Mahine Me Do Baar Period Aane Ke Karan महीने में दो बार पीरियड आना चिंता का विषय हो सकता है महिलाओं में माहवारी (periods) आना एक आम बात है। पीरियड्स आना और उसमें होने वाली पीड़ा से हर महिला को गुजरना पड़ता है। परन्तु किसी महिला को एक महीने में दूसरी बार पीरियड्स की समस्या से गुजरना पड़े तो यह एक चिंताजनक बात हो सकती है। वैसे तो वयस्क महिलायों में मासिक धर्म चक्र की अवधि 21 से 35 दिन की होती है और युवा लड़कियों में यह अवधि 35 दिन से ऊपर की हो सकती है, परन्तु हर महिला अलग होती है और उनके शरीर में मासिक धर्म के समय होने वाले बदलाव भी अलग होते है।
जिन महिलाओं के पीरियड्स की अवधि कम होती है, उनको एक ही महीने में दूसरी बार पीरियड्स आने की संभावना ज्यादा होती है।
एक ही महीने में दो बार पीरियड्स आने के कई कारण हो सकते है जिन पर गौर करना ज़रूरी है। आज इस लेख में हम यही जानने की कोशिश करेंगे की एक महीने में दो बार पीरियड्स आने के क्या कारण हो सकते है और इनको ठीक करने के क्या उपाय है।
विषय सूची
1. महीने में दो बार पीरियड को ऐसे पहचाने – Mahine Me Do Baar Period Aana In Hindi
2. महीने में दो बार पीरियड आने के कारण – Dusri baar periods aane ke Karan in hindi
3. ऐसी स्थितियां जो अतिरिक्त रक्तस्राव का कारण बनती हैं – Conditions that cause extra bleeding in hindi
4. महीने में दो बार पीरियड्स से बचाव के उपाय – Mahine Me Do Baar Periods Se Bachav Ke Upay In Hindi
महीने में दो बार माहवारी आने के बहुत से कारण हो सकते है। अगर किसी महिला को महीने की शुरुआत में पीरियड्स आये है और वह कम समय के लिए हुए तो उस महिला को महीने के अंत में दोबारा पीरियड्स आने की संभावना हो सकती है, जो कोई चिंता का विषय नही है, परन्तु अगर किसी को उनके सामान्य माहवारी के समय से अलग, रक्तस्राव का अनुभव होता है और आपको यह दूसरी बार के पीरियड्स लगते है तो यह जानना ज़रूरी है की यह स्पॉटिंग (spotting) है फिर पीरियड्स में होने वाला रक्तस्राव।
इसको पता करने के कई तरीके है जैसे आप पेड या टैम्पोन (tampon) की मदद से देख सकते है की क्या उसमे चटक लाल रंग का रक्तस्राव तो नही हो रहा अगर ऐसा है तो यह महीने में दूसरी बार पीरियड्स आने के संकेत हो सकते है, परन्तु यदि सिर्फ हल्का सा लाल रंग का स्पॉट है तो यह दूसरी बार के पीरियड्स नही है पर किसी तरह की यौनी का संक्रमण हो सकता है।
दोनों ही सूरतों में आप अपने डॉक्टर से सलाह ले सकतीं है, परन्तु यह जानना भी ज़रूरी है की इस तरह के रक्तस्राव का क्या कारण हो सकता है।
अगर आपने डॉक्टर से सलाह ले ली है की यह स्पॉटिंग (spotting) के लक्षण नही है तो फिर यह जानना ज़रूरी है की एक महीने में दो बार अवधि (periods) आने के पीछे क्या कारण हो सकते है।
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दूसरी बार पीरियड्स आने के कई कारण हो सकते है, जिनकी सूचि निचे दी गयी है –
एक महीने में दूसरी बार पीरियड्स आने का यह एक मुख्य कारण तनाव भी हो सकता है, क्योकि आज के समय में महिलायों में तानव का स्तर बढ़ता जा रहा जिससे उनके शरीर में स्ट्रेस हॉर्मोन ज्यादा बनने लगता है और उनको एक महीने में दोबारा पीरियड्स आने की शिकायत हो सकती है।
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यदि किसी महिला का वज़न अचानक ही बहुत तेज़ी से बढ़ रहा है या घट रहा है तो यह भी महीने में दो बार पीरियड आने का महत्वपूर्ण कारण हो सकता है।
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अगर किसी महिला को हाइपोथायरायडिज्म की शिकायत है, मतलब उस महिला की थाइरोइड ग्रंथि कम एक्टिव है और उनका शरीर ज़रूरत के हिस्साब से थाइरोइड हॉर्मोन नही बना पाता है, तब भी एक महीने में दूसरी बार पीरियड्स आने की समस्या की संभावना बढ़ जाती है।
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यदि किसी महिला को हाइपरथायरायडिज्म की समस्या है, मतलब उनके शरीर में थाइरोइड ग्रंथि ज़रूरत से ज्यादा थाइरोइड हॉर्मोन बनाती है, तब भी उन महिलओं को एक महीने में दूसरी बार पीरियड्स आने की संभावना है।
मीनोपॉज (रजोनिवृत्ति) का अर्थ है की यदि किसी महिला को लगातार 12 महीनो तक पीरियड्स नहीं आये है तब उस स्थिति को मीनोपॉज कहते है, ज़्यादातर मीनोपॉज 40-45 वर्ष की महिलओं में होते है और यह सामान्य भी है, परन्तु यदि यह समय से पहले हो तो यह महीने में दूसरी बार पीरियड्स आना का कारण हो सकता है। मीनोपॉज की स्थिति में भी रक्तस्राव हो सकता है जिसे ज़्यादातर महिलाएं दूसरी बार का पीरियड समझती है पर ऐसी स्थिति होने पर डॉक्टर से ज़रूर सलाह ले।
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युवा अवस्था (puberty) एक ऐसा शारीरिक और मानसिक बदलाव है जो वयस्क होने पर ही होता है। इस स्थिति में मस्तिष्क में से एक तरह का रसायन निकलता है, जिसे हम होर्मोन भी कहते है। यह हॉर्मोन हमारे शरीर में कई तरह के बदलाव पैदा करते है जिसमे से एक बदलाव होता है पीरियड्स। हमारे शरीर में इन बदलावों की वजह से ही कभी कभी एक महीने में दो बार पीरियड्स आने की समस्या हो सकती है। परन्तु यह कोई गंभीर समस्या नही है इस दौर से सभी को कभी न कभी गुजरना ही पड़ता है।
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कई महिलाओं के साथ यह होता है की वो जल्दी गर्भधारण नही करना चाहती है, जिसके लिए वह गर्भनिरोधक दवाईया लेती है जिससे उनका अंडाशय कमज़ोर हो जाता है और उनको रक्तस्राव होने लगता है इस वजह से भी महिलओं में महीने में दो बार पीरियड्स आने की समस्या उभर सकती है। गर्भनिरोधक दवाईया स्वास्थ्य के लिए बहुत ही हानिकारक होती है, इन्हें बिना डॉक्टर की सलाह के न ले।
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पीरियड्स का एक ही महीने में बार बार आना गर्भाशय फाइब्रॉएड की वजह से भी हो सकता है। गर्भाशय फाइब्रॉएड एक तरह की वृद्धि (growth) होती है जो गर्भाशय में होते हैं। फाइब्रॉएड को आमतौर पर कैंसर तो नहीं कहा जा सकता हैं, लेकिन यह फाइब्रॉएड रक्तस्राव का बड़ा कारण बन सकते हैं, और माहवारी के समय में बहुत ज्यादा रक्तस्राव और पीड़ा दे सकते है। इस तरह की समस्या की वजह से भी एक महीने में दो या अधिक बार माहवारी या पीरियड्स की परेशानी हो सकती है।
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कई बार महीने में दो बार पीरियड्स आने की वजह यौन संक्रमण भी हो सकते है। जैसे यौनी में सुजन आने से या यौनी में रूखापन रहने से या हमेशा गीलापन रहने से भी पीरियड्स के समय यह समस्या हो सकती है, और बहुत ज्यादा रक्तस्राव हो सकता है, परन्तु यह दूसरी बार के पीरियड्स की वजह से है या नही यह जानना ज़रूरी है और इसके इसलिए अपने डॉक्टर से सलाह ज़रूर लें।
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आज के समय में यह बीमारी महिलाओ में आम हो गयी है, यह एक बहुत बड़ा और महत्वपूर्ण कारण है जिसकी वजह से अनियमित माहवारी या एक महीने में दो या अधिक बार पीरियड्स आने की समस्या होती है। यह बीमारी केवल वयस्क महिलाओ में ही नही युवाओ में भी देखने को मिल रही है। यह एक हार्मोनल बीमारी है जिसमे अंडाशय में छोटे छोटे फोलिकल्स (follicles) जमा हो जाते है और यह नियमित रूप से अंडे देने में विफल हो जाते है। इस बीमारी में महिलओं को पीरियड्स के समय बहुत अधिक पीड़ा और रक्तस्राव का सामना करना पड़ता है। जो महिलाएं इस बीमारी से पीड़ित है उन्हें महीने में दो बार पीरियड्स आने की समस्या होने की पूरी आशंका हो सकती है।
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यदि आपके पास आमतौर पर एक नियमित मासिक चक्र होता है, तो आपके चक्र में परिवर्तन – जैसे कि अचानक एक महीने में दो अवधि होना – एक चिकित्सा स्थिति का संकेत दे सकता है। कुछ स्वास्थ्य स्थितियों में रक्तस्राव होता है जो कि पीरियड्स लिए गलत हो सकता है:
प्रेग्नेंसी में स्पॉटिंग हो सकती है। गर्भावस्था के दौरान स्पॉटिंग सामान्य हो सकता है, लेकिन आपको गर्भावस्था के दौरान किसी भी रक्तस्राव के बारे में अपने डॉक्टर को बताना चाहिए।
यौन संचारित संक्रमण निर्वहन और रक्तस्राव का कारण बन सकता है।
गर्भपात से भारी रक्तस्राव हो सकता है। यदि आपको संदेह है कि आप गर्भवती हैं और पीरियड के समान रक्तस्राव होने लगता है, तो तुरंत अपने डॉक्टर से मिलें।
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महीने में बार बार पीरियड्स आने की समस्या से बचने के लिए आपको सही खानपान, नियमित जीवनशैली अपनानी पड़ेगी, परन्तु अगर आपको इन में से कोई बीमारी है तो आप डॉक्टर को दिखा कर उनकी सलाह लेकर दवाईया ले सकती है। यदि आपको थाइरोइड है तो आप डॉक्टर की सलाह से थाइरोइड की दवा ले सकती है। पीसीओएस का इलाज भी सही समय पर संभव है, इससे बचाव के लिए कई तरह की दवाईया आती है जिन्हें लेकर आप अपने बार बार पीरियड्स आने की समस्या को ख़त्म कर सकती है। मासिक धर्म आने से पहले आप अपने पीरियड्स की तारीख लिख सकती है, जिससे दूसरी बार पीरियड्स आने पर आपको यह समस्या है या नही उसका अंदाज़ा हो जायेगा या कई तरह के एप्स की मदद से भी आप ये पता कर सकती है की आपको महीने में दो बार या उससे अधिक पीरियड्स तो नही आ रहे है।
अगर आपको लगता है कि आपको हर महीने दो पीरियड्स हो रहें हैं, तो अपने डॉक्टर से बात करें। वे आपके हार्मोन के स्तर को संतुलित करने और आपके रक्तस्राव को नियंत्रित करने में आपकी सहायता कर सकते हैं।
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