Frequent Urination In Women In Hindi: ज्यादातर व्यक्ति पेशाब को रोकने में सक्षम होते हैं, जब तक कि शौचालय जाना सुविधाजनक न हो। लेकिन पेशाब रोकने से नियंत्रण खो देना और बार बार पेशाब जाना एक चिंता का विषय हो सकता है। एक स्वास्थ्य व्यक्ति 24 घंटे की अवधि में औसतन छह से आठ बार पेशाब जाता है। लेकिन 8 से अधिक बार पेशाब लगना, आंतरिक स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत हो सकता है। बार बार पेशाब की समस्या महिलाओं को अधिक परेशान करती है, जो किसी गंभीर स्वास्थ्य समस्या का संकेत हो सकती है। आज के इस लेख के माध्यम से आप जानेगें कि महिलाओं में बार बार पेशाब आने के कारण क्या है, इसके लक्षण, जाँच, इलाज और बचाव के साथ साथ और भी बहुत कुछ के बारे में।
विषय सूची
1. महिलाओं को बार बार पेशाब आना – Frequent Urination in Women in Hindi
2. महिलाओं को बार बार पेशाब आने का कारण – Frequent urination in female causes in Hindi
3. महिलाओं को बार बार पेशाब आने के जोखिम कारक – Frequent urination in females risk factor in Hindi
4. महिलाओं को बार बार पेशाब आने के लक्षण – Frequent Urination in Women Symptoms in Hindi
5. बार बार पेशाब के लिए डॉक्टर को कब दिखना है – When to see a doctor for frequent urination in Hindi
6. महिलाओं को बार बार पेशाब आने का निदान और जांच – Frequent Urination in Women Diagnosis and Testing in Hindi
7. महिलाओं को बार-बार पेशाब आने का इलाज – Frequent Urination in Women Treatment in Hindi
8. बार बार पेशाब आने से बचाव के उपाय – Frequent Urination in Women Prevention in Hindi
बार-बार पेशाब जाना या सामान्य रूप से अधिक बार पेशाब करने की समस्या किसी भी व्यक्ति को परेशान कर सकती है, लेकिन यह समस्या महिलाओं में आम है। इस स्थिति में पेशाब की तीव्र इच्छा होती है और सम्बंधित महिला मूत्राशय पर नियंत्रण खो सकती है। इस स्थिति से पीड़ित महिला मूत्राशय (bladder) के बेहद भरे होने के कारण असहज महसूस कर सकती है।
बार-बार पेशाब आने की समस्या को एक अतिसक्रिय मूत्राशय (overactive bladder) के रूप में भी जाना जाता है। मूत्र प्रणाली के विशेषज्ञ या डॉक्टर को यूरोलॉजिस्ट (Urologists) कहा जाता हैं, जिनके अनुसार 24 घंटों में 8 से अधिक बार पेशाब जाने की स्थिति Frequent Urination है। बार-बार पेशाब आने की स्थिति का इलाज इसके अंतर्निहित कारणों पर निर्भर करता है।
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बार बार पेशाब की समस्या महिलाओं में अनेक कारणों से उत्पन्न हो सकती है, जिसमें शामिल हैं:
मूत्र पथ संक्रमण (यूटीआई) की स्थिति, बार बार पेशाब आने का एक सामान्य कारण है। यह स्थिति तब उत्पन्न होती है, जब मूत्रमार्ग के माध्यम से बैक्टीरिया, मूत्राशय में प्रवेश करते हैं। लगभग 50 से 60 प्रतिशत महिलाओं को उनके पूरे जीवन काल के दौरान कम से कम एक बार मूत्रपथ संक्रमण (यूटीआई) का सामना करना पड़ सकता है।
महिलाओं को पुरुषों की तुलना में UTI का खतरा अधिक होता है, क्योंकि उनका मूत्रमार्ग छोटा होता है। जिसके कारण महिलाओं के मूत्रपथ को संक्रमित करने के लिए बैक्टीरिया को कम दूरी तय करनी पड़ती है और लक्षणों का कारण बनती है।
महिलाओं को बार बार पेशाब आने का कारण बनने वाले मूत्रपथ के संक्रमण (यूटीआई) के सामान्य जोखिम कारकों में निम्न को शामिल किया जाता है, जैसे:
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अतिसक्रिय मूत्राशय या ओवर एक्टिव ब्लैडर लगातार या बार बार पेशाब आने का एक सामान्य कारण है। एक अतिसक्रिय मूत्राशय (Overactive bladder) के अनेक कारण हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:
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महिलाओं में बार-बार पेशाब आने के अन्य कारणों में निम्न को शामिल किया जा सकता है, जैसे:
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महिलाओं को बार बार पेशाब आने से सम्बंधित जोखिम कारकों में निम्न को शामिल किया जा सकता है:
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महिलाओं में लगातार पेशाब आने के लक्षण इसके संभावित कारणों पर निर्भर करते हैं।
यूटीआई मूत्र प्रणाली में सर्वाधिक मूत्राशय और मूत्रमार्ग को प्रभावित कर सकता है। एक यूटीआई के लक्षणों में शामिल हैं:
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अतः ओवरएक्टिव ब्लैडर आमतौर पर बार बार पेशाब लगने से सम्बंधित अनेक लक्षणों का कारण बनता है। हालांकि, इस स्थिति से पीड़ित महिला अपने आपको बीमार महसूस नहीं करती है और न ही पेशाब के साथ दर्द का अनुभव करती है। इस स्थिति से सम्बंधित अन्य लक्षणों में शामिल निम्न को शामिल किया जा सकता है, जैसे:
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यदि बार-बार पेशाब की समस्या किसी महिला के लिए असुविधा और परेशानी का कारण बनती है, तथा संक्रमण सम्बन्धी लक्षण भी प्रगट होते हैं, तो इस स्थिति में उस महिला को डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। इन लक्षणों में निम्न को शामिल किया जाता है, जैसे:
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डॉक्टर, बार-बार पेशाब लगने की समस्या के संभावित कारणों का निदान करने के लिए कुछ परीक्षणों का निर्धारण कर सकता है और बार बार पेशाब आने से पीड़ित महिला में लक्षणों से सम्बंधित कुछ प्रश्न पूंछे जा सकते हैं। इसके अतिरिक्त डॉक्टर द्वारा समस्या का निदान करने के लिए निम्न में से किसी भी परीक्षण का आदेश दिया जा सकता है, जैसे:
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महिलाओं में लगातार पेशाब आने की समस्या का उपचार, इसके प्रमुख कारणों पर निर्भर करता है। अतः डॉक्टर बार-बार पेशाब आने से सम्बंधित बीमारी का प्राथमिक इलाज कर सकते हैं। यदि कोई संक्रमण की समस्या महिलाओं में बार बार पेशाब का कारण बनती है, तो डॉक्टर संक्रमण का इलाज करने के लिए एंटीबायोटिक्स की सिफारिश कर सकता है, इसके अतिरिक्त निम्न उपचार प्रक्रियाओं को भी अपनाया जा सकता है, जैसे कि:
एक्यूपंक्चर (Acupuncture) – एक्यूपंक्चर चिकित्सा का एक प्राचीन रूप है, जिसका सामान्य उपयोग अतिसक्रिय मूत्राशय (OAB) और मूत्र असंयमिता (urinary incontinence) या पेशाब न रोक पाना जैसी मूत्र सम्बन्धी समस्याओं का इलाज करने के लिए किया जाता है।
दवाओं (medications) – मूत्र की आवृत्ति को कम करने और महिलाओं में बार बार पेशाब आने की समस्या का इलाज करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवाओं में निम्न को शामिल किया जा सकता है, जैसे:
नोट: किसी भी प्रकार की दवा लेने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।
जीवनशैली में परिवर्तन (Lifestyle changes) – जीवनशैली में बदलाव कर महिलाएं बार बार पेशाब आने से सम्बंधित लक्षणों को कम करने में सफलता प्राप्त कर सकती हैं। एक स्वास्थ्य जीवनशैली के दौरान उन खाद्य पदार्थों और पेय पदार्थों (कैफीन, अल्कोहल, कार्बोनेटेड पेय, चॉकलेट) से परहेज करना शामिल है, जो महिलाओं में बार-बार पेशाब आने की समस्या को बढ़ाते हैं।
डॉक्टर, महिलाओं में बार बार पेशाब आने से सम्बंधित लक्षणों को कम करने में मदद करने के लिए पैल्विक व्यायाम जैसे कि कीगल एक्सरसाइज (kegel exercises), करने का सुझाव भी दे सकता है।
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महिलाओं में बार-बार पेशाब आने की समस्या को कम करने के लिए कुछ विशेष कदम उठाये जा सकते हैं। तरल पदार्थ के सेवन को समायोजित करना, सोने से पहले बहुत अधिक पानी पीने से बचना इत्यादि।
इसके अतिरिक्त महिलाओं को बार बार पेशाब आने से बचने के लिए, कुछ खाद्य पदार्थों और पेय पदार्थों से परहेज करने की सलाह भी दी जाती है, जिनमें शामिल हैं:
कब्ज की समस्या भी महिलाओं को बार बार पेशाब आने की समस्या में अपना योगदान दे सकती है, अतः फाइबर युक्त आहार का सेवन अधिक करना चाहिए। कीगल पेल्विक एक्सरसाइज करने के उचित तरीके के बारे में डॉक्टर से बात करनी चाहिए।
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