और खनिज पदार्थों की अच्छी मात्रा में होते हैं। इसके अलावा लोध्र में अल्कॉइड्स की भी अच्छी मात्रा होती है। जिनमें लोटुरिन (Loturine) – 0.25 प्रतिशत, कोलोट्यूरिन (Colloturine) – 0.02 प्रतिशत, लोटूरिडीन (Loturidine) – 0.06 प्रतिशत ग्लाकोसाइड (glycosides) के साथ होता है। इन सभी पोषक तत्वों की मौजूदगी के कारण लोध्र हमारे लिए बहुत ही फायदेमंद होता है।
औषधी के रूप में उपयोग करने पर लोध्र हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। प्राचीन समय से ही विभिन्न प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने के लिए आयुर्वेद लोध्र का उपयोग कर रहा है। विशेष रूप से लोध्र महिला स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है। आइए विस्तार से जाने लोध्र के फायदे क्या हैं।
आप अपनी आंखों की समस्याओं को दूर करने के लिए लोध्र का उपयोग कर सकते हैं। लोध्र और महुआ को घी में भूनकर पाउडर बना लें। इस पाउडर को दूध के साथ मिलाकर पेस्ट तैयार करें। इस पेस्ट को अपनी आंखों में लगाएं। यह पित्त और रस के कारण होने वाले नेत्रश्लेष्मलाशोथ (Conjunctivitis) को कम करने में मदद करता है। इसके अलावा आप घी में सिके लोध्र पाउडर को कपड़े में रखें और इसे गर्म पानी में भिगोएं। फिर इस कपड़े से सिकाई करें। यह दर्द को दूर करने में बेहद प्रभावी माना जाता है। इस तरह से आप अपनी आंखों के संक्रमण और विभिन्न समस्याओं को दूर करने के लिए लोध्र के लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
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यदि आप अल्सर की समस्या से परेशान हैं तो लोध्र चूर्ण का उपयोग करें। लोध्र में एंटी-अल्सर गुण होते हैं जो अल्सर के लक्षणों को कम करने में सहायक होते हैं। इसके लिए आप धातकी और लोध्र (dhataki and lodhra) की बराबर मात्रा का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह अल्सर के घाव को भरने में सहायक होते हैं। इसके अलावा आप अल्सर के इलाज के लिए लोध्र, निग्रोधा, खदिरा, त्रिफला और घी आदि का मिश्रण तैयार करें। इस मिश्रण का सेवन करने से घावों की भरने में मदद मिलती है। इस तरह से लोध्र के लाभ घाव उपचार में मदद करते हैं।
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)महिलाओं में लोध (सिम्प्लोकोस रेसमोसा) फायदेमंद हो सकता है लोध महिलाओं में प्रजनन क्षमता में सुधार करता है क्योंकि यह एफएसएच (फॉलिक्युलर स्टिमुलेटिंग हार्मोन) और एलएच (ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन) जैसे प्रजनन हार्मोन के स्तर को बढ़ाने के लिए जाना जाता है। गर्भधारण के प्रारंभिक महीनों के दौरान नियमित रूप से दिए जाने पर लोध गर्भपात की संभावना को कम करता है। जब “लोध्र” को भोजन के बाद विशेष रूप से शहद और दूध के साथ दिन में दो बार “सुपारी पाक” (हर्बल सूत्रीकरण) के साथ लिया जाता है, तो यह बांझपन वाली महिला के लिए लाभदायक साबित होता है और गर्भाधान की सम्भावना अधिक बढ़ जाती है।
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आप अपने दांतों संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए लोध्र का उपयोग कर सकते हैं। लोध्र में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं जो मुंह से संबंधी समस्याओं को दूर कर सकते हैं। मसूड़ों से रक्त स्राव को रोकने के लिए रक्त स्राव के बाद आप लोध्र, मस्टा, शहद और रसंजना को आपस में मिलाएं और अपने दांतों और प्रभावित मसूड़ों में लगाएं। यह मुंह के बैक्टीरिया आदि को दूर करने में मदद करता है।
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एपिस्टेक्सिस (epistaxis) के इलाज में लोध्र का उपयोग किया जाता है। जिन लोगों को उच्च पित्त होता है वे आमतौर पर नाक से खून बहने की समस्या से ग्रसित रहते हैं। लेकिन इस समस्या का प्रभावी इलाज लोध्र से किया जा सकता है। यदि आप भी इस प्रकार की समस्या से ग्रसित हैं तो लोध्र का उपयोग कर सकते हैं।
महिला स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए लोध्र का इस्तेमाल किया जाता है। यह महिला शरीर के विकास, यौवन संबंधी परिपक्वता और प्रजनन संबंधी प्रक्रियाओं को प्रबंधित करता है। नियमित रूप से लोध्र का उपयोग मासिक धर्म संबंधी समस्याओं का समाधान करने में सहायक होता है। लोध्र में एंटीड्रोजेनिक प्रभाव होते हैं जो पीसीओएस में डिम्बग्रंथि सेल की शिथिलता को रोकते हैं और प्रजनन क्षमता को बढ़ाते हैं।
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सुंदर त्वचा पाने के लिए लोध्र का उपयोग फायदेमंद होता है। आप मुंहासे, पिंपल, शुष्क त्वचा संबंधी परेशानियों को दूर करने में सहायक होते हैं। इस तरह की समस्याओं को दूर करने के लिए लोध्र और स्फटिका के पेस्ट का उपयोग करना चाहिए। पिम्पल्स का इलाज करने के लिए लोध्र, धान्यका और वेका का उपयोग फायदेमंद होता है। इस तरह से आप लोध्र और अन्य जड़ी बूटीयों का उपयोग कर अपने चेहरे को सुंदर बना सकते हैं साथ ही यह मुंहासों का प्रभावी इलाज करने में भी मदद करता है।
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जिन महिलाओं को योनि संक्रमण का सामना करना पड़ता है उनके लिए लोध्र की पत्तियां उपयोगी होती हैं। महिलाएं लोध्र पत्तियों का उपयोग कर यौन संक्रमण और योनि में होने वाली बहुत सी समस्याओं का प्रभावी इलाज कर सकती हैं। इस प्रकार के संक्रमण से बचने के लिए लोध्र के पत्तों को सुखा कर उनका पाउडर तैयार करना चाहिए। इस पाउडर को पानी में मिलाकर पेस्ट बनाएं और योनि में लगाएं। यह योनि में होने वाले संक्रमण को दूर करने का आयुर्वेदिक तरीका है।
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आयुर्वेद के अनुसार लोध्र का उपयोग शरीर में अग्नी या पित्त और कफ के स्तर को नियंत्रित करने में किया जाता है। विभिन्न स्वास्थ्याओं को दूर करने के लिए आप लोध्र की पत्तियां, लोध की छाल, तने फल और बीज आदि का औषधीय उपयोग कर सकते हैं।
सामान्य रूप से लोध्र का उपभोग करना मानव स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है। लेकिन अधिक मात्रा में इसका सेवन करने से लोध्र के नुकसान भी हो सकते हैं।
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