Oak Gall Benefits in Hindi माजूफल (Majuphal ) जिसका वैज्ञानिक नाम मंजाकनी है जिसे गैल ट्री, गैल ओक, मस्की आदि नामों से जाना जाता है। आयुर्वेदिक दवा में यह बहुत ही महत्वपूर्ण औषधीय पौधा है, यह दस्त ल्यूकोरिया (white discharge) , गर्भाशय की सूजन, गुदा सूजन और त्वचा ऊतकों को कसने में मदद करता है। उपचारात्मक उद्देश्यों के लिए माजूफल का उपयोग किया जाता है। आपको जानकर हैरानी होगी की माजूफल कोई फल नहीं है, इस लेख में आप जानेंगे माजूफल किसे कहते है, माजूफल के फायदे और नुकसान (Majuphal Benefits and side effects in Hindi) के बारे में।
विषय सूची
1. माजूफल किसे कहते है – What is Manjakani in Hindi
2. माजूफल के फायदे – Majuphal ke fayde in Hindi
3. मुंह के अल्सर के लिए माजूफल के फायदे – Majuphal for Mouth Ulcer in Hindi
4. माजूफल के नुकसान – Majuphal ke Nuksan in Hindi
जिस तरह से इसे बनाया जाता है वह एक दिलचस्प तरीका है इसका गठन तब होता है जब ओक पेड़ की पत्तियों पर ततैया (insect)अपना घर बनाते हैं और अपने लार्वा जमा करते हैं जिसकी रासायनिक प्रतिक्रिया ट्यूमर की तरह असामान्यता का कारण बनती है और पेड़ मंजाकनी नामक कठोर आकार वाली गेंदों का उत्पादन करती है। इसके निर्माण में 5 से 6 माह तक लग सकते हैं। जिसे ही भारत में माजूफल के नाम से जाना जाता है। इसमें गैलिक एसिड और टैनिक एसिड की अच्छी मात्रा होती है। यह स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है, लेकिन अधिक मात्रा में सेवन करने पर यह नुकसान दायक भी हो सकता है।
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बहुत से औषधीय उपचारों के लिए माजूफल का उपयोग प्राचीन समय से ही किया जा रहा है। इसके बंधनकारी गुण (Astringent action) बहुत सी चिकित्सा लाभों और उपयोग में योगदान देते हैं। यह दांतों की समस्या, पेट की बीमारियों, गर्भाशय संबंधी विकार सहित बहुत सी समस्याओं को दूर करने में मदद करता है। इस लेख में आप आगे जानेगें कि माजूफल के फायदे आपके स्वास्थ्य को किस प्रकार लाभांवित करते हैं।
मंजाकनी का उपयोग इसके बंधनकारी गुणों के कारण मुंह के छालों का इलाज के लिए उपयोग किया जाता है। इसका उपयोग करने पर यह तुरंत ही मुंह के छालों से राहत दिलाने में मदद करता है। आप अपने छालों पर माजू फल के पेस्ट को लगा सकते हैं। अल्सर के मामले में उपयोग करने के लिए यह पूर्ण रूप से सुरक्षित होता है। यहां तक कि यह बच्चों के लिए भी उपयोग किया जा सकता है।
पानी में थोड़ी देर के लिए माजूफल को भिंगोंए फिर इसकी कठोर सतह को थोड़े-थोड़े पानी के साथ पत्थर पर रगड़ें और एक पेस्ट बना लें। तत्काल राहत पाने का यह सबसे अच्छा तरीका होता है। इस पेस्ट को आप अपने छालों में लगाएं। आपको यह आराम दिलाने में मदद करेगा। यदि आप कभी मुंह के छालों से परेशान हो जाएं तो इस उपचार को अजमाकर देखें। यह आपको तुरंत ही माजूफल के गुण दिखाएगा।
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इस औषधीय फल में गैलिक एसिड अच्छी मात्रा में होता है जो अस्थमा और मधुमेह को रोकने में मदद करता है। आप माजूफल की चाय तैयार कर सकते हैं। और इसका सेवन कर सकते हैं। यह आपके शरीर मे अतिरिक्त शर्करा को नियंत्रित कर आपके शरीर को मधुमेह के खतरों से बचाने में मदद करता है।
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महिलाओं के लिए माजूफल के फायदे बहुत अधिक होते हैं। इसमें त्वचा और ऊतकों को कसने वाले गुण होते हैं। मंजकनी योनि या गर्भाशय के संक्रमण, असामान्य गर्भाशय रक्तस्राव, असामान्य योनि निर्वहन और ल्यूाकोरीया के लिए सबसे अच्छा उपाय माना जाता है। इस फल का उपयोग एक पेस्ट के रूप में किया जाता है। योनि को इससे साफ करने करने पर यह सभी प्रकार के संक्रमण को दूर करने में मदद करता है। प्रसव के बाद महिलाओं को इसे अन्य जड़ी बूटीयों के साथ दिया जाता है जो गर्भाशय की दीवार की लोच को बहाल करने में मदद करता है। यह महिलाओं की योनि में कसाव लाने के साथ साथ उनके स्तनों को भी टाइट करने में मदद करता है।
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त्वचा को स्वस्थ्य और सुंदर बनाने के लिए आप माजूफल का उपयोग कर सकते हैं। इसके बंधनकारी गुण त्वचा को टाइट करने और स्वस्थ्य रखने के लिए प्रसिद्ध हैं। यदि इसकी बहुत ही कम मात्रा का नियमित रूप से सेवन किया जाता है तो यह त्वचा को गोरा बनाने और त्वचा की अन्य समस्याओं को दूर करने में मदद करता है। लेकिन ध्यान रखना चाहिए कि अधिक मात्रा में इसका सेवन करने से नुकसान हो सकता है। इन लाभों के अलावा यह आपके वजन को कम करने में भी सहायक होता है।
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जिन लोगों को आईबीएस (Irritable bowel syndrome) के लक्षण होते हैं उनके लिए माजू फल बहुत ही लाभकारी होता है। यह उन लोगों की निम्न प्रकार की समस्याओं को दूर कर सकता है।
अगर किसी भी व्यक्ति को इस प्रकार के लक्षण हो तो माजूफल का सेवन कर इन समस्याओं से छुटकारा पा सकते हैं।
मंजाकनी पाउडर 1 ग्राम, अदरक पाउडर 500 मिली ग्राम और साइपरस रोटंडस 500 मिली ग्राम गर्म पानी के साथ दिन में दो बार लेना चाहिए।
इस संयोजन का उपयोग उस समय नहीं किया जाना चाहिए जब आपका पेट लगातार खराब हो या कब्ज की समस्या बहुत समय हो। ऐसी स्थिति में इसका उपयोग करने से आपकी समस्या और बढ़ सकती है।
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बड़ी आंत के निचले हिस्से को धोने के लिए मांजाकणी (Manjakani) के काढ़े का उपयोग किया जाना चाहिए। माजू फल के काढ़ा में एक सूती कपड़ा भिगोंना चाहिए और प्रभावित क्षेत्र में रखा जाना चाहिए। आप ऐसी स्थिति में माजूफल के पाउडर को पेस्ट बनाकर भी उपयोग कर सकते हैं।
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मंजाकनी की बंधनकारी संपत्ति (astringent action) सूजन को कम करने में मदद करते हैं और सूक्ष्मजीवों के विकास को रोकती हैं। इस कारण योनिनाइटिस या ल्यूकोरेरिया के कारण निर्वहन को कम करने में मिलती है।
आंतरिक रूप से 500 ग्राम गोदंती भस्म (Godanti Bhasma) के साथ 1 ग्राम मांजकनी पाउडर को सबसे अच्छा उपचार माना जाता है।
बाहरी रूप से 500 मिलीग्राम फिटकरी (alum) और माजूफल के काढ़े के मिश्रण के साथ जननांग धोना फायदेमंद होता है।
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अधिकांश आयुर्वेदिक दांत पाउडर में माजूफल का उपयोग किया जाता है। यह दांत दर्द और मसूड़ों की सूजन को कम करता है। इसके बंधनकारी और एंटीमिक्राबियल और एंटी-इंफ्लामेट्री कार्यों के कारण पायरिया के इलाज के लिए सहायक होता है। इस समस्या के लिए माजूफल, काला नमक, नीम पाउडर और बबूल की छाल के मिश्रण का उपयोग कर दंतमंजन तैयार किया जा सकता है। यह मंजन मसूड़ों के संक्रमण, मसूड़ों से रक्तस्राव को कम करता है। यह मसूड़ों में होने वाली सभी प्रकार की समस्याओं को दूर करने का सबसे अच्छा प्राकृतिक उपाय होता है।
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प्रसव के बाद महिलाओं के लिए माजूफल के फायदे बहुत अधिक होते हैं। बच्चों के जन्म के बाद अक्सर महिलाओं में स्तन और योनि के ढीलेपन की समस्या आम होती है। ऐसी स्थिति माजूफल का सेवन करने से स्तन और योनि को टाइट करने में मदद मिलती है। यह योनि ऊतकों को कसने में मदद करता है।
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बच्चों के बहुत से स्वास्थ्य लाभों के लिए माजू फल का उपयोग किया जाता है। बच्चों के पेट की समस्या और दस्त के बाद आने वाली सूजन के उपचार के लिए माजू फल का उपयोग किया जाता है। इसमें एंटी-डायरियल (anti-diarrheal) गुण पेट के सभी विकारों को ठीक करने में मदद करते है। इन परिस्थितियों पर दालचीनी पाउडर, माजूफल पाउडर और शहद के साथ मिलाकर दिन में दो बार सेवन करने पर यह बच्चों के पेट से संबंधित सभी प्रकार की समस्याओं को दूर करने में मदद करता है।
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त्वचा में कसाव लाने के लिए यह एक अद्भुत जड़ी बूटी है। यह चेहरे या योनि की कसाबट को बनाए रखने में मदद करता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट अधिक मात्रा में पाये जाते हैं जो कि समय से पहले आने वाले बुढ़ापे के लक्षणों को कम करने में मदद करता है।
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यह एक ऐसा रसायन होता है जो बहुत सी स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने में आपकी मदद करता है। लेकिन यदि इसका सेवन यदि अधिक मात्रा में किया जाता है तो यह आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक भी हो सकता है। इससे होने वाले कुछ नुकसान इस प्रकार हैं :
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