आज के लेख में आप जानेंगे की फेफड़े का कैंसर कैसे होता है इसके शुरुआती लक्षण क्या होते है, फेफड़ों के कैंसर का कारण क्या होता है और इससे कैसे बचा जा सकता है जानिए फेफड़ों के कैंसर के लक्षण, कारण, उपचार, इलाज, जाँच के तरीकों के बारे में। फेफड़े का कैंसर कैसे होता है और कैसे फैलता है। (Jane Lung Cancer ke Karan, Lakshan, ilaj, Aur Upchar in Hindi me)
1. फेफड़ों के कैंसर के लक्षण – lung cancer symptoms in Hindi
2. लंग कैंसर के कारण – lung cancer causes in Hindi
3. धूम्रपान कैसे फेफड़ों के कैंसर का कारण बनता है – How smoking causes lung cancer in Hindi
4. फेफड़ों के कैंसर के प्रकार – Types of lung cancer in Hindi
5. फेफड़ों का कैंसर का निदान – Lung Cancer Diagnosis in Hindi
6. फेफड़े के कैंसर का उपचार – Lung Cancer Treatment in Hindi
7. फेफड़ों के कैंसर के जोखिम – Risk factors for lung cancer in Hindi
8. फेफड़े के कैंसर से होने वाली जटिलताओं – Lung cancer complications in Hindi
9. फेफड़े का कैंसर से बचाव – Lung Cancer Prevention in Hindi
फेफड़ों का कैंसर एक प्रकार का कैंसर ही है जो फेफड़ों में शुरू होता है। आपके फेफड़े आपकी छाती में दो स्पंज की तरह अंग हैं जो ऑक्सीजन लेते हैं जब आप श्वास लेते हैं और कार्बन डाइऑक्साइड को छोड़ते हैं।
कैंसर एक खतरनाक बीमारी है। दुनिया में किसी भी कैंसर से ज्यादा मामले फेफड़े के कैंसर (Lung Cancer) का होता है। संयुक्त राज्य अमेरिका में फेफड़ें के कैंसर के कारण सबसे ज्यादा मौतें होती है। क्योंकि फेफड़ों के कैंसर के शुरुआती लक्षणों का पता नहीं लगाया जा सकता है। ये कैंसर महिलाओं से ज्यादा पुरुषों में होता है और इसकी मुख्य वजह है धूम्रपान करना माना जाता है।
सिगरेट, गुटका, तम्बाकू आदि का सेवन लंग कैंसर (Lung Cancer) को बढ़ावा देता है। आपको बता दें कि जो लोग धूम्रपान करते हैं उन्हें फेफड़ों के कैंसर का सबसे ज्यादा खतरा होता है, हालांकि फेफड़े का कैंसर उन लोगों में उत्पन्न हो सकता है जिनको कभी धूम्रपान नहीं किया है। यदि आप कई वर्षों तक धूम्रपान करने के बाद भी धूम्रपान छोड़ देते हैं, तो आप फेफड़ों के कैंसर के विकास की संभावनाओं को काफी कम कर सकते हैं। आइए आज हम आपको बताने जा रहे है कि फेफड़ों के कैंसर कैसे हो सकता है, इस से कैसे बचा जा सकता है।
फेफड़ों के कैंसर के लक्षण – lung cancer symptoms in Hindi
शुरुआती दौर में फेफड़े के कैंसर का कोई भी लक्षण स्पष्ट नजर नहीं आता है । फेफड़ों के कैंसर के लक्षण (symptoms of lung cancer) तब पता चलते है जब ये एंडवांस लेबल पर पहुंच जाता है।
फेफड़ों का कैंसर के लक्षण निम्न है
- खांसी जो आसानी से नहीं जा रहा है
- कफ के साथ खून का आना
- सांस लेने में तकलीफ
- छाती में दर्द
- आवाज बैठना
- वजन का कम होना
- हड्डी में दर्द
- सिरदर्द
उपरोक्त में से कोई भी लक्षण लंबे समय तक दिखें तो ये चिंता का विषय है, ऐसा जरूरी नहीं है कि एक या दो लक्षण मिलने से आपको लंग कैंसर है ही लेकिन फिर भी अपने चिंता को समाप्त करने के लिए एक बार अपने डॉक्टर से जरूर चेकअप करवाएं। यदि आप धूम्रपान करते हैं और छोड़ने में असमर्थ हैं, तो अपने डॉक्टर से मिलिए क्योंकि फेफड़ों के कैंसर होने के प्रमुख कारणों में से एक है धूम्रपान। धूम्रपान छोड़ने के लिए डॉक्टर आपको काउसिलंग, मेडिकेशन या फिर निकोटिन को दूर करने के लिए कोई प्रोडक्ट दे सकता है।
लंग कैंसर के कारण – lung cancer causes in Hindi
धूम्रपान करना फेफड़ों के कैंसर का मुख्य कारणों में से एक है। धूम्रपान करने वाले और इसके सम्पर्क में रहने वालों दोनों को फेफड़ों के कैंसर होने की संभावना अधिक होती है। लेकिन एक बात याद रखें फेफड़ों का कैंसर उन लोगों में भी हो सकता है जो कभी भी धूम्रपान नहीं करते थे (people who never smoked ) या फिर इसके सम्पर्क में नहीं रहते थे। ऐसे स्थित में फेफड़ों के कैंसर होने का कोई भी स्पष्ट कारण सामने नहीं आया है।
धूम्रपान कैसे फेफड़ों के कैंसर का कारण बनता है – How smoking causes lung cancer in Hindi
डॉक्टरों का मानना है कि धूम्रपान करने से फेफड़ों के कोशिकाओं को हानि पहुंचती है ,जो फेफड़ों के कैंसर का कारण बनता है। जब आप सिगरेट के धुएं का श्वास लेते हैं, जो कैंसर कारक पदार्थों (carcinogens) से भरा होता है, फेफड़े के ऊतकों में बदलाव लाना शुरू कर देता है। शुरूआत में तो आपका शरीर इस डैमज को सुधारने में कामयाब हो सकता है लेकिन बार-बार स्मोकिंग करने से जोखिम बढ़ सकता है। और नॉर्मल कोशिकाओं भी क्षतिग्रस्त होना शुरू हो जाता है। समय के साथ, क्षति से कोशिकाओं को असामान्य रूप से कार्य करना पड़ता है और अंततः कैंसर का विकास हो सकता है।
फेफड़ों के कैंसर के प्रकार – Types of lung cancer in Hindi
फेफड़ों के कैंसर की कोशिकाओं के आधार पर फेफड़ों के कैंसर दो प्रकार के होते है।
1.स्मॉल सेल लंग कैंसर – Small cell lung cancer
छोटे सेल फेफड़ों का कैंसर भारी धूम्रपान करने वालों में होता है और नॉन स्माल सेल लंग कैंसर से कम आम है।
2.नॉन स्माल सेल लंग कैंसर Non-small cell lung cancer
गैर-छोटे सेल फेफड़ों का कैंसर कई प्रकार के फेफड़ों के कैंसर के लिए एक गुच्छे के समान शब्द है जो समान तरीके से व्यवहार करता है। नॉन स्माल सेल लंग कैंसर में स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा, एडेनोकार्सीनोमा और बड़े सेल कार्सिनोमा शामिल हैं।
फेफड़ों का कैंसर का निदान – Lung Cancer Diagnosis in Hindi
लक्षणों के बारे में सुनकर, एक स्वास्थ्य देखभाल प्रदाता संभावित निदान की एक सूची तैयार करेगा। डॉक्टर लक्षण, चिकित्सा और शल्य चिकित्सा के इतिहास, धूम्रपान और कार्य इतिहास के साथ जीवन शैली, समग्र स्वास्थ्य और दवाओं के बारे में प्रश्न पूछेंगे। जब तक गंभीर हेमोप्टाइसिस नहीं हो रहा है, तब तक श्वास एक्स-रे सबसे अधिक श्वसन लक्षणों के कारण की तलाश करने के लिए किया जाता है। एक्स-रे असामान्यता दिखा भी सकता है या नहीं।
फेफड़ों के कैंसर में देखी जाने वाली असामान्यताओं के प्रकार में एक छोटा नोड्यूल या नोड्यूल या एक बड़ा द्रव्यमान शामिल होता है। छाती के एक्स-रे पर देखे जाने वाले सभी असामान्यताएं कैंसर नहीं हैं। उदाहरण के लिए, कुछ लोग अपने फेफड़ों में स्कार्फिंग और कैल्शियम के जमाव को विकसित करते हैं जो छाती के एक्स-रे पर ट्यूमर की तरह लग सकते हैं।ज्यादातर मामलों में, छाती का सीटी स्कैन या एमआरआई समस्या को और अधिक परिभाषित करने के लिए किया जा सकता है।
फेफड़े के कैंसर का उपचार – Lung Cancer Treatment in Hindi
फेफड़ों के कैंसर में उपचार के फैसले पहले इस पर निर्भर करते हैं कि एससीएलसी या एनएससीएलसी (SCLC or NSCLC) मौजूद है या नहीं। उपचार ट्यूमर की स्टेज पर भी निर्भर करता है। एनएससीएलसी में, रोगी की प्रदर्शन स्थिति उपचार से लाभ की संभावना का एक प्रमुख निर्धारक है। फेफड़ों के कैंसर के लिए आज सबसे अधिक इस्तेमाल किए जाने वाले उपचार में शल्य चिकित्सा, विकिरण चिकित्सा, कीमोथेरेपी (chemotherapy) और लक्षित उपचार (targeted therapies) शामिल हैं।
फेफड़ों के कैंसर के जोखिम – Risk factors for lung cancer in Hindi
ऐसे कई कारण है जो फेफड़ों के कैंसर के खतरे को बढ़ा सकते हैं। इसमें से कुछ को आप नियंत्रित भी कर सकते है जैसे की धूम्रपान को नहीं करके। और कुछ ऐसे भी कारण है जिस आप नियंत्रित नहीं कर सकते है वह है फैमिली हिस्ट्री (family history)।
फैमिली हिस्ट्री से यह तात्पर्य यह है कि अगर आपके परिवार में कोई भी सदस्य कैंसर से पीड़ित है तो हो सकता है कि आप भी इसके चपेट में आ सकते है।
फेफड़ों के कैंसर के लिए जोखिम के कारक में निम्न कारण शामिल है –
धूम्रपान (Smoking)–धूम्रपान करने से फेफड़ों का कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है। एक दिन में जितनी बार आप इसका सेवन करते है उतनी ज्यादा कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है। किसी भी उम्र में धूम्रपान को छोड़ना आपके स्वास्थ्य और आपके फेफड़ों के अच्छा है।
धुंए के सम्पर्क में रहने से (Exposure to secondhand smoke) – सिगरेट का धुआं उतना ही हानिकारक है जितना की सिगरेट पीना। अगर आप सिगरेट नहीं भी पीते है लेकिन किसी भी तरह से इसका धुआं आपके अंदर जाता है तो आपको भी फेफड़े का कैंसर होने का खतरा बना रहता है।
रेडॉन गैस के सम्पर्क में आने से (Exposure to radon gas) – भी फेफड़ों के कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है। मिट्टी, चट्टान और पानी में यूरेनियम के टूटने से रेडॉन गैस पैदा होता है। जो हवा के द्वारा हमारे फेफड़ों तक पहुंचता है।
एस्बेस्टोस और अन्य कार्सिनोजेन्स के सम्पर्क में आने (Exposure to asbestos and other carcinogens) से फेफड़ों के कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है। आर्सेनिक, क्रोमियम और निकल जैसे तत्व के लगातार सम्पर्क से कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
फेफड़े के कैंसर का पारिवारिक इतिहास (Family history of lung cancer) फेफड़ों के कैंसर वाले माता-पिता, भाई या बच्चे में रोग का खतरा बढ़ता हैं।
फेफड़े के कैंसर से होने वाली जटिलताओं – Lung cancer complications in Hindi
फेफड़ों के कैंसर के कारण कई जटिलताओं का भी सामना करना पड़ सकता है। जिसमें से मुख्य निम्न है
साँसों की कमी (Shortness of breath) – फेफड़े के कैंसर से ग्रस्त लोगों में श्वास की तकलीफ का अनुभव हो सकता है । अगर कैंसर सांस लेने के रास्ते में अवरोध पैदा करता है तो सांस लेने में परेशानी आ सकती है।
खांसी के साथ खून आना (Coughing up blood) – फेफड़े के कैंसर के दौरान सांस लेने वाली नली में खून बह सकता है जिसके कारण खांसी के दौरान खून आने की समस्या (हेमोप्लेसीस) हो सकती है। कभी-कभी रक्तस्राव गंभीर हो सकता है ।रक्तस्राव को नियंत्रित करने के लिए उपचार उपलब्ध हैं।
दर्द (Pain)– जब फेफड़ों का कैंसर बढ़ जाता है तो शरीर के दूसरे हिस्से जैसे हड्डी में भी दर्द हो सकता है। अगर ऐसा होता है तो तुरंत ही अपने डॉक्टर से इसके बारे में बताएं।
कैंसर जो शरीर के अन्य हिस्सों में फैल सकता है (Cancer that spreads to other parts of the body (metastasis) – फेफड़ों का कैंसर शरीर के अन्य हिस्सों जैसे मस्तिष्क और हड्डियों में फैलाता है (मेटास्टेसाइज करता है)। कैंसर दर्द, मतली, सिरदर्द, या अन्य लक्षणों और लक्षणों का कारण बन सकता है। एक बार फेफड़ों का कैंसर फेफड़ों से बाहर फैल जाये तो, यह आमतौर पर इलाज योग्य नहीं है। संकेतों और लक्षणों को कम करने और लंबे समय तक जीवित रहने में आपकी सहायता के लिए इसका उपचार उपलब्ध हैं।
फेफड़े का कैंसर से बचाव – Lung Cancer Prevention in Hindi
फेफड़ों के कैंसर को रोकने के लिए कोई निश्चित तरीका नहीं है, लेकिन आप अपने जोखिम को कम कर सकते हैं यदि आप:
धूम्रपान न करें (Don’t smoke) – यदि आप धूम्रपान नहीं करते है तो यह काफी अच्छी बात है। धूम्रपान न करने के बारे में आप अपने बच्चों से भी बात करें जिससे वह इस खतरनाक बीमारी के बच सके।
बंद करें धूम्रपान करना (Stop smoking)– अगर आप धूम्रपान करते है तो इसे छोड़ना ही फेफड़ों के कैंसर के खतरे को कम कर सकता है, भले ही आपने कई वर्षों तक धूम्रपान किया हो। धूम्रपान छोड़ने के लिए डॉक्टर से सलाह लें।
सिगरेट के धुंए से बचे (Avoid secondhand smoke) – अगर आप सिगरेट नहीं पीते है लेकिन धुंए के सम्पर्क में रहते है तो इससे दूर रहें। अगर आपके आसपास कोई धूम्रपान करता है तो उसे ऐसा नहीं करने की सलाह दे.
काम पर कार्सिनोजेन से बचें (Avoid carcinogens at work) – कार्यस्थल पर जहरीले रसायनों के जोखिम से खुद को बचाने के लिए सावधानी बरतें ।अगर ऑफिस में कोई धूम्रपान करता है तो उसे आप सलाह दे सकते है कि ऐसी जगह इसका सेवन करें जिससे इसका असर दूसरों पर नहीं हो।
फल और सब्जियों से भरपूर आहार खाएं (Eat a diet full of fruits and vegetables) – विभिन्न प्रकार के फल और सब्जियों के साथ एक स्वस्थ आहार चुनें। विटामिन और पोषक तत्वों के खाद्य स्रोत सबसे अच्छे माने जाते हैं। गोली के रूप में विटामिन की बड़ी खुराक लेने से बचें, क्योंकि वे हानिकारक हो सकते हैं।
सप्ताह के ज्यादा दिन व्यायाम करें (Exercise most days of the week) – यदि आप नियमित रूप से व्यायाम नहीं करते हैं, तो धीरे-धीरे शुरू करें। सप्ताह के अधिकांश दिनों में व्यायाम का अभ्यास करने की कोशिश करें।
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