लो प्लेटलेट (प्लेटलेट्स की कमी) या थ्रोम्बोसाइटोपेनिया (Thrombocytopenia) की समस्या किसी व्यक्ति के रक्त में प्लेटलेट्स की संख्या, सामान्य से कम होने की स्थिति को प्रगट करती है। यदि रक्त में प्लेटलेट्स की संख्या 10,000 प्लेटलेट्स प्रति माइक्रोलिटर से कम होती हैं, तो यह संकेत चिकित्सकीय आपातकाल की स्थिति को प्रदर्शित करते हैं। व्यक्तियों द्वारा पोषक तत्वों का सेवन प्लेटलेट्स के उत्पादन में अहम् भूमिका निभाता है। अतः प्लेटलेट्स की कमी को पूरा करने के लिए मरीज को उचित आहार को अपनाने की सलाह दी जाती है। लेकिन गंभीर स्थिति में चिकित्सकीय इलाज की आवश्यकता होती है। यदि प्लेटलेट्स की कमी (थ्रोम्बोसाइटोपेनिया) (low platelet count) के लक्षणों का समय पर निदान न किया जाये, तो यह आंतरिक रक्तस्राव का कारण बनता है। जिससे सम्बंधित व्यक्ति की मौत तक हो सकती है। अतः प्रत्येक व्यक्ति को इसके लक्षणों को पहचानना अति आवश्यक है।
अतः आज के इस लेख में आप जानेंगे कि, प्लेटलेट्स की कमी (थ्रोम्बोसाइटोपेनिया) (low platelet count or Thrombocytopenia) क्या है, प्लेटलेट्स की कमी के लक्षण, लो प्लेटलेट के कारण क्या हैं, इसका निदान एवं उपचार कैसे किया जा सकता है तथा इसकी रोकथाम कैसे करें और प्लेटलेट्स बढ़ने के उपाय के बारे में।
लो प्लेटलेट को थ्रोम्बोसाइटोपेनिया (Thrombocytopenia) के नाम से भी जाना जाता है। थ्रोम्बोसाइटोपेनिया (Thrombocytopenia) एक ऐसी स्थिति है, जिसमें रक्त में प्लेटलेट्स की संख्या कम हो जाती है। प्लेटलेट्स (थ्रोम्बोसाइट्स) (thrombocytes) रक्त में पाई जाने वाली रंगहीन रक्त कोशिकाएं हैं, जो रक्त का थक्का बनाने में मदद करती हैं।
प्लेटलेट्स की कमी (थ्रोम्बोसाइटोपेनिया), अक्सर कुछ विकारों जैसे- ल्यूकेमिया (leukemia) या प्रतिरक्षा प्रणाली की समस्या के परिणामस्वरूप होती है। इसके अतिरिक्त यह स्थिति कुछ दवाओं के दुष्प्रभाव के कारण भी उत्पन्न हो सकती है। यह बच्चों और वयस्कों दोनों को सामान रूप से प्रभावित करती है। इसके अंतर्निहित कारणों के आधार पर यह स्थिति हल्के से बहुत गंभीर हो सकती है।
थ्रोम्बोसाइटोपेनिया (Thrombocytopenia) के लक्षणों में गंभीर रक्तस्राव शामिल हो सकता है और समय पर इलाज न होने पर जीवन के लिए घातक हो सकता है। कुछ लोगों में इस स्थिति के तहत किसी भी लक्षण का अनुभव नहीं हो सकता है।
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थ्रोम्बोसाइटोपेनिया (Thrombocytopenia) की स्थिति में लक्षणों का कम या अधिक अनुभव होना, प्लेटलेट्स की संख्या पर निर्भर करता है। प्लेटलेट्स की संख्या में सामान्य कमी (जैसे गर्भावस्था के कारण कम प्लेटलेट्स की संख्या) आमतौर पर किसी भी प्रकार के लक्षण का कारण नहीं बनती है। अधिक गंभीर मामलों में यह अनियंत्रित रक्तस्राव का कारण बन सकती है जिसके लिए तुरंत चिकित्सा की आवश्यकता होती है।
थ्रोम्बोसाइटोपेनिया (Thrombocytopenia) या प्लेटलेट्स कम होने के लक्षण और संकेतों में निम्न शामिल हो सकते हैं:
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थ्रोम्बोसाइटोपेनिया (Thrombocytopenia) या प्लेटलेट्स घटने के कारण अनेक हो सकते हैं। कम प्लेटलेट्स का सबसे सामान्य कारण एक इम्यून थ्रोम्बोसाइटोपेनिया (आईटीपी) (immune thrombocytopenia) (ITP) नामक एक एक स्थिति है। इस स्थिति को आईडियोपैथिक थ्रोम्बोसाइटोपेनिक पुरपुरा (idiopathic thrombocytopenic purpura) के नाम से भी जाना जा सकता है। हालांकि डॉक्टरों को आईटीपी के मुख्य कारण का पता नहीं है। माना जाता है कि यह स्थिति तब उत्पन्न होती है, जब प्रतिरक्षा प्रणाली बीमारी के खिलाफ सही तरीके से काम नहीं करती है। इस स्थिति में संक्रमण के खिलाफ काम करने वाली एंटीबॉडी गलती से प्लेटलेट्स को नष्ट करने का कारण बनती है। इसके अतिरिक्त प्लेटलेट्स घटने का कारण में निम्न संभावित कारण हो सकते हैं:
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अस्थि मज्जा हड्डी के अंदर स्पंजी ऊतक होते हैं। यह वह स्थान है, जहां प्लेटलेट्स सहित रक्त के सभी घटक उत्पन्न होते हैं। अतः अस्थि मज्जा द्वारा पर्याप्त प्लेटलेट्स न बनाने की स्थिति में कम प्लेटलेट्स गिनती (थ्रोम्बोसाइटोपेनिया) (Thrombocytopenia) की समस्या उत्पन्न होती है।
अतः इसके अंतर्गत कम प्लेटलेट्स उत्पादन के निम्न कारणों को शामिल किया जा सकता है:
स्वस्थ शरीर में प्रत्येक प्लेटलेट्स का कार्यकाल लगभग 10 दिन तक रहता है। शरीर द्वारा प्लेटलेट्स को अधिक मात्रा में नष्ट करने के कारण भी कम प्लेटलेट्स गिनती या थ्रोम्बोसाइटोपेनिया (Thrombocytopenia) की समस्या उत्पन्न हो सकती है। यह स्थिति शरीर पर कुछ दवाओं के साइड इफेक्ट्स के कारण उत्पन्न हो सकती है, जिसमें मूत्रवर्धक (diuretics) और एंटी सिजरे (anti-seizure) दवाएं शामिल हैं। इसके अतिरिक्त प्लेटलेट्स विनाश के निम्न कारण हो सकते हैं:
गंभीर रूप से प्लेटलेट्स की संख्या में कमी (thrombocytopenia) अनेक प्रकार की जटिलताओं का कारण बन सकती है। गंभीर रूप से आंतरिक रक्तस्राव तब हो सकता है जब सम्बंधित व्यक्ति के रक्त में प्लेटलेट्स की संख्या 10,000 प्रति माइक्रोलिटर से नीचे पाई जाती है। हालांकि दुर्लभ मामलों में गंभीर थ्रोम्बोसाइटोपेनिया (Thrombocytopenia) मस्तिष्क में रक्तस्राव का कारण बन सकता है।
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यदि किसी व्यक्ति को स्वास्थ्य से संबधित किसी भी तरह के लक्षण या संकेत है, जो कि चिंता का विषय बन सकते हैं, तो इस स्थिति में डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
आंतरिक रक्तस्राव एक चिकित्सा आपात की स्थिति को निर्मित कर सकता है। अतः यदि किसी व्यक्ति को रक्तस्राव का अनुभव होता है, तो तत्काल डॉक्टर की सहायता प्राप्त करें, जिससे इस स्थिति को प्राथमिक चिकित्सा के माध्यम से ही नियंत्रित पाया जा सके।
डॉक्टर थ्रोम्बोसाइटोपेनिया (Thrombocytopenia) या कम प्लेटलेट्स संख्या का निदान करने के लिए मरीज से कुछ प्रश्न पूछेगा और शारीरिक परीक्षण करेगा। निदान प्रक्रिया में लक्षणों, पारिवारिक इतिहास और दवाओं से सम्बंधित प्रश्न पूछ सकता है। शारीरिक परीक्षण के तहत् त्वचा के चकत्ते (धब्बे) और चोट आदि का अवलोकन किया जाता है। इसके अतिरिक्त थ्रोम्बोसाइटोपेनिया (Thrombocytopenia) का निदान करने के लिए डॉक्टर निम्न परीक्षणों का सहारा ले सकते हैं:
प्लेटलेट्स की जांच के लिए पूर्ण रक्त गणना CBC (complete blood count) – एक पूर्ण रक्त गणना परीक्षण के तहत, मरीज के रक्त नमूने में प्लेटलेट्स समेत अन्य रक्त कोशिकाओं की संख्या का निर्धारण किया जाता है। वयस्कों में, सामान्य प्लेटलेट्स गिनती 150,000 से 450,000 प्लेटलेट्स प्रति माइक्रोलिटर होती है। यदि पूर्ण रक्त परीक्षण (complete blood count) में 150,000 से कम प्लेटलेट्स प्राप्त होती हैं, तो यह थ्रोम्बोसाइटोपेनिया का संकेत होता है। इसके अतिरिक्त डॉक्टर प्लेटलेट्स एंटीबॉडी (platelet antibodies) के लिए भी रक्त परीक्षण कर सकता है। साथ ही साथ डॉक्टर रक्त-थक्का परीक्षण (blood-clotting tests) के तहत् आंशिक थ्रोम्प्लास्टीन टाइम (partial thromboplastin time) और प्रोथ्रोम्बिन टाइम (prothrombin time) ज्ञात करने के लिए भी आदेश दे सकता है।
प्लेटलेट्स घटने की जांच के लिए अस्थि मज्जा परीक्षण (bone marrow test) – डॉक्टर को यदि अस्थि मज्जा में उत्पन्न विकार का संदेह रहता है, तो इस समस्या का निदान करने के लिए तरल अस्थि मज्जा का नमूना (बायोप्सी) लेने के लिए एक विशेष प्रकार की सुई का उपयोग किया जाता है और अस्थि मज्जा परीक्षण के माध्यम से सही तरीके से काम न करने वाली कोशिकाओं की जाँच कर ली जाती है।
प्लेटलेट्स की जांच के लिए अल्ट्रासाउंड (Ultrasound) – अगर डॉक्टर को लगता है कि मरीज का तिल्ली (प्लीहा) (spleen) बढ़ गया है, तो निदान प्रक्रिया में अल्ट्रासाउंड (Ultrasound) का आदेश दिया जा सकता है। यह परीक्षण प्लीहा (spleen) को देखने के लिए ध्वनि तरंगों का उपयोग करता है।
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लो प्लेटलेट या थ्रोम्बोसाइटोपेनिया (thrombocytopenia) के लिए उपचार प्रक्रिया बीमारी के कारणों और उसकी गंभीरता पर निर्भर करती है। यदि प्लेटलेट्स में कमी सामान्य है, तो डॉक्टर मरीज को सावधानी रखने और एक स्वस्थ्य आहार दिनचर्या अपनाने की सलाह दे सकता है।
यदि डॉक्टर द्वारा कम प्लेटलेट्स गिनती (low platelet count) या थ्रोम्बोसाइटोपेनिया के कारणों में दवा के प्रभाव का निर्धारण किया जाता है, तो इस दवा पर रोक लगाकर या किसी अन्य दवा का प्रयोग कर थ्रोम्बोसाइटोपेनिया का उपचार किया जा सकता है। यदि थ्रोम्बोसाइटोपेनिया का सम्बन्ध प्रतिरक्षा प्रणाली की समस्या से है, तो डॉक्टर प्लेटलेट्स की संख्या को बढ़ावा देने के लिए दवाओं की सिफारिश कर सकता है।
रक्त या प्लेटलेट्स ट्रांसफ्यूजन (Blood or platelet transfusions) – यदि रक्त में प्लेटलेट्स स्तर बहुत कम हो जाता है, तो डॉक्टर मरीज के रक्त को लाल रक्त कोशिकाओं या प्लेटलेट्स के ट्रांसफ्यूशन के साथ बदलने की सिफारिश कर सकता है।
सर्जरी (Surgery) – यदि थ्रोम्बोसाइटोपेनिया की स्थिति, तिल्ली (प्लीहा) (spleen) के बढ़ने के कारण उत्पन्न होती है, तो डॉक्टर कम प्लेटलेट्स संख्या का इलाज करने के लिए सर्जरी का प्रयोग कर सकता है। सर्जरी के दौरान तिल्ली (प्लीहा) (spleen) को हटाने के लिए स्प्लेनेक्टोमी (splenectomy) की सिफारिश कर सकता है।
प्लाज़्मा एक्सचेंज (Plasma exchange) – थ्रोम्बोटिक थ्रोम्बोसाइटोपेनिक पुरपुरा (Thrombotic thrombocytopenic purpura) के परिणामस्वरूप उत्पन्न, थ्रोम्बोसाइटोपेनिया की चिकित्सा आपातकालीन स्थिति में प्लाज्मा एक्सचेंज की आवश्यकता होती है।
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थ्रोम्बोसाइटोपेनिया (thrombocytopenia) या कम प्लेटलेट्स गिनती (low platelet count) की रोकथाम बहुत आवश्यक है क्योंकि यह स्थिति जीवन की अनेक समस्याओं का कारण बन सकती है, अतः थ्रोम्बोसाइटोपेनिया (thrombocytopenia) की रोकथाम के लिए निम्न उपाय अपनाये जाने चाहिए:
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रक्त प्लेटलेट्स को बढ़ाने के लिए खाद्य पदार्थ की अहिम भूमिका होती है अतः मुख्य रूप से थ्रोम्बोसाइटोपेनिया (thrombocytopenia) या प्लेटलेट्स गिनती कम होने (low platelet count) की स्थिति में राहत प्राप्त करने के लिए प्लेटलेट्स को बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थों के सेवन की सलाह दी जाती है। प्लेटलेट्स बढ़ाने के उपाय में निम्न को शामिल किया जाता है:
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