Mahila Nasbandi In Hindi महिला नसबंदी: आजकल महिलाओं में नसबंदी कराना बहुत आम बात हो गई है। महिला नसबंदी को अंग्रेजी में फीमेल स्टरलाइजेशन (female sterilization in hindi) कहा जाता है, अब सरकार भी महिलाओं और पुरुषों दोनो की नसबंदी को बढ़ावा दे रही है और लगभग हर सरकारी अस्पतालों में महिलाओं की नसबंदी की समुचित व्यवस्था करायी गई है। जनसंख्या कम करने के लिए नसबंदी को एक बेहतर उपाय माना जाता है। शायद यही कारण है कि लोग महिलाओं को नसबंदी कराने की सलाह देते हैं। इस लेख में आप जानेंगी महिला नसबंदी क्या है, कैसे होती है, महिला नसबंदी के बाद क्या होता है, फायदे और नुकसान के बारे में।
विषय सूची
1. महिला नसबंदी क्या है – Mahila Nasbandi Kya Hai In Hindi
2. महिलाओं में नसबंदी कराने का उद्देश्य – Purpose Of Female Sterilization In Hindi
3. महिला नसबंदी करने के तरीके और प्रक्रिया – Procedure Of Female Sterilization In Hindi
4. महिलाओं में नसबंदी किस तरह कार्य करती है – Mahila Nasbandi Kis Tarah Kary Karti Hai
5. महिला नसबंदी कितना प्रभावी होता है – Mahila Nasbandi Kitne Prabhavi Hoti Hai
6. महिला नसबंदी के फायदे – Mahila Nasbandi Ke Fayde In Hindi
7. महिला नसबंदी के नुकसान – Mahila Nasbandi Ke Nuksan In Hindi
महिलाओं में गर्भधारण को रोकने के लिए फैलोपियन ट्यूब को ब्लॉक कर दिया जाता है, इस प्रकिया को नसबंदी (sterilization) कहते हैं। महिलाओं में नसबंदी एक स्थायी प्रक्रिया है जिससे फिर वह भविष्य में गर्भधारण नहीं कर पाती हैं। 40 वर्ष से 45 वर्ष की महिलाएं या ऐसी महिलाएं जिनकी उम्र 30 साल से ज्यादा है और वे बच्चा पैदा कर चुकी हैं या बच्चा पैदा नहीं करना चाहती हैं, नसबंदी करा सकती हैं। नसबंदी कराने के बाद महिलाओं को किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता है। नसबंदी के कारण न तो उनके यौन इच्छा (sex drive) में कमी आती है, न तो उत्तेजना (excitement) में कमी आती है और न ही महिलाओं के शरीर में हार्मोन के स्तर में गिरावट आती है। यही कारण है कि महिलाओं के लिए नसबंदी को सुरक्षित और फायदेमंद माना जाता है।
(और पढ़े – बिना गोली और कंडोम के प्रेगनेंसी रोकने और गर्भधारण से बचने के उपाय…)
नसबंदी कराना किसी भी महिला के लिए एक बड़ा निर्णय होता है। यदि कोई महिला और उसका पार्टनर भविष्य में बच्चे पैदा नहीं करना चाहते हैं तो इसके बाद महिला नसबंदी कराने का निर्णय लेती है। नसबंदी कराने का एकमात्र उद्देश्य भविष्य में बच्चे की चाह न रखना होता है।
(और पढ़े – गर्भावस्था में आहार जो देगा माँ और बच्चे को पूरा पोषण…)
महिलाओं में नसबंदी कराने की प्रक्रिया इस बात पर निर्भर करती है कि वे किस तरह की नसबंदी कराना चाहती हैं। नसबंदी कई तरीके से की जाती है जो आमतौर पर डॉक्टर के क्लिनिक और हॉस्पिटल में की जाती है। आइये जानते हैं नसबंदी कराने के तरीके और उनकी प्रक्रिया (procedure) के बारे में।
इस प्रकार की नसबंदी कराने के लिए महिला को पहले एनेस्थेशिया (anesthesia) का इंजेक्शन या दवा दी जाती है। इसके बाद डॉक्टर महिला के पेट में गैस भरकर उसे फुलाते हैं और प्रजनन अंगों (reproductive organs) के बीच में लैप्रोस्कोप के जरिए एक चीरा (incision) लगाते हैं। इसके बाद डॉक्टर फेलोपियन ट्यूब को सील (seal) कर देते हैं। इसके अलावा डॉक्टर ट्यूब को काट या मोड़ सकते हैं एवं ट्यूब के भाग को हटा सकते हैं या बैंड एवं क्लिप (clips) लगाकर ट्यूब को ब्लॉक कर देते हैं। कुछ तरह की नसबंदी की प्रक्रिया में सिर्फ एक उपकरण (instrument) और एक चीरा लगाने की जरूरत पड़ती है अन्य नसबंदी में दो चीरा और दो उपकरण की जरूरत होती है।
(और पढ़े – पुरुष नसबंदी के फायदे, नुकसान और यौन जीवन पर असर…)
इस प्रकार की नसबंदी एक विशेष उपकरण के माध्यम से की जाती है जिसे फैलोपियन ट्यूब ऑक्लुजन (fallopian tube occlusion) कहा जाता है। इसमें मेटल के दो पतले कॉयल (coils) लगे होते हैं। पहले कॉयल को योनि और कार्विक्स के माध्यम से फैलोपियन ट्यूब में डाला जाता है। कॉयल के चारों ओर स्कार टिश्यू (scar tissue) लगे होते हैं जो फैलोपियन ट्यूब को ब्लॉक कर देते हैं। इस प्रक्रिया में किसी तरह का चीरा लगाने की आवश्यकता नहीं पड़ती है। इसलिए सर्जरी की अपेक्षा यह जल्दी ठीक भी हो जाता है। हालांकि इस तरह की नसंबदी को करने के लिए मरीज को एनेस्थिशिया दिया जाता है।
(और पढ़े – योनि के बारे में सम्पूर्ण जानकारी…)
यह नसबंदी की एक सर्जिकल प्रक्रिया है जो बच्चे को जन्म देने के दो दिन बाद किया जाता है। इस तरह की नसबंदी ऑपरेशन रूम में की जाती है और पहले मरीज को बेहोश किया जाता है। इसके बाद डॉक्टर महिला के पेट के ऊपर एक से तीन इंच लंबा चीरा (incision) लगाते हैं और प्रत्येक तरफ से फैलोपियन ट्यूब के सेक्शन को निकाल देते हैं।
एनेस्थेशिया का असर खत्म होने और होश में आने के बाद महिला उसी दिन अपने घर आ सकती है या कुछ दिन अस्पताल में रूक सकती है। नसबंदी के दौरान पेट या प्रजनन अंगों के घाव जल्दी सूख जाते हैं जबकि कुछ महिलाओं के घाव देर से सूखते हैं। इसके बाद महिला का जीवन सामान्य हो जाता है और नसबंदी के कारण उसे कोई विशेष परेशानी नहीं होती है।
(और पढ़े – क्या लगातार सेक्स पुरुष प्रजनन क्षमता को प्रभावित करता है?)
नसबंदी में फैलोपियन ट्यूब को ब्लॉक या सील कर दिया जाता है। यह अंडे को गर्भाशय (uterus) तक पहुंचने से रोकता है और शुक्राणु (sperm) को अंडे तक पहुंचने से रोकता है। इससे शुक्राणु अंडे से मिलकर निषेचन की क्रिया (fertilization) नहीं कर पाते हैं और महिला प्रेगनेंट नहीं हो पाती है।
(और पढ़े – गर्भाशय की जानकारी, रोग और उपचार…)
नसबंदी (महिला नसबंदी) को पूरी तरह प्रभावी माना जाता है। एक स्टडी के अनुसार नसबंदी कराने के बाद एक हजार महिलाओं में से सिर्फ दो से दस महिलाओं के ही दोबारा प्रेगनेंट होने का मामला पाया जाता है। ट्यूबल लिगेशन की प्रक्रिया में नसबंदी चीरा लगाकर किया जाता है इसलिए यह तुरंत प्रभावी हो जाता है। लेकिन नॉन सर्जिकल नसबंदी पहले वर्ष कम प्रभावी होता है क्योंकि स्कार ऊतकों (scar tissue) को फैलोपियन ट्यूब से जुड़ने में समय लगता है। इसलिए इसे प्रभावी होने में समय लगता है।
(और पढ़े – जानिए कैसे प्रेगनेंट होती हैं महिलाएं…)
प्रेगनेंसी से बचने के लिए नसबंदी पूरी तरह से विश्वसनीय और सुरक्षित उपाय है। नसबंदी कराने के बाद महिला को किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता है। आइये जानते हैं कि नसबंदी कराने के क्या फायदे होते हैं।
(और पढ़े – महिलाओं में हार्मोन असंतुलन के कारण, लक्षण और इलाज…)
हालांकि महिलाओं की नसबंदी को सुरक्षित माना जाता है लेकिन कुछ मामलों में नसबंदी के दुष्प्रभाव भी पड़ सकते हैं। आइये जानते हैं नसबंदी कराने से महिलाओं को क्या नुकसान हो सकता है।
(और पढ़े – एक्टोपिक प्रेगनेंसी (अस्थानिक गर्भावस्था) के कारण, लक्षण, इलाज और बचाव…)
इसी तरह की अन्य जानकारी हिन्दी में पढ़ने के लिए हमारे एंड्रॉएड ऐप को डाउनलोड करने के लिए आप यहां क्लिक करें। और आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर भी फ़ॉलो कर सकते हैं।
Homemade face pack for summer गर्मी आपकी स्किन को ख़राब कर सकती है, जिससे पसीना,…
वर्तमान में अनहेल्दी डाइट और उच्च कोलेस्ट्रॉल युक्त भोजन का सेवन लोगों में बीमारी की…
Skin Pigmentation Face Pack in Hindi हर कोई बेदाग त्वचा पाना चाहता है। पिगमेंटेशन, जिसे…
चेहरे का कालापन या सांवलापन सबसे ज्यादा लोगों की पर्सनालिटी को प्रभावित करता है। ब्लैक…
प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं, जिन्हें पहचान कर आप…
त्वचा पर निखार होना, स्वस्थ त्वचा की पहचान है। हालांकि कई तरह की चीजें हैं,…